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क्या फिर लगेगा लॉकडाउन? फिर आया कोरोना, टेंशन में सरकार

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जीवन अनमोल है, एक बार जाने के बाद जिंदगी दोबारा नहीं मिलती है। हमने अभी दुनिया नहीं देखी है। लेकिन लोग अपनी लापरवाही से बाज नही आ रहे है। देश में एक बार फिर कोरोना ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है। देश में कोरोना के मामले अब तेजी से सामने आने लगे है।
आपको याद होगा जब देश में कोरोना की दूसरी लहर आई थी तब अस्पतालों में बेड़ नहीं, ऑक्सीजन नहीं, दवाईयां नहीं और तो और श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार के लिए जगह और लकड़ियां नहीं मिल रही थी। हालात बद से बतदर होते जा रहे थे। कोरोना विकराल रूप लेता जा रहा था, चारों ओर मौत का मंजर था, हाहाकार मचा हुआ था। लेकिन इसके बाद भी हम सबक नहीं ले सके।
हम फिर लापरवाही करके कोरोना को खुला आमंत्रण देने पर तुले है। जिसका नतीजा यह है कि देश में कोरोना के मामले तेजी से आने शुरू हो गए है। सामने आने वाले मौजूदा मामले कोरोना की तीसरी लहर की आंशका पैदा करने लगे है।
देश में कोरोना के मामलों का बढ़ना लगातार जारी है। देश में कोरोना फिर असर दिखाना शुरू कर दिया है। बीते दिनों राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, लेकिन सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी कोरोना थमने का नाम नहीं ले रहा है। वैसे कोरोना से निपटने के लिए अमृत रूपी वैक्सीन लगभग देश में सभी को लग चुकी है। लेकिन वैक्सीन ही कोरोना का इलाज नहीं है बल्कि हमे सावधानियां भी रखना जरूरी हैं।
कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच भगवान से ही प्रार्थना कर सकते हैं कि, हे प्रभू अब बस करो, अपने गुस्से को काबू में कर लो। घर में जब भी कभी किसी अपने का फोन आता है तो डर लगने लगता है और तो और जब समाचार मिलता है की सामने वाला कोरोना का निवाला बन गया है तो और लोग अपने आपको सुरक्षित महसूस करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। इंसान जब सुबह उठकर एक क्षण के लिए भगवान से प्रार्थना करता है कि हे भगवान कोरोना से बचाओ, तो वहीं दूसरे क्षण में अखबार में छपी अंतिम संस्कार स्थलों के दर्दनाक चित्र डरा कर रख देते हैं।
लोगों को दो गज की दूरी रास नहीं आती है, लोग मास्क पहनना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। लेकिन भूलो मत कोरोना से पहले भी एड्स, इबोला और निपाह जैसे गंभीर और खतरनाक वायरस ने दुनिया उजाड़ दी थी। ये सब वायरस लोगों को आगाह कर चुके हैं, लेकिन हम अभी भी इन सबको नजरअंदाज कर रहे है। क्या हम फिर से वही दौर में आना चाहते है जब ऑक्सीजन, बेड, श्माशन में अंमित संस्कार के लिए दो गज की जगह की खोज में लगे हुए थे। घर-घर में मातम पसरा हुआ था। चीख पुकार मची हुईं थी। अभी भी समय है संभलने का, नहीं तो दुनिया को खत्म होने से कोई नहीं रोक सकता।
देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए सरकार अलर्ट मोड़ पर आ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक कर जरूरी निर्देश जारी किए। मंत्री मंडाविया ने कहा की कोरोना से लड़ाई के लिए हम पूरी तरह से तैयार है। और वह भी तैयार रहे, हमे डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन सावधानी बेहद जरूरी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मॉक ड्रिल को लेकर राज्य को 8 -9 तारीख को समीक्षा बैठक करने को कहा है। इसके अलावा वैक्सीनेशन पर पूरा देने के निर्देश दिए हैं।
अगर देश में कोरोना हाबी हो गया तो लॉकडाउन ही एक मात्र उपाय है। क्योंकि बीते सालों में जब जब कोरोना देश पर हाबी हुआ है तब-तब देश और देश के कई राज्यों में लॉकडाउन लगाया गया। हालांकि बैठक में सरकार द्वारा लॉकडाउन को लेकर कोई बात चीत नहीं की गई, लेकिन देश में कोरोना के मामले बढ़ते है तो सरकार लॉकडाउन पर कोई बड़ा कदम उठाने पर विवश हो सकती है।

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अतीक अहमद एक और मामले में फंसा, जायसवाल अपहरण केस में आरोप तय
माफिया अतीक अहमद की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। अब एक और केस में अतीक पर आरोप तय हो गए हैं। शुक्रवार को मोहित जायसवाल किडनैपिंग मामले में अतीक के बेटे उमर और असद पर सीबीआई अदालत ने आरोप तय कर दिए। गौरतलब है कि उमेश पाल अपहरण कांड में माफिया अहमद साबरमती जेल में बंद है। वहीं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ा था, जबकि उमर को लखनऊ जेल से सीबीआई कोर्ट लाया गया था।
क्या है पूरा मामला-साल 2018 में अतीक अहमद देवरिया जेल में बंद था। तब अतीक और उसके बेटे उमर पर लखनऊ ने व्यापारी मोहित जायवास को अगवा करने का आरोप लगा था। एफआईआर के मुताबिक, 26 दिसंबर 2018 को मोहित को किडनैप कर लिया था। आरोप है कि अतीक अहमद ने जायसवाल की पिटाई करवाई। साथ ही उसकी दो कंपनियों को अपने गुर्गों के नाम करवा लिया।
मामले के सामने आने के बाद अतीक अहमद को बरेली जेल ट्रांसफर कर दिया गया। इसके बाद इलेक्शन के मद्देनजर माफिया का नैनी जेल भेजा गया। उसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने अतीक अहमद को साबरमती जेल में स्थानांतरण करने का निर्देश दिया। इसके बाद मनीष जायसवाल के अपहरण केस की जांच जिम्मेदारी CBI को सौंप दी गई।
मोहित जायसवाल का अपहरण कर पिटाई के मामले में उमर अहमद पर दो लाख का इनाम घोषित किया गया। उमर ने पिछले साल 23 अगस्त को लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में सरेंडर कर दिया।