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मंडप छोड़कर भागे दूल्हा-दुल्हन, बारातियों में मची अफरा-तफरी

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जशपुर। मंडप में शादी की रस्में रीति-रिवाज से चल रहीं थीं, लेकिन इसी बीच दूल्हा-दुल्हन मंडप से उठकर भाग खड़े हुए। बाराती भी कुछ समझ पाते इससे पहले उनपर भी मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। फिर क्या था, बारतियों ने भी मंडप और टेंट छोड़कर दौड़ लगा दी।
दरअसल, छत्तीसगढ़ में पत्थलगांव के किलकिलेश्वर धाम मंदिर परिसर में शादी समारोह चल रहा था। इसी दौरान हवन के धुएं के कारण पेड़ में लगे मधुमक्खियों के छाते से मधुमक्खियों का झुंड उड़ गया और दूल्हा-दुल्हन सहित बारातियों पर हमला कर दिया।
अचानक हुए मधुमक्खियों के इस हमले से बाराती सहित दूल्हा-दुल्हन घायल हो गए। यहां का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें मंदिर में लगे मंडपर और टेंट से बाराती भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। मधुमक्खियों के इस हमले में कई बाराती भी घायल हो गए हैं।
स्थानीय लोगों के मुताबिक मंदिर में चल रहे शादी समारोह के दौरान पास में ही लगे मधुमक्खियों के छाते तक हवन का धुआं पहुंचने से मधुमक्खियां उड़ गईं और दूल्हा-दुल्हन सहित बारातियों पर हमला कर दिया। दूल्हा-दुल्हन मंडप छोड़कर भाग खड़े हुए, वहीं बारातियों में अफरा-तफरी मच गई। कई बाराती घायल हुए हैं।
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सुकन्या समृद्धि योजना, NSC, पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट स्कीमों की सरकार ने बढ़ाई ब्याज दरें
नई दिल्ली। 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष 2023-24 शुरू होने जा रहा है। छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वालों के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा तोहफा दिया है। सुकन्या समृद्धि योजना, NSC, पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट स्कीमों की ब्याज दरें बढ़ी है।
खुशखबर। छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वालों के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा तोहफा दिया है। 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष 2023-24 शुरू होने जा रहा है। केंद्र सरकार के वित्त विभाग ने ने सुकन्या समृद्धि योजना से लेकर नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, किसान विकास पत्र, पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाओं और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में निवेश करने वालों की ब्याज दरें बढ़ा दी है। वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के लिए इन बचत योजनाओं के ब्याज दर में 10 से 70 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की गई है। हालांकि पीपीएफ के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पीपीएफ ब्याज दर को 7.1 फीसदी पर बरकरार रखा है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि, 6 अप्रैल को एक बार फिर आरबीआई ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी करने जा रहा है। इससे पहले आरबीआई ने लगातार छठी बार फरवरी 2023 में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी। इन योजनाओं को जनता में और लोकप्रिया करने के लिए ब्याज दरें बढ़ाना जरुरी हो जाता है।
योजनाओं में कितनी ब्याज दरों की वृद्धि हुई :-
1- सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम पर ब्याज दर 8 फीसद से बढ़ाकर 8.2 किया गया।
2- नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट पर ब्याज दर 7 से बढ़ाकर 7.7 पर्सेंट की गई।
3- सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर को 7.6 से बढ़ाकर 8 पर्सेंट किया गया।
4- किसान विकास पत्र पर 7.2 (120 महीने) से बढ़ाकर 7.5 (115 महीने) किया गया है।
पीपीएफ में मिली निराशा
रिटायरमेंट प्लानिंग की पॉपुलर स्कीम के ब्याज दरों में सरकार ने कोई बदलाव नहीं किया है। ये लगातार 12वीं तिमाही है। जब पीपीएफ के ब्याज दर नहीं बदले गए हैं। इस योजना पर अभी सरकार आपको 7.1 की ब्याज दर से रिटर्न दे रही है।
सरकार छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को हर तिमाही में संशोधित करती है। ब्याज दरें कितनी होंगी। ये इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार को इन योजनाओं के समान मैच्योरिटी वाले सरकारी बॉन्ड्स पर कितना लाभ हुआ है। श्यामला गोपीनाथ कमिटी ने सिफारिश की थी कि, सरकार को बॉन्ड यील्ड से 25 से 100 बीपीएस ज्यादा होना चाहिए।
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पीएम मोदी की डिग्री मांगे जाने के मामले में हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका, दिल्ली CM केजरीवाल पर लगाया जुर्माना
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बड़ा झटका लगा। गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका को खारिज कर दिया। गुजरात हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि, प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री और स्नातकोत्तर डिग्री के प्रमाणपत्र पेश करने की कोई जरुरत नहीं है। गुजरात हाई कोर्ट ने मुख्य सूचना आयोग के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें पीएमओ के जन सूचना अधिकारी और गुजरात विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के पीआईओ को प्रधानमंत्री मोदी की स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री दिखाने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही गुजरात हाई कोर्ट ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल पर सख्ती करते हुए उन पर जुर्माना ठोंक दिया। गुजरात हाई कोर्ट ने केजरीवाल पर 25 हजार रुप का जुर्माना भी लगाया है। गुजरात हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद दिल्ली सीएम केजरीवाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहाकि, क्या देश को ये जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके प्रधानमंत्री कितने पढ़े हैं?
क्या देश को ये जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके PM कितना पढ़े हैं? कोर्ट में इन्होंने डिग्री दिखाए जाने का ज़बरदस्त विरोध किया। क्यों? और उनकी डिग्री देखने की माँग करने वालों पर जुर्माना लगा दिया जायेगा? ये क्या हो रहा है?
अप्रैल 2016 में तत्कालीन सीआईसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था कि, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्राप्त डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी प्रदान करें। जुलाई 2016 में गुजरात हाईकोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी। नरेंद्र मोदी ने चुनाव आयोग में दिए हलफनामे में बताया था कि, उन्होंने 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए किया था और 1983 में गुजरात विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री ली थी।
प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री दिखाने की मांग वाली याचिका गुजरात हाई कोर्ट से खारिज होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्विटर पर ट्वीट के जरिए अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यह सवाल किया कि, क्या देश को ये जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके पीएम कितना पढ़े हैं। कोर्ट में इन्होंने डिग्री दिखाए जाने का ज़बरदस्त विरोध किया। क्यों, और उनकी डिग्री देखने की मांग करने वालों पर जुर्माना लगा दिया जाएगा। ये क्या हो रहा है। अनपढ़ या कम पढ़े लिखे च्ड देश के लिए बेहद ख़तरनाक हैं।
इस याचिका पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पिछले महीने हुई सुनवाई में विश्वविद्यालय की ओर से पेश होकर तर्क दिया कि जब छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। तब भी विश्वविद्यालय को जानकारी का खुलासा करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। सॉलिसिटर जनरल ने तर्क दिया था, लोकतंत्र में यह मायने नहीं रखता कि पदधारक डॉक्टरेट या अनपढ़ है। साथ ही इस मुद्दे में कोई जनहित शामिल नहीं है। ऐसे में उनकी गोपनीयता भी प्रभावित होती है।