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महाकाल मंदिर में एक साथ होली- दीपावली, भस्‍मारती से पहले लाई गई राम दरबार की मूर्ति

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उज्जैन। अयोध्या में श्रीराम मंदिर प्रतिष्ठा का उत्सव धर्मधानी उज्जैन में महामहोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में तड़के 4 बजे भस्म आरती से उत्सव की शुरुआत हुई। भस्‍मारती में मंगलगान के साथ फूलों की वर्षा हुई। आतिशबाजी की गई। इस तरह होली और दीपावली एक साथ मनाई गई। भक्‍तों से खचाखच भरे मंदिर परिसर में भस्‍मारती से पहले राम दरबार की मूर्ति लाई गई।
महाकाल मंदिर में पुजारियों ने प्रतिदिन की तरह पट खोले। भक्‍तों के गजब के उत्‍साह के बीच बाबा का अभिषेक किया गया। राम दरबार की प्रतिमा को महाकाल के पास आसन लगाकर विराजमान किया गया। आरती में पुजारियों ने फुलझड़ी जलाकर खुशियां मनाई। फूलों की वर्षा की गई।
शिप्रा नदी के सिद्धवट घाट पर 101 तीर्थ पुरोहितों द्वारा चतुर्वेद मंत्र से पयोधारा अभिषेक कर श्रीराम स्तुति की जाएगी। नगर के अन्य मंदिरों में उत्सवी छटा बिखर रही है। शहरभर में अखंड रामायण, सुंदरकांड व भजन संध्या के आयोजन चल रहे हैं । रंगारंग आतिशबाजी भी की जा रही है।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भस्म आरती में भगवान महाकाल का पंचामृत, फलों के रस तथा सुगंधित द्रव्यों से अभिषेक कर सोने चांदी के आभूषणों से श्रृंगार किया गया। इसके बाद पांच क्विंटल फूल अर्पित कर प्रभुश्री राम को खिरान का भोग लगाया गया। आरती के बाद भक्तों को प्रसादी का वितरण हुआ।
मंदिर समिति भक्तों को दिनभर मोहन भोग (हलवा) का वितरण करेगी। भगवान श्रीराम की महाआरती की गई। शाम को शिखर दर्शन परिसर तथा कोटितीर्थ कुंड के आसपास एक लाख दीप प्रज्वलित कर राम दीपावली मनाई जाएगी। साथ ही रंगारंग आतिशबाजी का आयोजन भी होगा। भक्तों को अयोध्या में होने वाले श्रीराम मंदिर प्रतिष्ठा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दिखाने के लिए मंदिर परिसर में विशाल स्क्रीन भी लगाई गई।
चामुंडा चौराहा स्थित श्री क्षत्रेश्वरी चामुंडा माता मंदिर में श्री राम मंदिर प्रतिष्ठा उत्सव के अवसर पर मां चामुंडा को एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह लड्डूओं का महाभोग लगाया गया। भक्तों को महाप्रसादी का वितरण किया जा रहा है।
जिला वन मंडल अधिकारी डा.किरण बिसेन ने बताया अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्रतिष्ठा के अवसर पर सोमवार को मक्सी रोड स्थित नगर वन में नगरवासियों को निशुल्क प्रवेश दिया जा रहा है। राम भक्त नगरवन में श्रीराम वन गमन पथ का निशुल्क दर्शन कर सकते हैं। बता दें आमदिनों में नगर वन स्थित श्रीराम वन गमन पथ को देखने के लिए 12 रुपये का टिकट खरीदना होता है।
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रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में भावुक हुई ऋतंभरा और उमा भारती, गले लगकर खूब रोईं
भोपाल। राम जन्म भूमि आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाने वाली दो साध्वी जब आमने सामने आई तो भावुक हो उठीं। दोनों ही दिग्गज साध्वी की अश्रुधारा निकल पड़ी। दोनों ही काफी देर तक गले मिलती रही। आज जब कई वर्षों बाद रामलला अपने घर में प्रतिष्ठित हो रहे हैं, इस पल की साक्षी बने दोनों साध्वी की आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े। जिसने भी दो साध्वियों का यह रूप देखा वो भी भावुक हो गया था।
मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा सोमवार को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने आई थीं। दोनों ही साध्वी ने राम जन्मभूमि पर बने बाबरी ढांचे को गिराने और रामलला का नया मंदिर बनवाने के लिए काफी लड़ाई लड़ी थी। आज दोनों ही दिग्गज यही सोंच रही होंगी कि उस समय का संघर्ष और कष्टों में जीवन बिताने के बाद आज सुखद पल आ गया है। उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा ने रामजन्म भूमि आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। राम लला सोमवार को 22 जनवरी 2024 को अपने मंदिर में विराजमान हो रहे हैं। उमा भारती दो दिन पहले अयोध्या पहुंच गई थी, अयोध्या में काफी ठंड होने के कारण उन्हें बुखार भी आ गया है।
इससे एक दिन पहले अयोध्या पहुंची साध्वी ऋतंभरा ने कहा था कि 500 साल के संघर्ष की यात्रा के बाद हमने यह पाया है कि हमारे रामलला मंदिर में विराजेंगे। मैं आपको बता देना चाहती हूं कि भारत के बहुत सारे ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने इस संकल्प की पूर्ति के लिए जूते तक नहीं पहने, पगड़ी नहीं पहनी, कुछ लोग तो अन्न तक त्याग कर चुके हैं। कई स्त्रियों ने बाल खोलकर रखे, उनका संकल्प था कि जब तक भगवान का मंदिर बनेगा तब ही वे अपने संकल्प को तोड़ेंगे। ऋतंभरा ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारी पीढ़ी को इस सौभाग्य को देखने का मौका मिल रहा है। परी दुनिया के सनातनियों को इसकी बहुत-बहुत बधाई।
इधर, उमा भारती भोपाल से अयोध्या दो दिन पहले पहुंच गई थीं। उन्होंने अयोध्या पहुंचकर जानकारी दी थी कि यहां बहुत ठंड होने के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई है, उन्हें बुखार आ रहा है, दवा का भी असर नहीं हो रहा है। लेकिन, राम लला के लिए मुझे आना ही था।
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एमपी के राज्यपाल बोले- शादी से पहले जन्मपत्री नहीं, ब्लड की कुंडली मिलाएं
खंडवा। राज्यपाल मंगू भाई पटेल आदिवासी बहुल क्षेत्र में पहुंचे। उन्होंने विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारंभ किया। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया आनुवांशिक बीमारी है। उन्होंने आदिवासी समाज को इस रोग से सतर्क करते हुए कहा कि आदिवासी परिवार बच्चों का ब्याह करते समय जांच करें। ये बीमारी अच्छे पैसे वाले परिवार में हो तो भी ब्याह नहीं करें। राज्यपाल ने कहा बच्चों की शादी के समय जन्मपत्री नहीं ब्लड की कुंडली मिलाएं। उन्होंने कहा सिकल सेल माता-पिता से बच्चों में होता है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री सबके सहयोग से 2047 तक सिकलसेलमुक्त करने को कहा है। जांच से रोगी एवं वाहक की पहचान करें। ताकि भविष्य में इस आनुवांशिक बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके। मोदी देश में इसके लिए 1500 करोड़ का बजट लाए हैं। बच्चों की जांच कराकर कार्ड बनवाएं। उन्होंने लक्षण बताए कि हम सब का खून गोला है। सिकल सेल के खून का बूंद टेढ़ा होता है। इसमें हाथ-पैर टेढ़े हो जाते हैं। डॉक्टरों से कहा कि हर आंगनवाड़ी में बच्चों की जांच करें। फिर उनके माता-पिता की जांच करें और उनके कार्ड बनाएं।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई। प्रधानमंत्री का संदेश देखा व सुना गया। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि यात्रा गरीब और वंचितों के लिए है। उन्होंने प्रधानमंत्री को संवेदनशील बताते हुए कहा कि भारत में ऐसा पहली बार है कि टाप टू से बाटम तक यानी नीचे से ऊपर तक जनजातीय समाज को स्थान मिला है। महिलाओं के लिए उज्ज्वला गैस, इलाज के लिए पांच लाख तक आयुष्मान कार्ड आदि योजनाएं शुरू की है। उन्होंने कहा कि आदिवासी बेटियां आत्मनिर्भर हो रहीं हैं। आजीविका मिशन से आदिवासी महिलाएं ट्रैक्टर खरीद कर पति को दे रहीं हैं। ऐसा कभी नहीं हुआ। राज्यपाल ने अंत में शपथ दिलाई। बैतूल सांसद दुर्गादास उईके ने कहा कि राज्यपाल द्वारा सिकल सेल एनीमिया को लेकर जो अभियान शुरू किया गया है, यह राष्ट्रव्यापी अभियान आने वाले समय में वरदान साबित होगा।
कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने कहा आदिवासियों के लिए प्रदेश स्तरीय स्पोर्ट्स काॅम्पलेक्स बनाएंगे। इससे पहले उन्होंने कहा राज्यपाल हमारे जनजातीय समाज से आते हैं। मंत्री ने कहा कि आज एक ऐसा संयोग है कि सरपंच, क्षेत्र का जपं सदस्य, जिले का उपाध्यक्ष, क्षेत्र का विधायक, सांसद, मंत्री और प्रदेश का राज्यपाल आदिवासी हैं। उन्होंने कहा कि गांव, प्रदेश ही नहीं देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी आदिवासी हैं। जनजातीय बंधुओं का विकास तेजी से हो रहा है। मंत्री ने इसका श्रेय डॉ. आंबेडकर और प्रधानमंत्री को दिया। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री सबसे पिछड़े और गरीब को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
कार्यक्रम में मंत्री विजय शाह ने बांस कला केंद्र से निर्मित रामलला का भव्य मंदिर का प्रतीक राज्यपाल मंगू भाई पटेल को भेंट की। कार्यक्रम में स्कूली छात्राओं ने गणगौर नृत्य एवं बिरसा मुंडा आदिवासी नृत्य प्रस्तुत किया, जिस पर राज्यपाल पटेल ने छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।