This website uses cookies to ensure you get the best experience on our website.

ATS ने पोरबंदर से 5 लोगों को गिरफ्तार किया, आतंकी संगठन ISIS से लिंक, विदेश भागने वाले थे

User Rating: 4 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar ActiveStar Inactive
 


अहमदाबाद। गुजरात पुलिस के एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने पोरबंदर से श्रीनगर के चार युवकों और सूरत की एक महिला को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक विदेशी नागरिक है। ATS सूत्रों के मुताबिक, चारों के अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन ISIS (K) से लिंक हैं। महिला के पास से चार मोबाइल और अन्य डिजिटल डिवाइसेज भी बरामद की गई हैं।
गुजरात ATS के IG दीपेन भद्रन ने बताया कि गिरफ्तार पांचों शख्स आतंकी संगठन ISIS खुरासान के मॉड्यूल का हिस्सा हैं। ये पिछले एक साल से एक-दूसरे के संपर्क में थे और ISIS में शामिल होने के लिए देश से भागने की योजना बना रहे थे।
ये सभी ISIS के मॉड्यूल पर काम करते हुए सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का काम कर रहे थे। साथ ही गुजरात से जुड़ी सीक्रेट इन्फॉर्मेशन विदेश भेज रहे थे। ATS पिछले कई दिनों से पोरबंदर और आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन चला रही थी। इसी ऑपरेशन के तहत इन पांचों की गिरफ्तारी की गई है।
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी और ATS की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी गई कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान (ISKP) से जुड़े चार कट्टरपंथी युवक गुजरात के समुद्री रास्ते से देश छोड़कर भागने की योजना बना रहे थे। ये चारों व्यक्ति ईरान के रास्ते अफगानिस्तान जाने वाले थे। गुजरात एटीएस को इसकी पुख्ता सूचना मिली थी।
इसके बाद टीम ने 9 जून को पोरबंदर रेलवे स्टेशन के पास से चारों युवकों को हिरासत में लिया। इसके बाद इनकी सहयोगी महिला को सूरत से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए चारों युवक उबैद नासिर मीर, हनान हयात शॉल, मोहम्मद हाजिम शाह और जुबैर अहमद मुंशी शामिल हैं। इनके लोकल लिंक तलाशे जा रहे हैं।
IG दीपेन भद्रन, SP सुनील जोशी, DSP के.के. पटेल, DSP शंकर चौधरी समेत कई पुलिस अधिकारियों की टीमें दो दिन से द्वारका में डेरा डाले हुई थीं। शुरुआत में मीडिया को यही जानकारी दी गई थी कि द्वारका के समुद्री तट पर भारी मात्रा में ड्रग्स और हेरोइन की खेप पहुंची है। द्वारका से टीमें गुपचुप तरीके से पोरबंदर रवाना हो गई थीं, जिसके बाद चारों की गिरफ्तारी हुई।
पोरबंदर से पहले 26-27 मई को NIA और मध्यप्रदेश ATS ने एक जॉइंट ऑपरेशन चलाया था। जिसमें मध्यप्रदेश से तीन लोगों को अरेस्ट किया गया था। तीनों पर ISIS से जुड़े आतंकी मॉड्यूल पर काम करने का आरोप है। टीम ने जबलपुर में 13 जगहों पर छापेमारी की थी।
MP में अरेस्ट किए गए इन तीनों की पहचान सैयद ममूर अली, मोहम्मद शाहिद और मोहम्मद आदिल खान के तौर पर की गई थी। इनके पास से धारदार हथियार, आपत्तिजनक कागजात, गोला-बारूद और डिजिटल टूल बरामद हुए थे, जिन्हें जब्त कर लिया गया था।
---------------------------------
मणिपुर हिंसा : IAS, IPS सहित 11 अफसरों का तबादला, शांति बहाली के लिए केंद्र सरकार ने बनाई ये कमेटी
नई दिल्ली । मणिपुर में जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। तीन मई से राज्य में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा का जारी है। गृह मंत्री अमित शाह की अपील भी अब तक बेअसर साबित हुई है। इधर अब केंद्र सरकार ने राज्य में शांति बहाल करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है।
पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी हिंसा थमती नजर नहीं आ रही है। राज्य में 3 मई से कूकी और मैतेई समुदाय के बीच जातिगत हिंसा जारी है। इस हिंसा में अभी तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 310 घायल हैं और 37 हजार से ज्यादा लोग 272 राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। दर्जनों गांव खाली हो गए। उपद्रवियों ने सैकड़ों वाहनों को आग के हवाले कर दिया। राज्य में जारी हिंसा पर काबू पाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी चार दिनों के दौरे पर आए थे। लेकिन अमित शाह के दौरे और उनकी अपील का भी कोई खास असर होता नजर नहीं आ रहा है। अब शनिवार को राज्य में जारी ताजा हिंसा की गाज 11 अफसरों पर गिरी है। सरकार ने 11 अफसरों का तबादला कर दिया है।
मणिपुर हिंसा के बीच शनिवार को राज्य के 11 अफसरों का तबादला किया गया है। इनमें IAS और IPS अफसर शामिल हैं। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह इस महीने की शुरुआत में 4 दिन के दौरे पर यहां आए थे। इस दौरान राज्य के DGP पी. डोंगल को हटा दिया गया। उनकी जगह राजीव सिंह को कमान सौंपी गई। शनिवार को जिन अफसरों का तबादला किया गया, उनमें से ज्यादातर हिंसा प्रभावित क्षेत्र के थे।
दूसरी ओर शनिवार को केंद्र सरकार ने राज्य में शांति कायम करने के लिए एक पीस कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का अध्यक्ष राज्यपाल को बनाया गया है। इसके अलावा कमेटी के सदस्यों में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के कुछ मंत्री, सांसद, विधायक और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं। समिति में पूर्व सिविल सेवक, शिक्षाविद्, साहित्यकार, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न जातीय समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल किए गए हैं।
इस बीच शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्वा सरमा मणिपुर पहुंचे। वे राज्य के CM एन. बीरेन सिंह से मिले। इस दौरान दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच मणिपुर में जारी हिंसा पर भी हुई। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री मणिपुर में जारी हिंसा की पृष्ठभूमि पर चर्चा कर रहे हैं। बता दें कि असम और मणिपुर पड़ोसी राज्य है। दोनों राज्यों के कई लोग एक-दूसरे राज्य में रहते हैं।
मणिपुर में हिंसा के कारण 3 मई से इंटरनेट बंद है। राज्य में इंटरनेट बहाली के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार तत्काल लिस्टिंग से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि उच्च न्यायालय ने इस मामले को जब्त कर लिया है।
मणिपुर में 39 दिन से जारी हिंसा में अब तक अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 310 घायल हैं और 37 हजार से ज्यादा लोग 272 राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। इस दौरान राज्य में हिंसा के मामलों में करीब 3700 एफआईआर दर्ज की गई है।
एक दिन पहले शनिवार को राजधानी इंफाल के पास कुकी बहुल खोकेन गांव में अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। शुक्रवार को मणिपुर पुलिस ने बताया कि बीते 24 घंटों में मणिपुर के इंफाल ईस्ट, काकचिंग, टेंग्नौपाल और बिष्णुपुर जिलों में 57 हथियार, 1,588 गोला-बारूद और 23 बम बरामद किए हुए हैं। हिंसा के बाद से अब तक राज्य में कुल 953 हथियार, 13,351 गोला बारूद और 223 बम बरामद किए गए हैं।
उधर, 9 जून को ही CBI ने मणिपुर हिंसा के संबंध में 6 केस दर्ज किए। जांच के लिए SIT बनाई है, इसमें 10 सदस्य हैं। इसी दिन सुप्रीम कोर्ट की वैकेशनल बेंच ने राज्य में 3 मई से लगे इंटरनेट बैन पर फौरन सुनवाई से इनकार कर दिया। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने कहा कि मामला पहले से हाईकोर्ट में है। इस पर सुनवाई होने दें।
मणिपुर की ताजा हिंसा की दो प्रमुख वजहें हैं। एक है बहुसंख्यक मैइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का फैसला जिसका कुकी और नागा समुदाय विरोध कर रहे हैं। कुकी और नागा समुदाय को आजादी के बाद से ही आदिवासी का दर्जा मिला हुआ है। और दूसरी वजह है गवर्नमेंट लैंड सर्वे। बीजेपी की अगुआई वाली राज्य सरकार ने रिजर्व्ड फॉरेस्ट यानी आरक्षित वन क्षेत्र को आदिवासी ग्रामीणों से खाली कराने का अभियान चला रही है। कुकी समुदाय इसके विरोध में है।
------------------------------------
ओडिशा रेल हादसा...CBI ने बहनगा स्टेशन को सील किया,CBI ने जरूरी दस्तावेज भी जब्त किए
भुवनेश्वर। ओडिशा रेल हादसे की जांच में CBI जुटी हुई है। जांच एजेंसी ने बहनगा स्टेशन को सील कर दिया है। अगले आदेश तक इस स्टेशन पर कोई भी पैसेंजर ट्रेन या मालगाड़ी नहीं रुकेगी। हर दिन यहां से करीब 170 ट्रेन गुजरती हैं। हादसे के बाद 7 ट्रेन रुक रही थीं। यह जानकारी न्यूज एजेंसी ANI ने रेलवे अधिकारी आदित्य कुमार चौधरी के हवाले से दी है।
रेलवे अधिकारी चौधरी ने बताया कि CBI ने जांच के दौरान स्टेशन में मौजूद सभी दस्तावेज चेक किए। लॉग बुक, रिले पैनल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त कर ली है।
बता दें कि 2 जून को ओडिशा के बालासोर में दो सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर हुई, जिसमें 288 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे में 1208 लोग घायल हुए थे।
रेलवे अधिकारी ने बताया कि CBI की दो सदस्यीय टीम शुक्रवार को दुर्घटनास्थल पहुंची थी। एजेंसी ने यहां कई जगहों से कुछ जरूरी सबूत इकट्ठा किए। इसके बाद करीब 2 घंटे तक पैनल और रिले रूम की जांच की। टीम ने दोनों रूम और डेटा लॉकर को सील कर दिया। माना जा रहा है कि CBI को हादसे से जुड़े कुछ अहम सबूत मिल सकते हैं।
2 जून की रात करीब 10 बजे मीडिया रिपोर्ट्स में आया कि दो यात्री गाड़ियां और एक मालगाड़ी टकरा गई हैं। शुरुआत में 30 लोगों के मारे जाने की जानकारी थी, लेकिन देर रात यह आंकड़ा 200 के पार पहुंच गया। इसके अगले दिन 3 जून को दोपहर 2 बजे तक मरने वालों का आंकड़ा 288 पहुंच चुका था।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि बहनगा बाजार स्टेशन की आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन पर चली गई और वहां खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया और बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरीं। कुछ देर बाद तीसरे ट्रैक पर आ रही हावड़ा-बेंगलुरु दुरंतो एक्सप्रेस ने कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों को टक्कर मार दी।
हादसे के 48 घंटे बाद रविवार रात घटनास्थल से एक यात्री जिंदा मिला। हादसे के वक्त वह बोगी से निकलकर झाड़ियों में गिरकर बेहोश हो गया था। युवक की पहचान असम के रहने वाले डिलाल के रूप में हुई है। उसे तुरंत रेस्क्यू करके इलाज के लिए भेजा दिया गया, जहां उसे होश भी आ गया। घटना में उसका फोन और वॉलेट गायब हो गया।