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युवक की हत्या, 7 टुकड़े किए: भीड़ ने आरोपियों का घर फूंका, पुलिस ने पूर्व CM को रोका

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में हिंदू युवक की निर्मम हत्या के बाद बवाल मच गया है। माहौल तनावपूर्ण होने के बाद प्रशासन ने सलूणी सब डिवीजन में धारा 144 लागू कर दी है। अब तक मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपियों ने युवक की पीट-पीटकर हत्या करने के बाद उसके 7 टुकड़े कर नाले में छिपा दिए थे। जिन्हें बरामद कर लिया है।
इस हत्या के बाद लोग भड़क गए हैं। उन्होंने थाने का घेराव किया। यहां तक की लोगों ने आरोपी परिवार का घर जला दिया। वहीं मामले में नेताओं की भी एंट्री हो चुकी है। शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर मृतक मनोहर लाल के परिवार से मिलने चंबा पहुंचे, लेकिन सलूणी सब डिवीजन में धारा 144 होने की वजह से उन्हें चौहड़ा में ही रोक दिया गया।
इसके बाद जयराम ठाकुर चौहड़ा में धरने पर बैठ गए। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने उन्हें रोकने के मकसद से धारा 144 लगाई। कल BJP इस मामले में सभी जिलों में धरना देगी।उधर, मामले में बजरंग दल कार्यकर्ता भी चंबा में DC ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।
पूरा मामला...जानकारी के मुताबिक सलूणी के संघणी गांव के दलित युवक मनोहर (22) और दूसरे समुदाय की भांदल गांव की नाबालिग लड़की में प्रेम प्रसंग था। इसका पता उनके परिवारों को चल गया था। जिसके बाद दोनों परिवार में काफी समय से तनातनी चल रही थी। इस बीच 6 जून को लड़की के परिजनों ने युवक को बातचीत के बहाने अपने घर बुलाया।
युवक के घर न पहुंचने पर 6 जून को ही परिजनों ने पुलिस थाना किहार में उसकी गुमशुदगी की रपट दर्ज करवाई। मनोहर लाल खच्चरों पर सामान ढोता था। बताया जा रहा है कि मनोहर लाल पंझियारा नामक जगह से लड़की के घर के लिए रवाना हुआ था। उस वक्त उसकी दो खच्चरें भी साथ थी। दो दिन तक खच्चरें वही खड़ी रही।
इससे ग्रामीणों को शक हुआ कि मनोहर की खच्चरें जब यहां है तो वह भी आसपास में ही मिल सकता है। 9 जून को पंझियारा में तलाश के वक्त दुर्गंध से पता चल पाया कि नाले में मनोहर का शव है। घटना से जुड़ी वीडियो और कुछ फोटो भी सोशल मीडिया में वायरल हुए।
पुलिस में इसमें कार्रवाई करते हुए 10 जून को लड़की और उसके भाई व भाभी को गिरफ्तार कर लिया। उनसे पूछताछ के बाद 12 जून को लड़की के चाचा और चाची को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई से लोग संतुष्ट नहीं थे।
नाराज लोगों ने बीते कल यानि गुरुवार को ढाई घंटे तक किहार पुलिस थाने का घेराव किया और बाजार को बंद रखा। बाद में गुस्साए लोगों ने आरोपी के दो घरों में आग लगा दी। स्थानीय लोग आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग पर अड़ गए हैं।
आरोपियों के घरों में आग लगाने से पहले ग्रामीणों ने किहार-लंगेरा सड़क को पत्थरों और पैराफिट बीच सड़क में लगाकर बंद किया और खुद मकान को आग के हवाले कर दिया। जब तक पुलिस मौके पर पहुंचती, तब तक मकान आग की भेंट चढ़ चुका था और ग्रामीण मौके से फरार हो गए थे।
तनावपूर्ण माहौल देखते हुए DC चंबा अपूर्व देवगन ने सलूणी सब डिवीजन ने धारा 144 लगा दी है। चार से ज्यादा लोगों को इकट्‌ठा होने की इजाजत नहीं होगी। किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन व मीटिंग नहीं की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने भी देर शाम सभी जिलों के DC और SP के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने विपक्ष से भी इस मामले को कम्युनल एंगल नहीं देने की अपील की है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि दिल दहला देने वाले हत्याकांड में आरोपी को सख्त सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
ADG (अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक) अभिषेक त्रिवेदी ने बताया कि हत्या की वजह प्रेम प्रसंग बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गुस्साई भीड़ और राजनीतिक से जुड़े लोगों ने इसे मुद्दे बनाया और लोगों को भड़काया। 5 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार लोगों में लड़की, उसके चाचा व चाची और भाई व भाभी शामिल हैं।
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मणिपुर में भीड़ ने विदेश राज्य मंत्री का घर जलाया:50 लोगों ने पेट्रोल बम फेंके
इंफाल। मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर जातीय हिंसा चल रही है। 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी। गुरुवार देर रात फिर हिंसा हुई।
कुछ लोगों ने भाजपा सांसद और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के इंफाल स्थित घर में आग लगा दी। घटना के वक्त मंत्री केरल में थे। सिंह मैतेई समुदाय के हैं।
मणिपुर हिंसा पर गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया। राहुल ने लिखा- भाजपा की नफरत की राजनीति ने मणिपुर को 40 से अधिक दिनों तक हिंसा की आग में जलाए रखा है, जिसमें सौ से अधिक लोग मारे गए। पीएम पूरी तरह खामोश हैं। हिंसा खत्म करने और शांति बहाल करने के लिए राज्य में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जाना चाहिए। आइए इस 'नफरत के बाजार' को बंद करें और मणिपुर में हर दिल में 'मोहब्बत की दुकान' खोलें।
मणिपुर में जारी हिंसा पर वरिष्ठ वकिल प्रशांत भूषण ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर सिविल सोसाइटी का दो पन्नों का एक बयान पोस्ट किया। भूषण ने लिखा- हिंसा पर प्रधानमंत्री को बोलना चाहिए और इसकी जवाबदेही लेनी चाहिए। कोर्ट की निगरानी में एक ट्रिब्यूनल बनाया जाना चाहिए जो हिंसा की घटना की जांच करे और जिम्मेदारी तय करे।
लोगों को न्याय दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई जाए। राहत-पुनर्वास के काम तेज किए जाएं। इस लेटर पर देश के करीब साढ़े 500 संस्थाओं, संगठनों, सांसदों, पूर्व नौकरशाहों ने मणिपुर में जारी हिंसा की निंदा करते हुए राज्य सरकार की बंटवारे की राजनीति पर रोक लगाने की मांग की है।
म्यांमार से राज्य के बिष्णुपर जिले में 300 हथियारबंद लोगों के घुसने की जानकारी मिली है। सूत्रों के अनुसार, तोरबुंग के जंगलों में ठिकाना बनाने के बाद हिंसा करने वालों का ये समूह चूराचांदपुर की ओर बढ़ रहा है। बताया जाता है कि इनमें चिन और कुकी शामिल हैं।
सुरक्षा एजेंसियां इनका पता लगाने के लिए ड्रोन इस्तेमाल कर रही हैं। इस बीच गुरुवार दोपहर में बिष्णुपुर जिले के त्रोंग्लाओबी में कुकी हमलावरों ने पुलिस वाहन पर अंधाधुंध फायरिंग की।
जिसमें पुलिस का एक कमांडो शहीद हो गया, जबकि दो अन्य पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी हो गए। इस बीच, राज्य में मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंध को 20 जून तक बढ़ा दिया गया है।
केंद्र सरकार ने 10 जून को मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए राज्यपाल की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। कमेटी के सदस्यों में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के कुछ मंत्री, सांसद, विधायक और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता तथा बुद्धिजीवियों और कलाकारों को शामिल किया गया था।
इनमें से कुछ कलाकारों और बुद्धिजीवियों ने अब शांति समिति से हटना शुरू कर दिया है। प्रख्यात नाट्यकर्मी रतन थियम के बाद अब मणिपुर के नामी अभिनेता और निर्देशक माखोनमनि मोंग्साबा ने भी शांति समिति से किनारा कर लिया है।
मणिपुर में 3 मई के बाद से जारी हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 320 घायल हैं और 47 हजार से ज्यादा लोग 272 राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। वहीं, 10 जून को राज्य के 11 अफसरों का तबादला कर दिया गया। इनमें IAS और IPS अफसर शामिल हैं।
इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह इस महीने की शुरुआत में 4 दिन के दौरे पर यहां आए थे। इस दौरान राज्य के DGP पी. डोंगल को हटा दिया गया था। उनकी जगह राजीव सिंह को कमान सौंपी गई है।
उधर, 9 जून को ही CBI ने मणिपुर हिंसा के संबंध में 6 केस दर्ज किए। जांच के लिए SIT बनाई है, इसमें 10 सदस्य हैं। इसी दिन सुप्रीम कोर्ट की वैकेशन बेंच ने राज्य में 3 मई से लगे इंटरनेट बैन पर फौरन सुनवाई से इनकार कर दिया।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने कहा कि मामला पहले से हाईकोर्ट में है। इस पर सुनवाई होने दें। याचिका एडवोकेट चोंगथम विक्टर सिंह और बिजनेसमैन मायेंगबाम जेम्स ने दायर की थी।