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साड़ी पहनकर नाचे भाजपा विधायक, छम्मक-छम्मक गाने पर जमकर लगाए ठुमके

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विदिशा। मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के सिरोंज से भाजपा विधायक ने 'छम्मक-छम्मक' गाने पर जमकर ठुमके लगाए। उन्होंने साड़ी पहनकर भी नृत्य किया। उनके दो वीडियो रविवार को सामने आए हैं। पहला वीडियो 29 सेकंड का है। इसमें वे मंच के नीचे झूम रहे हैं। वहीं दूसरा वीडियो एक मिनट 15 सेकंड का है। इसमें वे साड़ी पहनकर मंच पर अन्य कलाकारों के साथ डांस कर रहे हैं। उनके साथ कुरवाई से विधायक हरिसिंह सप्रे ने भी डांस किया।
पहला वीडियो एक अप्रैल को सुबह 4 बजे का है। वहीं दूसरा वीडियो 31 मार्च की शाम 4 बजे का है। सिरोंज में चैत्र नवरात्र के दौरान 22 मार्च से 31 मार्च तक भव्य रासलीला और रामलीला का आयोजन हुआ था। वीडियो उसी दौरान के है। आयोजन में बड़ी संख्या श्रद्धालु शामिल हुए। पहले इस आयोजन समिति के संरक्षक पूर्व मंत्री स्वर्गीय लक्ष्मीकांत शर्मा थे। बाद में वर्तमान विधायक उमाकांत शर्मा के संरक्षण में मेले का आयोजन किया जाता है। इस दौरान ब्रज की प्रसिद्ध रासलीला भी हुई। लठ मार होली भी खेली गई।
रासलीला के दौरान ब्रज की प्रचलित परंपरा के अनुसार जब गोपियां कृष्ण जी को बंदी बना लेती है तो उनको छुड़ाने के लिए आयोजक को मंच पर जाना पड़ता है तो उसी दौरान गोपियां उन्हें साड़ी पहना कर अपनी सखी बना लेती है। इसके बाद यह सब लोग मिलकर राधा जी को भेंट चढ़ाते हैं। मंच पर विधायक को गोपियों ने साड़ी पहना दी। वे मंच पर गोपियों के साथ मिलकर नृत्य करने लगे।
दूसरा वीडियो रामलीला के मंचन के दौरान का है। जब रावण दहन के बाद भगवान राम अयोध्या वापस आते हैं तो अयोध्या में बधाइयां होती हैं, अयोध्यावासी खुशियां मनाते हैं नाचते गाते हैं। अयोध्या लौटने के बाद भगवान राम वनवासी भेष भूषा को त्याग कर राजश्री वेशभूषा पहनने जाते हैं तब मंच पर बधाई नृत्य होता है। मंच पर रामलीला के पुरुष कलाकार महिला वेशभूषा पहनकर बधाई नृत्य करते हैं। इसी दौरान विधायक उमाकांत शर्मा भी राम जी के लौटने की खुशी में नाचते हुए नजर आते हैं।

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खुले बोरवेल दिखे तो तुरंत कार्रवाई करें, इंदौर जैसी घटना फिर न हो - मुख्यमंत्री
इंदौर । कुएं और बावड़ियों को चिह्नित किया जाए। जहां भी खुले बोरवेल दिखे, तुरंत कार्रवाई की जाए। इंदौर जैसा हादसा फिर न हो।
ये निर्देश मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने रविवार को अधिकारियों को दिए। उन्होंने कुएं और बावड़ियों को लेकर अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि इंदौर के स्नेह नगर (पटेल नगर) में राम नवमी को हवन के दौरान स्लैब टूटने से कई लोग बावड़ी में गिर गए थे। इस दौरान 36 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस देखते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी है कि कहीं भी खुले बोरवेल दिखे तो तुरंत कार्रवाई करें। इंदौर जैसा हादसा दोबारा नहीं होना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि इंदौर में हुए बावड़ी हादसे में इंदौर के सांसद शंकर लालवानी विवाद में घिरे हुए हैं। रहवासियों का कहना है कि जब निगम मंदिर और बावड़ी का अवैध निर्माण तोड़ने पहुंचा था तो लालवानी के हस्तक्षेप के कारण कार्रवाई नहीं की जा सकी थी।
बावड़ी हादसे के बाद इंदौर नगर निगम ने भी अधिकारियों की बैठक ली थी। इसमें निगम आयुक्त प्रतिभा पाल और महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी शामिल हुए थे। उन्होंने निगम की सूची में दर्ज 629 कुओं और बावड़ियों का सर्वे कराने के निर्देश दिए।
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6 हजार लोग जाएंगे हज, 4 हजार को अभी भी मिल सकता है मौका
भोपाल। मध्यप्रदेश से करीब 6 हजार खुशनसीब हज पर जाएंगे। सेंट्रल हज कमेटी ने इनके नाम तय कर दिए है। प्रतीक्षा सूची के 4 हजार लोगों में से भी किसी की किस्मत खुल सकती है। सेंट्रल हज कमेटी से इस बार हज कोटा और कुर्रा एक साथ हुआ। सभी प्रदेशों को हज सीटें बांटने के साथ हजयात्रियों का चयन हो गया। देर रात हजयात्रियों को मैसेज भेजे गए हैं। बिना मेहरम हज पर जाने वाली 128 महिलाएं हैं जोकि पहली बार हुआ है। दस सालों में यह सबसे ज्यादा संख्या है।
प्रदेश से कुल 10565 लोगों ने यात्रा के लिए आवेदन किया था, करीब चार हजार लोग प्रतीक्षा सूची में - प्रदेश से हजयात्रा पर कुल 5892 लोग जाएंगे जबकि करीब चार हजार लोग प्रतीक्षा सूची में हैं। प्रदेश से कुल 10565 लोगों ने यात्रा के लिए आवेदन किया था। इस बार प्रक्रिया देर से शुरू की गई थी। देर रात सें शुरू हुई कम्प्यूटराइज कुर्रा की प्रक्रिया शनिवार सुबह तक चली। इस बीच सर्वर में भी रुकावट आई जिससे लोग परेशान हुए।
प्रदेश हज कमेटी के सीईओ शाकिर अली जाफरी ने बताया पिछले साल 1700 सीटों का हज कोटा मिला था। अतिरिक्त कोटे को मिलाकर कुछ संख्या करीब चार हजार हो गई। आरक्षण में बिना मेहरम 128 महिलाएं, 604 बुजुर्ग सत्तर साल से अधिक उम्र वाले हजयात्रा पर 70 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या 604 है। इन्हें आरक्षण है। बिना मेहरम हज पर जाने वाली 128 महिलाएं हैं जोकि पहली बार हुआ है।
इनमें बंटा हज कोटा
- 70 वर्ष से अधिक आयु वाले 604
- बिना मेहरम 128
- सामान्य श्रेणी 5160
- कुल कोटा 5892