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राघौगढ निवासी हत्या आरोपी कैदी हथकड़ी खोलकर भागा, हत्‍या के मामले में मिली है फांसी की सजा

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गुना। (गरिमा टीवी न्यूज़) गुना जिले के राघोगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत निवासरत एक हत्या आरोपी कैदी को हत्या के मामले में फांसी की सजा मिली थी और उस कैदी को उपचार हेतु भोपाल की हमीदिया अस्पताल में भर्ती किया गया था। राजधानी भोपाल में फांसी की सजा पाया यह दुर्दांत आरोपी हथकड़ी खोलकर फरार हो गया। उसके गायब होते ही भोपाल में सनसनी फैल गई। पुलिस के अनुसार सजा पाये युवक का नाम रजत सैनी है। वह भोपाल के हमीदिया अस्पताल से फरार हुआ है। उसे भोपाल सेंट्रल जेल से इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था। रजत ने दोस्त की हत्या की थी। इसी मामले में उसे कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। घटना सामने आते ही लापरवाही बरतने पर दो जेल प्रहरियों को निलंबित कर दिया गया है। आरोपी रजत सैनी गुना जिले के राघोगढ़ थाना क्षेत्र का निवासी है।
भोपाल के हमीदिया अस्पताल से हत्या का मुजरिम पुलिस कस्टडी से फरार हो गया है। हत्या के मुजरिम को तबीयत बिगड़ने पर पुलिस अस्पताल लेकर पहुंची थी। इसी दौरान कैदी रजत सैनी हथकड़ी खिसकाकर पुलिसकर्मियों को चकमा देकर भाग निकला। मुजरिम के भागने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। ड्यूटी पर तैनात दोनों प्रहरियों को सस्पेंड कर दिया गया है और पुलिस फरार कैदी की तलाश में जुटी हुई है।
बताया गया है कि आरोपी रजत सैनी जो अमलतास गोल्डन माईल कॉलोनी खजरी सड़क भोपाल का रहने वाला है उसे कोर्ट ने हत्या के एक मामले में फांसी की सजा सुनाई थी। रजत पर हत्या के अलावा भी कई और अपराध दर्ज हैं। फांसी की सजा काटने के बाद रजत भोपाल के सेट्रल जेल में बंद था। 12 अक्टूबर की रात अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और तत्काल उसे जेल प्रहरियों के साथ हमीदिया अस्पताल लाया गया था। डॉक्टर्स ने चेकअप के बाद उसे अस्पताल में भर्ती किया था।
अस्पताल में भर्ती कैदी रजत सैनी की सुरक्षा में दो जेल प्रहरी अत्यवचन जाट और राज आमले तैनात किए गए थे। लेकिन कैदी रजत हथकड़ी खोलकर जेल प्रहरियों को चकमा देकर शनिवार सुबह फरार हो गया। कैदी के फरार होने से हड़कंप मच गया। पुलिस हर तरफ नाकेबंदी कर कैदी की तलाश में जुटी हुई है वहीं कैदी की सुरक्षा में तैनात दोनों जेल प्रहरियों को ड्यूटी पर लापरवाही बरतने के चलते सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कैदी रजत सैनी मूलत: राघौगढ़ का रहने वाला है।
ये है पूरा मामला- बात 14 जुलाई 2022 की रात की है। खजूरी सड़क थाना क्षेत्र के अमलतास कॉलोनी में एक शख्स की अधजली लाश मिली थी। ताला लगे डुप्लेक्स से लाश बरामद हुई थी। मृतक की पहचान अमन डांगी के रूप में हुई थी। 21 वर्षीय अमन सीहोर जिले के ग्राम सिरौली का रहने वाला था। वर्तमान में वह अमलतास कॉलोनी में ही रह रहा था। इस मामले में 16 जुलाई को पुलिस ने आरोपी रजत सैनी को गिरफ्तार किया था।
रजत सैनी उर्फ सिद्धार्थ उर्फ माइकल गुना के राघौगढ़ का रहने वाला है। उसने जून 2022 में पुलिस से बचने के लिए भोपाल के खजूरी सड़क थाना क्षेत्र के अमलतास कॉलोनी में डुप्लेक्स मकान किराए से लिया था। रजत को दो बातों का डर था। पहला तो वह ग्वालियर जेल से पैरोल पर छूट कर आया था और दोबारा जेल नहीं जाना चाहता था। दूसरा उसने ग्वालियर जेल में रहते हुए निरंजन मीणा से दोस्ती की थी। रजत को 5 लाख रुपए की जरूरत थी तो निरंजन मीणा ने अपने दोस्त रामनिवास मीणा से उसे उधार दिलवाया था।
रजत कर्ज लौटा नहीं पा रहा था। इसके चलते निरंजन मीणा उसे परिवार समेत जान से मारने की धमकी दे रहा था। उसी के डर से वह भोपाल के फंदा गांव में अमलतास कॉलोनी में किराए से रह रहा था। बचने के लिए रजत ने फुलप्रूफ प्लान तैयार किया जिससे लोग उसे मरा हुआ मान लें। खुद को मरा साबित करने के लिए उसने निरंजन मीणा की हत्या करने की योजना बनाई। निरंजन को मारकर वह उसे उसी मकान में दफनाना चाहता था। इतना ही नहीं, उसकी योजना थी कि हत्या का आरोप उसके एक दूसरे मित्र रवि मेवाड़ा के ऊपर लगे। रवि ने ही उसे अमलतास कॉलेनी में मकान दिलवाया था।
निरंजन मीणा उसकी पकड़ में नहीं आया तो रजत ने उसी इलाके में रहने वाले अपने मित्र अमन दांगी को बुलाया। प्‍लान के मुताबिक वह दिन भर अमन के साथ घूमता रहा और फिर मौका पाकर उसकी हत्या कर दी। लाश को खुद के कपड़े पहनाकर उसने पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। उसकी मंशा थी कि मृतक की पहचान ना हो पाए और वह सबको गुमराह कर खुद को मरा साबित कर सके। इससे उसे जेल नहीं जाना पड़ता और कर्ज के पैसे लौटाने से भी बच जाता। वह ग्वालियर जेल से पैरोल पर बाहर आया था। ग्वालियर जीआरपी ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था और न्यायालय ने सात साल की सजा सुनाई थी।
रजत उसी केस में सजा काट रहा था और पैरोल पर कुछ दिन पहले ही बाहर आया था। उसे फिर जेल जाना था, लेकिन वह फरार हो गया था। इसके बाद ग्वालियर पुलिस ने फरारी का मामला दर्ज किया था और आरोपी की तलाश कर रही थी। रजत की योजना फ्लॉप इसलिए हो गई क्योंकि मृतक अमन की पहचान हो गई।
पुलिस की स्पेशल टीम ने इसी सूत्र से जांच शुरू की और 24 घंटे के अंदर आरोपी तक पहुंच गई। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। इसके बाद जब उसने अपनी पूरी योजना बताई तो पुलिसवाले भी भौंचक्के रह गए थे। अब यही अपराधी रजत पुलिस की गिरफ्त से भाग गया है।