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10वीं, 12वीं के 19 लाख परीक्षार्थियों को मिलेंगे बोनस नंबर, जारी किए आदेश

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भोपाल। इन दिनों एमपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी परीक्षाओं की कापियां जांचने का काम चल रहा है। कई जगहों पर कापी जांचने का काम बहुत धीमी गति से चल रहा है हालांकि अधिकारी समय पर कार्य पूरा कर लेने का दावा कर रहे हैं। इस बीच बोर्ड ने 10 वीं और 12वीं की परीक्षाओं में कुछ विषयों में बोनस नंबर देने की घोषणा की है।
10 वीं और 12वीं परीक्षा का कई कारणों से मूल्यांकन कार्य प्रभावित हुआ है। बताया जा रहा है कि प्रदेशभर में 9वीं एवं 11वीं कक्षा की परीक्षा के चलते कापी जांचने का कार्य प्रभावित हुआ, क्योंकि कई मूल्यांकन कर्ता इन परीक्षाओं में केंद्राध्यक्ष भी हैं। इस कारण कुछ गति प्रभावित हुई है। राजनीति, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी आदि कुछ विषयों के मूल्यांकन कर्ता भी कम हैं।
परीक्षा कापियों के मूल्यांकन कार्य में निष्पक्षता पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है। मूल्यांकन में पूरी तरह सतर्कता बरती जा रही है। इसके लिए यह पूरा कार्य सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में चल रहा है। हर तरफ सीसीटीवी कैमरे की निगाह है। मूल्यांकनकर्ताओं के लिए पूरे प्रदेश में स्कूलों के अंदर मोबाइल के उपयोग पर प्रतिबंध लगा गया है। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मूल्यांकन कार्य के दौरान मोबाइल जमा करा लिए जाते हैं।
इधर बोर्ड ने 10वीं, 12वीं के परीक्षार्थियों को बोनस नंबर देने की बात कही है, इस संबंध में आदेश भी जारी किए जा चुके हैं। बोर्ड परीक्षा के जिन प्रश्नपत्रों में गल्तियां हुईं, उनमें बोनस नंबर दिए जाएंगे। आधिकारिक जानकारी के अनुसार 12वीं के संस्कृत, भौतिकी, गणित और इतिहास के प्रश्नपत्रों में गलती हुई थी। 10 वीं क्लास के सोशल साइंस में भी गलती पाई गई थी। बोर्ड ने इन प्रश्नपत्रों में बोनस अंक देने के आदेश जारी कर दिए हैं। 10वीं, 12वीं के 19 लाख परीक्षार्थियों को इसका लाभ मिलेगा।
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शताब्दी एक्सप्रेस अब बीना जंक्शन पर भी रुकेगी, आदेश जारी
भोपाल। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से नई दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस का एक स्टापेज और बढ़ गया है। यह ट्रेन अब बीना जंक्शन पर भी रुकेगी। इस प्रकार अब इस ट्रेन के कुल 10 स्टापेज हो जाएंगे। रेलवे ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं। एक दो दिन में इसका समय भी निर्धारित हो जाएगा।
बीना जंक्शन देश के बड़े जंक्शन में से एक है, जहां से हर दिन हजारों यात्री यात्रा करते हैं। बीना में रिफाइनरी, जेपी पॉवर प्लांट व पावरग्रिड जैसे बड़े उपक्रम भी है, जहां पर बड़ी संख्या में काम करने वाले लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा, जो अभी अन्य ट्रेन से यात्रा करने के लिए रिजर्वेशन काउंटर टिकट के लिए परेशान होते नजर आते हैं, लेकिन स्टॉपेज के बाद अब वह सीधे टिकट लेकर यात्रा कर सकेंगे। शहर सहित आसपास के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा।
यह स्टॉपेज अभी अस्थायी तौर पर छह माह के लिए दिया गया है, जिसमें पहले पांच महीने में टिकट बिक्री की रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजी जाएगी और टिकट बिक्री की ग्रोथ देखेंगे। इसके बाद स्थायी स्टॉपेज मिलेगा। रेलवे अधिकारियों ने बताया स्टॉपेज के लिए रेलवे की ओर से भी तैयारियां की जा रही है, इसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसका प्रचार-प्रसार व टिकट काउंटर पर अलग से टिकट की व्यवस्था की जा रही है, ताकि यात्रियों को दिक्कत न हो।
रेलवे ने शताब्दी एक्सप्रेस का रानी कमलापति, भोपाल, ललितपुर, झांसी, धौलपुर, आगरा, मथुरा व नई दिल्ली का स्टॉपेज पहले से दे रखा है। शहर के लोगों सहित जनप्रतिनिधि भी कई बार इस ट्रेन के स्टॉपेज की मांग हर स्तर पर रख चुके थे, लेकिन स्टॉपेज नहीं दिया गया था। अब एक अप्रेल से शुरू हुई वंदे भारत ट्रेन के चलने के बाद शताब्दी एक्सप्रेस का स्टॉपेज जंक्शन पर दिया गया है, जिसमें स्थायी स्टॉपेज का मुख्य आधार टिकट बिक्री की बढ़ोतरी को रखा गया है।
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उप डाकपाल ने गरीब खाताधारकों के सवा करोड़ रुपये आनलाइन लाटरी में उड़ाए
ग्वालियर। आनलाइन लाटरी की लत किसी व्यक्ति को किस हद तक लग सकती है इसका उदाहरण दतिया जिले के ग्राम सालोनबी पोस्ट आफिस में देखने को मिलता है। यहां पदस्थ उप डाकपाल प्रदीप मीणा ने लोगों के बचत खाते के पैसे खाते में जमा न करते हुए उसे आनलाइन लाटरी में उड़ा दिए। जब लाटरी में हार गया तो उसकी रिकवरी करने के लिए सरकारी खातों और नान आपरेटिव खातों से भी लाखों रुपये कैश निकालकर उन्हें स्वाहा कर दिया। बताते हैं कि करीब डेढ़ करोड़ रुपये का गबन किया गया है। यह गोलमाल पिछले करीब छह माह में किया गया है लेकिन पकड़ में मार्च क्लोजिंग के दौरान आया। चौंकाने वाली बात यह है कि जानकारी होने के बावजूद अधिकारियों ने नियमानुसार पुलिस या सीबीआइ को मामले की जानकारी न देते हुए अपने स्तर पर ही राशि जमा करनी शुरू कर दी है। अधिकारियों के अनुसार प्रदीप को निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि इससे पहले सागर जिले की बीना,शिवपुरी सहित अन्य जिलों में भी पोस्ट आफिस में जमा रकम का आनलाइन सट्टा खेलने की वारदातें हो चुकीं हैं बावजूद इसके विभाग ट्रैकिंग की कोई व्यवस्था नहीं बना रहा है।
पोस्ट आफिस की छोटी बचत योजनाओें में अक्सर कमजोर आय वर्ग और खासकर महिलाओं के अकाउंट ही होते हैं। प्रदीप ने इसी का फायदा उठाया। जो महिलाएं पैसा जम करने पोस्ट आफिस आईं उनकी पासबुक पर तो मैन्युअल एंट्री यह कहते हुए कर दी कि प्रिंटर खराब है लेकिन वह पैसा खुद के पास रख लिया। जब जमा होने वाली राशि भी प्रदीप को कम लगी तो उसने अपने यहां मौजूद ऐसे खातों को सर्च किया जो बहुत दिनों से आपरेट नहीं हुए हैं। उन खातों से कैश पैसा निकाल लिया। इतना नहीं नहीं अपने हेड दतिया पोस्ट आफिस से भी करीब 14 लाख रुपये निकालकर अपने पास रख लिए। उपरोक्त पैसों को अपने निजी खाते में जमा करके उससे आनलाइन लाटरी का वालेट रिचार्ज करके उस पर बेट लगा दी।
इस मामले में इंडिया पोस्ट के ग्वालियर डिविजन हेड चंद्रेश जैन के अनुसार कुल कितनी राशि खुर्दबुर्द हुई है अभी तक इसका पूरा आंकड़ा नहीं आ पाया है लेकिन प्रारंभिक जांच में करीब 44 लाख रुपये की हेराफेरी सामने आई है। इस राशि को आरोपित के परिवारवालों और रिश्तेदारों पर दवाब डालकर जमा करवाने का प्रयास किया जा रहा है जिसमें से बड़ी राशि उन्होंने जमा भी करवा दी है। मामले को जांच एजेंसी को क्यों नहीं सौंपा गया इस पर जैन के अनुसार गबन की गई राशि की रिकवरी अधिक महत्वपूर्ण थी इसीलिए उस पर फोकस किया गया यदि मामला पुलिस या सीबीआई को सौंपते तो हो सकता है आरोपित आत्महत्या कर लेता। प्रदीप को निलंबित करके उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।
नियम टूटा इसलिए उड़ा पैसा
- सालोनबी दतिया जिले की भांडेर तहसील का एक छोटा सा पोस्ट आफिस है। इस पोस्ट आफिस में कैश रखने की लिमिट महज 1 लाख रुपये है बावजूद इसके यहां एक बार में 14 लाख रुपये तक कैश रखा रहा लेकिन किसी अधिकारी ने आपत्ति नहीं की।
- हर डाकघर की कैश फ्लो रिपोर्ट अपने सर्किल और डिवीजन के हेड पोस्ट आफिस में प्रतिदिन जाती है लेकिन ग्वालियर के लश्कर आफिस में इस रिपोर्ट को किसी ने खोलकर भी नहीं देखा।
- उप संभागीय निरीक्षक दतिया सीपी मौर्य एवं प्रवर अधीक्षक चंद्रेश जैन को हर छह माह में निरीक्षण करना होता है लेकिन निरीक्षण हुआ ही नहीं।
- गबन के मामले में तुरंत स्थानीय पुलिस और सीबीआई को रिपोर्ट दी जानी चाहिए थी लेकिन वह अभी तक नहीं दी गई ।
एक कहानी यह भी-पोस्टल सर्विसेज के वरिष्ठ अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि सितंबर 2022 से शुरु हुआ यह मामला काफी समय से लोगों की जानकारी में था लेकिन दतिया और ग्वालियर के वरिष्ठ अधिकारियों ने करीब 4 लाख रुपये रिश्वत लेकर मामले को रफादफा करने की कोशिश की। जनवरी में जब पहली बार मामला पकड़ में आया था तब करीब 66 लाख रुपये की ही हेराफेरी थी लेकिन मिलीभगत के चलते इस पर रोक नहीं लगी और राशि करीब सवा करोड़ पहुंच गई।