हरदा । शहर कोतवाली क्षेत्र में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसमें मकान मालिक की बेटी अपने ही किराएदार की पत्नी को भगाकर ले गई। घटना के बाद से ही महिला के बच्चे और पति परेशान हैं। पति शहजाद ने इस मामले को लेकर पांच फरवरी को कोतवाली में पत्नी की गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया है। पति ने आरोप भी लगाया है कि उसकी पत्नी को बेच दिया गया है।
शहर के मध्य बनी कृषि उपज मंडी में पांच फरवरी को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन चल रहा था। इस आयोजन में सैकड़ों की संख्या में लोग जमा थे। इसी दौरान यह घटना हुई। पति का आरोप है कि वह जिस मकान में रहता है, उसके मालिक की लड़की उसकी पत्नी को स्कूटी पर बैठकर फरार हो गई। उसने इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की है। पति ने अपनी शिकायत में बताया कि वह कृषि उपज मंडी के पास एक निजी स्कूल के करीब रहता है। पांच फरवरी को समाज का मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन कृषि उपज मंडी था। पति का कहना है कि वह यहां अपने एक रिश्तेदार के शादी समारोह शामिल हुआ था।उसकी पत्नी और परिवार के लोग भी आए थे। सभी लोग दोपहर तक इसी कार्यक्रम में रहे। इसी बीच उसकी पत्नी और मकान मालिक की लड़की दोनों स्कूटी से निकल गईं, जो अभी तक वापस नहीं लौटीं।
जिस लड़की पर युवक की पत्नी को भगाकर ले जाने के आरोप लगे हैं, वह शुरू से ही लड़के की वेशभूषा में रहती थी। उस युवती ने पूरी तरह लड़के की लाइफ स्टाइल को अपना लिया था। पीड़ित पति ने कहा कि वह पिछले चार माह से किराए के मकान में रह रहा है। उसने बताया कि उसके दो बच्चे है, जो रोज उनकी मम्मी के बारे में पूछते हैं। पति ने कहा कि वह बच्चों को समझा-समझाकर थक चुका है कि उसकी मम्मी जल्द घर आ जाएगी। पुलिस को शिकायत करने के बाद अब तक मेरी पत्नी का पता नहीं चल पाया है।
मामला पांच फरवरी का है। पति की शिकायत के बाद गुमशुदगी कायम कर जांच में लिया है। काल डिटेल निकली गई है। इसके आधार पर जांच जारी है।
-अनिल राठौर, प्रभारी, सिटी कोतवाली, हरदा
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भीम आर्मी का शक्ति प्रदर्शन:चंद्रशेखर बोले- प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाएंगे
भोपाल। राजधानी भोपाल के भेल दशहरा मैदान पर रविवार को दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के संगठनों का बड़ा शक्ति प्रदर्शन हुआ। ये प्रदर्शन जातिगत जनगणना कराने, प्रदेश सरकार से प्रमोशन में आरक्षण का कानून बनवाने, आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाने जैसी 15 से ज्यादा मांगों को लेकर था।
आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने कहा, चुनाव तक ऐसी कम से कम 5 यात्राएं होंगी। यह यात्रा का पहला चरण है। हर यात्रा के बाद दोगुने सैलाब के साथ आएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने MP में रविदास मंदिर के लिए 100 करोड़ रुपए की घोषणा की, पिछली घोषणा की थी उज्जैन में 50 लाख रुपए की, क्यों नहीं दिए अब तक? इन घोषणाओं से पेट नहीं भरेगा, हम इनसे थक चुके हैं। हम दलित, पिछड़े, आदिवासी भी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। आगे का कदम सत्ता के लिए होगा। संविधान का राज चलेगा, सारा बहुजन साथ चलेगा।
चंद्रशेखर ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि एक महीने में मांगें पूरी नहीं हुईं, तो दोबारा इससे भी बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। इतना बड़ा प्रदर्शन होगा कि हो सकता है- रैली के बाद मंच पर बैठे नेताओं को भाजपा जॉइन करवा लें। पहली बार प्रदेश में हम आदिवासी मुख्यमंत्री बनाएंगे।
कार्यक्रम में भीड़ बहुत है। आजाद बार-बार लोगों से बैठने की अपील कर रहे थे। लोगों ने जब सुना नहीं तो भाषण छोड़ वापस अपनी सीट पर आकर बैठ गए। कार्यकर्ताओं ने बुलाया, इसके बाद दोबारा भाषण शुरू किया।
चंद्रशेखर ने कहा, 52% OBC को 27% आरक्षण क्यों, पूरा 52% मिलना चाहिए। 2 अप्रैल 2018 के जो मुकदमे शेड्यूल ट्राइब पर हुए हैं, उसे वापस लें। स्कूल अथिति शिक्षकों और आशा कार्यकर्ताओं को नियमित किया जाना चाहिए। कोरोनाकाल में काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित करना चाहिए। निजीकरण के नाम पर सरकारी संस्थाओं को बेचने का काम बंद होना चाहिए। निजीकरण के सहारे आरक्षण को खत्म करने का खेल खत्म हो जाना चाहिए। पुलिस डिपार्टमेंट में वीकली ऑफ लागू किया जाए। पुरानी पेंशन लागू की जाए। किसी सफाई कर्मचारी की सीवर में जान जाती है, तो उसके परिवार को 1 करोड़ की राशि और एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार आस्तेय ने प्रदर्शन में 5 लाख लोगों के शामिल होने का दावा किया है। चंद्रशेखर के अलावा OBC नेता प्रीतम लोधी, व्यापम कांड के व्हिसिल ब्लोअर डॉ. आनंद राय, सुनील आस्तेय, सुनील बैरसिया सहित प्रदेश भर के भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता और SC/ST के लोग इस प्रदर्शन में शामिल हुए।
कार्यक्रम स्थल पर रात से ही कार्यकर्ताओं का जुटना शुरू हो गया था। कार्यक्रम स्थल पर भारी संख्या में लोग पहुंचे हैं। मैदान के सामने की सड़क पर भी भारी भीड़ जमा है। करियर कॉलेज से स्मार्ट सिटी ऑफिस तक रोड ब्लॉक रहा।
भीम आर्मी एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह ने कहा, हमारी मांगें बहुत सारी हैं। आज समाज की न्याय यात्रा का समापन भी है। हम यह बता रहे हैं कि अगर हमारे अधिकार को कोई छीनेगा तो हम अपने आपको इस तरह के संवैधानिक आंदोलन में बदलेंगे। शासन-प्रशासन को बताएंगे कि यह लोकतांत्रिक देश है।
प्रदर्शन में आए सरजीत सिंह ने कहा- मैं उत्तर प्रदेश सरकार में जाट कमिश्नर के पद पर था। मैंने इस्तीफा दे दिया है। बहुजन समाज की लड़ाई में आ गया हूं। हमारा लक्ष्य इस देश में बहुजन की सरकार बनाना है। कुछ लोगों को लगता है कि हिंदू राष्ट्र बना लेंगे, तो यह उनकी गलतफहमी है। देश संविधान से चलेगा। एक भी दलित, SC/ST, OBC, मुसलमानों को कोई भी परेशानी हुई तो हम ईंट से ईंट बजा देंगे।
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उमा भारती के विरोध से बैकफुट पर सरकार:MP में बंद हो सकते हैं अहाते, बढ़ सकते हैं शराब के दाम
मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश में नई शराब नीति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के विरोध के बाद शिवराज सरकार बैकफुट पर आती दिखाई दे रही है। नीति का नया प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके मुताबिक अहाते बंद हो सकते हैं। यदि चालू रखने का निर्णय होता भी है, तो शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक ही खोलने की अनुमति दी जा सकती है। इसके साथ ही देसी शराब के दाम 1 से 2 रुपए तक बढ़ सकते हैं। पिछले साल 23 जनवरी को सरकार ने नई शराब नीति जारी कर दी थी, इस बार उमा भारती के विरोध और कुछ सुझावों के कारण नई शराब नीति अटकी पड़ी है। जिस पर रविवार को फैसला होने की संभावना है।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए शराब नीति को लेकर शनिवार को आबकारी और वाणिज्यिक कर विभाग के अफसरों के साथ बैठक की। अफसरों ने बताया कि शराब दुकानें धार्मिक स्थलों और स्कूलों से 500 मीटर के दायरे से बाहर करने का फैसला होता है, तो 40% यानी 1443 दुकानें प्रभावित होंगी, जबकि 250 मीटर के दायरे में 902 दुकानें आ रही हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को इन प्रस्तावों पर फैसला लेंगे। बता दें कि प्रदेश में 3608 शराब दुकानें और 2611 अहाते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पिछले कुछ महीनों से शराब नीति को लेकर सरकार को घेर रही हैं। हाल ही में उन्होंने भोपाल के अयोध्या नगर इलाके के एक मंदिर में तीन दिन तक डेरा डाल रखा था। वे मंदिर के सामने स्थित शराब दुकान और प्रदेश की शराब नीति के विरोध में मंदिर में रहकर विरोध कर रही थीं। यहां से जाने से पहले उन्होंने राज्य सरकार को खुली धमकी भी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर प्रदेश की शराब नीति हमारे अनुरूप नहीं आई तो शराब दुकानों पर जो होगा, वो नजीर बनेगा। उमा ने यह भी कहा था कि वह नियम विरुद्ध शराब दुकानों में गायें बांधेंगी।
चुनावी साल होने के कारण इस बार आबकारी नीति में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं किया जा रहा है। आबकारी विभाग के ड्राफ्ट के मुताबिक लाइसेंस फीस 10% बढ़ाकर ठेका रिन्यू करने का प्रस्ताव है। नई शराब नीति 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी।
पिछले साल देसी शराब सस्ती करने के लिए शराब बनने से लेकर ग्राहक तक पहुंचने का कमाई का मार्जिन घटाया गया था। साथ ही आबकारी विभाग ने उप-दुकानें खोलने का प्रस्ताव दिया था, जिसे मुख्यमंत्री ने खारिज कर दिया था। सरकार ने विदेशी शराब पर एक्साइज डयूटी 10 से 13% तक कम कर दी थी। इससे शराब सस्ती हो गई थी। खपत बढ़ने से सरकार का खजाना भरा और मौजूदा वित्तीय वर्ष में उसे 1300 करोड़ अधिक आय हुई है। खास बात यह है कि वाणिज्यिक कर विभाग फिलहाल शराब पर वैट नहीं बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है।
सरकार ने पिछले साल होम बार लाइसेंस देने का निर्णय लिया था। इसका मतलब है अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय एक करोड़ रुपए है, तो वह व्यक्ति घर पर होम बार खोल सकता है। इसके अलावा, घर पर शराब रखने की लिमिट 4 गुना कर दी गई थी। इससे पहले घर में एक पेटी बीयर और 6 बॉटल शराब रखने की अनुमति थी। इस बार इस नियम में बदलाव करने का प्रस्ताव भी नहीं है।
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