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सीएम के कार्यक्रम में जा रही बस पलटी, तीन की मौत, 20 लोग घायल

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उमरिया। उमरिया में नेशनल हाईवे के ओवरब्रिज पर बस अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि बस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम में लोगों को ला रही थी। कार्यक्रम स्थल से 5 किमी पहले यह हादसा हो गया। 21 लोग घायल हुए हैं। एक गंभीर घायल को जबलपुर रेफर किया है। सीएम शिवराज ने उमरिया जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की। इसके बाद कार्यक्रम स्थल के लिए रवाना हो गए।
आज उमरिया जिले के भरौला में लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत हितग्राही कार्यक्रम आयोजित किया गया है। शुभम ट्रैवल्स शहडोल की बस पाली बीरसिंहपुर (उमरिया) के भतौरा गांव से लोगों को लेकर कार्यक्रम स्थल जा रही थी। घाघरी ओवरब्रिज पर दो पहिया वाहन को बचाने के प्रयास में बस अनियंत्रित हो गई। बस पलटते ही लोगों में चीख-पुकार मच गई। शहडोल संभाग आयुक्त राजीव शर्मा ने बताया कि 3 लोगों की मौत हुई है।
कांग्रेस के पदाधिकारियों ने जिला अस्पताल में मुख्यमंत्री से मिलकर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष राजेश शर्मा का कहना है कि हादसा आरटीओ की लापरवाही और कंडम बस की वजह से हुआ है।
हादसे के बाद रोड पर जाम की स्थिति बन गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जाम खुलवाया। कलेक्टर कृष्ण देव त्रिपाठी के मुताबिक, घटना में 3 लोगों की मौत हुई है। 8 लोगों को उमरिया जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ लोगों को जबलपुर रेफर किया गया है। एडीजीपी डीसी सागर, कमिश्नर राजीव शर्मा सहित कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक अस्पताल पहुंचे हैं। घायलों से हादसे की जानकारी ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उमरिया में लाड़ली सम्मेलन के मंच पर स्वागत नहीं कराया। उन्होंने बस हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया। परिवार के एक सदस्य को पात्रता अनुसार सरकारी नौकरी देने की बात कही। गंभीर घायलों को 50 हजार रुपए और मामूली घायलों को 10-10 हजार रुपए की मदद देने की बात कही।
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मध्‍य प्रदेश में भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाएगी कांग्रेस, भाजपा की विधानसभावार करेगी घेराबंदी
भोपाल । कर्नाटक विधानसभा की जीत से मध्य प्रदेश कांग्रेस उत्साहित है। पार्टी यहां भी भ्रष्टाचार को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाएगी। पंचायत से मंत्रालय तक के भ्रष्टाचार से जुड़े विषयों को प्रामाणिकता के साथ उठाया जाएगा। विधानसभावार भाजपा की घेराबंदी होगी। मध्‍य प्रदेश में विधानसभा चुनाव नवंबर में होने हैं।
आरोप पत्र में भी भ्रष्टाचार के मामलों को ही प्राथमिकता में रखा गया है। बड़े मामलों को लेकर प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सरकार को घेरेंगे तो अन्य मामले वरिष्ठ नेता उठाएंगे। 12 जून को राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा जबलपुर से विजय 2023 अभियान प्रारंभ करने के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रचार अभियान को तेज करेगी।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव नवंबर में होने हैं। प्रदेश कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरने के लिए भ्रष्टाचार के मुद्दों को प्रमुखता से उठाने की कार्ययोजना बनाई है। इसमें राज्य स्तर पर बड़े-बड़े कार्यक्रम करने के स्थान पर विधानसभावार घेराबंदी की जाएगी।
प्रामाणिक दस्तावेजों के आधार पर भ्रष्टाचार के मामले जनता के सामने रखकर सरकार से उत्तर मांगा जाएगा। इंटरनेट मीडिया के सभी माध्यमों का उपयोग कर सरकार की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति की पोल खोली जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ और दिग्विजय सिंह चुनिंदा मामलों को उठाएंगे तो वरिष्ठ नेता अलग-अलग जिलों में कार्यक्रम करके अन्य मुद्दे उठाएंगे।
तबादलों को लेकर भी घेराबंदी होगी क्योंकि भाजपा द्वारा कमल नाथ पर यह आरोप लगाया जाता है कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल में तबादला उद्योग चल रहा था और वल्लभ भवन (राज्य मंत्रालय) भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ था।
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा का कहना है कि 18 साल की शिवराज सरकार में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां भ्रष्टाचार न हुआ हो। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास हो या फिर नल जल योजनाएं, पूरक पोषण आहार हो या फिर निर्माण के काम, गणवेष वितरण, हर जगह भ्रष्टाचार की प्रामाणिक शिकायतें हैं। यह बात भाजपा के लोग भी कहते हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में भ्रष्टाचार का खुलासा तो भाजपा विधायक ने ही किया था। भूमि का सीमाकंन, बंटवारा, नामांकन करना हो या फिर किसी शासकीय योजना का लाभ लेना हो, बिना लिए-दिए हो ही नहीं सकता है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रत्येक कार्यक्रम में हितग्राहियों से पूछते हैं कि किसी ने कुछ लिया तो नहीं। व्यापम, डंपर, ई-टेंडर से लेकर कई मामले हैं, जो जनता के बीच ले जाकर सरकार की वास्तविकता बताएंगे।
पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि प्रामाणिक दस्तावेजों के आधार पर मुद्दे उठाकर सरकार से उत्तर मांगा जाएगा। इसके लिए महालेखाकार के प्रतिवेदन, विधानसभा में दी गई जानकारी और सूचना का अधिकार के माध्यम से प्राप्त दस्तावेजों को आधार बनाया जा रहा है। शिवराज सरकार के कद्दावर मंत्री गोपाल भार्गव, डा. नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह राजपूत, तुलसीराम सिलावट, महेंद्र सिंह सिसौदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, विश्वास सारंग कांग्रेस के निशाने पर रहेंगे। इनसे जुड़े विभागों के मामलों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।
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हिज्ब-उत-तहरीर के 10 सदस्यों को 2 जून तक जेल:कड़ी सुरक्षा के बीच भोपाल की NIA कोर्ट में पेशी
भोपाल। हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) के 10 सदस्यों को बुधवार को भोपाल की NIA कोर्ट में पेश किया गया। 24 मई को इनकी रिमांड पूरी हो चुकी है। कोर्ट ने इन्हें 2 जून तक जेल भेज दिया। सभी को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया था। जहां सभी को NIA की रघुवीर प्रसाद पटेल की कोर्ट में पेश किया गया।
भोपाल, छिंदवाड़ा और तेलंगाना से गिरफ्तार HUT के 16 सदस्यों को ATS ने 19 मई को भी कोर्ट में पेश किया था। तब कोर्ट ने 6 को जेल भेज दिया था। बाकी 10 सदस्यों को 24 मई तक के लिए रिमांड पर सौंपा था। 19 मई को ATS ने HUT सदस्यों से पूछताछ की मांग करते हुए रिमांड मांगी थी। इसका बचाव पक्ष ने विरोध करते हुए कहा था, अभी तक ली गई रिमांड में ATS इनसे कुछ खास नहीं उगलवा पाई है। कोर्ट ने 10 सदस्यों की 24 मई तक रिमांड मंजूर कर ली थी।
24 मई को सभी 16 संदिग्धों को मिनी बस से पेशी के लिए कोर्ट लाया गया था। इस दौरान कोर्ट में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। इंटेलिजेंस एजेंसियों के मेंबर भी मौजूद रहे। मीडिया को दूर ही रोक दिया गया। NIA कोर्ट का रास्ता ब्लॉक किया गया था। आरोपियों के वकीलों के अलावा किसी को भी जाने की इजाजत नहीं दी। उनके परिवार के सदस्य भी मिलने आए, जिन्हें अलग रोका गया। पेशी के बाद ही उनकी मुलाकात कराई गई।