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एमपी-यूपी बार्डर पर चैकिंग के दौरान पुलिस ने 4.67 क्विंटल चांदी पकड़ी

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सागर। यूपी एमपी बार्डर पर मालथौन पुलिस ने चार क्विंटल 67 किग्रा के लगभग चांदी एक कार से पकड़ी हैं। इसकी कीमत ढाई करोड़ के करीब है। चांदी व्यापारी आगरा से आंध्रप्रदेश तेलांगना सप्लाई के लिए ले रहा था। चेकिंग के दौरान अटा बार्डर अटा से पकड़ाई गई हैं। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण नेशनल हाइवे 44 यूपी एमपी बार्डर पर चेकिंग लगाई गई हैं।
बुधवार रात पुलिस चेकिंग के दौरान थाना पुलिस ने इको स्पोर्ट कार से साढ़े चार क्विटल से ज्यादा मात्रा में चांदी के पायल, बैसलेट और चैन बारमद की हैं। मौके पर पुलिस ने चांदी सप्लायर को भी पकड़ा है, जिसने मौके पर जरूरी कागजात दिखाते हुए बताया कि आगरा से आंध्रप्रदेश तेलंगाना में चांदी का आभूषण सप्लाई के लिए ले जा रहा हूं।
मालथौन पुलिस के अनुसार पुलिस अधीक्षक सागर द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान बार्डर नाकों पर चैकिंग के एि निर्देश दिए हैं। इसी के तहत अटा बार्डर चैक पोस्ट नाका पर सघनता से चैकिंग के दौरान 11 अक्टूबर को कार क्रमांक क्क 80 एफवाय 2042 कार को रोककर पुलिस ने तलाशी ली।
इस कार में उमेश गोयल पिता स्व. ओमप्रकाश गोयल उम्र 45 साल निवासी 6/11 बारह भाई गली बेलनगंज जिला आगरा (यूपी) व अमित अग्रवाल पिता निर्मल अग्रवाल उम्र 34 साल निवासी गिरधर कालोनी बल्केश्वर थाना न्यू आगरा जिला आगरा (यूपी) बैठे थे।कार के अंदर से चांदी के पायल, ब्रेसलेट, चेन के आभूषण आदि मिलने पर कांटा से तौल कराने पर चांदी के आभूषण ( पायल, ब्रासलेट, चेन) का कुल वजन 467.666 किलोग्राम निकला।
इसका वर्तमान बाजार मूल्य करीब 3 करोड, 22 लाख, 22 हजार, 187 रुपये का पाया गया है। चांदी एवं कार की पुलिस ने जब्त की। कार उमेश गोयल पिता स्व. ओमप्रकाश गोयल उम्र 45 साल निवासी 6/11 बारह भाई गली बेलनगंज जिला आगरा (यूपी) के नाम से है। आभूषणों को दोनों व्यक्ति उमेश गोयल, अमित अग्रवाल आगरा (यूपी) से हैदराबाद (तेलंगाना) एवं विजयबाडा (आन्ध्रप्रदेश) ले जा रहे थे।
चांदी एवं कार की जप्ती कार्यवाही में निरीक्षक योगेन्द्र सिंह दांगी, उप निरीक्षक धर्मेन्द्र सिंह लोधी, सउनि सरबर खांन, प्रआर राजेश सिंह ठाकुर, प्रआर. प्रेमनारायण, प्रआर देवनारायण, आरक्षक सचिन यादव, आरक्षक जयसिंह, आरक्षक रोहित, आरक्षक राजेश, आरक्षक विक्रम, आरक्षक जितेन्द्र का सराहनीय योगदान रहा। वहीं पुलिस कहना है सत्यापित के लिए आयकर अन्वेषण एवं जीएसटी अधिकारी को बुलाया गया है।
वह आगे की जांच करेंगे। आगरा निवासी व्यापारी उमेश गोयल ने बताया कि आगरा का निवासी हूं। ओम इंटर प्राइजेज के नाम से फर्म है। सिल्वर मैन्युफैक्चरिंग का काम हैं। आगरा से आंध्र प्रदेश तेलंगाना माल सप्लाई के लिए जा रहा था। बार्डर पर पुलिस द्वारा चैंकिग की गई। इसके हमने माल के पक्के बिल प्रस्तुत किए। पायल ,बैसलेट और चैन हैं 4 क्विंटल 68 किलो, जिसकी कीमत लगभग ढाई करोड़ है।

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निर्वाचन आयोग का निर्देश: नवरात्रि गरबे में रात 10 बजे बंद करना होगा साउंड सिस्टम
इंदौर। नवरात्रि महोत्सव पर विधानसभा चुनाव 2023 की आदर्श आचार संहिता का साया पड़ गया है। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार रात 10 बजे साउंड सिस्टम बंद करना होगा। उधर, कई बड़े पंडालों में गरबा उसी समय शुरू होता है। इससे आयोजक चिंतित हैं। मजेदार बात यह है कि अधिकांश आयोजक नेता हैं जो अब पंडाल में अपना ही होर्डिंग नहीं लगा सकते हैं।
नवरात्रि पर्व 15 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है। इंदौर में एक हजार से अधिक पंडालों में आर्केस्ट्रा, डीजे और अत्याधुनिक साउंड सिस्टम पर माता के भजनों-गीतों पर गरबे किए जाते हैं। ये आयोजन सामान्य तौर पर रात 12 बजे तक चलते हैं, लेकिन आचार संहिता के चलते रात 10 बजे साउंड सिस्टम बंद करने होंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने भी स्पष्ट कर दिया कि आचार संहिता का पालन किया जाएगा, जिसमें रात दस बजे बाद साउंड प्रतिबंधित रहेगा। निर्वाचन आयोग के रुख को देखते हुए आयोजक रास्ता खोजने में जुटे हैं कि किस प्रकार महोत्सव की भव्यता बरकरार रहे।
पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद से सभी आयोजनों की अनुमति एसीपी स्तर पर दी जाती है। इसके चलते कई गरबा, चुनरी यात्रा व दशहरा महोत्सव के आयोजकों ने पुलिस से अनुमति ली थी। अब सभी को फोन लगाकर सूचना दी गई है कि हमारी अनुमति मान्य नहीं रहेगी। विधानसभा के रिटर्निंग ऑफिसर से नए सिरे से अनुमति ली जाए। कई आयोजकों ने पुलिस की अनुमति के साथ नया आवेदन सिंगल विंडो पर दिया है।
अधिकांश गरबा आयोजनों के पीछे राजनीतिक दलों के नेता होते हैं। चुनाव के चलते इस बार कई नेताओं ने अपनी आयोजन समिति के अन्य सदस्यों के नाम पर अनुमति मांगी है। इसके अलावा होर्डिंग व आयोजन स्थल पर फोटो व नाम नहीं देने का फैसला किया है, ताकि वे या पार्टी किसी उलझन में न आए।
गरबा महोत्सव सहित अन्य सभी आयोजनों की अनुमति को लेकर वैसा ही फार्मेट तैयार किया गया है, जैसा राजनीतिक दलों की सभाओं की अनुमति के दौरान भरा जाता है। आयोजकों को मंच का साइज, टेंट का आकार, माइक व साउंड सिस्टम का प्रकार, आयोजन में शामिल होने वालों व कुर्सियों की संख्या, कारपेट एरिया, फूलमाला, चाय, भोजन कितने लोगों का होगा जैसी जानकारी देनी होगी। मूर्ति को लाने के दौरान निकलने वाले जुलूस के बारे में बताना भी अनिवार्य है। पूर्व में आयोजन की अनुमति में वॉलेंटियर्स के नाम, सीसीटीवी व गरबा करने वालों के आइडी कार्ड बनाने की शर्त पर अनुमति दी जाती थी।
-नवरात्रि शब्द में ही रात्रि छिपा है और गरबे रात में ही होते हैं। ये वर्षों पुरानी परंपरा है, जिसे आचार संहिता के बंधन से दूर रखना चाहिए। गरबा पंडाल में किसी का चुनाव प्रचार थोड़ी किया जा रहा है, जो रोक लगाई जाए।
लोकेंद्रसिंह राठौर, हिंद रक्षक संगठन
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कबूतर दिलाने के बहाने बच्चे का अपहरण करने वाले को तीन साल की जेल
बुरहानपुर। कबूतर दिलाने के बहाने सात वर्षीय बच्चे का अपहरण करने वाले मोहम्मद लियाकत को विशेष सत्र न्यायाधीश पाक्सो एक्ट ने तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। हपहरणकर्ता पर एक हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।
अपहरण की यह घटना करीब एक साल पहले नौ सितंबर 2022 को खकनार थानाक्षेत्र के एक गांव में हुई थी। विशेष न्यायालय ने त्वरित सुनवाई करते हुए तेरह माह में ही फैसला सुना दिया।
अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी रामलाल रन्धावे ने बताया कि बालक के पिता ने खकनार थाना पुलिस को बताया था कि शाम 4:30 बजे उसके बालक को गांव लियाकत बहला फुसलाकर ले गया है। प्रकरण दर्ज करने के बाद पुलिस ने लियाकत के कब्जे बालक को सागर जिले से बरामद किया था।
पूछताछ में अपह्त हुए बालक ने पुलिस को बताया था कि वह घर के बाहर दोस्तों के साथ खेल रहा था, तभी लियाकत आया और कबूतर दिलाने की बात कह कर उसे खेत में बने टपरे में ले गया। वहां नाला पार कर जंगल के रास्ते ले गया। रास्ता भटक जाने पर रात में एक पेड़ के नीचे सुलाया।
इस दौरान उसके साथ कई बार लियाकत ने अश्लील हरकत भी की। सुबह फिर पैदल चल कर सड़क पर पहुंचे और एक बाइक चालक से लिफ्ट लेकर उसे नेपानगर रेलवे स्टेशन ले गया। वहां बच्चे का फूफा दिखा तो बच्चे को जान से मारने की धमकी देकर लियाकत ने छिपा दिया। बाद में बैठा कर सागर ले गया।
वहां पुलिस को उस पर शक होने पर थाने ले गई। पूछताछ में उसने अपहरण की पूरी कहानी बता दी। जिसके बाद सागर पुलिस ने खकनार पुलिस को सूचना दी थी। प्रकरण गंभीर प्रकृति का होने के कारण अभियोजन पक्ष ने गंभीरता से पैरवी करते हुए आरोपित को सजा दिलवाई।