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  साफ्टवेयर इंजीनियर स्वाति लिंग परिवर्तन कराकर अब बन गया शिवाय

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बैतूल। बैतूल के संजय कालोनी में रहने वाली स्वाति लिंग परिवर्तन कराकर अब शिवाय बन गया है। बचपन से ही लड़कों जैसा मन रखने वाली स्वाति को स्कूल से लेकर कालेज तक की पढ़ाई के दौरान लड़की होने में शर्म महसूस होती थी। आखिर परिवार की सहमति मिलने के बाद उसने लिंग परिवर्तन कराने का निर्णय ले लिया । वर्ष 2020 से आपरेशन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई और जनवरी 2023 तक वह पूरी हो गई।
इसके बाद सभी दस्तावेजों में स्वाति का नाम शिवाय और महिला के स्थान पर पुरूष दर्ज हो गया है। अपने लिंग परिवर्तन से बेहद खुश शिवाय अब विवाह करना चाहता है। शिवाय ने बताया कि 1988 में जन्म के बाद मैने जब से होश संभाला तब से ही मेरे मन की भावनाएं लड़कों के जैसी ही रहीं।
बैतूल के गंज स्थित कन्या स्कूल में कक्षा पहली से 12 वीं तक की पढ़ाई के दौरान भी लड़कियों के साथ बैठने में स्वयं को बेहद असहज महसूस करता था। किसी प्रकार की शारीरिक कमी न होने के बाद भी हमेशा यही मन करता था कि मैं लड़का ही हूं।
शिवाय ने बताया कि कक्षा 11 वीं में पहुंचने के बाद सलवार सूट पहनकर जाने की बाध्यता के कारण कई दिन स्कूल नहीं जाता था। शनिवार को यूनिफॉर्म की अनिवार्यता नहीं होती थी इस कारण लड़कों के कपड़े पहनकर ही जाता था। इंटरनेट मीडिया पर जब कई लोगों के द्वारा लिंग परिवर्तन कराए जाने के वीडियो देखे तो मन में आया कि मैं भी लड़का बन सकता हूं।
भोपाल में रहकर बीसीए और मास्टर डिग्री प्राप्त करने के बाद इंदौर में विभिन्न कंपनियों में साफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में आन लाइन कार्य कर आपरेशन के लिए पैसे जमा किए। परिवार को अपनी मंशा बताई और उसके बाद दिल्ली जाकर विभिन्न अस्पतालों में आपरेशन करने की जानकारी ली। दिल्ली के आलमेक हास्पिटल का चयन किया गया और वहां पर वर्ष 2020 में आपरेशन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई।
डा नरेंद्र कौशिक ने हार्माेंस में बदलाव से सर्जरी की शुरूआत की जिससे आवाज में बदलाव के साथ दाढ़ी, मूंछ आने लगी। दूसरी सर्जरी में ब्रेस्ट रिमूव किए गए और तीसरी बार में शरीर के निचले अंगों का आपरेशन किया गया। हर आपरेशन के बाद तीन माह का आराम करना पड़ता था।
तीनों सर्जरी में न तो कोई दर्द का अहसास हुआ और न ही कोई परेशानी का सामना करना पड़ा। शिवाय ने बताया कि जनवरी माह में ही चौथा आपरेशन त्वचा का कराया गया जिसमें त्वचा के ढीलेपन को दूर किया गया है। आराम करने के बाद अब वह कुछ दिन से अपना काम करने लगा है।
इस पूरी प्रक्रिया में करीब 10 लाख रुपये का खर्च आया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना में भी इस आपरेशन के लिए पांच लाख रुपये तक की मदद मिल जाती है लेकिन मुझे इसके संबंध में जानकारी नहीं मिल पाई थी। शिवाय सूर्यवंशी ने बताया कि परिवार में अब वे तीन बहन और दो भाई हो गए हैं।
शिवाय के स्कूल, बैंक, आधार कार्ड से लेकर अन्य दस्तावेज पहले स्वाति नाम से थे। सर्जरी के बाद उनके सभी दस्तावेजों में नाम और लिंग बदल गया है। सर्जरी करने के बाद जिला कलेक्टर को इस संबंध में आवेदन देकर सूचना दी थी। कलेक्टर ने एक पत्र जारी किया था जिसके आधार पर दस्तावेजों में नाम और लिंग बदल गया है।
शिवाय ने बताया कि वे अब इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लिंग परिवर्तन कराने की इच्छा रखने वालों को जागरूक करने का अभियान चला रहे हैं। कुछ लोग शारीरिक कमी होने के कारण इसे छिपाकर रखते हैं और घुटन महसूस करते हैं। ऐसे लोगों की मुश्किल सरकार के द्वारा बनाए गए प्रविधान और स्वास्थ्य की सुविधा से अब आसान हो सकती है।

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पति की दीर्घायु के लिए जेल में महिला कैदियों ने करवा चौथ व्रत रखकर की सुहाग की पूजा
इंदौर। आज देशभर में महिलाएं उत्साह के साथ करवा चौथ मना रही हैं। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के इंदौर सेंट्रल जेल में भी महिला कैदियों ने करवा चौथ मनाया। इसके लिए जेल प्रशासन ने पूरी व्यवस्था भी की थी। जेल में सजा काट रहे पति-पत्नी में काफी उत्साह का माहौल रहा। महिलाओं ने सभी विधि विधान से पूजा अर्चना की।
सेंट्रल जेल में जेल प्रशासन ने महिलाओं के लिए तमाम तरह की व्यवस्थाएं परिसर में की थी। जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने बताया गया कि 25 महिला आपराधिक मामले में जेल में हैं और उन्हीं के साथ उनके पति भी इसी जेल में जीवन यापन कर रहे हैं। इन 25 दंपतियों को त्योहार मनाने की छूट दी गई और पूजा पाठ की सामग्री जेल प्रशासन की ओर से दी गई है। महिला कैदियों ने अपने पति की लंबी आयु के लिए जेल परिसर में करवा चौथ मनाया। इस मौके पर जहां पतियों की अपनी पत्नि को देखने की चाहत पूरी हुई, तो पत्नियों की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े।
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चुनाव से पहले आ सकता है विधायक जजपाज जज्जी के खिलाफ लगी याचिका का फैसला
ग्वालियर। हाईकोर्ट में चल रही जजपाज जज्जी की चुनाव याचिका की सुनवाई में दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी हो गई है, कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के तर्क सुने भी साथ ही अपने सवाल भी किए। जिस आधार पर कोर्ट को जवाब मिले उस पर कोर्ट आगामी समय में अपना फैसला सुना सकता है। इस मामले का फैसला चुनाव से पहले आ सकता है। हालांकि अभी किसी भी पक्ष को कोई दस्तावेज पेश करना हो तो कोर्ट उसके लिए भी मौका दे सकती है।
बता दें कि इससे पहले जजपाज जज्जी के जाती प्रमाण पत्र के खिलाफ लगी रिट अपील में भी फैसला आया जो विधायक के पक्ष में रहा। विधायक की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता एसएस गौतम ने बताया कि विधायक के जाति प्रमाण पत्र को लेकर हाईकोर्ट में एक रिट अपील पर हुई सुनवाई में फैसला विधायक के पक्ष में आया है। यहां बता दें कि अशोकनगर के विधायक जजपाल सिंह जज्जी के जाति प्रमाण पत्र के मामले में राहत मिल चुकी है। यह राहत ग्वालियर कोर्ट की डबल बेंच के द्वारा दी गई है। विधायक के जाति प्रमाण पत्र को डबल बेंच ने सही माना है।
उल्लेखनीय है कि बीते साल दिसंबर माह में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने विधायक जज्जी के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र को अवैध मानते हुए उनकी विधायक को शून्य घोषित करते हुए एफआईआर के आदेश दिए थे। इसके बाद डबल बैंच ने राहत दी थी। दरअसल 2018 में भाजपा के टिकट पर उनके ही प्रतिद्वंद्वी रहे लड्डूराम कोरी ने जाति प्रमाण को गलत बताते हुए याचिका दायर की थी।
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पत्थर से सिर कुचलकर प्रेमिका की हत्या, इसके बाद फांसी पर झूला युवक
खरगोन। जिले के भीकनगांव थाना क्षेत्र के बेरछा में एक युवक ने युवती का पत्थर से सिर कुचलकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद फांसी लगाकर आत्महत्या की। ग्रामीणों के अनुसार दोनों में प्रेम प्रसंग था।
पुलिस के अनुसार बुधवार को वक सुनील पुत्र मोहन ने गांव की ही युवती ललिता पुत्री मानसिंह की पत्थर से सिर कुचलकर हत्या कर दी। इसके बाद सुनील ने खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ल । सूचना मिलते ही पुलिस व एफएसएल टीम मौके पर पहुंची।
सूक्ष्मता से सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। घटना से गांव में तनाव का माहौल है। पुलिस बल तैनात होकर नजर रखे हुए है। एएसपी तरुणेंद्र सिंह बघेल ने बताया ने युवती का पत्थर से हत्या की गई युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या की घटना सामने आई। कारणों का पता लगाया जा रहा है। दोनों कालेज में एक साथ पढ़ाई की भी सूचना मिली है।