महू । महू कोतवाली थानांतर्गत धार रोड पर बुधवार को एक नवविवाहिता की उसके पति ने धारदार हथियार से 10-12 वार कर निर्मम हत्या कर दी। इनकी शादी 17 दिन पहले ही हुई थी। इसके बाद युवती के सास-ससुर उसे अस्पताल लेकर गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया।
आरोपित पति को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उसे भी चोट आई है, जिसे इलाज के लिए ले जाया गया। इधर युवती के सास-ससुर लापता हो गए।
एडिशनल एसपी शशिकांत कनकने ने बताया कि अंजली और विक्रम पुत्र महेश सतोगिया की शादी 21 मई को हुई थी। गत चार-पांच दिनों से अंजली ससुराल में थी। विक्रम ने यह हत्या क्यों की। इस बात का अब तक पता नहीं चला है।
पुलिस के अनुसार पति विक्रम के हाथ पर चाकू से कटने के घाव हैं। वह अब तक कुछ नहीं बोला है। वहीं उसके मां-पिता फरार हैं। अंजली का मायका देपालपुर का है। पोस्टमार्टम करने वाले डा. हंसराज वर्मा ने बताया कि युवती पर मल्टीपल स्टेबिंग की गई है।
अंजली के पिता भरत यादव ने बताया कि लड़का और लड़की एक-दूसरे से करीब डेढ़ साल से बात करते थे। शादी के दो माह पहले सगाई भी हो गई थी। शादी के बाद अंजली मायके में थी। चार-पांच दिन पहले ही उसे ससुराल भेजा था। घटना की एक रात पहले मंगलवार को अंजली ने फोन पर कहा था कि मुझे लेने आ जाओ।
सुबह विक्रम के पिता महेश का फोन आया और घटना की जानकारी दी। जब हम पहुंचे तब मौके पर कोई नहीं था। लड़के को पुलिस ने पकड़ लिया। लड़के के परिवार की ओर से दहेज की मांग की जा रही थी।
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जमीन विवाद में मारपीट और गोलीकांड के आरोपित के अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर
रतलाम/पिपलौदा । पिपलौदा थाना क्षेत्र ग्राम बोरखेड़ा में जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में हुई मारपीट व गोली चलाने की घटना के बाद तनाव उत्पन्न हो गया था, लेकिन अब वहां स्थिति सामान्य है। वहीं प्रशासन ने बुधवार को आरोपित इकबाल बेग के पोल्ट्रीफार्म का अवैध हिस्सा बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए हैं। घायलों का इंदौर में इलाज चल रहा है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है।
इस घटना को लेकर गांव में तनाव की स्थिति बन गई थी। जिला अस्पताल में इलाज के लिए इकबाल के साथ आई उनकी गोद ली गई बेटी कविता ने बताया था कि उनके पास फोन आया है कि गांव में कुछ लोग पोल्ट्रीफार्म पर पथराव कर मजदूरों को मार रहे हैं।
उनसे पुलिसकर्मियों ने कहा था वहां पुलिस बल गया है। वहीं कुछ लोग एकत्र होकर इकबाल बेग का पोल्ट्रीफार्म जलाने की तैयारी कर रहे थे।
सूचना मिलने पर पिपलौदा थाना प्रभारी आरएस बरडे व अन्य अधिकारी दल लेकर गांव पहुंच गए थे । पोल्ट्रीफार्म के पास एकत्र भीड़ को वहां से हटाकर स्थिति सामान्य की गई थी।
रात में ही कलेक्टर नरेंद्रकुमार सूर्यवंशी व एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा भी पहुंच गए थे। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से घटना की जानकारी लेकर घटना स्थल का निरीक्षण कर थाना प्रभारी और पुलिस बल को त्वरित वैधानिक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया।
बुधवार बड़ी संख्या में अधिकारी जेसीबी व अतिक्रमण हटाओ दस्ता लेकर इकबाल के पोल्ट्रीफार्म पहुंचे। कुछ देर बाद उसके अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला दिया गया। इस दौरान एएसपी राकेश खाखा, एसडीएम जावरा हिमांशु प्रजापति, जावरा एसडीओपी रवींद्र बिलवाल, सैलाना एसडीओपी आदि मौजूद थे
पिपलौदा थाना प्रभारी आरएस बरडे ने बताया कि दोनों पक्षों के खिलाफ अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए गए हैं। लक्ष्मणदास की तरफ से आरोपित इकबाल व कविता के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। वहीं इकबाल की तरफ से लक्ष्मण व अन्य के खिलाफ भी विभिन्न धाराओ में प्रकरण दर्ज किया गया है। प्रकरण में अभी किसी की भी गिरफ्तारी नहीं ली गई है। गांव में स्थिति सामान्य है।
यह है मामला
54 वर्षीय इकबाल पुत्र अब्दुल बैग निवासी ग्राम उपरवाड़ा का ग्राम बोरखेड़ा में पोल्ट्रीफार्म है। पास में ही जावरा के व्यापारी 68 वर्षीय लक्ष्मणदास पुत्र प्यारेदास मेहता की भी जमीन है। दोनों पक्षों के बीच पिछले कई माह से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है।
इसे लेकर मंगलवार की रात दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए थे। विवाद बढ़ने पर मारपीट होने लगी थी। इस दौरान आरोपित इकबाल ने लक्ष्मणदास पर गोली चला दी थी, इससे वे घायल हो गए थे।
लक्ष्मणदास पक्ष ने इकबाल पर लाठी व अन्य हथियार से हमला कर दिया था। इससे इकबाल भी गंभीर रूप से घायल हो गया था। वहीं कविता से भी मारपीट की गई थी। इकबाल व कविता को पिपलौदा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया था। वहां से दोनों को जिला अस्पताल रेफर किया गया था।
लक्ष्मणदास को जावरा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया था। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें मेडिकल कालेज रेफर किया गया था। मेडिकल कालेज से लक्ष्मणदास को इंदौर रेफर किया गया। जिला अस्पताल से इकबाल को भी इंदौर रेफर कर दिया गया।
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निर्माण कार्यों के दस्तावेज नहीं दे रही कंपनी, 6 मूर्तियां गिरने की जांच कर रहा लोकायुक्त संगठन
भोपाल । उज्जैन स्थित ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के श्री महाकाल महालोक में हुए निर्माण कार्यों में गड़बड़ी की तीन शिकायतों के बाद भी जांच के लिए उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी जांच एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं कर रही है। जांच करने पहुंची लोकायुक्त संगठन की टीम को स्मार्ट कंपनी के अधिकारियों ने निर्माण से जुड़े दस्तावेज देने व दिखाने से मना कर दिया।
इसके बाद लोकायुक्त संगठन की ओर से स्मार्ट सिटी के कार्यपालक निदेशक को नोटिस भेजकर फिर से निविदा समेत सभी दस्तावेज मांगे गए हैं। नहीं देने पर जब्त करने की चेतावनी दी गई है। यह भी पूछा गया है कि सप्त ऋषियों की मूर्तियां फाइबर रीइन्फोसर्ड प्लास्टिक (एफआरपी) की लगाने का निर्णय कब लिया गया था।
संगठन यह भी जांच कर रहा है कि मूर्तियों का निर्माण तय मापदंडों के अनुसार किया गया था या नहीं। महाकाल लोक के निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत सबसे पहले तराना (उज्जैन) सीट से कांग्रेस विधायक महेश परमार ने अगस्त 2022 में की थी।
इसके बाद दिसंबर 2022 में तराना के ही लक्षमण कुमार नामक व्यक्ति ने भी शिकायत की थी। 28 मई को आंधी में सप्त ऋषियों में से छह मूर्तियां गिरने के बाद लोकायुक्त संगठन ने मामले का स्वत: संज्ञान लेकर एक और शिकायत दर्ज की है।
इसी शिकायत की जांच करने लोकायुक्त संगठन की तकनीकी टीम उज्जैन गई थी। टीम ने मूर्तियों के निर्माण के संबंध में निर्धारित शर्तों से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं। इस आधार पर यह तय किया जाएगा कि निर्माण तय मापदंडों के अनुसार किया गया था या नहीं।
दूसरा यह भी देखा जाएगा कि मापदंडों के निर्धारण में कोई ढि़लाई तो नहीं की गई थी। मूर्तियां गिरने के बाद कांग्रेस ने भी सरकार को घेरा है। उसने निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उधर, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र कह चुके हैं कि निर्माण में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है।