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दो समुदाय के बीच बढ़ा तनाव:दुकान में आग लगाई, नारे लगाए गए, महाराष्ट्र में 24 घंटे के अंदर दो जगह हिंसा

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मुंबई। तेलंगाना के संगारेड्डी के हथनूरा गांव में सोमवार (22 जनवरी) देर रात दो समुदाय के बीच विवाद की स्थिति बन गई। दावा किया गया कि अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर एक पक्ष ने रैली निकाली। इस दौरान दूसरे पक्ष के फल बेचने वाले की दुकान में आग लगा दी गई थी। इसके बाद संगारेड्डी के कोडंगल में कोशगी जामा मस्जिद और नरसापुरा के दौलताबाद इलाकों में स्थिति बिगड़ गई। हंगामे की सूचना पर भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। घटना पर AIMIM प्रेसिडेंट असद औवेसी ने सांगारेड्डी एसपी से बात की और उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का कहा है। AIMIM के लोग भी घटनास्थल पर पहुंचे।
उधर, महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे के अंदर दो जगहों पर बवाल हुआ। ताजा मामला नवी मुंबई के पनवेल इलाके का है। सोमवार को शिवसेना शिंदे गुट की ओर से निकाली गई बाइक रैली में शामिल लोगों पर हमला किया गया। श्री राम का झंडा लगाकर बाइक से कुछ लोग नवी मुंबई के खारघर से पनवेल की तरफ जा रहे थे। तभी रास्ते में कुछ अज्ञात लोगों ने उन पर हमला कर दिया। हमले में तीन लोग घायल हैं।
इससे पहले 21 जनवरी की रात मुंबई के नजदीक मीरा रोड इलाके में उपद्रवियों ने राम नाम के झंडे लगे गाड़ियों में पत्थर फेंके थे और जश्न मना रहे लोगों के साथ मारपीट की।
मीरा भयंदर में हिंसा को लेकर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दो समुदायों के सदस्यों के बीच रविवार रात करीब साढ़े दस बजे नया नगर इलाके में एक वाहन रैली के दौरान झड़प हुई। जिसमें तीन कारों में सवार 10-12 लोग भगवान राम के जयकारे लगा रहे थे।
बाद में उनमें से कुछ लोगों ने सड़क पर पटाखे फोड़े। तभी एक समूह अपने घर से बाहर आया और रैली में भाग लेने वालों को लाठियों से पीटा और उनके वाहनों में तोड़फोड़ की।
मीरा रोड में हिंसा को लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस बोले- नयानगर में जो कुछ हुआ, उसकी पूरी जानकारी मैंने कल रात ही ले ली थी। साथ ही रात 3.30 बजे तक लगातार मीरा भाईंदर सीपी के संपर्क में थे। पुलिस को दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए CCTV फुटेज चेक किए जा रहे हैं। जो कोई भी कानून अपने हाथ में लेने और महाराष्ट्र में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश करेगा, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गुजरात के मेहसाणा जिले के खेरालु में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से एक दिन पहले रविवार (21 जनवरी) भगवान श्री राम की शोभायात्रा निकाली गई थी। जब ये जुलूस मस्जिद के पास से गुजर रहा था तब कुछ लोगों ने वहां से पथराव कर दिया। भगदड़ मचने के बाद हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को 10 राउंड आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
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राम आस्था हैं, राम आधार हैं…, भगवान राम के करोड़ो भक्त बस एकटक निहारे जा रहे
नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या राम मंदिर में भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में मुख्य यजमान बनकर अपना 32 साल पुराना किया हुआ वादा पूरा किया है। दरअसल, 14 जनवरी 1992 को पीएम नरेंद्र मोदी राम जन्म भूमि पहुंचे थे। उस समय राम लला टेंट में विराजमान थे। उसी दिन उन्होंने प्रण किया कि वो अयोध्या दोबारा तब तक नहीं आएंगे, जब तक भव्य राम मंदिर का निर्माण नहीं करवा लेंगे।
प्रण के ठीक 32 साल और 7 दिन बाद पीएम मोदी राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुख्य यजमान बनकर अयोध्या पहुंचे। उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के बाद राम लला की मनमोहक मूर्ति की आरती उतारी। आज राम लला की दिव्य और नव्य प्रतिमा को देख पीएम मोदी क्या, भगवान राम के करोड़ो भक्त बस एकटक निहारे जा रहे हैं। विश्व के किसी भी कोने में आंख उठाकर देखा जाए तो, केवल राम लला नजर आ रहे हैं। विदेशों में सनातन धर्म, राम लला को मानने वाले भक्त आज राम के रस में डूबे हुए हैं। हर तरफ जय श्री राम के नारे की गूंज सुनाई दे रही है। वहीं, अयोध्या ऐसी सजी हुई है, मानों सोने की हो, अयोध्या के कण - कण में राम की अनुभूति हो रही है।
पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान खत्म होने के तुरंत बाद लोगों को संबोधित किया। इसके अलावा उन्होंने राम मंदिर परिसर में मौजूद यटायू की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित की और राम मंदिर का निर्माण करने वाले मजदूरों के ऊपर पुष्पवर्षा कर उन्हें धन्यवाद किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा,"राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं, राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं, राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन हैं, राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, राम भारत का प्रताप हैं, राम प्रभाव हैं, राम प्रवाह हैं, राम नेति भी हैं, राम नीति भी हैं, राम नित्यता भी हैं, राम निरंतरता भी हैं, राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं इसलिए जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव शताब्दियों तक नहीं होता उसका प्रभाव हज़ारों वर्षों तक होता है।"
उन्होंने आगे कहा, "हर युग में लोगों ने राम को जीया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों में, अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है। यह राम रस जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है।"

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ममता बनर्जी ने कोलकाता में निकाली सर्वधर्म सद्भाव रैली
कोलकाता। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर देशभर में धार्मिक आयोजन हुए। इस मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सर्वधर्म सद्भाव रैली निकाली। इसकी शुरुआत हाजरा मोड़ से हुई। इसमें सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया।
तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि यह रैली सर्वधर्म सद्भाव को लेकर है। इसमें सभी धर्मों के लोग शामिल हुए हैं। हमारे देश को जोड़ने का काम धर्मनिरपेक्षता करती है। रैली का समापन पार्क सर्कस मैदान में होगा। यहां एक बहुत बड़ी सभा का आयोजन किया जाएगा।
ममता बनर्जी ने कालीघाट मंदिर में पूजा कर रैली की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर के उद्घाटन कर चुनावी राजनीति कर रही है। यह चुनावी नौटंकी है।
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भागवत बोले- 500 साल बाद रामलला वापस आए:CM योगी ने कहा- अयोध्या अब गोलियों की आवाज से नहीं, राम के नाम से गूंजेगी
अयोध्या। अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई है। इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- आज 500 साल बाद रामलला यहां लौटे हैं। रामलला के साथ भारत का स्व लौट कर आया है।
उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रभु राम की कृपा से अब कोई अयोध्या की परिक्रमा में बाधा नहीं बन पाएगा। अयोध्या की गलियो में गोलियों की गड़गड़ाहट नहीं होगी। यहां की गलियां श्री राम नाम से गूंजेंगी।
पूरे विश्व को त्रासदी से राहत देने वाला एक नया भारत खड़ा होके रहेगा। आज का कार्यक्रम इसका प्रतीक है। जोश की बातों में होश की बातें करने का काम मुझे सौंपा जाता है। PM को जितना कठोर व्रत करने को कहा गया था, उन्होंने उससे ज्यादा कठोर व्रत किया। वे तपस्वी हैं।
पीएम ने तप किया। अब हमें भी तप करना है। हमें छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई छोड़नी होगी। हमको आपस में समन्वय रखकर चलना होगा। सब हमारे ही हैं। सरकार की कई योजनाएं राहत दे रही है। लेकिन समाज के लोग हमारे भी लोग हैं। हमें भी सेवा और परोपकार के रास्ते पर चलना होगा। अपने लिए उतना ही रखें जितने की जरुरत हो।
RSS प्रमुख ने आगे कहा, जिनके त्याग, तपस्या, प्रयासों से आज हम यह स्वर्ण दिवस देख रहे हैं, उनका स्मरण प्राण-प्रतिष्ठा के संकल्प में हमने किया। उनके प्रयासों को कोटि बार नमन है। इस युग में आज के दिन रामलला के फिर वापस आने का इतिहास जो-जो स्मरण करेगा, वह राष्ट्र के लिए होगा।