भारत सरकार ने पूर्व मंत्री प्रखर हिंदूवादी नेता जयभान सिंह पवैया की सुरक्षा में व्यद्धि करते हुए उसे Y प्लस से Z में बदल दिया है, अब पवैया के चारों तरफ कड़ा 22 सुरक्षाकर्मियों का सुरक्षा पहरा रहेगा, सरकार ने ये फैसला इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर लिया है, गौरतलब है कि पवैया लंबे समय से आतंकवादियों के निशाने पर हैं।
बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक, पूर्व सांसद, मप्र सरकार के पूर्व संस्कृति मंत्री जयभान सिंह पवैया की सुरक्षा में भारत सरकार ने वृद्धि का फैसला लिया है। ये फैसला कल सोमवार 11 दिसंबर से लागू हो गया है और सुरक्षा बदल गई है। आपको बता दें कि पवैया राम मंदिर आंदोलन से लेकर विवादित बाबरी ढांचा विध्वंस आंदोलन में प्रमुख रूप से शामिल रहे हैं ।
इस आंदोलन के बाद से पवैया आतंकवादियों के निशाने पर आ गए थे , उसके बाद आतंकवादियों की धमकी के बीच पवैया ने 60 हजार नौजवानों के साथ अमरनाथ की यात्रा की , उनपर हमला हुआ और हमारी सेना ने पहलगाम में पवैया पर हमला करने आये लश्करे तैयबा के आतंकवादियों को मार गिराया था।
अब जब अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण हो रहा है और 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है तो ऐसे में एक बार फिर आतंकवादी पुरानी घटना को याद कर कोई नापाक कदम उठा सकते हैं इसलिए इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर भारत सरकार ने पवैया की सुरक्षा को Y प्लस से बढ़ाकर Z कर दिया है। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए पवैया ने कहा कि ये सरकार का फैसला है लेकिन अपने तो राम जी रक्षक हैं।
क्या हैं X,Y, Y प्लस, Z, Z प्लस सुरक्षा ?-
X श्रेणी के सुरक्षा कवर में 2 सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं, जिसमें से एक पीएसओ (पर्नल सिक्योरिटी ऑफिसर) होता है।
Y श्रेणी की सुरक्षा में कुल 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं इसमें दो पीएसओ भी होते हैं, इसमें कोई भी कमांडो नहीं होता।
Y प्लस श्रेणी की सुरक्षा में भी 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं इसमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ होते हैं।
Z श्रेणी सुरक्षा में 4 से 5 NSG कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं, इसमें दिल्ली पुलिस, ITBP या CRPF के कमांडो और स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल होते हैं, जयभान सिंह पवैया को यही सुरक्षा कवर दिया गया है।
Z प्लस सुरक्षा में 36 सुरक्षा गार्ड होते हैं, इसमें से 10 से ज्यादा NSG कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस, ITBP या CRPF के कमांडो आयर राज्य पुलिस के कर्मचारी शामिल होते हैं।
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बोरवेल में गिरा 5 साल का बच्चा, रेस्क्यू टीम ने निकाला लेकिन नहीं बची जान
आलीराजपुर। जिले के ग्राम खंडाला में एक खेत में स्थित बोरिंग में पांच साल का एक मासूम गिर गया। बच्चा बोरिंग में 20 फीट नीचे जाकर फंस गया। प्रशासन ने उसे बाहर निकालने के लिए तत्काल रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया। करीब साढ़े चार घंटे बाद बच्चे को बाहर निकाला जा सका। हालांकि इससे पहले ही उसकी मौत हो गई थी।
घटना शाम करीब चार बजे की है। शहर से पांच किमी दूर खंडाला में बोरवेल में विजय पुत्र दिनेश (5) निवासी वास्कल फलिया खंडाला गिर गया। वह गांव के ही डावरिया फलिया में अपने मौसा सालमसिंह के यहां आया था। सालम के खेत में खेलने के दौरान बोरी से ढंके बोरवेल के गड्ढे पर विजय ने पैर रख दिया और देखते ही देखते वह भीतर समा गया। आसपास के लोगों ने यह देख चीख-पुकार मचाई और जिला प्रशासन को सूचना दी गई।
शाम करीब 4.45 बजे प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई थी। बच्चा भीतर सांस ले सके इसलिए नली के जरिये उसे आक्सीजन भी दी गई। बोरवेल के दो छोर पर खोदाई कर समानांतर गड्ढा खोदा गया था। रात करीब 9.30 बजे बच्चे को बाहर निकाला गया। तत्काल बच्चे को जिला अस्पताल ले जाया गया, हालांकि यहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
सिविल सर्जन डा. प्रकाश ढोके ने बताया कि बाहर निकालने के तीन से चार घंटे पहले ही बच्चा दम तोड़ चुका था। जिसे भी बच्चे की मौत की खबर मिली, उसकी आंखों में आंसू आ गए।
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20 दिसंबर के पहले हो सकता है मध्य प्रदेश में प्रशासनिक स्तर पर बड़ा परिवर्तन
भोपाल। मध्य प्रदेश में 20 दिसंबर के पहले प्रशासनिक स्तर पर परिवर्तन हो सकता है। कुछ कलेक्टर बदले जा सकते हैं तो मंत्रालय स्तर पर भी वरिष्ठ अधिकारियों के दायित्व में परिवर्तन संभावित है। दरअसल, लोकसभा चुनाव के लिए 20 दिसंबर से मतदाता सूची का काम प्रारंभ हो जाएगा। इसके बाद न तो कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को बिना निर्वाचन आयोग की सहमति से हटाया जा सकेगा और न ही 64 हजार 626 बूथ लेवल आफिसर के तबादले किए जा सकेंगे।
लोकसभा चुनाव की घोषणा मार्च 2024 के पहले पखवाड़े में संभावित है। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने मतदाता सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। 20 दिसंबर से इसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। छह जनवरी 2024 को मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन कर दावे-आपत्ति आमंत्रित किए जाएंगे।
मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान में संलग्न अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले बिना आयोग की सहमति के नहीं होंगे। उधर, कुछ कलेक्टरों को लेकर दौरान शिकायतें हुई थीं। इसी सप्ताह सरकार का गठन हो जाएगा। इसके बाद नए सिरे से प्रशासनिक जमावट होगी। कुछ कलेक्टर और मंत्रालय में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों के दायित्व में परिवर्तन होगा। यद्यपि, बूथ लेवल आफिसर वही रहेंगे, जो वर्तमान में काम कर रहे हैं।
प्रदेश की प्रभारी मुख्य सचिव वीरा राणा को लेकर भी निर्णय इसी सप्ताह हो सकता है। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण इकबाल सिंह बैंस के सेवानिवृत्त पर प्रदेश में उपलब्ध सबसे वरिष्ठ अधिकारी वीरा राणा को वर्तमान दायित्वों के साथ मुख्य सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। मुख्यमंत्री अपने हिसाब से मुख्य सचिव नियुक्त करेंगे। राणा मार्च में सेवानिवृत्त होंगी। इसी माह में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है, इसलिए माना जा रहा है कि सरकार पहले ही मुख्य सचिव की नियुक्ति करेगी।