गुना। (गरिमा टीवी न्यूज़) गुना जिले में गत रात्रि हुए भीषण हादसे में 13 लोगों की जान जाने के बाद आज मुख्यमंत्री के कड़े तेवर के चलते आरटीओ और सीएमओ को निलंबित कर दिया गया। साथ ही जिला कलेक्टर के द्वारा चार सदस्य जांच टीम बनाई गई है, जो घटना की जांच करेगी। मुख्यमंत्री ने तीन दिन में घटना की जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार आज मध्य प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जिला अस्पताल में बस हादसे में घायल लोगों से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना और इस हादसे की लापरवाही के दोषी गुना आरटीओ रवि बारेलिया और मुख्य नगर पालिका अधिकारी बी. डी कतरौलिया को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। दोनों ही लोगों पर लापरवाही का आरोप है । आरटीओ के द्वारा बसों की फिटनेस चेक न करना और मुख्य नगर पालिका अधिकारी बी. डी कतरोलिया के द्वारा समय पर फायर ब्रिगेड ना भेजना इस निलंबन की वजह माना जा रहा है। जिला कलेक्टर ने इस पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए चार सदस्य टीम का गठन किया है यह टीम घटना की जांच कर रिपोर्ट पेश करेगी। इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि घटना हृदयविदारक है और इस मामले में जो जो भी दोषी होगा किसी को नहीं छोड़ेंगे।
बस दुर्घटना के कारणों की होगी जांच...
गुना के दुहाई मंदिर के पास बुधवार रात्रि को हुए बस दुर्घटना के कारणों की जांच कराये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा जिला प्रशासन को दिये गये। कलेक्टर तरूण राठी द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देश पर चार सदस्यीय समिति गठित कर दी गयी है। जिसमें अपर जिला दण्डाधिकारी मुकेश कुमार शर्मा, अनुविभागीय दण्डाधिकारी अनुभाग गुना दिनेश सावले, संभागीय उप परिवहन आयुक्त अरूण कुमार सिंह तथा सहायक यंत्री विद्युत सुरक्षा प्राण सिंह राय शामिल हैं। यह समिति बस में आग लगने के कारणों जांच एवं प्रकरण में उत्तरदायी विभागों की भूमिका की जांच कर जांच प्रतिवेदन तीन दिवस में प्रस्तुत करेगी।
मुख्यमंत्री द्वारा आर्थिक सहायता के दिये निर्देश...
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुना जिले में हुए बस दुर्घटना में मृतकों एवं घायलों के परिवारों को आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत कर सहायता दिये जाने के निर्देश जिला प्रशासन को दिये हैं। बस दुर्घटना में मृतको के परिवारों को 4-4 लाख रूपये तथा गंभीर घायलों को 50-50 हजार रूपये सहायता दिये जाने के निर्देश दिये गये हैं साथ ही सभी 16 घायल यात्रियों के समुचित इलाज की व्यवस्था किये जाने हेतु जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया।