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दो TI और EPFO आयुक्त सहित 15 पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज

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ग्‍वालियर। बन्हेरी सरपंच विक्रम रावत की साली आरती रावत की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने पोरसा-अशोकनगर के टीआइ और इपीएफओ आयुक्त सहित 15 लोगों पर एफआइआर दर्ज की है। इन लोगों पर आइपीएसी की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।
इन सभी पर आरोप है कि इन लोगों ने विक्रम रावत की हत्या के मामले में राजीनामा करने के लिए दबाव बनाया और इसी वजह से प्रताड़ित होकर आरती ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। इस एफआइआर के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। दबी जुबान में खुद पुलिस अधिकारी ही इसे लेकर असंतोष जाहिर कर रहे हैं।
ये है मामला-बन्हेरी सरपंच विक्रम रातव की 9 अक्टूबर को ग्वालियर के कांति नगर इलाके में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने पुष्पेंद्र रावत सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि विक्रम के परिवार ने इस पूरे कांड का सरगना इपीएफओ आयुक्त मुकेश रावत को बताया था।
इपीएफओ आयुक्त मुकेश और उसकी पत्नी एसएलआर पत्नी कृष्णा रावत पर आरोप लगाए थे। पुलिस ने मुकेश पर एफआइआर दर्ज की थी और इनाम भी घोषित कर दिया था, लेकिन वह गिरफ्तार नहीं हो सका था। इसके चलते विक्रम की पत्नी नीतू, साली आरती रावत सहित अन्य परिवार वाले मुकेश की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।
आरती ने कंपू के साउथ एवेन्यू हाउसिंग सोसायटी स्थित घर में बीते रोज सल्फास की गोलियां खा ली। इसके बाद उसकी देर रात जयारोग्य अस्पताल के आइसीयू में मौत हो गई। आरती के परिवार वालों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मुकेश को नहीं पकड़ा, इसलिए आरती सहित पूरा परिवार सदमे में था। मुकेश व अन्य लोग राजीनामा करने के लिए लगातार पूरे परिवार को धमका रहे थे। इसलिए आरती ने जहर खा लिया।
आरती की मौत के बाद स्वजन आक्रोशित हो गए। पोस्टमार्टम हाउस पर भी हंगामा कर दिया। इसके चलते कंपू थाना पुलिस ने दो टीआइ, इपीएफओ आयुक्त, उसकी एसएलआर पत्नी सहित 15 लोगों पर एफआइआर दर्ज की।
इन लोगों पर एफआइआर दर्ज
ओपी रावत- टीआइ पोरसा
नरेश रावत- टीआइ अशोकनगर
मुकेश रावत- इपीएफओ आयुक्त
कृष्णा रावत- एसएलआर
अमित रावत
गोपाल रावत
पुष्पेंद्र रावत
हरि रावत
दिलीप रावत
रणवीर रावत
संजय रावत
ब्रिजेंद्र रावत
विक्रम की पत्नी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये हैं। उसका कहना है- मुकेश की गिरफ्तारी को लेकर कई बार पुलिस अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटे। कई बार आवेदन दिए, लेकिन यह कहा गया कि तुम्हारे पति ने लोगों को परेशान कर रखा था। आरती कहती थी, न्याय नहीं मिलेगा, इसलिए मर जाते हैं। इसी डिप्रेशन में उसने आत्महत्या कर ली। उसने खुद भी आत्महत्या करने की चेतावनी दी है।
इस मामले में दो टीआइ पर एफआइआर होने के बाद पुलिस महकमे में दबी जुबान में विरोध हो रहा है। पुलिस अधिकारी चर्चा कर रहे हैं, इस तरह से अगर कोई भी दबाव डालेगा तो किसी पर भी एफआइआर कर ली जाएगी।
दो परिवारों की दुश्मनी में एक ही परिवार से तीसरी मौत हुई है। विक्रम रावत से पहले उसके चचेरे भाई रामनिवास रावत की भी हत्या कर दी गई थी। इसी केस में राजीनामा न करने पर विक्रम की हत्या कर दी गई। अब विक्रम की साली आरती रावत ने आत्महत्या कर ली।
आरती रावत की आत्महत्या के मामले 15 लोगों पर एफआइआर दर्ज की है। इसमें दो टीआइ भी शामिल हैं। परिवार के आरोपों के आधार पर एफआइआर दर्ज की गई है, इसकी जांच की जाएगी। -राजेश सिंह चंदेल, एसएसपी

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मप्र शासन लिखी कार से सवा 5 करोड़ के जेवर बरामद, दो युवती समेत 4 गिरफ्तार
सतना। जिले की नागौद थाना पुलिस और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गठित की गई एसएसटी टीम ने सवा 5 करोड़ के हीरे और सोने से बने जेवरात पकड़े हैं। ये जेवर मप्र शासन लिखी कार से ले जाए जा रहे थे। पुलिस ने इस मामले में दो युवतियों समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस के मुताबिक, सतना-पन्ना के बॉर्डर पर स्थित ग्राम माड़ा में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर स्थापित किए गए एसएसटी जांच नाके में कार नंबर एमपी 04 सीजेड 0779 की तलाशी के दौरान डायमंड और गोल्ड से बनी करोड़ों की ज्वेलरी पकड़ी गई है। कार में दो युवतियों और ड्राइवर समेत 4 लोग सवार थे। ये लोग भोपाल से रीवा जा रहे थे। स्विफ्ट डिजायर कार में मप्र शासन लिखा हुआ था।
पकड़े गए लोगों के नाम संदीप सिंह चौहान निवासी भोपाल, पूजा बागरी निवासी भोपाल, संगीता सोनी भोपाल बताए गए हैं। जांच और पूछताछ के दौरान कार सवार लोग ज्वेलरी के सम्बंध में कोई वैधानिक दस्तावेज पेश नहीं कर पाए। जांच नाके से पुलिस उन्हें नागौद थाना ले आई। सूचना मिलने पर एसडीएम एपी द्विवेदी और एसडीओपी भारतेंदु शर्मा भी नागौद थाना पहुंच गए।
पुलिस ने ज्वेलरी का मूल्यांकन कराया और जब्त कर लिया। पकड़ी गई डायमंड और गोल्ड ज्वेलरी की कीमत 5 करोड़ 20 लाख 98 हजार 647 रुपये आंकी गई हैं। मध्य प्रदेश शासन लिखी कार में सवा 5 करोड़ के जेवर मिले हैं। यह कार भोपाल से रीवा जा रही थी। इसमें 2 युवतियां और एक युवक सवार थे। मध्य प्रदेश शासन लिखी कार में सवा 5 करोड़ के जेवर मिले हैं। यह कार भोपाल से रीवा जा रही थी। इसमें 2 युवतियां और एक युवक सवार थे।
नागौद थाना प्रभारी अशोक पांडेय ने बताया कि जांच के दौरान कार सवार युवतियों और संदीप सिंह चौहान नामक युवक के पास मिले 3 बैग चेक किए गए। उसमें हीरा और सोना से बने जेवर भारी मात्रा में भरे मिले। इसके अलावा बैग में चांदी के चार सिक्के भी मिले हैं। पूछताछ के दौरान कार सवार युवक- युवतियों ने बताया कि वे ओरा डायमंड कंपनी के कर्मचारी हैं। कंपनी का मुख्य कार्यालय मुंबई में और रीजनल ऑफिस भोपाल में है।
कार सवार भोपाल से ज्वेलरी लेकर रीवा जा रहे थे। जहां समदरिया मॉल में जेवरों की प्रदर्शनी लगनी है। जेवर हॉल मार्क हैं और उनका बीमा भी है लेकिन परिवहन से संबंधित कोई दस्तावेज या बिल-पुर्जा नहीं है। युवक युवतियों के पास से कंपनी के आई कार्ड मिले हैं। टीआइ ने बताया कि जेवर पकड़े जाने की सूचना आयकर विभाग को दे दी गई है।
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इंदौर के एमवाय अस्पताल में मरीज के साथ मारपीट, जूनियर डाक्टर सस्पेंड
इंदौर। एमवाय अस्पताल में इलाज कराने आए एक मरीज के साथ जूनियर डाक्टर ने मारपीट कर दी। अस्पताल प्रबंधन ने डाक्टर को सस्पेंड कर दिया है। बताया जाता है कि मरीज सड़क दुर्घटना में घायल हुआ था और इलाज के लिए अस्पताल आया था। डाक्टर ने उसका इलाज शुरू किया, लेकिन बाद में पता चला कि वह एचआइवी पाजिटिव है तो जानकारी छुपाने पर नाराज जूनियर डाक्टर आकाश कौशल ने उसे कई थप्पड़ मारे।
मरीज के परिजन उसके सड़क हादसे में घायल होने पर इलाज के लिए उसे एमवाय अस्पताल लेकर पहुंचे थे। डाक्टर ने उसका तुरंत उपचार शुरू किया, लेकिन जब डाक्टर कौशल को पता चला कि वह एचआइवी पाजिटिव है तो वे नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि इलाज शुरू करने के पहले मरीज ने उन्हें इसकी जानकारी क्यों नहीं दी। नाराज डाक्टर आपा खो बैठे और स्ट्रेचर पर लेटे मरीज को ताबड़तोड़ थप्पड़ मारने लगे। शनिवार को मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद जूनियर डाक्टर आकाश कौशल को सस्पेंड कर दिया।
एमवाय अस्पताल के डीन डा. संजय दीक्षित का कहना है कि जूनियर डाक्टर की अनुशासनहीनता को गंभीरता से लिया गया है। संभागायुक्त के निर्देश के बाद आर्थोपेडिक विभागाध्यक्ष ने जूनियर डाक्टर कौशल को सस्पेंड कर दिया है। वहीं एमजीएम मेडिकल कालेज ने मामले में जांच समिति बनाई है, जो तीन दिन में जांच प्रतिवेदन सौंपेगी।