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लाड़ली बहना योजना का दूसरा चरण 25 जुलाई से, ट्रैक्टर वाले परिवार भी शामिल

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इंदौर। प्रदेश में महिला वर्ग को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार ने लाड़ली बहना योजना का दायरा और बड़ा कर दिया है। योजना का दूसरा चरण 25 जुलाई से शुरू किया जाएगा। इस दिन से योजना के लिए आवेदन किए जा सकेंगे। याेजना में ऐसे परिवार भी शामिल किए जाएंगे जिनके पास ट्रैक्टर है। साथ ही 21 वर्ष तक की विवाहित लड़कियों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को इंदौर में लाड़ली बहना योजना के राज्य स्तरीय सम्मेलन में अपने चिर-परिचित में यह घोषणा की तो महिलाओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया।
इंदौर में सुपर कारिडोर पर बने विशाल डोम में रैंप पर चलते हुए मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक से महिलाओं के बैंक खाते में लाड़ली बहना योजना की दूसरी किस्त के रूप में एक हजार रुपये भेजे। कई महिलाओं के मोबाइल पर कुछ देर बाद ही खाते में पैसे पहुंचने के मैसेज भी आ गए। सम्मेलन में हजारों महिलाएं मौजूद थीं।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा भी की कि हायर सेकंडरी में 70 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को 26 जुलाई को लैपटाप दिए जाएंगे। सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहना सेना को शपथ भी दिलाई। उन्होंने घोषणा की कि लाड़ली बहना सेना शासन-प्रशासन के साथ मिलकर काम करेगी और महिलाओं को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए करेगी। अगर कोई किसी मासूम बेटी के साथ गलत व्यवहार करेगा तो उसे फांसी के फंदे पर लटका दिया जाएगा। महिलाओं ने मंच पर पहुंचकर मुख्यमंत्री को 101 फीट लंबी विशेष राखी भी भेंट की।
सम्मेलन से पहले मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट के सामने स्थित देवी अहिल्याबाई की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद एयरपोर्ट से गांधी नगर चौराहा स्थित कार्यक्रम स्थल तक रोड शो किया। इसमें कई महिलाएं शामिल रहीं। सम्मेलन में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार, सांसद शंकर लालवानी, विधायक मालिनी गौड़, रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया, आकाश विजयवर्गीय सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रदेश में भाजपा के शासनकाल में महिलाओं के लिए अब तक शुरू की गई योजनाओं का जिक्र करते हुए इन्हें सप्त क्रांति का नाम दिया। लाड़ली लक्ष्मी योजना से शुरू करके उन्होंने नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीटों का आरक्षण, पुलिस की नौकरी में लड़कियों को आरक्षण, शिक्षक की नौकरी में 50 प्रतिशत आरक्षण, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, संपत्ति के पंजीयन में स्टाम्प ड्यूटी में छूट सहित लाड़ली बहना योजना तक के नाम गिनाए। अंत में उन्होंने कहा कि सातवीं क्रांति यह होगी कि अगले पांच साल में हम महिलाओं की आमदनी 10 हजार रुपये महीने तक करेंगे। इसके लिए स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उनको रोजगार से जोड़ेंगे। बैंक से पैसा दिलाएंगे और केवल दो प्रतिशत ब्याज देना पड़ेगा। बाकी ब्याज हम भरेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर 10 तारीख को बहनों के खाते में अभी तो एक हजार रुपये आएंगे, लेकिन यह यहीं तक सीमित नहीं रहेगा। पैसे की व्यवस्था कर रहा हूं। इसको बढ़ाते-बढ़ाते तीन हजार रुपये प्रति माह करूंगा। पहले 1250 करूंगा, फिर 1500, फिर 1750 करूंगा, फिर 2000 करूंगा, फिर 2250 करूंगा, फिर 2500 करूंगा, फिर 2750 करूंगा और अंतत: तीन हजार रुपये महीना करूंगा। मेरी बहनों यह केवल पैसा नहीं है, यह तुम्हारा सम्मान है, तुम्हारा आत्मविश्वास है।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर तंज कसा कि मैं आज अपनी बहनों से कह रहा हूं, इतने साल आजादी को हो गए, बहनों की चिंता क्यों नहीं की गई। पचास साल तक कांग्रेस ने सरकारें चलाईं, क्या उसने कभी बहनों को इज्जत देने का काम किया? क्या बहनों का सम्मान बढ़ाने का काम किया? क्या बहनों की आंखों से आंसू पोंछने का काम किया? प्रदेश में बीच में कांग्रेस की सरकार आई तो महिलाओं के हित की कई योजनाओं को बंद कर दिया।

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हथियारबंद भीड़ ने पुलिस के सामने ही छेड़छाड़ के आरोपित अमजद का घर तोड़ा
रायसेन। मध्य प्रदेश के रायसेन जिला स्थित सलामतपुर थाना क्षेत्र के पिपलिया चांद गांव में छेड़छाड़ के आरोपित अमजद के घर पर 40 से 50 हथियारबंद लोगों ने हमलाकर उसका घर तोड़ दिया। हैरानी की बात ये है कि पुलिस की मौजूदगी में हथियारबंद भीड़ ने उसका घर तोड़ा। बचाव कर रहे सलामतपुर थाना प्रभारी देवेंद्र पाल सिंह घायल हो गए। घटना सोमवार शाम चार बजे की बताई जा रही है।
पुलिस को पहले से आभास था कि ये घटना हो सकती है इसलिए सोमवार सुबह से ही पुलिस अमजद के घर तैनात थी। गनीमत ये रही जब लोगों ने उसका घर तोड़ा तब घर में उसके परिवार के लोग नहीं थे। पुलिस ने सुबह 11 बजे परिवार वालों को वहां से दूसरी जगह भेज दिया था।
स्थिति बिगड़ने पर रायसेन कलेक्टर अरविंद कुमार दुबे, एसपी विकास शाहवाल पहुंचे। वहां रायसेन, सांची, सलामतपुर, दीवानगंज चौकी का पुलिस बल तैनात कर दिया। शाम तक स्थिति नियंत्रण में आई। वहीं सलामतपुर पुलिस ने घर तोड़ने वाले लोगों की पहचान कर ली है। जिन पर कार्रवाई करने की बात कही जा रही है।
आरोपित अमजद के घर बुलडोजर चलाने की मांग को लेकर करणी सेना सहित कई संगठनों ने रायसेन एसडीएम को दो दिन पहले ही ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने प्रशासन को धमकी दी थी कि यदि प्रशासन ने घर नहीं तोड़ा तो वे तोड़ देंगे। अमजद पर आरोप है कि उसने स्कूल जाते समय एक लड़की के साथ छेड़छाड़ की। रायसेन महिला थाने में शिकायत पहुंचने के बाद अमजद पर मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया था।
इनका कहना है
हमला करने वालों की पहचान की जा रही है, हमने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
- विकास कुमार शाहवाल, एसपी रायसेन

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मंगला एक्सप्रेस में बम की खबर से फैली सनसनी, ट्रेन रोककर हुई चैंकिंग
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से गुजर रही मंगला एक्सप्रेस ट्रेन में बम की सूचना मिलने से सनसनी फैल गई है। अचानक ही शहर के मिसरोद स्टेशन पर ट्रेन को रोककर चैंकिंग अभियान शुरु किया गया है। जीआरपी और आरपीएफ के जवानों ने ट्रेन में सगन चैंकिग शुरु कर दी है। चैंकिंग अभियान के लिये विशेष डॉग स्क्वॉर्ड की भी मदद ली जा रही है। साथ ही, रेलवे ने स्थानीय पुलिस को भी अलर्ट मोड पर तैनात कर दिया है।
बताया जा रहा है कि, पुलिस को मंगला एक्सप्रेस ट्रेन में बम होने की सूचना फोन पर मिली है। इसके बाद से ही अलर्ट मोड पर आए रेलवे प्रबंधन ने तत्काल ट्रेन को मिसरोद स्टेशन पर रोका और चैंकिंग अभियान शुरु कर दिया है। ट्रेन में बम से जुड़ी सूचना मिलने पर यात्रियों में भी हड़कंप मच गया है। हालांकि, चैंकिंग अभियान में जुटी टीम ने तत्काल ही सभी यात्रियों को ट्रेन से नीचे उतारकर प्लेटफॉर्म के सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है।
करीब दो घंटे तक चली चैकिंग के दौरान ट्रेन में कुछ नहीं मिला है। इसके बाद रेलवे की हायर अथॉरिटी के कनफर्मेशन के बाद ट्रेन को मिसरोद रेलवे स्टेशन से करीब 6.45 पर रवाना कर दिया गया है। जीआरपी एसपी हितेश चौधरी के अनुसार, भोपाल जीआरपी पुलिस के कंट्रोल रूम में 4:45 मिनट पर अनजान कॉल आया था, जिसके जरिए मंगला एक्सप्रेस में बम रखे होने की जानकारी दी गई थी। हालांकि, ट्रेन की बारीकी से जांच के दौरान कुछ भी संदिग्ध न मिलने पर प्राप्त सूचना फर्जी पाई गई है। ट्रेन को करीब 2 घंटे सघन जांच के बाद रवाना कर दिया गया है। फिलहाल, पुलिस फर्जी कॉलर की तलाश में जुट गई है।