मध्यप्रदेश। मंदसौर में भगवान पशुपतिनाथ की शाही पालकी के दौरान स्टंट कर रहा युवक झुलस गया। उसे अस्पताल ले जाया गया है। सावन के सातवें सोमवार को शाही पालकी के दौरान युवक मुंह में पेट्रोल डाल कर आग लगाने का स्टंट कर रहा था। इसी दौरान अचानक उसके मुंह में आग लग गई। इससे उसका चेहरा झुलस गया। घबराहट में उसके हाथ से पेट्रोल से भरी बोतल और जलती लकड़ी भी छूट गई। इससे स्टेज पर भी आ लग गई। घटना के बाद वहां अफरा-तफरी मच गई।
दतिया में बनेगा MP का छठा एयरपोर्ट
मध्यप्रदेश का छठवां एयरपोर्ट दतिया में बनेगा। 29 करोड़ 30 लाख की लागत से बनने वाले एयरपोर्ट का शिलान्यास सोमवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया। इस मौके पर गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और प्रभारी मंत्री सुरेश धाकड़ ने उनकी अगवानी की।
दतिया में उन्नाव रोड पर एयरपोर्ट बनेगा। यहां से खजुराहो के लिए पहली फ्लाइट उड़ेगी। एयरपोर्ट को 19 सीटर एयर क्राफ्ट उतारने के हिसाब से तैयार किया जाएगा। इससे दतिया कई महानगरों से सीधा जुड़ जाएगा। दतिया के साथ झांसी के लोगों को भी इसका फायदा मिलेगा।
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दलित मतदाताओं को साधने में जुटी कांग्रेस, सागर में मल्लिकार्जुन खरगे की सभा
भोपाल । मध्य प्रदेश में दलित मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा और कांग्रेस के नेता प्रयास कर रहे हैं। मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सागर आएंगे। वे वहां कजलीवन मैदान पर आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे। चुनाव अभियान के अंतर्गत मध्य प्रदेश में खरगे का पहला कार्यक्रम है।
बुंदेलखंड क्षेत्र में दलित मतदाता कई विधानसभा क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका में हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 अगस्त को सागर आए थे। उन्होंने नरयावली विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा बनाए जा रहे संत रविदास मंदिर और स्मारक का भूमिपूजन कर जनसभा को संबोधित किया था।
इसके पहले भाजपा ने पूरे प्रदेश में संत रविदास समरसता यात्रा निकाली थी। अब कांग्रेस ने भी सागर जिले की अनुसूचति जाति वर्ग के लिए सुरक्षित नरयावली विधानसभा क्षेत्र का चयन पार्टी अध्यक्ष की सभा के लिए किया है।
खरगे के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी, अरुण यादव सहित अन्य प्रदेश पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे।
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भगवान महाकाल सवारी को सशस्त्र पुलिस बल ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर
उज्जैन। सावन के सातवें सोमवार को महाकाल की सवारी निकाली जा रही है। भगवान महाकाल जटाशंकर स्वरूप में दर्शन दे रहे हैं। इस दिन नागपंचमी का संयोग होने के कारण भक्तों की भारी भीड़ है। मंदिर से सवारी निकलने से पहले सशस्त्र पुलिस बल ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पूजन के बाद सवारी निकलना प्रारंभ हुई।
भगवान महाकाल के स्वागत में सड़कों पर रंगोली सजाई गई है। सवारी में भक्त शिव के स्वरूप, राधा-कृष्ण, भगवान विष्णु-लक्ष्मी समेत कई रूप में झांकियां चल रही हैं। डीजे की धुन पर भक्त नाचते-गाते चल रहे हैं। सवारी में चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश की प्रतिमा विराजित है। वहीं, गरुड़ पर सवार भगवान शिव तांडव की प्रतिमा, नंदी रथ पर उमा महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद, रथ पर घटाटोप और आखिर में जटाशंकर का मुखारविंद शामिल है।
सवारी निकलने से पहले मंदिर स्थित सभा मंडप में भगवान के सभी स्वरूपों का पूजन किया गया। सवारी मंदिर से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची। यहां शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजा अर्चना की गई। पूजन के बाद सवारी परंपरागत मार्ग से होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।
इससे पहले, बाबा महाकाल और नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट रविवार आधी रात को खोल दिए गए। ये पट साल में एक बार नागपंचमी पर ही खोले जाते हैं।
सबसे पहले श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरि महाराज ने त्रिकाल पूजन और अभिषेक किया। इसके बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर खोल दिया गया। पूरा मंदिर परिसर बाबा महाकाल और नागचंद्रेश्वर के जयकारों से गूंज उठा। शहर में श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए नगर निगम सीमा के सभी निजी और सरकारी स्कूलों में अवकाश रहा।
प्राचीनकाल से पंचांग तिथि अनुसार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन ही इस मंदिर के पट खुलने की परंपरा है। श्री नागचंद्रेश्वर भगवान की यह प्रतिमा 11वीं शताब्दी की है। इस प्रतिमा में फन फैलाए नाग के आसन पर शिव जी के साथ देवी पार्वती बैठी हैं। संभवत: दुनिया में ये एक मात्र ऐसी प्रतिमा है, जिसमें शिवजी नाग शैया पर विराजमान हैं।
मंदिर में शिवजी, मां पार्वती, श्रीगणेश जी के साथ ही सप्तमुखी नाग देव हैं। दोनों के वाहन नंदी और सिंह भी विराजमान हैं। शिव जी के गले और भुजाओं में भी नाग लिपटे हुए हैं।
श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर में 1 घंटे में दर्शन का दावा फेल
दर्शनार्थी चारधाम मंदिर की ओर लाइन में लगकर बैरिकेड से हरिसिद्धि माता मंदिर और फिर बड़े गणेश मंदिर होते हुए श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर पहुंच रहे हैं। मंदिर प्रशासन ने यहां तक जाने के लिए पिछले साल बनाए गए ब्रिज से ही व्यवस्था की है। चारधाम से लाइन में लगने के बाद करीब एक घंटे में लोगों को दर्शन का दावा मंदिर समिति ने किया था। लेकिन जो भक्त रात 3 बजे लाइन में लगे थे वो सुबह 7 बजे बाहर निकले।
नेपाल से लाकर मंदिर में स्थापित की गई श्री नागचंद्रेश्वर प्रतिमा
महाकालेश्वर मंदिर में सबसे नीचे भगवान महाकालेश्वर, दूसरे खंड में ओंकारेश्वर और तीसरे खंड में श्री नागचंद्रेश्वर भगवान का मंदिर है। यह मंदिर काफी प्राचीन है। माना जाता है कि परमार राजा भोज ने 1050 ईस्वी के करीब इस मंदिर का निर्माण करवाया था। इसके बाद सिंधिया घराने के महाराज राणोजी सिंधिया ने 1732 में महाकाल मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। प्रतिमा नेपाल से लाकर मंदिर में स्थापित की गई थी।