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कपड़े की फर्जी फर्म बनाकर कारोबारियों से ठगे ढाई करोड़ रुपये

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इंदौर। गुजरात और मुंबई के बड़े कपड़ा कारोबारियों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। क्राइम ब्रांच ने चार आरोपितों को गुजरात से गिरफ्तार किया है। मास्टर माइंड कोचिंग इंस्टिट्यूट संचालक है जो फर्जी फर्म बनाकर लोगों को चपत लगा रहा था।
अपराध शाखा के डीसीपी निमिष अग्रवाल के मुताबिक, आरोपित अरविंद पांडे निवासी ग्रीन पार्क कालोनी हलधरु कामरेज सूरत (गुजरात), लक्ष्मीकांत शुक्ला निवासी रघुकुल नगर नवागम डिंडोली सूरत (गुजरात), देवी प्रसाद उपाध्याय निवासी बालाजी रेसीडेंसी डिंडोली सूरत (गुजरात) और चेतन जैन निवासी सीताश्री रेसीडेंसी एरोड्रम रोड़ इंदौर है। डीसीपी के मुताबिक, मामले में सिमु इंपेक्स प्रा.लि. के डायरेक्टर सुुमीर किनरा और रघुवीर फेब्रिक के शुभम वैद्य, आदित्य सिंथेटिक्स द्वारा शिकायत दर्ज करवाई गई थी।
शिकायतकर्ताओं ने पुलिस को बताया कि उनसे डीके ट्रेडिंग कंपनी एवं बालाजी इंटरप्राइजेस के प्रोपराइटर्स ने धोखाधड़ी की है। आरोपितों ने इंदौर के सियागंज में दुकान खोली और गुजरात व मुंबई के व्यापारियों से कपड़ों का व्यापार शुरू किया। शुरुआत में एजेंट के माध्यम से लेनदेन हुआ और साख स्थापित करने के उद्देश्य से वक्त पर रुपये जमा करवाते गए। बाद में लाखों रुपयों का माल खरीदा और रातोंरात दुकाने बंद कर फरार हो गए।
पुलिस ने आरोपितों के बैंक खातों और आधार कार्ड की जांच की तो पता चला सारे शासकीय दस्तावेज दुकानों के पतों पर अपडेट करवा लिए गए थे। बैंक खाते भी दुकान के पते पर थे, जो किराए से ली थी। पुलिस ने आरोपितों के मोबाइल की लोकेशन निकाली और सूरत टीम भेजी। मुख्य आरोपित अरविंद पांडे निकला। वह कोचिंग क्लास चलाने लगा था। पुलिसकर्मियों ने छात्र बनकर उसकी रैकी की और शुक्रवार को छापा मारकर पकड़ लिया। अरविंद ने बताया की देवी प्रसाद उसका दोस्त है। वह 20 वर्षों से कपड़ों के व्यवसाय से जुड़ा था। उसके साथ मिलकर फर्जी फर्म खोलकर लोगों को ठगने की साजिश की थी।
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18 साल से अधिक उम्र के सेक्स वर्कर्स डालेंगे वोट, मतदाता सूची में जोड़े जाएंगे सेक्स वर्कर्स के नाम
बालाघाट। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा निर्वाचन 2024 के मद्देनजर 18 वर्ष से अधिक आयु के सेक्स वर्कर्स के नाम जोड़ने की प्रक्रिया प्रारंभ होने वाली है। इसके लिए आयोग ने समस्त कलेक्टर को डिप्टी कलेक्टर अथवा महिला तहसीलदार को इस कार्य के लिये नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त करने के निर्देश दिए है।
जिले में नोडल अधिकारी सेक्स वर्कर्स के नाम मतदाता सूची में जोड़ने के संबंध में आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार समन्वय स्थापित कर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इस कार्य के लिए राज्य स्तर पर उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डा. निमिशा जायसवाल को नियुक्त किया गया है। जबकि बालाघाट के लिए नोडल अधिकारी के रूप में जिला निर्वाचन अधिकारी डा. गिरीश कुमार मिश्रा ने डिप्टी कलेक्टर राजनंदनी शर्मा को नियुक्त किया है।
विधानसभा निर्वाचन के मद्देनजर जिले में पुलिस विभाग और विभिन्न दलों के अलावा क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा भी वाहनों की आवश्यक जांच प्रारम्भ कर दी गई है। शुक्रवार को भी इस तरह की कार्रवाई जारी रही। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अनिमेष गढ़पाले ने जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को 10 गाड़ियों से 10 हजार रुपये के चालान बनाए गए है। साथ ही ब्लैक फ़िल्म और हूटर निकालने के कार्य भी किए गए है।

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टेंडर में गड़बड़ी करने पर तत्कालीन एसडीओ सहित तीन अन्य को मिली 5-5 साल की सजा
उमरिया। उमरिया टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी के मामले में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम उमरिया ने अभियुक्तत एएच प्रधान, वीके मरावी और आरएल विश्वकर्मा को पांच- पांच वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई है। प्रकरण में प्रभारी डीडीपी/डीपीओ अर्चना मरावी के निर्देशन में अभियोजन का संचालन केआर पटेल एडीपीओ द्वारा किया गया। प्रकरण के अनुसार ताला मानपुर में वर्ष 2005 में आर.सी.सी. ओवर हेड टैंक एवं सम्पवेल कम पम्प हाउस निर्माण के लिए पुनरीक्षित निविदा आमंत्रित की गई थी। इसके लिए 10 निविदाकारों ने अपनी-अपनी निविदाओं में निविदा दर का उल्लेख कर प्रेषित किया था। अभियुक्त द्वय वीके मरावी एस.डी.ओ. और मानचित्रकार आर.एल. विश्वकर्मा द्वारा सभी निविदाकारों के समक्ष की निविदा दरें खोली गयीं। निविदा ओपन पंजी के सरल क्रमांक 5 में मेसर्स के.बी. गुप्ता क्योतरा बांदा उ.प्र. रिवाइज्ड ऑफर ओ.एच.टी. के स्तम्भ में 9 लाख रुपए एवं रिवाईज्ड ऑफर ऑफ सम्पवेल के स्तम्भ में 4,19,500 रुपए लेख है। मेसर्स के.बी. गुप्ता की निविदा सबसे कम 4,19,500 रूपये थी और उसे टेण्डर प्राप्त हुआ था। शिकायतकर्ता के.बी. गुप्ता का नाम निविदा दर अभिलेख पर आ जाने के बाद वह अपने घर चला गया। उसे लगभग एक माह बाद ज्ञात हुआ कि उसकी निविदा दर न्यूनतम होने के बावजूद मेसर्स मोहनदयाल भार्गव फर्म के प्रोपराइटर महेश भार्गव जिनकी द्वितीय न्यूनतम दर प्राप्त हुई थी। उन्हें प्रथम न्यूनतम दर कर दिया गया और सम्पवेल निर्माण की निविदा स्वीकृत करने के लिए उच्च अधिकारियों को भेजी गयी है जो निविदा प्रक्रिया के विरूद्ध है।
उपर्युक्त तथ्यों के संबंध में प्रथम निविदाकार केबी गुप्ता ने मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी जबलपुर के समक्ष लिखित शिकायत प्रस्तुत की और उसकी प्रतिलिपि लोकायुक्त कार्यालय भोपाल तथा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की ओर प्रेषित की। शिकायत पर प्रकरण पंजीबद्ध कर तकनीकी शाखा लोकायुक्त कार्यालय भोपाल द्वारा जांच की गयी तथा संबंधित निविदा से संबंधित अभिलेख, मूल निविदा ओपन रजिस्टर, मूल पुनरीक्षित ऑफर आदि दस्तावेज मंगाकर अवलोकन किया गया। आरोपीगण अशोक हीरालाल प्रधान तत्कालीन कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड उमरिया, वीके मरावी तत्कालीन सहायक यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड उमरिया एवं आर.एल. विश्वकर्मा तत्कालीन मानचित्रकार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड उमरिया के कथन लिए गए और आरोपीगण का कृत्य आपराधिक श्रेणी का पाये जाने पर प्राथमिक जांच विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय भोपाल में पंजीबद्ध किया जाकर प्रारंभिक जांच की गयी। अभियोजन ने प्रकरण में अभियुक्त ए.एच. प्रधान के विरूद्ध धारा 471, 477क सहपठित धारा 120 बी भा.दं.वि. अभियुक्त आर.एल. विश्वकर्मा के विरूद्ध धारा 468, 471, 477क सहपठित धारा 120बी भादवि एवं अभियुक्त वीके मरावी के विरूद्ध धारा 468 सहपठित धारा 120 बी भादवि के अपराध का आरोप प्रमाणित किया।