भुवनेश्वर। ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए रेल हादसे में सीबीआई की चार्जशीट में तीन रेलवे अफसरों के नाम हैं। तीनों पर गैर-इरादतन हत्या और सबूत मिटाने के आरोप हैं। इनमें सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार मोहंता, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और टेक्नीशियन पप्पू कुमार शामिल हैं। 7 जुलाई को CBI ने तीनों आरोपियों को अरेस्ट किया था। 11 जुलाई को कोर्ट ने इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
CBI ने जुलाई में कहा था कि इन तीनों की लापरवाही के कारण ही हादसा हुआ था। जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया था कि तीनों आरोपी जानते थे कि उनकी लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता है।
दुर्घटना की जांच कर रहे रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) ने जुलाई के शुरुआती हफ्ते में हादसे के लिए सिग्नलिंग विभाग के कर्मचारियों की मानवीय भूल को जिम्मेदार ठहराया था।
CBI ने भुवनेश्वर की स्पेशल कोर्ट में 24 अगस्त को अपनी रिपोर्ट पेश की। इसमें जांच एजेंसी ने बताया कि पटरी पर बिना अप्रूवल हो रहे मरम्मत कार्य की वजह से ट्रेन हादसा हुआ था।
इससे पहले बहनागा बाजार स्टेशन के लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 94 पर बिना मंजूरी के मरम्मत का काम किया गया था। CBI ने कहा कि सीनियर डिवीजनल सिग्नल और टेलीकॉम इंजीनियर की मंजूरी के बिना ही वहां रिपेयरिंग वर्क हुआ था। इसके लिए सर्किट डायग्राम भी पास नहीं कराया गया था।
हुआ था हादसा-2 जून की शाम को चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन लाइन के बजाय लूप लाइन में घुस गई, जहां मालगाड़ी खड़ी थी। ट्रेन मालगाड़ी से टकरा गई। कोरोमंडल और मालगाड़ी की कुछ बोगियां बगल के ट्रैक पर बिखर गईं। इसके थोड़ी देर बाद ही ट्रैक पर बिखरे डिब्बों से हावड़ा-बेंगलुरु एक्सप्रेस टकरा गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, हादसे में 295 लोगों की मौत हुई और 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए।
हादसे की जांच CBI के अलावा रेलवे बोर्ड की ओर से कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) ने भी की है। 3 जुलाई को CRS ने 40 पेज की रिपोर्ट बोर्ड को सौंपी थी। इसके मुताबिक, लेवल-क्रॉसिंग लोकेशन बॉक्स के अंदर तारों की गलत लेबलिंग की वजह से ऑटोमेटेड सिग्नलिंग सिस्टम में गड़बड़ी हुई, जो हादसे का कारण बनी। क्रॉसिंग लोकेशन बॉक्स में तारों की गलत लेबलिंग के बारे में सालों तक मालूम ही नहीं चला। मेंटेनेंस के दौरान भी इसमें गड़बड़ी हुई।
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85 साल की महिला के साथ दुष्कर्म, ब्लेड से होंठ काटे, आरोपी गिरफ्तार
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 85 साल की महिला के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। वारदात शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे की है। महिला अपने घर में सो रही थी, तभी 28 वर्षीय आरोपी घर में घुसा और महिला के साथ दुष्कर्म किया। आरोपी का नाम आकाश है। पुलिस पूछताछ कर रही है। वारदात नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्लेस की है।
आरोपी ने दुष्कर्म के बाद महिला पर हमला भी किया। उसने ब्लेड से महिला के होंठ काटने की कोशिश की। बुजुर्ग महिला के निजी अंगों और चेहरे पर गंभीर चोटें आई हैं। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं आरोपी ने किसी प्रतिबंधित ड्रग का तो सेवन नहीं किया था।
महिला आयोग ने किया सवाल
स्वाति मालीवाल ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा,
दिल्ली में इंसानियत तार तार हो गई। शकुरपुर में सुबह 4 बजे 85 साल की अम्मा के साथ उनकी झुग्गी में घुसकर रेप किया गया। उनसे मिलके घाव देखके रूह काँप गई। 8 महीने की बच्ची या 85 साल की अम्मा, सब हैवानियत के शिकार हैं।
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जालना में मराठा आरक्षण को लेकर प्रदर्शन:पुलिस ने लाठीचार्ज किया, पथराव में 18 पुलिसकर्मियों को चोटें आईं
मुंबई। महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर धरना दे रहे लोग शुक्रवार (1 सितंबर) को हिंसक हो गए। इसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें 20 प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें 18 पुलिसकर्मियों को चोटें आई। प्रदर्शनकारियों ने धुले-सोलापुर हाईवे भी बंद कर दिया और कई सरकारी बसों में आग लगा दी।
पुलिस ने बताया कि घटना अंबाड तहसील के धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवर्ली सारथी गांव की है। फिलहाल हालात कंट्रोल में हैं। इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 29 अगस्त से मराठा मार्चा के संयोजक मनोज जारांगे समेत 10 लोग भूख हड़ताल पर बैठे थे। 1 अगस्त को पुलिस ने उनके स्वास्थ्य को देखते हुए धरना खत्म करने के लिए उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की। उन्होंने इसका विरोध किया।
दोनों ओर से तनाव बढ़ने के बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इस पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू किया। ग्रामीणों का दावा है कि पुलिस ने हवा में कुछ राउंड फायरिंग भी की, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
पुलिस ने 31 अगस्त की रात भी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी। लेकिन वे सफल नहीं हो सके थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शनकारियों ने बीड जिले में बंद बुलाया है। हालांकि अभी तक बंद की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
घटना के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा समाज से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। मराठा समाज को आरक्षण मिले यह सबका उद्देश्य है।