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मध्य प्रदेश बोर्ड परीक्षा में इस बार जूते, मोजे व टोपी पहनने पर रोक

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भोपाल। इस बार मध्य प्रदेश बोर्ड 10वीं व 12वीं की परीक्षा में नकल प्रकरण पर रोक और इंटरनेट मीडिया पर प्रश्नपत्रों के बहुप्रसारित होने से बचाने के लिए काफी एहतियात बरत रहा है। अगर परीक्षार्थी जूते, मोजे, टोपी या जैकेट पहनकर आता है तो उसे परीक्षा कक्ष के बाहर उतारना होगा। इस बार परीक्षार्थियों की परीक्षा केंद्र और कक्ष के बाहर दोनों जगह जांच की जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिम) की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक छात्राओं की तलाशी महिला शिक्षक करेंगी। केंद्र के प्रवेश द्वार पर केंद्राध्यक्षों की उपस्थिति में ही चेंकिग की जाएगी। बता दें कि 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं पांच फरवरी से शुरू होंगी। दोनों कक्षाओं में करीब 17 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे।
इस बार मोबाइल को परीक्षा केंद्र के अंदर ले जाने के लिए मनाही है। यदि केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष, पर्यवेक्षक एवं अन्य स्टाफ यदि परीक्षा केंद्र पर मोबाइल फोन लेकर आए हैं तो केंद्राध्यक्ष परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र के बाक्स को खोलने के पहले ही सभी के मोबाइल फोन एकत्रित कर केंद्राध्यक्ष द्वारा अलमारी में रखकर सील कराएंगे।
सील अलमारी को परीक्षा समाप्त होने के आधे घंटे बाद ही खोला जाएगा। विद्यार्थी अगर मोबाइल लाता है तो केंद्र के प्रवेश द्वार पर बनी पेटी में उसे रखना है। परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल पाया गया तो जुर्माना लगाया जाएगा।
मंडल ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाएगी। परीक्षा केंद्र पर एक हवादार कमरे में बिस्तर और इलेक्ट्रोल पाउडर सहित प्राथमिक उपचार के लिए उपकरण चिकित्सकों की व्यवस्था भी होगी।
इस बार 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा में सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं। परीक्षार्थियों की सघन जांच होगी। - बलवंत वर्मा, परीक्षा नियंत्रक, माशिमं।

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1250 में 900 फेल: नाराज छात्राओं ने जमकर मचाया हंगामा, कलेक्ट्रेट का घेराव,
सीधी। शासकीय कन्या महाविद्यालय सीधी की छात्राओं ने कलेक्ट्रेट के सामने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। दरअसल, छात्राएं बीए और बीएससी प्रथम वर्ष के परीक्षा परिणाम को लेकर नाराज हैं। बता दें कि 1250 छात्राओं में से करीब 900 छात्राएं फेल हो गई हैं। अधिकांश छात्राओं को शून्य अंक दिया गया है।
उम्मीद के प्रतिकूल आए परीक्षा परिणाम पर आपत्ति जताते हुए महाविद्यालय की छात्राएं कलेक्ट्रेट पहुंचीं। यहां छात्राएं प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गेट के बाहर बैठ गईं। नारेबाजी को देखते हुए एसडीएम मौके पर पहुंचे और छात्राओं को समझाने का प्रयास किया। लेकिन छात्राओं ने कलेक्टर से मिलने की बात कहते हुए फिर से नारेबाजी शुरू कर दी।
इसके बाद कलेक्टर छात्राओं की मांग पर राजी हुए और उनके एक समूह को ऑफिस बुलाया। छात्राओं ने कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें समस्या की जानकारी दी। कलेक्टर द्वारा समस्या को हल करने का आश्वासन दिया गया है।
छात्राओं का कहना है कि बीए की छात्राएं फेल हो गई हैं और पुनः परीक्षा शुल्क 2600 निर्धारित है। ऐसे में आदिवासी पिछड़े गरीब परिवार से आने वाली छात्राएं फीस कैसे भर पाएंगी। छात्राओं की मांग है कि परीक्षा परिणाम में उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन कराया जाए।
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भूख है तो सब्र कर रोटी नहीं तो क्या हुआ: CMO ने गजल पढ़कर सरकार पर कसा तंज
नर्मदापुरम। मध्य प्रदेश के एक सीएमओ का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें वे गजल पढ़कर सरकार पर तंज कसते हुए दिखाई दे रहे है। ‘भूख है तो सब्र कर रोटी नहीं तो क्या हुआ, आजकल परिषद में है जे़र ए..’ इतना ही नहीं CMO ने यह गजल पढ़कर खुद के व्हाट्सएप स्टेटस पर लगाया। जिसके बाद अब वे घिरते हुए नजर आ रहे हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अधिकारियों की बदसलूकी पर जितने सख्त दिखाई दे रहे है। इधर अधिकारी भी सरकार पर तंज कसने से पीछे नहीं है। ताजा मामला नर्मदापुरम नगर पालिका सीएमओ का सामने आया है। जहां सीएमओ नवनीत पांडे ने एक गजल पढ़कर स्वयं के व्हाट्सएप स्टेटस पर डालकर घिर गए हैं। नवनीत पांडे ने नगर पालिका परिषद बैठक में कवि दुष्यंत कुमार की गजल के दो शेर पढ़े, जिनकों उन्होंने वॉट्सएप स्टेटस पर भी डाला।
वीडियो में सीएमओ गजल पढ़ रहे हैं, भूख है तो सब्र कर रोटी नहीं तो क्या हुआ, गिड़गिड़ाने का यहां कोई असर होता नही, पेट भरकर गालियां दो, आह भरकर बददुआ…सीएमओ की गजल पढ़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह गजल व्यवस्था के खिलाफ मशहूर कवि दुष्यंत ने लिखी थी।