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नेशनल हाईवे पर किसानों का 'कब्जा, लाठियां लेकर बैठे, ट्रैक्टर खड़े किए; टिकैत बोले- सभी यूनिट अलर्ट रहें

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कुरुक्षेत्र। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों और सरकार में बातचीत विफल होने के बाद उन्होंने जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे-44 पर पिपली के पास जाम लगा दिया है। किसान फ्लाईओवर और सर्विस रोड बंद कर लाठियां लेकर हाईवे पर बैठ गए हैं। हाईवे के ऊपर ट्रैक्टर खड़े कर दिए गए हैं। पुलिस ने जाम के चलते वाहनों के रूट डायवर्ट किए हैं।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा-''पीपली अनाज मंडी में MSP महापंचायत में फैसला लिया गया की हम अपनी मांगे माने जाने तक हाईवे को बंद रखेंगे। अतः सभी प्रदेशों की इकाई अग्रिम सूचना तक कुरूक्षेत्र पर नजर बनाए रखें और अगले आदेश का इंतजार करें,सरकार की यह दमनकारी नीति देश का अन्नदाता बर्दाश्त नहीं करेगा।
इससे पहले किसान नेताओं ने कहा कि 2 बार प्रशासन से बातचीत हुई है। उन्होंने CM से करनाल में बात करने का भरोसा दिया लेकिन फिर कहा कि वे चले गए हैं। इससे साफ है कि सरकार पूरे मामले को लेकर गंभीर नहीं है। इसलिए लाठी-डंडे पड़ें या जेल भेजें, अब हाईवे जाम किया जाएगा।
किसानों की सूरजमुखी को लेकर 'MSP दिलाओ-किसान बचाओ रैली' हुई। इसमें हरियाणा के अलावा राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और यूपी से हजारों की संख्या में किसान पहुंचे। किसान सूरजमुखी पर MSP और किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी व दूसरे नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
पिपली में महापंचायत के बाद रोड पर पहुंचे किसान।
पूरा विवाद-हरियाणा सरकार ने ऐलान किया था कि वह सूरजमुखी को भावांतर योजना के तहत खरीद करेगी। जिसमें मार्केट रेट पर खरीद में हुए नुकसान की भरपाई सरकार करती है। मगर, किसान MSP पर खरीद की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर सरकार से वार्ता हुई, लेकिन वह विफल रही। इसके बाद 6 जून को किसानों ने जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे को जाम कर दिया।
इस बीच पुलिस हाईकोर्ट के ऑर्डर लाई और 15 मिनट में जाम खोलने को कहा। किसान नहीं माने तो पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। किसानों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। पुलिस किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी समेत अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। इस दौरान किसानों की तरफ से भी पत्थरबाजी करने के आरोप लगे। हालांकि पुलिस देर शाम हाईवे खुलवाने में कामयाब रही।
नेताओं को हिरासत में लेने के बाद किसान भड़क गए। 7 जून को पूरे हरियाणा में सड़कें जाम करने का ऐलान कर दिया गया। ऐलान के मुताबिक किसानों ने रोड जाम कर दिए। टोल प्लाजा पर प्रदर्शन किया। इस दिन भी कई किसान हिरासत में लिए, लेकिन शाम को वो छोड़ दिए थे। रोहतक में किसानों और पुलिस में झड़प हुई थी।
इसी दिन गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत 9 किसान नेताओं को पुलिस ने कुरुक्षेत्र जिला कोर्ट में पेश किया। अदालत में सभी ने जमानत लेने से मना कर दिया। इसके बाद सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
इसके बाद कुरुक्षेत्र के शाहबाद में किसान नेताओं की रिहाई और एमएसपी को लेकर पंचायत हुई। जिसमें किसान संगठनों ने 12 जून को पिपली में महापंचायत का फैसला लिया।
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बिपरजॉय तूफान से मुंबई में हाई अलर्ट:गुजरात के तटीय इलाकों से लोगों को हटाया जा रहा
नई दिल्ली। तूफान बिपरजॉय खतरनाक हो रहा है। पहले यह पाकिस्तान की ओर जा रहा था, लेकिन अब वह गुजरात की ओर बढ़ रहा है।
तूफान पोरबंदर से फिलहाल दक्षिण-पश्चिम में 310 किलोमीटर दूर है। इसके 14-15 जून को गुजरात के तटीय इलाकों से टकराने की आशंका है। इस दौरान 150 KMPH की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है।
तूफान के रूट बदलने के बाद SDRF की टीम ने गुजरात के तटीय इलाकों से लोगों को हटाने का काम शुरू कर दिया है। SDRF की 10 टीमें तैनात की गई हैं।
मौसम विभाग ने सौराष्ट्र, कच्छ समेत 10 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा मुंबई को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। 16 जून को राजस्थान में आंधी-बारिश होने की आशंका है।
तूफान की स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक इमरजेंसी मीटिंग की, जिसमें गृह मंत्रालय, NDRF और सेना के अधिकारी मौजूद रहे।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह 13 जून को दिल्ली में राज्यों और यूनियन टेरिटरीज के आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे।
मौसम विभाग के सोमवार दोपहर 12 बजे के अपडेट के मुताबिक, सुबह 8:30 बजे तूफान गुजरात के पोरबंदर से 310 किमी, द्वारका से 340 किमी, जखौ पोर्ट से 420 और नालिया से 430 किमी दूर था।
15 जून को दोपहर तक यह जखौ पोर्ट से 50 किमी और नालिया से 70 किमी की दूरी से गुजरेगा। इस दौरान 125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जो 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक भी जा सकती हैं।
तूफान को 'बिपरजॉय' नाम बांग्लादेश ने दिया है। इसका मतलब 'विपत्ति' या 'आपदा' होता है।
NDRF की 12 टीमें तैनात की गई हैं, वहीं 15 से ज्यादा टीमों को तैयार रहने के लिए कहा गया है।
कोस्ट गार्ड, आर्मी और नेवी की रेस्क्यू और रिलीफ टीमों को स्टैंडबाई पर रखा गया है।
तूफान के असर को देखते हुए गुजरात के कच्छ, राजकोट, भावनगर, पोरबंदर, गिर-सोमनाथ, द्वारका, जखौ, जाफराबाद में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
कच्छ जिले में धारा 144 लगा दी गई है। आज से तीन दिनों के लिए सभी स्कूल-कॉलेजों में छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं।
तूफान के चलते गुजरात में अगले चार दिन तक आंधी चलेगी। सबसे ज्यादा असर सौराष्ट्र-कच्छ इलाके में होगा।
इसके चलते पेड़ों के टूटने, उखड़ने के साथ बिजली और टेलीफोन लाइनों के खंभों को नुकसान पहुंचने की संभावना है।
BJP ने केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के नौ वर्ष पूरे होने पर आयोजित होने वाली सभाओं को रद्द कर दिया है। पार्टी ने 15 जून तक की सभाएं रद्द की हैं।
बिपरजॉय की वजह से सोमवार को ठाणे, रायगढ़, मुंबई और पालघर में 45-55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और भारी बारिश होने की आशंका है। रविवार देर रात तेज हवाएं चलने की वजह से मुंबई एयरपोर्ट पर ऑपरेशन प्रभावित हुआ।
बिपरजॉय तूफान अरब सागर से 6 दिन पहले उठा था। इसका असर 10 दिनों तक रह सकता है। यह हाल के दिनों में अब तक का सबसे लंबे समय तक रहने वाला तूफान है। IIT मद्रास की स्टडी के मुताबिक, ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव में अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान लगातार और गंभीर होते जा रहे हैं। पिछले चार दशकों में अरब सागर में साइक्लोन के ड्यूरेशन में 80% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि बहुत गंभीर चक्रवातों की समय-सीमा में 260% का इजाफा देखा गया।
समुद्र के ऊपर एक चक्रवाती तूफान जितने अधिक समय तक रहता है, उतनी ही ज्यादा ऊर्जा और नमी जमा होने की संभावना होती है। जिससे तूफान के और अधिक खतरनाक होने और जमीन से टकराने के बाद नुकसान पहुंचाने की संभावना बढ़ जाती है।