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केरल के मंदिरों में RSS की शाखा पर रोक:देवस्वम बोर्ड ने कहा-राजनीतिक आयोजन भी नहीं होंगे; कांग्रेस बोली- 90%​​​​​​​ हिंदू RSS के खिलाफ

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तिरुवनंतपुरम। केरल के मंदिरों में RSS की शाखा लगाना बैन कर दिया गया है। केरल में मंदिरों का मैनेजमेंट संभालने वाले त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (TDB) ने सभी 1248 मंदिरों को सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया- मंदिरों में सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान और आयोजन ही कराए जाएं। किसी भी राजनीतिक गतिविधि या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखा की परमिशन नहीं दी जाए।
सर्कुलर में बोर्ड ने साफ किया कि आदेश का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, बोर्ड ने 30 मार्च 2021 और 2016 में भी सर्कुलर जारी करके मंदिर परिसरों में RSS की शाखा, हथियार प्रशिक्षण और अभ्यास पर रोक लगा दी थी। नए निर्देश इसलिए जारी किए गए क्योंकि बोर्ड को पता चला है राज्य के कुछ मंदिरों में आदेश के बाद भी RSS के इवेंट हो रहे थे।
देवस्वम बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि सिर्फ RSS ही नहीं, किसी भी संगठन या राजनीतिक दलों को पूजा-अनुष्ठान के अलावा मंदिर परिसर में कोई अन्य आयोजन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बोर्ड के अधिकारियों को इस तरह की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाने और मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए कहा है।
केरल विधानसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस नेता वीडी सतीशन ने कहा कि केरल में लगभग 90% हिंदू संघ परिवार के खिलाफ हैं। इसलिए मंदिर परिसर में किसी भी तरह की गतिविधि पर रोक सही है।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी मंदिर परिसर में शाखाओं की फिजिकल ट्रेनिंग के लिए RSS की आलोचना की थी। BJP केरल उपाध्यक्ष केएस राधाकृष्णन ने मुख्यमंत्री पिनाराई के इस बयान पर कहा था कि पिनाराई को अपने परिवार के सदस्यों को संतुष्ट करना चाहते हैं। पिनाराई अपने दामाद, पीए मुहम्मद रियास के धार्मिक हितों की रक्षा करने की कोशिश में यह बोल रहे हैं।
त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड का गठन 1950 में हुआ था। केरल के इसके अलावा गुरुवयुर, मालाबार, कोचीन और कुडलमानिक्यम बोर्ड में हैं। पांचों बोर्ड मिलकर लगभग 3 हजार मंदिरों का प्रबंधन करते हैं।
केरल राज्य के 1248 मंदिरों का प्रबंधन त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (TDB) करता है। यह एक स्वतंत्र संस्था है। इसका गठन त्रावणकोर कोचीन हिंदू रिलीजियस इंस्टीट्यूशन एक्ट XV 1950 के तहत हुआ था। प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के सभी अनुष्ठान भी इसी बोर्ड के निर्देशन में होते हैं। त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के अध्यक्ष वरिष्ठ CPM नेता के अनंतगोपन हैं।
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मनीष सिसोदिया की गर्दन पकड़कर ले जा रहे कोर्ट, वीडियो शेयर कर केजरीवाल ने पूछा- क्या ऊपर से आदेश है?
नई दिल्ली। दिल्ली सीएम केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया को गर्दन से पकड़ कर ले जाने का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, क्या पुलिस को इस तरह मनीष जी के साथ दुर्व्यवहार करने का अधिकार है। पुलिस को ऐसा करने के लिए ऊपर से कहा गया है।
दिल्ली की शराब नीति में घोटाले के मामले में पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आज राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान पुलिस आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को गर्दन से पकड़कर ले जाते दिखी। इसको लेकर आम आदमी पार्टी ने उनके साथ दुव्र्यवहार करने का आरोप लगाया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर आपत्ति जताई है। केजरीवाल ने पूछा, क्या पुलिस को ऐसा करने के लिए ऊपर से आदेश दिए गए है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भारद्वाज ने कहा है कि दिल्ली पुलिस को इस अफ़सर को तुरंत सस्पेंड करना चाहिए।
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इसमें मनीष सिसोदिया को गर्दन से पकड़कर ले जाते हुए नजर आ रहे है। आप पार्टी के प्रमुख ने लिखा, क्या पुलिस को इस तरह मनीष जी के साथ दुर्व्यवहार करने का अधिकार है? क्या पुलिस को ऐसा करने के लिए ऊपर से कहा गया है?
दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य-यूडी-सेवा मंत्री और जल बोर्ड अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने भी मनीश सिसोदिया का एक वीडियो शेयर किया है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भारद्वाज ने इसके कैप्शन में लिखा, क्या पुलिस को इस तरह मनीष जी के साथ दुर्व्यवहार करने का अधिकार है? क्या पुलिस को ऐसा करने के लिए मोदी जी ने कहा है? दिल्ली पुलिस को इस अफ़सर को तुरंत सस्पेंड करना चाहिए। आपको बता दें, दिल्ली की शराब नीति में घोटाले के मामले में घिरे मनीष सिसोदिया की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 1 जून तक के लिए बढ़ा दी है।
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ट्रांसफर-पोस्टिंग पर केंद्र का अध्यादेश, ममता से मिले केजरीवाल,बंगाल की CM बोलीं- राज्यसभा में सरकार बिल लाई तो विरोध करेंगे
नई दिल्ली। दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के मुद्दे पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों से मिल रहे हैं। मंगलवार को वे कोलकाता गए और पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी से मुलाकात कर समर्थन मांगा।
ममता ने केजरीवाल का समर्थन करते हुए कहा- संसद के मानसून सत्र में अगर केंद्र सरकार अध्यादेश को लेकर बिल लाती है तो हम इसका विरोध करेंगे। ममता ने अन्य दलों से भी अध्यादेश का विरोध करने की अपील की है।
ममता ने केंद्र सरकार को लेकर कहा, वे क्या सोचते हैं? क्या हम उनके बंधुआ मजदूर हैं? क्या हम उनके नौकर हैं? हम चिंतित हैं कि वे संविधान को बदल सकते हैं और देश का नाम बदलकर पार्टी का नाम रख सकते हैं। वे संविधान को ध्वस्त करना चाहते हैं। केवल सुप्रीम कोर्ट ही देश को बचा सकता है।
इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को केजरीवाल का समर्थन किया था। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोमवार को कहा कि संसद के मानसून सत्र में दिल्ली पर केंद्र सरकार के अध्यादेश का कांग्रेस विरोध करेगी। हम आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ हैं।
केजरीवाल केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर विपक्षी दलों के समर्थन के लिए कैंपेन चला रहे हैं। वे 24 और 25 मई को मुंबई में रहेंगे, जहां वे उद्धव ठाकरे और NCP चीफ शरद पवार से मिलेंगे।केजरीवाल के साथ पंजाब के CM भगवंत मान, AAP नेता संजय सिंह, राघव चड्‌ढा और आतिशी सिंह भी थे।
21 मई बिहार के CM नीतीश कुमार ने अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। नीतीश विपक्षी एकता को लेकर इन दिनों नेताओं से मिल रहे हैं। केजरीवाल से एक महीने में ये उनकी दूसरी मुलाकात थी। नीतीश ने केंद्र सरकार के अध्यादेश को संविधान के खिलाफ बताया था।
वहीं केजरीवाल ने कहा- केंद्र सरकार इस अध्यादेश को कानून बनाने के लिए राज्यसभा में लाती है तो विपक्ष हमारा साथ दे। विपक्ष एक साथ होगा तो 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा खत्म हो जाएगी।
केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी 11 जून को दिल्ली के रामलीला मैदान में महारैली कर शक्ति प्रदर्शन करेगी। AAP अब केंद्र के अध्यादेश को लेकर आम लोगों के साथ-साथ विपक्षी दलों की सहानुभूति बटोरने की कोशिश में जुटी है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, महारैली में मंच पर राजनीतिक दलों को लाने की तैयारी कर रही है। दिल्ली के संयोजक गोपाल राय ने दिल्ली के लोगों से अपील की कि वे बड़ी संख्या में रामलीला मैदान पहुंचें। गोपाल राय ने बताया कि जिस तरह से केंद्र सरकार ने संविधान का मजाक बना दिया है यह महारैली इसके खिलाफ है।