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फर्जी ED अफसर बनकर आए, 3 करोड़ लूटकर भागे:दिल्ली पुलिस ने 2 किमी पीछा करके पकड़ा

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नई दिल्ली । दिल्ली में शनिवार 14 अक्टूबर की रात बदमाशों ने फर्जी ED अधिकारी बनकर एक घर से 3 करोड़ रुपए लूट लिए। पीड़ित परिवार की शिकायत पर पुलिस ने चार आरोपियों को पकड़ लिया।
ये सभी कार में सवार होकर पुलिस बैरीकेडिंग तोड़कर भाग रहे थे। पुलिस ने दो किमी पीछा कर उन्हें पकड़ लिया और लूटी गई रकम में से एक करोड़ रुपए बरामद कर लिए। यह मामला द्वारका के बाबा हरिदास नगर का है। पीड़ित के मुताबिक, आधी रात कुछ लोग उनके घर जबर्दस्ती घुस आए। वे सभी खुद को एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) का अधिकारी बता रहे थे।
30 मिनट के अंदर बदमाशों ने पूरे घर को खंगाला और तीन करोड़ की रकम लेकर चले गए। जाते-जाते उन्होंने परिवार के सदस्यों को पूछताछ के लिए ED ऑफिस आने को कहा। परिवार का कहना है उन्होंने हाल ही में जमीन बेचकर पैसे जुटाए थे। हमें छापेमारी के दौरान थोड़ा शक भी हुआ। बदमाश जिन दो कारों में आए थे, उस पर कोई ऑफिशियल साइन बोर्ड नहीं था। उनके पास पिस्तौलें थीं और उनका बिहेवियर भी अजीब लग रहा था।
बदमाशों के जाने के बाद परिवार के एक सदस्य ने रात करीब सवा एक बजे पुलिस को कॉल किया। जब पुलिस की PCR वैन घर पर पहुंची तो पीड़ित ने उन्हें बताया कि फर्जी ED टीम मित्राऊं गांव की ओर गई है। पुलिस अधिकारी ने द्वारका में तैनात टीमों को सतर्क किया और विभिन्न इलाकों में जांच शुरू कर दी।
कुछ देर बाद ही पुलिस कंट्रोल रूम टीम को एक कार दिखी, जो स्पीड में थी। उन्होंने ड्राइवर को रुकने का इशारा किया, लेकिन वो रुका नहीं। इसके बाद पुलिस ने 2 किमी तक कार का पीछा किया और नरेला में वाहन को रोकने में कामयाब रहे। जैसे ही कार रुकी, एक बदमाश ने पिस्तौल निकाली और गोली चलाने की कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया।
पुलिस को कार में 70 लाख रुपए मिले। आरोपी की पहचान सोनीपत निवासी अमित उर्फ विक्की (37) के रूप में हुई। वह पहले बिंदापुर में हत्या समेत दो आपराधिक मामलों में शामिल था। पुलिस अधिकारी आनंद मिश्रा ने बताया, अमित को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया है।
DCP (द्वारका) एम हर्षवर्धन ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद छापेमारी की गई और तीन और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। उनसे तीस लाख रुपए बरामद हुए।
पुलिस ने कहा कि जिस घर में फर्जी छापेमारी की गई, उस परिवार ने हाल ही में द्वारका में अपना प्लॉट साउथ दिल्ली के कुछ निवासियों को बेचा था। पीड़ित को जानने वाले एक व्यक्ति पर ईडी छापेमारी कराने का शक है। पुलिस को संदेह है कि दो ग्रुप काम कर रहे थे, एक ने इसकी योजना बनाई, दूसरे ने इसे अंजाम दिया।
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ओवैसी ने इजराइली PM नेतन्याहू को शैतान कहा, AIMIM चीफ बोले- पीएम मोदी को फिलिस्तीनियों का साथ देना चाहिए
हैदराबाद। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को शैतान कहा है। उन्होंने पीएम मोदी से अपील की है कि वे गाजा के लोगों का साथ दें। ये बात उन्होंने शनिवार को हैदराबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहीं।
ओवैसी ने कहा कि मैं पीएम से अपील करना चाहूंगा कि फिलिस्तीनियों के ऊपर जो अन्याय हो रहा है उसे रोकें। फिलिस्तीन का मुद्दा को सिर्फ मुस्लिमों से नहीं जोड़ना चाहिए, बल्कि ये मानवता का मुद्दा है। नेतन्याहू शैतान हैं, क्रूर शासक हैं और युद्ध के अपराधी हैं।
ओवैसी ने कहा- गाजा के 10 लाख लोगों को बेघर होना पड़ा है। पूरी दुनिया ये देखकर भी खामोश है। जिन्होंने इन्हें मारा उन्हें देखिए, लेकिन गाजा के इन बेचारे लोगों ने आपका क्या बिगाड़ा है? मीडिया एक तरफा रिपोर्टिंग कर रहा है। पिछले 70 साल से इजराइल ने गाजा पर कब्जा कर रखा है। आपको ये कब्जा दिखाई नहीं देता, आपको ये जुल्म दिखाई नहीं देता है।
ओवैसी ने योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बिना उन पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि देश में एक बाबा मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने कहा है कि फिलीस्तीन का सपोर्ट करने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। तो सुन लीजिए मुख्यमंत्री जी, मैंने गर्व से फिलिस्तीन और भारत का झंडा पहना है। मैं फिलीस्तीन के साथ खड़ा हूं।
7 अक्टूबर से शुरू हुई जंग में अब तक 2,329 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है। इनमें 724 बच्चे, 370 महिलाएं शामिल हैं। 8,714 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हमलों में 1300 से ज्यादा इजराइली भी मारे गए हैं।
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।
गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।
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पति ने पत्नी की कॉल रिकॉर्डिंग पेश की थी: कॉल रिकॉर्डिंग निजता के अधिकार का हनन-हाईकोर्ट
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि किसी की अनुमति के बिना उसके कॉल रिकॉर्ड करना निजता के अधिकार का उल्लंघन है। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें फैमिली कोर्ट ने पति से अपनी पत्नी की कॉल रिकॉर्डिंग बतौर सबूत पेश करने को कहा था।
दरअसल, एक पत्नी ने पति से भरण-पोषण पाने को लेकर फैमिली कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर पति ने पत्नी के अवैध संबंध होने का आरोप लगाकर गुजारा भत्ता देने से इनकार कर दिया। पत्नी के अवैध संबंध को साबित करने के लिए पति ने उसकी कॉल रिकॉर्डिंग फैमिली कोर्ट में दाखिल करने की अनुमति मांगी थी।
एडवोकेट वैभव ए गोवर्धन ने बताया कि करीब 10 साल पहले महासमुंद जिले में महिला की शादी हुई थी। कुछ समय बाद पति-पत्नी के बीच विवाद हो गया। पति ने अपनी पत्नी को छोड़ दिया। पत्नी ने साल 2019 में धारा 125 के तहत भरण पोषण राशि के लिए फैमिली कोर्ट ने अपील दायर कर दी।
कोर्ट में पति ने तर्क दिया कि पत्नी का दूसरे व्यक्ति से अवैध संबंध है। इस पर फैमिली कोर्ट ने सबूत पेश करने के लिए कहा, तब पति ने अपनी पत्नी की मोबाइल कॉल रिकॉर्डिंग पेश करने की अनुमति मांगी। फैमिली कोर्ट ने 21 अक्टूबर 2021 को कॉल रिकॉर्डिंग पेश करने की अनुमति दे दी।
इसके बाद महिला ने फैमिली कोर्ट के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। उसने तर्क दिया कि उसकी अनुमति के बगैर मोबाइल कॉल रिकॉर्डिंग करना निजता के अधिकार का हनन है। महिला की तरफ से एडवोकेट ने निजता के अधिकार पर दिए गए फैसलों का भी हवाला दिया और कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत किसी भी व्यक्ति की जानकारी के बिना कॉल रिकॉर्डिंग करना गलत है। लिहाजा, फैमिली कोर्ट के आदेश को खारिज किया जाए।
हाईकोर्ट के जस्टिस राकेश मोहन पांडेय ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद माना कि किसी भी शख्स की बातचीत उसके इजाजत के बगैर मोबाइल पर अगर रिकॉर्ड की जा रही है तो वह गलत है। यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार का उल्लंघन है। इस टिप्पणी के साथ ही हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया।