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भाजयुमो नेता के पिता को गोली मारी, खुलेआम फायरिंग से दो की मौत

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देवास। एमपी में फिर बंदूकें चलीं हैं। एक गांव में दो पक्षों में खुलेआम फायरिंग हुई जिसमें दो लोगों की मौत हो गई है। इस वारदात में कुछ लोग घायल भी हुए हैं। गांव में खुलेआम फायरिंग होने और दो लोगों की मौत हो जाने की सूचना के बाद पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने शव बरामद किए और घायल को अस्पताल भेजा। दोनों पक्ष किस बात पर हिंसक हुए इस बात की जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
देवास जिले के सतवास थाना क्षेत्र में यह घटना हुई,सतवास थाना प्रभारी और जवान मौके पर- मध्यप्रदेश के देवास जिले में दो पक्षों में जानलेवा संघर्ष हुआ। इस विवाद में खुलेआम फायरिंग हुई जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। देवास जिले के सतवास थाना क्षेत्र में यह घटना हुई है। सतवास थाना प्रभारी और जवान मौके पर पहुंच गए हैं।
देवास जिले के सतवास थाना क्षेत्र के गांव गोलागुठान में रंजिश के चलते दो पक्षों में विवाद के बाद रविवार सुबह गोलीबारी हो गई। पुलिस ने बताया कि गोली लगने से 3 लोग घायल हो गए जिनमें से दो की मौत हो गई। सूचना मिलने पर सतवास सहित आसपास के थाना क्षेत्रों का फोर्स मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की गई।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आपसी रंजिश के चलते जाट समाज के दो परिवार में विवाद हुआ था। रविवार को सुबह 9 बजे ग्राम गोलागुठान के ही गोदारा वा देदढ़ परिवार के बीच कहासुनी के बाद पुरानी रंजिश के चलते विवाद हो गया था। विवाद इतना बढ़ गया कि बात बंदूक तक पहुंच गई। विवाद में गोदारा परिवार के तीन सदस्यों को गोली लगी है जिसमें से राजेश पिता नारायण गोदारा की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं कैलाश पिता रामचंद्र गोदारा की इन्दौर ले जाते समय मौत हो गई। मृतक कैलाश भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष अनिल गोदारा के पिता हैं। बाकी एक घायल को इंदौर रेफर किया गया है।
बताया जाता है कि गोलियां देडढ़ परिवार द्वारा चलाई गई थी। दोनो ही परिवार जाट समाज से आते है। कन्नौद एसडीओपी ज्योति उमठ ने बताया गोलीकांड में दो लोगों की मौत हुई है। मौके पर फोर्स तैनात है। पुलिस जांच कर रही है। रंजिश के कारण का पता किया जा रहा है।
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दलालों के जरिए बेची जा रही थी सरकारी जमीन, 12 लोगों पर केस दर्ज
इंदौर । शहर के छोटा बांगड़दा क्षेत्र में शासकीय भूमि अवैध तरीके से खरीदी-बेची जा रही थी। इस जमीन पर मकान भी बनाए जा रहे थे। प्रशासन के संज्ञान में मामला आने के बाद यहां शासकीय भूमि से 18 मकान, निर्माणाधीन मकान और अन्य अतिक्रमण हटाए गए। यहां करीब आठ करोड़ 60 लाख रुपये की जमीन मुक्त कराई गई है। अवैध कब्जा करने के मामले में 12 लोगों के खिलाफ एरोड्रम थाने पर एफआइआर दर्ज कराई गई।
आरोपितों में जफर अब्दुल, नितिन मनोहरलाल जायसवाल, हासम कासम खां, अजमेरी कासम खान, पुरुषोत्तम छोटेलाल शर्मा, माधव गिरधारी लाल, केशव उर्फ मामा तिवारी, रूपेश कुमार सुरेशचंद पिंगले, मनोज जायसवाल, पूजा जाट, विशाल उर्फ काकू और अनिल खेची आदि शामिल हैं। जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस ने संयुक्त रूप से यह कार्रवाई की।
बांगड़दा में सर्वे नंबर 332 की रकबा 4.440 हेक्टेयर शासकीय और अन्य शासकीय भूमि अवैध रूप से बेचने का मामला सामने आया था। प्रशासन ने इसकी जांच कराई और इसके बाद कार्रवाई की। पुलिस ने इस मामले में भूमाफिया रामसुमिरन कश्यप के बेटे विशाल की शिकायत पर शासकीय भूमि बेचने वालों, दलालों और षड्यंत्र में शामिल लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, दस्तावेजों में हेराफेरी, कूटरचित दस्तावेज करने का प्रकरण दर्ज किया।
शासकीय भूमि को सुरक्षित करने के लिए नगर निगम द्वारा दीवारों पर सूचना लिखवाई गई थी कि यह शासकीय भूमि है, इसकी खरीदी-बिक्री न की जाए। भूमाफिया के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि उन्होंने दीवारों पर लिखी सूचना मिटा दी। प्रशासन ने अब भूमि के चारों ओर गलियों में पेंटिंग करके कई जगह शासकीय भूमि की सूचना लिखवाई है। लोहे के बोर्ड भी लगाकर सूचना लिखी गई है। बोर्ड पर एसडीएम व तहसीलदार आदि अधिकारियों के नंबर भी लिखे गए हैं। कलेक्टर डा. इलैया राजा टी ने बताया कि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर बेचने वालों के खिलाफ आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 13 हजार मानदेय:CM का ऐलान- रिटायरमेंट पर सवा लाख रु. देंगे
भोपाल। मध्यप्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब रिटायर होने पर एकमुश्त सवा लाख रुपए दिए जाएंगे। आंगनबाड़ी सहायिका को रिटायरमेंट पर एक लाख रुपए मिलेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा, 'आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाकर 13 हजार रुपए कर दिया जाएगा। मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय भी बढ़ाकर 6500 रु. कर दिया जाएगा।'
CM ने भोपाल के भेल दशहरा मैदान में आयोजित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सम्मेलन में एक और ऐलान करते हुए कहा, 'आंगनबाड़ी सहायिका को पदोन्नति में आरक्षण 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाएगा।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का 5 लाख तक का स्वास्थ्य और दुर्घटना बीमा कराया जाएगा।'
CM ने कहा, 'जब मैं मुख्यमंत्री बना, उस समय मानदेय था सिर्फ 500 रुपए। इसे बढ़ाकर 2008-09 में हमने 1500 रुपए किया। इसके बाद 2013-14 में इसे और बढ़ाते चले गए। 2018 में हमने फिर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दिया। यह काम भाजपा सरकार ने किया, कांग्रेस ने कभी नहीं किया। कमलनाथ और कांग्रेस ने एक पाप जरूर किया। हमने जो 10 हजार रु. बढ़ाए थे, उसी में से 1500 रु. उन्होंने मार दिए। पैसे काट लिए। यह अन्याय था।'
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सम्मेलन में संघ की प्रदेश अध्यक्ष संगीता श्रीवास्तव के बयान पर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने CM शिवराज सिंह चौहान को घेरा है। उन्होंने ट्वीट किया- सम्मेलन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संघ की अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को भरे मंच पर आईना दिखाया। कहा- आज दिनांक तक नहीं मिली आपके द्वारा घोषणा की गई राशि।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं का सम्मेलन भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले हुआ। सम्मेलन में भाग लेने प्रदेशभर से महिलाएं पहुंचीं। वे तपती दोपहरी में गर्मी से परेशान दिखीं। कूलर और पंखों का इंतजाम नहीं था। महिलाएं दुपट्‌टे, साड़ी के पल्लू और कागजों से हवा करते हुए भीषण गर्मी में अपनी मांगों को मनवाने के लिए बैठी रहीं।
रतलाम जिले से आई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अमृता पहाड़िया ने कहा- हमें शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का 20 हजार और सहायिका का वेतन 10 हजार रुपए किया जाए। सरकारी काम में कार्यकर्ता को बुलाया जाता है। अभी लाड़ली बहना योजना का कार्यक्रम चल रहा था, तो हम लोग घर-घर जाकर महिलाओं को लेकर आए। हर काम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कराया जाता है, लेकिन इसके बदले अलग से एक रुपया नहीं मिलता। हमारी मांग है कि दूसरे विभागों के कामों में जब हमारी ड्यूटी लगाई जाती है, तो इसका अलग से पैसा दिया जाए।
झाबुआ जिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की उपाध्यक्ष ज्योत्सना दीक्षित ने कहा- हमें नियमित किया जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं को हर विभाग में लगा देते हैं, लेकिन उसकी मजदूरी नहीं मिलती। हमारी बहनें जब रिटायर होती हैं, तो उन्हें एक रुपया नहीं मिलता। खाली हाथ घर पर बैठना पड़ता है। रिटायरमेंट के समय एकमुश्त दो-पांच लाख की राशि देनी चाहिए। यह पैसा वृद्धावस्था के लिए सहारा बनेगा। मुख्यमंत्री जी ने आश्वासन दिया था कि आपको सम्मानजनक वेतन दिया जाएगा इसीलिए आज हम आए हैं कि कम से कम 20 हजार रुपए वेतन तो मिलना ही चाहिए।