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पत्नी के आपत्तिजनक वीडियो बनाकर पति ने वायरल किए, पति पर केस दर्ज

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खंडवा। एक पति ने अपनी ही पत्नी के आपत्तिजनक वीडियो वायरल कर दिए। ये वीडियो उसने अपने कमरे में सीसीटीवी कैमरा लगाकर रिकार्ड किए थे।पत्नी की शिकायत पर पति के विरूद्ध पुलिस ने आइटी एक्ट में केस दर्ज करवाया है।
ये वीडियो 9 अगस्त को वायरल किए गए। पिता और भाई सहित परिवार के अन्य लोगों के मोबाइल पर वीडियो भेजे गए। इसके बाद पत्नी ने मांधाता थाने में मामले की शिकायत की।
मांधाता थाना प्रभारी बलजीत सिंह बिसेन ने बताया कि पति ने पत्नी के आपत्तिजनक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर अपलोड किए थे। इसकी शिकायत लेकर पत्नी थाने आई थी। शिकायत के आधार पर आइटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पूर्व में भी मेहताब पर 498 का मामला दर्ज है।
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रक्षाबंधन पर महिलाओं को तोहफा: भोपाल में 30 अगस्त को सिटी बस में फ्री सफर
भोपाल। राजधानी भोपाल में रक्षाबंधन पर महिलाओं को 'शहर सरकार' ने बड़ा तोहफा दिया है। 30 अगस्त, बुधवार को महिलाएं रेड यानी, सिटी बसों में पूरे दिन फ्री में सफर कर सकेंगी। वे कुल 368 बसों में कहीं भी बगैर रुपए दिए आना-जाना कर सकती हैं।
भोपाल में BCLL (भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड) महिलाओं-युवतियों को फ्री में बस सेवा देगी। सुबह 6 से रात 9 बजे तक महिलाएं और युवतियां बसों में सफर कर सकेंगी। शहर के अलावा महिलाएं बसों से मंडीदीप, भोजपुर तक आना-जाना कर सकेंगी। महापौर मालती राय ने यह घोषणा की है। पिछले साल भी रक्षाबंधन पर यह सुविधा दी गई थी।
भोपाल के 25 रूट पर कुल 368 बसें चलती हैं। पिछले साल की तुलना में 95 बसें बढ़ी हैं। सभी सीएनजी बसें हैं। ये बसें शहर के सभी एरिया को कवर करती हैं। बैरागढ़ के पास चिरायु हॉस्पिटल से लेकर अवधपुरी, न्यू मार्केट, अयोध्या बायपास, करोंद, एमपी नगर, मिसरोद, मंडीदीप, भोजपुर, होशंगाबाद रोड, कटारा हिल्स, बैरागढ़ चिचली, कोलार रोड, गांधीनगर, बंगरसिया, रायसेन रोड, लांबाखेड़ा, नारियलखेड़ा, भौंरी समेत अधिकांश शहरी इलाकों में चलती है।
भोपाल में सिटी बसों में एक दिन में डेढ़ लाख से ज्यादा लोग सफर करते हैं। इनमें 40% तक यानी, करीब 60 हजार महिला यात्री शामिल हैं। नौकरीपेशा के अलावा स्टूडेंट्स भी बसों से आना-जाना करते हैं। किराये के रूप में उन्हें न्यूनतम 7 और अधिकतम 42 रुपए लगते हैं। सभी बसों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम और कैमरे लगे हैं। सफर करते समय कोई भी शिकायत हो तो महिलाएं कॉल सेंटर नंबर- 9752399966 पर संपर्क कर सकती हैं।
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इस पान की गुमटी वाले की एक हजार बहनें:राखी बंधवाने के लिए लगवाना पड़ता है टेंट, 25 साल पहले शुरू हुआ था सिलसिला
बैतूल। रक्षाबंधन पर भाइयों की कलाई पर सजने वाली राखियां जहां भाइयों को बहन के प्यार दुलार से भर देती हैं वहीं बहनों के स्नेह को और ज्यादा बढ़ा देती हैं। आज हम आपको ऐसे शख्स से मिलवाएंगे जो एक-दो नहीं बल्कि एक हजार बहनों का भाई है। जिसे राखी बंधवाने के लिए एक हफ्ते तक शहर के हर वार्ड, गली, मोहल्ले में पहुंचना पड़ता है। लेकिन अब बहनों की बढ़ती तादाद को देखते हुए उसे टेंट लगाकर राखी बंधवानी पड़ रहा है। इस बार बहनों ने उसे 551 फीट लंबी राखी कलाई पर सजाई है।
इस भाई का नाम है राजेन्द्र सिंह चौहान उर्फ केन्डू बाबा। बैतूल में पान व्यवसाई हैं। यह शख्स शहर के हर वार्ड हर इलाके की महिलाओ में खासा लोकप्रिय है। महिलाओं के इस भाई की एक हजार से ज्यादा बहने हैं। त्योहार के दो दिन पहले से ही अपनी इतनी सारी बहनों से राखियां बंधवाने राजेन्द्र सिंह को घर से निकलना पड़ता है वे हर वार्ड हर मोहल्ले में पहुंचते है। जहां महिलाएं उनका राखी बांधने के लिए इंतजार करती हैं। लेकिन अब एक धर्मशाला में राखी बांधने का कार्यक्रम किया जाता है। पिछले 25 साल से यह सिलसिला चल रहा है।
इस बार बहनों ने इस भाई को पांच सौ इक्कावन फुट की राखी बांधकर रिकार्ड बना दिया। दरअसल इलाके के नल पानी नहीं उगल रहे हों। साफ सफाई का मामला हो या फिर सामाजिक सुरक्षा या फिर वृद्धावस्था पेंशन का मामला, बच्चों की कोई समस्या हो या फिर भ्रष्टाचार से जुड़ा कोई सवाल केन्डू बाबा हर मर्ज का इलाज करने इन महिलाओं के साथ खड़े नजर आते हैं। समस्याओं को सुलझाने, मोर्चा निकालने से लेकर धरना प्रदर्शन और ज्ञापन, आवेदन तक के लिए केन्डू बाबा की मदद इन महिलाओं के साथ होती है। अपना काम धंधा-छोड़कर यह शख्स मैदान में उतर जाता है और फिर तभी पीछे हटता है जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता।
घर से बाहर की समस्या के अलावा पारिवारिक मामला हो या फिर घरेलु दिक्कतें, केन्डू बाबा को हर मुश्किल में बहने याद करती हैं। जो बहने अपने सगे भाइयों को दूरी की वजह से राखी नहीं बांध पाती वे केन्डू बाबा को राखी बांधकर अपना दुःख हल्का कर लेती है | सिर्फ हिन्दू ही नहीं मुस्लिम, महिलाएं भी इन्हें राखी बांधती हैं। बहनें इस रिश्ते को जिंदगी भर निभाने का वादा भी करती हैं। इन मुस्लिम महिलाओं का कहना है की भाई बहन के रिश्ते के आगे धर्म बड़ा नहीं होता। वे 8 सालो से अपने हिन्दू भाई को राखी बांधती आ रही हैं। शबाना परवीन बताती हैं कि इस भाई ने हमेशा सगे भाई से बढ़कर रिश्ता निभाया है। बुजुर्ग महिलाओं से लेकर बच्चों तक हर कोई अपने भाई केन्डू बाबा को राखी बांधता है।
अपनी एक हजार से ज्यादा बहनों को हर बार राजेन्द्र सिंग नए अंदाज में गिप्ट देते हैं। पिछले साल उन्होंने स्वच्छता का संदेश देने बहनों को डस्टबीन भेंट किए थे। जिससे उनकी बहनें अपने घर को साफ सुथरा रख सके। तो उसके गुजिश्ता साल हेलमेट देकर उन्होंने बहनों को सड़क सुरक्षा का पाठ पढ़ाया था। इस बार भी उन्होंने बहनों को हैंड बैग गिफ्ट किए है। जबकि इसके पहले वे सिलाई मशीन देकर महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की पहल कर चुके है। साड़ियां, छतरी, लाइटर, पौधे वे अब तक बहनों को तोहफे में दे चुके हैं। इसके लिए वे साल भर अपनी मेहनत की रकम इस रक्षाबंधन के लिए इकट्ठा कर रखते हैं। ताकि बहनों को भेंट दे सकें।
बैतूल गंज इलाके में छोटी सी पानी की दुकान चलाने वाले राजेंद्रसिंह शुरुआत से ही समजसेवा जुड़े रहे हैं। वे साल 2005 में गंज इलाके के जवाहर वार्ड से पार्षद चुने गए। तो 2015 में जाकिर हुसैन वार्ड से पार्षद बने। 1999 से उन्होंने राखी बंधवाने की इस परंपरा की शुरुआत की। वे बताते हैं कि घर की समस्या कोई महिला ही समझ सकती हैं। समाजसेवा करते हुए कई महिलाएं उनके पास अपनी समस्या लेकर आती थी। वे हर संभव उन समस्या को सुलझाने का प्रयास करते रहे हैं। ऐसे में सम्मान और स्नेह का रिश्ता बहन भाई का पवित्र रिश्ता ही बहनों को उनसे जोड़े रखे हुए है। पहली राखी उन्होंने जाकिर हुसैन वार्ड फुलवंती बाई से बंधवाई थी। पहले वे घर घर जाकर राखी बंधवाते थे। लेकिन अब टेंट लगवाकर यह रस्म निभाना पड़ता है।
राजेंद्र सिंह की दो सगी बहनें हैं जो महाराष्ट्र के नागपुर में रहती हैं। बैतूल में हजारों बहनों से राखी बनवाने के बाद राजेंद्र सिंह अपनी सगी बहनों से राखी बंधवाने महाराष्ट्र जाते हैं। यहां भी हर साल उन्हें राखी की एक दिन पहले टेंट लगवा कर रखी बनवानी पड़ती है। इस मौके पर एक हजार से ज्यादा महिलाएं एकत्रित होती हैं। जो राजेंद्र सिंह को एक-एक कर राखी बांधती है। पिछले 2018 से उन्हें सबसे लंबी राखी बांधने का चलन शुरू हुआ। महिलाओं ने 2018 में 501 फुट लंबी राखी तैयार की थी। जो हर साल बढ़ती ही जा रही है।इस बार महिलाओं ने 551 फीट की राखी तैयार की है। एक-एक राखी को जोड़कर यह राखी बनाई गई है जिसके लिए हर वार्ड गली मोहल्ले से राखियो को इकट्ठा किया गया है।
मूलतः भाजपा से जुड़े रहे राजेंद्र सिंह उन व्यक्तियों में शामिल है। जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की स्थापना का जश्न देखा है। वह बताते हैं की 1977 में जब सारणी में श्यामा चरण शुक्ला पहुंचे थे तो उन्हें काले झंडे दिखाने के विरोध प्रदर्शन में वे भी शामिल थे। 1980 में जब मुंबई में हो रहे अधिवेशन में भाजपा का स्थापना दिवस मनाया जा रहा था। तब बैतूल से गए सात लोगों में वे भी शामिल थे। भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेई की फैन रहे राजेंद्र सिंह ने उन्ही के नाम पर साल 2007 में अटल सेना का निर्माण किया। यह सेना लोगों की समस्या उठाने और सरकार की योजनाओं के प्रचार प्रसार और उसके अलावा महिला दिवस ,मातृ दिवस ,अटल जन्म दिवस ,जयंती जैसे आयोजन करती रही है। लोगों की समस्या उठाने के लिए यह सेना मोर्चा निकालने का काम भी करती है।
महिलाओ से जुड़े संगठनों में राजेंद्र सिंह खासे लोकप्रिय हैं। बात आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं की हो या फिर महिला रसोइयों के मानदेय का मामला हो। आशा कार्यकर्ताओं की कोई समस्या हो या फिर स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की कोई दिक्कत हो। केन्डू बाबा हर मोर्चे पर उनके साथ डटे नजर आते हैं। वे महंगाई पर महिलाओं को रसोई चलाने में होने वाली समस्याओं को लेकर अक्सर विरोध प्रदर्शन करते नजर आते हैं।