इंदौर । इंदौर में भागवत कथा करने आए ख्यात कथावाचक आचार्य अनिरुद्धाचार्य महाराज को धमकीभरा पत्र मिला है। पत्र में लिखा है कि अगर एक करोड़ रुपये नहीं दिए तो जान से मार देंगे और वृंदावन के उनके परिक्रमा स्थल स्थित आश्रम को बम से उड़ा देंगे। धमकी मिलने की शिकायत महाराज की तरफ से वृंदावन कोतवाली में की गई है। बताया जा रहा कि पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धारा 507 का मुकदमा दर्ज किया।
पत्र में लिखा है कि पत्र मिल जाए तो राधे लिखना और रुपये का इंतजाम हो जाए तो गेट पर राधे कृष्ण लिख देना। हमारे पांच लोग हथियारों के साथ परिवार के सदस्यों की निगरानी कर रहे हैं। आपको मारना कोई बड़ी बात नही है। आपके पंडाल में 40-50 लोगों की मौत हो जाएगी तो पूरे भारत में आपका नाम मिट्टी में मिल जाएगा। पत्र लिखने वाले का नाम व पता मुंबई-महाराष्ट्र का है। महाराज 1 अप्रैल से विधायक रमेश मेंदोला द्वारा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 2 के परदेशीपुरा क्षेत्र में भागवत कथा कर रहे हैं। इसमे हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं।
पत्र बुधवार को महाराज के गौरी गोपाल आश्रम वृंदावन में मिला है। यह जमीन पर पड़ा था, जिसे एक कर्मचारी ने उठाया। पत्र में लिखा है कि हम तुम्हे बर्बाद कर देंगे। हम नहीं चाहते कि आपके माता-पिता, गुरु, बेटा या आपके ऊपर मौत की मुहर लगे। इस बात की जानकारी महाराज ने बुधवार रात आरती के बाद इंदौर के श्रद्धालुओं को दी। इस पर महाराज का कहना है कि इस तरह की धमकी उन्हें पहले भी मिल चुकी है। उन्होंने इसकी जांच कर उचित कारवाई की मांग की है।
-----------------------------------
भिंड के युवक को आयकर विभाग से फिर मिला 113.80 करोड़ जमा करने का नोटिस
भिंड। भिंड जिले के मिहोना के गल्ला मंडी हाल दिल्ली में टेलीकाम कंपनी में काम करने वाले रवि गुप्ता को आयकर विभाग ने 113.80 करोड़ रुपये जमा करने का नोटिस थमाया है। यह नोटिस 27 मार्च को जारी किया गया है। इससे पहले दिसंबर 2020 में युवक को 132 करोड़ रुपये के लेनदेन के मामले में 3.49 करोड़ का नोटिस दिया गया था। युवक का कहना है, कि पहली बार नोटिस मिलते ही उसने भोपाल सीबीआइ कार्यालय के अलावा पीएमओ में शिकायत की थी। सीबीआइ से हुई शिकायत के बाद जांच ईओडब्ल्यू ग्वालियर जांच कर रही है। रवि गुप्ता का कहना है, कि वर्तमान में उन्हें 50 से 55 हजार रुपये का वेतन मिल रहा है। वह इतनी बड़ी रकम कहां से जमा करेंगे।
यहां बता दें कि रवि गुप्ता जब कोलकाता में 6-7 हजार रुपए प्रतिमाह की नौकरी कर रहे थे तब वर्ष 2011-12 में मुंबई की एक्सिस बैंक में उनके नाम से अकाउंट खोलकर 132 करोड़ रुपए का लेनदेन किया गया है। इसी लेनदेन को लेकर आयकर विभाग ने 3.49 करोड़ का नोटिस जारी किया है। पूरा फर्जीवाड़ा टिया ट्रेडर्स हीरा कंपनी के नाम पर किया गया था।
रवि गुप्ता का कहना है, कि पहले वह टेली परर्फोमेंस कंपनी में नौकरी करते थे। दिल्ली में नौकरी करने के दौरान उन्हें 2020 में पहलेा 3.48 करोड़ का नोटिस मिला था। रवि गुप्ता के मुताबिक मुझे नोटिस मिलने के बाद कुछ महीने बाद रीवा निवासी कपिल शुक्ला को 142 करोड़ रुपये का नोटिस दिया गया था। कपिल भी उनकी कंपनी में नौकरी करते थे। इसी तरह इंदौर में काल सेंटर पर काम करने वाले प्रवीण राठौर को नोटिस दिया गया है। रवि ने अंदेशा जताया है कि इस फर्जीवाड़े के पीछे हीरा कारोबार जुड़े लोगों का हाथ हो सकता है। रवि का कहना है जिस टिया ट्रेडर्स का उन्हें मालिक बताकर अकाउंट खोला गया, वह भी हीरा कंपनी है और उसे गुजरात के सूरत शहर में रजिस्टर्ड कराया है। कपिल और प्रवीण के खातों के लिंक भी गुजरात के सूरत शहर से जुड़े हैं।
रवि गुप्ता के मुताबिक उन्होंने मामले की शिकायत पीएमओ में की थी। पीएमओ ने आरबीआइ को पत्र लिखा। एक्सिस बैंक ने 2020 और 2022 में मेल कर बताया है, कि यह खाता उनका नहीं लग रहा है। इस मेल को उन्होंने आयकर विभाग को भी बता दिया था। बवजूद अधिकारी मानने को तैयार नहीं है। 27 मार्च को 2023 को आयकर विभाग ने 113.80 करोड़ रुपये जमा करने का नोटिस जारी किया है। रवि गुप्ता कहना है, कि अब वह हाईकोर्ट जाने की तैयारी में हैं, क्योंकि आयकर विभाग हर साल उन्हें टैक्स चुकाने का नोटिस जारी कर रहा है।
------------------------------------
कम्प्यूटर आपरेटर की नौकरी करने वाले प्रवीण को मिला 290 करोड़ का नोटिस
खंडवा । खंडवा के देशगांव निवासी किसान के बेटे और कम्प्यूटर आपरेटर की नौकरी करने वाले प्रवीण राठौर को आयकर विभाग ने एक साल पहले 290 करोड़ 39 लाख 36 हजार 817 रूपयों के ट्रांजेक्शन को लेकर नोटिस दिया था। इसका जवाब प्रस्तुत करने के लिए 15 मार्च 2022 तक की मोहलत दी गई थी। इस राशि का मुंबई के एक्सिस बैंक के दो चालू खातों में ट्रांजेक्शन हुआ है। यह नोटिस मिलने के बाद से किसान के बेटे के होश उड़ गए थे। उसका कहना है कि इतनी बड़ी राशि का ट्रांजेक्शन उसने कभी नहीं किया। इससे पहले वर्ष 2021 में भी उसे दो बार नोटिस मिले थे।
इसे किसी का मजाक या आयकर विभाग की त्रुटि मानकर कोई ध्यान नहीं दिया था। लेकिन तीसरी बार नोटिस और आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा संपर्क करने पर इसकी पड़ताल की गई। युवक ने आयकर विभाग के खंडवा और इंदौर कार्यालय में जवाब देने के साथ ही पुलिस कमिश्नर इंदौर और खंडवा पुलिस अधीक्षक को इसके पेन कार्ड और दस्तावेजों का किसी व्यक्ति द्वारा दुरउपयोग करने का शिकायती आवेदन दिया था। बाद में युवक ने इसकी अपील आयकर कार्यालय में की गई थी। इस मामले में अभी कोई निर्णय नहीं हो सका है।
प्रवीण राठौर को 2021 के मार्च.अप्रैल में पहली बार इनकम टैक्स का नोटिस मिला तो उसे लगा कि उसके साथ कोई मजाक कर रहा है, लेकिन 2021 में ही नवंबर माह में उसे दूसरा नोटिस आया। इसमें 290 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन के बारे में पूछा गया। तब प्रवीण के होश उड़ गए। प्रवीण का कहना है कि न तो वह मुंबई गया और न ही उसका एक्सिस बैंक में उसका कोई खाता है। प्रवीण ने अपने साथ धोखाधड़ी होने की बात कही थी।
आयकर विभाग से नोटिस मिलने के बाद इंदौर के जिस काल सेंटर में प्रवीण 2011 से 2015 में काम करता था,वहां पता किया तो उन्होंने इस प्रकार के किसी ट्रांजेक्शन से इंकार किया। खंडवा स्थित आयकर कार्यालय से इस नोटिस के बारे में पूछताछ की तो उसे स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। वहां से उसे इंदौर आयकर विभाग कार्यालय भेज दिया गया लेकिन उसे वहां भी कोई जवाब नहीं मिला। इस बीच 2022 फरवरी माह में उसे तीसरा नोटिस मिला तो फिर वह खंडवा के आयकर विभाग कार्यालय पहुंचा। उसने अपनी बात रखी तो उसे पुलिस में शिकायत कराने की सलाह दी गई। पुलिस ने मामला मुंबई का होने से वहीं शिकायत कराने की बात कहकर टाल दिया गया। प्रवीण का कहना है कि इसके बाद उसने 24 फरवरी 22 को पुलिस कमिश्नर इंदौर के कार्यालय में आवेदन देकर अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत की थी। अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है।
पड़ताल में एक्सीस बैंक मुंबई की दो ब्रांच में रोमित के प्रोपाइटर प्रवीण राठौर के नाम से दो खाते खुले थे। इनमें प्रवीण का पेनकार्ड नंबर था। इन खातों में छह माह में करीब 2.90 लाख रुपये का लेनदेन हुआ था। यह खाते 28 जून और27 जुलाई 2013 में खुले थे। दिसंबर 2013 में बंद हो गए थे। यह ट्रांजेक्शन गुजरात की किसी डायमंड कंपनी को हुए थे। देशगांव निवासी प्रवीण के छोटे भाई लक्की राठौर ने बताया कि इस संबंध में अधिकारियों ने किसी से चर्चा करने से इंकार किया है। अभी इस मामले में कोई निर्णय नहीं हुआ है।
प्रवीण राठौर का प्रकरण खंडवा कार्यालय को एसिसमेंट के लिए मिला था। प्रवीण द्वारा इस मामले में अपील करने से अभी कोई निराकरण नहीं हो सका है। अपील आनलाइन और फेस लेस योजना अंतर्गत चल रही है। इसमें अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। - एमआर यादव, आइटी इंस्पेक्टर, खंडवा