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जिस युवती को मृत मानकर हत्या का प्रकरण दर्ज किया , वो नौ साल बाद जिंदा लौटी

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छिंदवाड़ा। जिस युवती को मृत मानकर न सिर्फ हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया, बल्कि इस मामले में पुलिस ने उसके पिता और भाई को जेल भी भेज दिया, वो युवती नौ साल बाद जिंदा वापस लौट आई। सिंगोड़ी चौकी क्षेत्र की इस घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। साथ ही पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। मामला सिंगोड़ी चौकी के अंतर्गत ग्राम जोपनला का है। यहां पुलिस द्वारा वर्ष 2014 में मृत बताई गई एक युवती अचानक घर वापस आ गई। पुलिस ने दो साल पहले ही युवती के कंकाल की बरामदगी दिखाकर हत्या के आरोप में युवती के पिता और भाई को जेल भेज दिया था। इस बारे में एएसपी संजीव उइके का कहना है कि पुलिस की पूछताछ में लड़की के पिता और भाई ने लड़की को दफनाने की बात कबूल की थी। बताए गए स्थान पर कंकाल भी बरामद हुआ था। इस मामले में अभी डीएनए रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। जो लड़की खुद को कंचन उइके बता रही है, उसकी जांच कर रहे हैं।
पुलिस ने जो प्रकरण कायम किया उसके मुताबिक 13 जून 2014 को युवती के भाई सोनू ने अपने पिता के साथ लाठी से हमला कर बहन की हत्या कर दी थी और शव को घर के पास खेत में दफना दिया था। उसकी बरामदगी भी 2021 में पुलिस ने तमाम गवाहों के सामने दर्शा दी और पंचनामा भी बना दिया। युवती के भाई और पिता से अपराध कबूल भी करवा लिया। मेडिकल रिपोर्ट और तमाम शिनाख्ती दस्तावेज भी बना लिए। तहसीलदार और चिकित्सकों की पुष्टि भी हासिल कर ली। फिर इन सबूतों के आधार पर लड़की के भाई और पिता को जेल भेज कर सारी औपचारिकताएं पूरी करके न्यायालय में चालान भी पेश कर दिया था, लेकिन अचानक युवती अपने घर वापस आ गई। उसे देखकर गांव वाले और घर वाले अचंभित रह गए।
जिस युवती को पुलिस ने मृत घोषित करवा दिया था उसने बताया कि वो अपनी मर्जी से घर से गई थी। इतने समय तक वो उज्जैन के पास रही और उसने शादी भी कर ली है। युवती का कहना है कि उसके पिता और भाई निर्दोष हैं, उन्हें पुलिस ने जबरन फंसाया है। बता दें कि युवती का भाई दो साल से जेल में है। पिता को 1 साल जेल में रहने के बाद उम्र के आधार पर जमानत मिली है। लड़की का कहना है कि उसके निर्दोष भाई और पिता के साथ इंसाफ किया जाए।
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जीआरपी के तीन जवानों ने पश्चिम बंगाल के यात्रियों को लूटा, केस दर्ज
उज्जैन। जीआरपी थाने में पदस्थ तीन आरक्षकों ने बुधवार रात को पश्चिम बंगाल के चार यात्रियों से 37 हजार रुपये लूट लिए। मामले में कुछ लोगों ने थाने पर जमकर हंगामा मचाया। इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपित आरक्षक के खिलाफ केस दर्ज किया है। तीनों को जीआरपी एसपी ने निलंबित कर दिया है। ये सभी फरार हैं।
जीआरपी ने बताया कि पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले के रहने वाले शेख अम्मर, ग्यासउद्दीन, शेख वाजिद तथा उमर खान बांकुरा में ही मदरसे में पढ़ाते हैं। रमजान माह में मदरसे का अवकाश होने के कारण चारों मदरसे के लिए चंदा एकत्र करने उज्जैन आए थे। यहां दो दिन तक उन्होंने चंदा एकत्र किया था। बुधवार रात को चारों उज्जैन-भोपाल पैसेंजर से भोपाल जा रहे थे।
प्लेटफार्म पर इन यात्रियों को जीआरपी के तीन आरक्षक सत्येंद्र जाट, धर्मेंद्र तथा शांतिलाल ने जांच के नाम पर रोका और उनके सामान की तलाशी ली। चारों के पास कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली थी। इसके बाद तीनों आरक्षकों ने चारों यात्रियों को धमकाया कि वह फर्जी रूप से चंदा एकत्र करने आए थे। चारों यात्रियों ने कहा कि वह फर्जी नहीं, उन्हें यहां के काजी ने अनुमति दी है कि वह चंदा एकत्र कर सकते हैं।
इसके बाद ही उन्होंने चंदा इकट्ठा किया था। चंदे की रसीदें भी लोगों को दी है। यात्रियों ने कहा कि उन्हें थाने ले जाकर इसकी पुष्टि कर सकते हैं। तीनों आरक्षक उन्हें थाने ले जाने लगे लेकिन बीच रास्ते में ही यह कहते हुए छोड़ दिया कि उनकी ट्रेन निकल रही है। वह जा सकते हैं।
आरक्षकों के जाने के बाद जब यात्रियों ने अपना सामान चेक किया तो पर्स में रखे रुपए गायब थे। इसके बाद वह जीआरपी थाने पहुंचे थे। जहां पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की। जिस पर उन्होंने राजीव केंद्र के अध्यक्ष अब्दुल हाशमी निवासी विवेकानंद तथा अन्य लोगों को फोन कर घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी थी। सूचना मिलने के बाद समाजजन जीआरपी थाने पर एकत्र हो गए और जमकर हंगामा मचाया। इसके बाद जीआरपी के अन्य पुलिसकर्मी तीनों आरक्षकों को तलाश कर थाने लाए थे। तीनों के पास से यात्रियों के रुपये बरामद हो गए थे।
रुपये बरामद करने के बाद भी जीआरपी ने आरक्षकों के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया था। इस पर समाज के लोगों ने जमकर हंगामा मचाया। सूचना मिलने पर एसपी जीआरपी एसपी निवेदिता गुप्ता ने आरक्षकों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए। गुरुवार को तीनों के खिलाफ धारा 384 तथा 34 के तहत केस दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि केस दर्ज होने की सूचना मिलते ही तीनों आरोपित आरक्षक फरार हो गए। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।
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बत्ती गुल होने से 400 विद्यार्थियों की पटवारी परीक्षा स्थगित
उज्जैन । मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) ने बुधवार दोपहर पटवारी चयन परीक्षा देने उज्जैन आए 400 विद्यार्थियों की परीक्षा स्थगित कर दी। वजह, परीक्षा केंद्र (अल्पाइन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालोजी) पर दोपहर 2.30 बजे शुरू होने वाली परीक्षा शाम 5 बजे तक प्रारंभ न होना रही।
इसके पीछे वजह परीक्षा केंद्र की बिजली चली जाना रही। कहा गया है कि परीक्षा की तारीख बाद में घोषित की जाएगी। इसके पहले परीक्षा समय पर शुरू न होने पर परीक्षार्थियों ने घंटों हंगामा किया। स्थिति नियंत्रण करने को परीक्षा केंद्र प्रभारी को पुलिस बल तक बुलवाना पड़ा।
पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने विद्यार्थियों को परीक्षा न होने की वजह बताते हुए समाधान करने का आश्वासन दिया। बात व्यापमं तक पहुंची और निर्धारित कमेटी ने चर्चा कर सिर्फ उज्जैन के 400 विद्यार्थियों की परीक्षा स्थगित कर पृथक से कराने का निर्णय लिया।
मालूम हो कि 6755 पदों पर भर्ती के लिए पटवारी चयन परीक्षा-2023 उज्जैन सहित प्रदेश के विभिन्न केंद्रों पर 15 मार्च से प्रारंभ हो चुकी है। ये परीक्षा 26 अप्रैल तक रोजाना दो पाली में संचालित होना है। उज्जैन में इस परीक्षा का केंद्र अल्पाइन इंस्टीट्यूट को केंद्र बनाया है। यहां प्रतिदिन सुबह और दोपहर की पाली में 400-400 विद्यार्थी परीक्षा देने को निर्धारित किए गए हैं।
इनका कहना
व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने बुधवार दोपहर उज्जैन में पटवारी चयन परीक्षा देने आए विद्यार्थियों की परीक्षा स्थिगित कर दी है। कारण, परीक्षा के समय परीक्षा केंद्र की बिजली चली जाना रही। हालांकि परीक्षा केंद्र पर बैकअप स्वरूप जनरेटर की व्यवस्था थी, मगर वो भी समय पर काम नहीं आया।
- कुमार पुरुषोत्तम, कलेक्टर, उज्जैन