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दुकानों का किराया नही जमा करने वाले 13 लोगों के विरूद्ध सूचना पत्र जारी

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गुना।(गरिमा टीवी न्यूज़) गुना अपर कलेक्‍टर (विकास) एवं मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत गुना द्वारा जिला पंचायत गुना के स्‍वामित्‍व की दुकानों से संबंधित शर्तो के अधीन किराया राशि जमा नही करने वाले 13 लोगों के विरूद्ध सूचना पत्र जारी किए गए हैं।
जारी सूचना पत्र अनुसार गायत्री मंदिर के सामने जिला पंचायत कॉम्‍पलेक्‍स एबी रोड गुना की विभिन्‍न दुकानों में मनमोहन कुशवाह पुत्र भगवान सिंह कुशवाह दुकान क्रमांक सी-11, अमित वर्मा पुत्र रामप्रकाश वर्मा दुकान क्रमांक सी-01, दिनेश रघुवंशी पुत्र हरीसिंह रघुवंशी दुकान क्रमांक 27, रघुराज रघुवंशी पुत्र परमाल सिंह रघुवंशी दुकान क्रमांक सी-09, शिखा योगी पति राजेश योगी दुकान क्रमांक ए-4, पंकज रघुवंशी पुत्र सुरेन्‍द्र रघुवंशी दुकान क्रमांक सी-07, बलवीर सिंह पुत्र प्राणसिंह रघुवंशी दुकान क्रमांक सी-04, विजय सैन पुत्र रामभरोसा सैन दुकान क्रमांक सी-03, दीपक नामदेव पुत्र कैलाश सिंह नामदेव दुकान क्रमांक सी-02, मनीष रघुवंशी पुत्र राजेन्‍द्र सिंह रघुवंशी दुकान क्रमांक 14, प्रवीण धाकड़ पुत्र हरिसिंह धाकड़ दुकान क्रमांक 36, सुरेश कुशवाह पुत्र अशोक कुशवाह दुकान क्रमांक 10 तथा अनिल कुमार सूद पुत्र देवसागर सूद दुकान क्रमांक 05 द्वारा किरायानामा/ अनुबंध पत्र की शर्तों के अनुसार प्राप्त किया गया था। अनुबंध पत्रों की शर्तों एवं जिला पंचायत की सामान्य सभा बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार दुकानों के मासिक किराये में निर्धारित समयावधि में वृद्धि की जाती है। किन्तु संबंधितों के द्वारा किराये पर उपलब्ध दुकान का नियमित रूप से प्रतिमाह किराया जिला पंचायत गुना को जमा नहीं किया गया। जो अनुबन्ध शर्तों के विपरीत है।
उक्‍त सूचना पत्र के माध्‍यम से संबंधितों को सूचित किया गया है, कि उनसे संबंधित दुकान किराया बकाया राशि सूचना पत्र प्राप्ति के 07 दिवस के अन्दर अनिवार्यतः जिला पंचायत कार्यालय गुना में जमा कराते हुए नवीन अनुबन्ध कराना सुनिश्चित करें। अन्यथा की स्थिति में अनुबंध पत्र की शर्त क्रमांक 02 एवं 05 के अनुसार संबंधितों के किराये पर आवंटित दुकान को खाली कराया जाकर बकाया सम्पूर्ण किराया राशि की बूसली संबंधितों की प्रतिभूति जमा राशि से की जायेगी। यदि प्रतिभूति राशि से पर्याप्त किराया राशि की बसूली नहीं हो पाती हैं, तो संबंधितों की चल-अचल संपत्ति से भू-राजस्व की तरह आरआरसी जारी कर बकाया राशि की वसूली की जावेगी। जिसके लिए संबंधित स्वयं पूर्णरूप से जिम्मेदार होगें।