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रेलवे ने थमाया बजरंगबली को नोटिस, बवाल बढ़ा तो पुजारी के नाम किया

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मुरैना । मुरैना जिले के सबलगढ़ कस्बे के ग्‍यारहमुखी हनुमान मंदिर के भगवान बजरंगबली को रेलवे ने नोटिस थमा दिया। नोटिस में सात दिन में मंदिर का अतिक्रमण न हटाने पर जबरन कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई, जिसमें जेसीबी आदि के खर्च की वसूली भी बजरंग बली से ही करने का उल्लेख किया गया। मंदिर पर भगवान के नाम नोटिस चस्पा करने का मामला तूल पकड़ा तो रेलवे ने दूसरा नोटिस जारी कर दिया, जो पुजारी के नाम है।
झांसी रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह का कहना है कि सबलगढ़ में श्योपुर-ग्वालियर ब्राडगेज लाइन का काम चल रहा है, यहां से अन्य अतिक्रमण भी हटाए गए हैं। मंदिर रेलवे की जमीन में है, पहले बजरंग बली के नाम नोटिस जाना क्लेरिकल गलती थी, जिसे सुधार दिया गया है, नया नोटिस पुजारी के नाम दिया गया है।
झांसी रेल मण्डल के वरिष्ठ खण्ड अभियंता, जौरा अलापुर की ओर से 9 फरवरी को बजरंग बली सबलगढ़ के नाम से जारी नोटिस एमएस रोड, दीवान पैलेस के सामने स्थित ग्यारहमुखी हनुमान मंदिर के बाहर चस्पा कर दिया गया।
मंदिर 108 साल से ज्यादा पुरानी नैरोगेज लाइन से करीब 25 से 30 फीट दूरी पर है। यही नैरोगेज लाइन अब ब्राडगेज में बदली जा रही है। रेलवे ने मंदिर को ब्राडगेज लाइन की जद व रेलवे की जमीन में बताते हुए हटाने का नोटिस जारी किया है।
नोटिस में भगवान बजरंग बली को संबोधित करते हुए लिखा है कि आपके द्वारा सबलगढ़ के मध्य किलोमीटर में मकान (मंदिर) बनाकर रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण कर लिया गया है। अत: आप इस नोटिस के सात दिन के अंदर रेलवे भूमि पर किया गया अतिक्रमण हटाकर रेलवे भूमि को खाली करें अन्यथा आपके द्वारा किए गए अतिक्रमण को प्रशासन द्वारा हटाने की कार्रवाई की जाएगी, जिसका हर्ज एवं खर्च की जिम्मेदारी स्वयं आपकी (भगवान बजरंग बली की) होगी।
बजरंग बली को दिया गया नोटिस इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित हो गया। इसको लेकर लोगों ने रेलवे का निशाने पर ले लिया। मामला तूल पकड़ता देख रविवार की सुबह रेलवे के कर्मचारी मंदिर पर चस्पा किए नोटिस को वापस लेने पहुंचे, लेकिन लोगों ने विरोध किया।
इसके बाद रेलवे ने नया नोटिस जारी किया है, जिसमें बजरंग बली की जगह मंदिर के पुजारी हर‍िशंकर शर्मा का नाम लिख दिया गया है। स्थानीय निवासी आकाश खेमरिया ने बताया कि मंदिर अतिक्रमण करके नहीं बना है, रेलवे जबरन हटाने का प्रयास करेगा तो जनता आंदोलन करेगी। बजरंगबली के नाम से नोटिस आपत्तिजनक है, जिसे उन्होंने अपने पास सुरक्षित रख लिया है।
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पुलिस से ट्रैक्टर-ट्रॉली छुड़ा ले गए रेत माफिया:महिला थानेदार और दो कॉन्स्टेबल घायल
मुरैना। मुरैना में रेत माफियाओं के हौंसले कितन बुलंद हैं, इसकी बानगी शनिवार को फिर देखने को मिली, जब वे पुलिस पर हमला कर रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली छुड़ा ले गए। हमले में एक महिला थानेदार को चोट आई है, साथ ही दो कॉन्स्टेबल भी मामूली घायल हुए हैं। घटना के बाद पुलिस ने भारी बल के साथ आरोपियों के गांव में दबिश दी। लेकिन हमलावर नहीं मिले। जिसके बाद कुछ पुलिसकर्मियों ने एक आरोपी के घर में तोड़फोड़ कर दी। सोफे पर लातें मारीं और डंडे से बल्ब तोड़ दिए।
दरअसल शनिवार को सिंहौनियां थाने की थाना प्रभारी रूबी तोमर ने पत्थर से लदी ट्रैक्टर-ट्रॉली पकड़ी थी। तभी उन्हें सूचना मिली कि माता का पुरा गांव में एक ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ी है, जिसमें चंबल से अवैध तरीके से रेत भरकर लाई गई है। वे पुलिस बल को लेकर सीधे गांव जा पहुंचीं। टीम में थाना प्रभारी समेत 8 लोग थे।
थाना प्रभारी ट्रैक्टर-ट्रॉली को कब्जे में लेकर आ रहे थे, इसी दौरान रास्ते में पुलिस टीम को 6 लोगों ने घेर लिया। पुलिस कुछ करती इससे पहले आरोपी उन पर टूट पड़े। उन्होंने पुलिसवालों के साथ मारपीट की व रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली छुड़ा ले गए। हमले में थाना प्रभारी रूबी तोमर को मामूली चोटें आईं। कॉन्स्टेबल राहुल सिकरवार और हरगोपाल जाट भी घायल हुए हैं। पुलिस बल वापस सिंहौनियां थाने लौट आया। इसके बाद अधिकारियों को हमले की जानकारी दी।
सिंहौनियां थाने में DSP सुरेंद्र सिंह पुलिस जवानों को निर्देश देते हुए। थाना प्रभारी रूबी तोमर से हमले की सूचना मिलने के तुरंत बाद उन्होंने आसपास के थानों का पुलिस बल सिंहौनियां बुलाया। इसके बाद माता का पुरा गांव में दबिश देने पहुंचे।
पुलिस पर हमले की जानकारी मिलते ही DSP सुरेंद्र सिंह एक्शन में आ गए। उन्होंने सिंहौनियां थाने में आसपास के थानों से भी पुलिस फोर्स बुला लिया। शनिवार दोपहर बाद 150 जवानों का पुलिस बल DSP और थाना प्रभारी के नेतृत्व में माता का पुरा गांव पहुंचा। हमलावरों के घरों में धावा बोला, लेकिन पुलिस के आने की सूचना उन्हें पहले ही मिल चुकी थी। हमलावर वहां से भाग चुके थे। पुलिस ने हमलावरों के घर की महिलाओं से पूछताछ की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
पुलिस के गांव में पहुंचने पर न केवल हमलावर, बल्कि हमलावरों के घर के आसपास रहने वाले पड़ोसी भी घर छोड़कर भाग चुके थे। उन्हें इस बात का डर था कि कहीं पुलिस हमलावरों की जगह उन्हें न पकड़ कर ले जाए। बड़ी संख्या में पुलिस बल देखकर गांव की महिलाएं और बच्चे भी डर की वजह से घरों से बाहर नहीं निकले।
आरोपियों के घरों पर धावा बोलने के दौरान जब पुलिस को हमलावर नहीं मिले, तो कुछ पुलिसकर्मियों ने एक आरोपी के घर पर पड़े सोफे पर लात मारकर अपना गुस्सा निकाला और उसे तोड़ दिया। पुलिस का गुस्सा यहीं नहीं थमा, उन्होंने हमलावरों के घर में लगे बिजली के बल्ब तक में डंडे मारे।
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बंगाली सराफा कारोबारी का आधा किलो सोना लेकर फरार
इंदौर। सराफा कारोबारी को बंगाली कारीगर 25 लाख से ज्यादा की चपत लगा गए।आभूषण बनाने के लिए दिया आधा किलो सोना लेकर रातोंरात फरार हो गए।कारोबारी ने जमानतदार के माध्यम से ढूंढने का प्रयास भी किया, लेकिन संपर्क नहीं हुआ। शनिवार रात सराफा पुलिस ने मुख्य आरोपित पर हेराफेरी का मुकदमा दर्ज किया।
डीसीपी जोन-4 आरके सिंह के मुताबिक सुदामानगर(ए-सेक्टर) निवासी किशनलाल पुत्र खेमराज तिवारी का धानगली(छोटा सराफा) में केटी ज्वेलर्स के नाम से सोना-चांदी का कारोबार है। आरोपित शुभांकर गहरोई की उनकी इमारत में ही आभूषण बनाने की दुकान थी। वह करीब ढाई साल से सोना लेकर आभूषण तैयार करता था। तिवारी ने 10 दिसंबर को 452 ग्राम सोना विभिन्न आभूषण बनाने के लिए शुभांकर को दिया था।
उसको 26 दिसंबर को आभूषण तैयार कर देना था, लेकिन इसके पहले ही वह फरार हो गया। कारोबारी के बेटे प्रवीण तिवारी के मुताबिक शुभांकर के पहले गणेश समता(बंगाली कारिगर) द्वारा आभूषण बनाए जाते थे। उसकी जमानत पर ही शुभांकर को काम देना शुरू किया था। फरार होने के बाद गणेश को पकड़ा तो उसने अनुबंध कर कहा कि वह सोना लौटाएगा। उसने शुभांकर के स्वजन से संपर्क भी किया और कहा कि शुभांकर नहीं आया तो उसका रहना मुश्किल हो जाएगा।
गणेश ने पश्चिम बंगाल के अन्य कारीगर व रिश्तेदारों के माध्यम से भी शुभांकर को ढूंढा। उसके दो साथियों को भी तलाशा गया, लेकिन कोई संपर्क नहीं हुआ। अंतत: शनिवार रात सराफा पुलिस ने तिवारी के आवेदन पर जांच कर आरोपित के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।