This website uses cookies to ensure you get the best experience on our website.

गुना-आरोन बस एक्सीडेंट में 29 लोग जिंदा जले, 13 की मौत, 16 घायल अस्पताल में

User Rating: 5 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar ActiveStar Active
 


गुना। (गरिमा टीवी न्यूज़) गुना जिले के बजरंगगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत दुहाई मंदिर के पास बस और डंपर में हुई भीषण भिड़ंत में बस में आग लगने से उसमें सवार 29 लोग जिंदा जले, जिसमें से 13 लोगों की मौत हो गई। वही 16 लोगों का जिला अस्पताल में इलाज जारी है। इस हादसे में डंपर के ड्राइवर की भी मौत हुई है किसी भी मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। प्रशासन ने डीएनए टेस्ट के माध्यम से पहचान करने का फैसला लिया है। इस मामले में गुना यातायात पुलिस की भी घोर लापरवाही दिखाई देती है, क्योंकि 2 दिन के अंदर गुना के दो घटनाक्रमों में 17 लोगों की मौत हुई है। यातायात पुलिस सिर्फ दो पहिया वाहनों पर अपना जोर दिखती है। जबकि ओवरलोड यात्री बस और ओवरलोड वाहनों पर यातायात पुलिस मौन बनी हुई है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मृतकों को 04-04 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपए की सहायता का ऐलान किया है । साथ ही ह्रदय विदारक हादसे के जांच के आदेश दिए गए हैं। बस गुना के एक भाजपा नेता की बताई जाती है। जो अनफिट होकर बिना परमिट के चलती हुई x पर बताई गई है। इसके कागज भी संबंधित ने x पर शेयर किए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग के साथ ही दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
मिली जानकारी के अनुसार ,गुना से आरोन जा रही सिकरवार बस मे बुधवार रात करीब 08.30 बजे डंपर ने टक्कर मार दी। इसके बाद बस में आग लग गई, जिसमें 13लोग जिंदा जले है। जबकि घायलों की संख्या 16 से अधिक बताई जा रही है। बताया जाता है कि प्रतिदिन की तरह 32 सीटर सिकरवार बस बुधवार रात करीब 8.00 बजे गुना से आरोन के लिए रवाना हुई। अभी बस जिला मुख्यालय से करीब सात किमी दूर मंदिर घूम घाटी पर पहुंची ही थी कि डंपर ने टक्कर मार दी। इसके बाद बस घाटी से टकराई और आग लग गई। इस हादसे में 13 लोगों की जलने से मौत हो गई।
यह बस बिना बीमा और फिटनेस के दौड़ रही थी। बस की फिटनेस अवधि 17 फरवरी 2022 को खत्म हो गई और बीमा अवधि 30 अप्रैल 2021 को समाप्त हुई है। परिवहन विभाग व जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते बस की नियमित जांच नहीं हुई है।
बस में इतनी अधिक आग की लपटें निकल रहीं थीं कि कोई व्यक्ति बस के अंदर फंसे लोगों को निकालने जा भी नहीं सका। जैसे ही बस में लपटें उठना शुरू हुईं वैसे ही यात्रियों ने चीख-पुकार शुरू कर दी। बस जिस मार्ग पर चल रही थी वह सुनसान इलाका था।
बस के घाटी से टकराने के बाद रुकने पर कई यात्री बाहर निकले व फोन करके पुलिस को सूचना दी। कई यात्रियों ने बस के दरवाजे, खिड़की से कूदकर अपनी जान बचाई।
बस में आग लगने के बाद आगे व बीच की सीटों पर बैठे ज्यादातर यात्री निकल आए थे। बस के पिछले हिस्से में बैठे लोग धूं-धूं कर झुलसने लगे थे। जब तक पुलिस व प्रशासन का राहत दल पहुंचा तब तक दस लोग बुरी तरह झुलस गए। बस से निकाले गए एक यात्री ने अस्पताल में दम तोड़ा। मृतकों व घायलों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने बस दुर्घटना के जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही परिवहन विभाग के अधिकारियों से कहा है कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो यह सुनिश्चित किया जाए। दुर्घटना में मृतक के स्वजन को चार लाख और घायलों को पचास हजार रुपये आर्थिक मदद देने के निर्देश दिए हैं।
सीएम मोहन यादव ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- गुना से आरोन जा रही बस में भीषण आग से यात्रियों के हताहत होने का समाचार अत्यंत दुःखद है। इस हृदय विदारक दुर्घटना में असमय मृत्यु को प्राप्त हुए दिवंगतों के परिजनों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। दुःख की इस विकट परिस्थिति में प्रदेश सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है।
मैंने प्रशासन को घायल यात्रियों के समुचित उपचार की व्यवस्था करने के साथ ही दुर्घटना की जांच के आदेश भी दिए हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। बाबा महाकाल से दिवंगत आत्माओं की शांति तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।