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युवक मौत:बाप-बेटे ने घर से भागते पकड़ा, ट्रैक्टर से बांधकर जमकर पीटा, प्रेम प्रसंग का मामला

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हरदा। हरदा में एक युवक को रस्सी से बांधकर बेरहमी से पीटने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बाप-बेटे ने युवक को पहले ट्रैक्टर से बांधा फिर लाठी से उसकी जमकर पिटाई की। युवक को इतना पीटा गया, जिसमें उसकी मौत हो गई। मामला जिले के छीपाबड़ थाना क्षेत्र के जूनापानी गांव में गुरुवार तड़के 4 बजे का है।
इस मामले में पुलिस ने बाप-बेटे को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ हत्या सहित कई धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जूनापानी गांव में 2 फरवरी को सुबह 4 बजे के आसपास मृतक विक्रम पिता मूरत सिंह कोरकू उम्र 20 साल आरोपी जगदीश के घर में बने भूसे के कमरे से निकलकर भाग रहा था। इस दौरान उसे पैर में ठोकर लग गई और वह गिर गया। जिसके बाद मौका पाते ही आरोपी आरोपी जगदीश पिता देवकरण गवली और उसका छोटा बेटा छोटू पिता जगदीश गवली ने मृतक विक्रम को पकड़कर घर में रखें ट्रैक्टर से बांध दिया और लकड़ी से जमकर पिटाई की।
पिटाई से युवक के हाथ-पैर सहित शरीर के अन्य हिस्सों में चोट के गंभीर निशान आ गए। जिसके बाद आरोपियों ने अपने पड़ोस में रहने वाले निर्भयदास और गरीबदास को बताया तो उन्होंने मृतक विक्रम को घायल अवस्था में ट्रैक्टर से रस्सी से छुड़वाने और आग में तापने की सलाह दी। लेकिन इसके करीब 10 मिनट बाद ही घायल युवक विक्रम की मौत हो गई है। मौत के बाद आरोपियों ने गांव के कोटवार को पूरी बात बताई। ​​​​​​
कोटवार रामप्रसाद पिपलोद ने पुलिस को 100 डायल पर सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल से आरोपी जगदीश गवली और उसके बेटे छोटू को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 34, SC-ST एक्ट की धारा 3 (2) (V) के तहत मामला दर्ज किया है। घटना के बाद से पूरे गांव में सनसनी फैल गई है। पुलिस ने हत्या के करणों को लेकर जांच शुरू कर दी है।

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भोपाल के इस्लाम नगर का नाम हुआ जगदीशपुर
भोपाल से 14 किलोमीटर दूर ऐतिहासिक धरोहर को समेटे है खूबसूरत गांव। 17वीं शताब्दी में बने किले को देखने यहां देश-दुनिया के लोग पहुंचते हैं। कल यानी बुधवार तक इसका नाम इस्लाम नगर था। अब यह फिर से अपने पुराने नाम जगदीशपुर से पहचाना जाएगा। केंद्र सरकार ने गांव का नाम जगदीशपुर करने की हरी झंडी दे दी है। राज्य सरकार ने भी बुधवार को नोटिफिकेशन जारी कर गांव का नाम बदलकर जगदीशपुर कर दिया है।
जगदीशपुर से इस्लाम नगर बनने की रोंगटे खड़ी करने वाली कहानी है। औरंगजेब की सेना के भगोड़े सैनिक दोस्त मोहम्मद खान ने 308 साल पहले इसका नाम इस्लाम नगर किया था। इसका नाम वापस जगदीशपुर करने की फाइलें 30 साल से चल रही थी।
दोस्त मोहम्मद अफगानिस्तान के खैबर के तीराह का रहने वाला था। 1696 में वह उत्तर प्रदेश के जलालाबाद आ गया। वह इतना क्रोधी स्वभाव का था कि छोटी सी बात पर हुए झगड़े में उसे ही शरण देने वाले अमीर जलाल खान के दामाद को सरेआम मार डाला। वहां से भागकर वह करनाल और फिर दिल्ली चला गया। यहां मुगल सेना में भर्ती हो गया।
मुगल और मराठा युद्ध के चलते दोस्त मोहम्मद 1703 में मालवा आ गया। यहां उसने अपने हथियार आदि विदिशा के शासक मोहम्मद फारूख के पास जमा कर दिए और मामूली झगड़े के बाद उसकी भी हत्या कर दी। इसके बाद वह मंगलगढ़ में शरण पाने में सफल हो गया और वहां के महाराज-महारानी के साथ महल में रहने लगा। मंगलगढ़ के महाराज की मृत्यु हो जाने पर दोस्त मोहम्मद ने मंगलगढ़ को भी लूट लिया और सारा खजाना लेकर बैरसिया आ गया। यहां भी अपने स्वभाव के अनुरूप उसने यहां के सूबेदार ताज मोहम्मद से पहले तो बैरसिया को लीज पर लिया और बाद में उसे भी धोखा देकर बैरसिया पर कब्जा जमा लिया।
राजपूतों पर आक्रमण में असफल रहे दोस्त मोहम्मद ने अपने स्वभाव के अनुरूप षड्यंत्र का सहारा लिया। उसने राजपूत शासक देवरा चौहान को बेस नदी के किनारे सहभोज के लिए बुलाया। जब सभी देवरा चौहान समेत राजपूत मेहमान रात्रिभोज कर रहे थे, तभी तम्बू की रस्सियां काट दी गईं और सभी राजपूतों को हलाल कर दिया गया। कहते हैं कि इतना खून बहा कि नदी का पानी लाल हो गया और तभी से यह नदी हलाली के नाम से जानी जाने लगी। इस तरह धोखे से जगदीशपुर पर दोस्त मोहम्मद ने कब्जा कर लिया और उसका नाम बदलकर इस्लामनगर कर दिया।
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मदरसा टीचर और मां ने टॉयलेट क्लीनर पीया, बेटी की मौत
खंडवा में गुरुवार सुबह मां-बेटी ने टॉयलेट क्लीनर पी लिया। इलाज के दौरान 23 साल की बेटी की मौत हो गई। वह मदरसा टीचर थी। गंभीर हालत में उसकी मां को इंदौर रेफर किया गया है। बताया जा रहा है कि झाड़ू-बर्तन साफ करने की बात पर मां-बेटी में कहासुनी हुई, इसी के बाद दोनों ने यह कदम उठा लिया।
मामला थाना शहर कोतवाली क्षेत्र के घासपुरा स्थित मस्जिद के पास का है। यहां सुबह 8.30 बजे आबिदा बी (40) और उसकी बेटी शबनम (23) के बीच विवाद हुआ। विवाद से गुस्साई मां ने टॉयलेट क्लिनर उठा लिया, इस बीच बेटी ने मां के हाथ में से एसिड की बोतल छुड़ाकर खुद पी ली। इसके बाद मां ने भी एसिड पी लिया।
गुलाम मोहम्मद ने बताया कि आज सुबह सवा 9 बजे मैं घर पर था। भांजा रेहान आया। बोला कि मम्मी और बहन ने एसिड पी लिया है। हम दोनों को अस्पताल लेकर पहुंचे। एक डेढ़ घंटे बाद शबनम ने दम तोड़ दिया। मां-बेटी की बर्तन-झाड़ू करने को लेकर बहस हुई थी। इसी पर उन्होंने गलत कदम उठा लिया।
मृतिका 23 वर्षीय शबनम, मदरसे की टीचर थी। आलिमा बनने के लिए उसने इंदौर में रहकर पढ़ाई की थी। खंडवा आकर वह मदरसे के साथ-साथ गली-मोहल्लों में जाकर बच्चों को पढ़ाती थी। शबनम के इस कदम से समाज भी आहत है। वह पढ़ी-लिखी होकर मामूली से विवाद में जान से खिलवाड़ कर बैठी। मां आबिदा ने भी उसे टॉयलेट क्लिनर पीने से नही रोका। बल्कि बेटी के पीने के बाद उसने भी गटक लिया। घटना के बाद से घासपुरा इलाकें में मातम पसरा हुआ है।