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राम लला मूर्ति की फोटो वायरल होने से एक्शन में ट्रस्ट, इन अधिकारियों की जा सकती है नौकरी

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अयोध्या। 22 जनवरी को होने वाली प्राण-प्रतिष्ठा से पहले ही रामलला की कई फोटो वायरल हो रही है। एक फोटो में वह भव्य श्रंगार में हैं। फोटो वायरल होने के बाद श्रीराम मंदिर ट्रस्ट ऐक्शन में आ गया है। मंदिर का निर्माण कर रही एल एंड टी कंपनी के अफसरों पर फोटो वायरल करने का ट्रस्ट को शक है।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा, "जो लोग अयोध्या धाम के दर्शन करते हैं, वे बहुत पुण्य कमाते हैं। यह हमारा सबसे बड़ा 'धाम' है जैसे वेटिकन सिटी का दुनिया में महत्व है, उसी तरह हमारे लिए अयोध्या धाम का महत्व है।" हम भाग्यशाली हैं कि भगवान राम ने हमें यहां आकर उनकी पूजा करने की बुद्धि दी है। कुछ अन्य लोग भी हैं जिनके पास 'दुर्बुद्धि' है, इसलिए वे उनके धाम नहीं गए। प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी और 'राम' 'राज्य' पुनः स्थापित किया जाएगा।”
अयोध्या में होने वाले राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से 48 घंटे पहले देशभर में लगभग 25 हजार बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मार्केट में राम नाम की वस्तुओं की बिक्री का बूम आ गया है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले देश में एक लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने का जो अनुमान लगाया था, वह अपने लक्ष्य के करीब जा पहुंचा है। चूंकि अभी प्राण प्रतिष्ठा समारोह के प्रारंभ होने में 48 घंटे बचे हैं, इसलिए संभव है कि कारोबार का वह आकड़ा, उस अनुमान के पार पहुंच जाएगा। 22 जनवरी को देशभर के बाजारों में महा दीपावली का उत्सव मनेगा।
अयोध्या के श्रीराम मंदिर में प्रतिष्ठित करने के लिए काशी में तैयार की गई भगवान श्रीराम की स्वर्ण चरण पादुका शनिवार को अयोध्या ले जाई गई। स्वर्ण चरण पादुका लेकर काशी से प्रस्थान करने से पूर्व अन्नपूर्णा मंदिर के महंत गोस्वामी शंकर पुरी महाराज ने दोनों हाथों में स्वर्ण चरण पादुका उठाई और उसे हृदय से लगाकर देवी अन्नपूर्णा के गर्भगृह की पांच परिक्रमा की।
इससे पूर्व उन्होंने गर्भगृह में लाल रंग की चुनरी पर स्वर्ण चरण पादुका को रख कर मां अन्नपूर्णा से अयोध्या प्रस्थान करने की आज्ञा मांगी। पांच वैदिक ब्राह्मणों ने स्वर्ण चरण पादुका का पूजन विधि विधान से पूजन कराया। इसके बाद पादुका को हाथों में लेकर महंत शंकर पुरी मंदिर से बाहर निकले। द्वार पर प्रतीक्षा में खड़े भक्तों ने जय श्रीराम के घोष के साथ उनका स्वागत किया। हाथों में केसरिया पताका लिए खड़े भक्तों में शीशी के शोकेस में रखी स्वर्ण चरण पादुका को प्रणाम करने की होड़ सी मच गई।
22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले जर्मनी से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे। इस्कॉन के राष्ट्रीय प्रचारक, युधिष्ठिर गोविंद दास ने कहा, 'यह एक ऐतिहासिक क्षण है। दुनिया भर के हिंदू भक्त 500 वर्षों से इसका इंतजार कर रहे थे। अयोध्या का पूरी तरह से पुनर्निर्माण किया गया है। इस्कॉन भी 22 जनवरी को दुनिया भर में अपने मंदिरों में एक कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। हम उस दिन राम कथा और भंडारा का आयोजन करेंगे।'
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राम मंदिर को लेकर सरकार ने मीडिया व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को किया सचेत, कहा- भ्रामक खबरें देने से बचें
नई दिल्ली। राम मंदिर का 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने वाला है। इस दिन के लिए देशवासियों के मन में जबरदस्त उत्साह है। एक बार फिर कई सालों बाद अयोध्या, राम मंदिर, रामलला लोगों के बीच में सबसे ज्यादा चर्चा के विषय हैं। ऐसे में कई तरह की साइट्स व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राम मंदिर को लेकर भ्रामक जानकारियां दी जा रही हैं। सरकार इस पर बहुत ही सख्त हो गई है। सरकार ने सभी मीडिया ग्रुप्स व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राम मंदिर को लेकर भ्रामक खबरें देने को लेकर सचेत किया है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया संस्थानों को सलाह दी है। मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है। उसमें उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिनों से असत्यापित, उत्तेजक व भ्रामक जानकारियां सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल की जा रही है। इस तरह की जानकारियां देश के सांप्रदायिक सद्भाव और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हैं।
अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है। इस दिन के लिए पूरी अयोध्या को सजा दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व कई दूसरे गणमान्य लोग वहां मौजूद रहेंगे।
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भारत जोड़ो न्याय यात्रा के काफिले पर हमला:कांग्रेस बोली- BJP के गुंडों ने पोस्टर-बैनर फाड़े
गुवाहाटी। कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा सातवें दिन अरुणाचल प्रदेश पहुंची। इससे पहले यात्रा असम से होकर गुजरी। जहां यात्रा के काफिले पर हमला किया गया। कांग्रेस ने हमले का आरोप भाजपा पर लगाया है।
पार्टी ने सोशल मीडिया पर लिखा- BJP के गुंडों ने पोस्टर-बैनर फाड़े, गाड़ियों में तोड़फोड़ की। ये यात्रा को मिल रहे समर्थन से घबरा गए हैं। एक ही दिन पहले ही असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा था कि कांग्रेस की न्याय यात्रा को सुरक्षा नहीं दी जाएगी, यात्रा शहर से नहीं जाने देंगे।
जयराम रमेश ने कहा- मेरा BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से निवेदन है कि वे असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा से सिर्फ 2 बातें कहें। पहला- हमें RSS-BJP के लिए उनकी वफादारी का कोई नया सबूत नहीं चाहिए। दूसरा- जिस रास्ते से जेपी नड्डा जी की रैली निकली थी, उसी रास्ते से 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' निकालने की अनुमति दें।
पार्टी नेता गौरव गोगोई ने कहा- हम जहां 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के द्वारा असम की सुंदरता, सांस्कृतिक इतिहास और समन्वय को प्रकाशित कर रहे हैं। वहीं, BJP सरकार अपनी छोटी मानसिकता से बार-बार लोगों को परेशान कर रही है।
राहुल गांधी विभिन्न स्थानों पर जाकर शांति और अमन की प्रार्थना कर रहे हैं और इस यात्रा को भरपूर जन-समर्थन मिल रहा है। BJP के गुंडे अलग-अलग शहरों में जाकर दुकानदार, व्यापारियों, ठेला चालकों, युवाओं को धमकी दे रहे हैं। इससे पता चलता है कि BJP के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की नींद उड़ चुकी है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके इस हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि बीते 10 साल में भाजपा ने देश की जनता को संविधान की ओर से मिले हर अधिकार और न्याय को मिटाने की कोशिश की है। भाजपा लोगों की आवाज दबाना चाहती है और इसके जरिए लोकतंत्र पर कब्जा करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन हमलों के लिए जिम्मेदार असम की भाजपा सरकार की इन चालों और हमलों से डरने वाली नहीं है। हम भाजपा के इन गुंडों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।