ग्वालियर । मंत्री ने कहा कि मैंने निर्देश दिए हैं कि नामांतरण में एक रुपये का खर्चा नहीं आएगा किसानों को भी कोई परेशानी अब नहीं होगी, मैं भ्रष्टाचार बिलकुल सहन नहीं करूँगा, मैंने कहा है कि मैं किसी को मुफ्त की एक चाय भी नहीं पीने दूंगा, कोई सुई बराबर भी शिकायत मिली तो कार्रवाई होगी, कोई भी हो उसे सजा जरुर मिलेगी।
राजस्व महा अभियान के तहत राजस्व विभाग से जुड़े मामलों की समीक्षा करने ग्वालियर आये राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा काम की लेटलतीफी और भ्रष्टाचार को लेकर बहुत गंभीर दिखाई दिए। उन्होंने कहा मेरे विभाग में काम की गति बहुत धीमी है इसलिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के कहने पर महा अभियान चलाया है, मैंने 30 दिन का समय दिया है, यदि इस अवधि में नामांतरण नहीं किया तो कर्मचारी अधिकारी खुद को सस्पेंड समझे, मैं किसी को भी मुफ्त की चाय नहीं पीने दूंगा। उन्होंने कहा कि सोच बदलनी होगी जनता को भगवान समझना होगा, उसकी सेवा करनी होगी।
ग्वालियर स्थित राजस्व भवन (संभाग आयुक्त कार्यालय) में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि हमने 45 दिन का महा अभियान शुरू किया है इसमें हम अपने विभाग की पेंडेंसी को ही खत्म करेंगे बल्कि विभाग को भ्रष्टाचार मुक्त भी बनायेंगे। मीडिया से बात करते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि मैंने निर्देश दिए हैं कि 30 दिन में नामांतरण हो जाना चाहिए नहीं तो अधिकारी कर्मचारी खुद को सस्पेंड समझे।
बरसों से एक ही जगह जमे पटवारियों के सवाल पर राजस्व मंत्री ने कहा कि इस विषय पर भी चर्चा हुई है जल्दी ही इस पर निर्णय लिया जायेगा। पटवारियों के रिश्वत लेते पकड़े जाने के सवाल पर राजस्व मंत्री ने कहा कि बहुत लोग भ्रष्टाचार कर रहे हैं ये अकेले तो नहीं कर रहे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। हम राजस्व विभाग में अच्छा परिवर्तन लायेंगे, अभी मैं चुप हूँ समय सीमा में काम नहीं होंगे तो फिर एक्शन होगा।
एक सवाल के जवाब में मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा मैंने सभी से कहा है कि हम सब एक परिवार हैं आप मंदिर की जगह जनता के बीच जायें, वो ही हमारा भगवान है ,उसका काम करोगे तो मान सम्मान, धन दौलत सब मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने काम नहीं किया तो सजा मिलेगी, मैंने निर्देश दिए हैं कि गाँव में जाएँ वाचन करें, ढोंडी पिटवायें कि जिसका नक्शा ख़राब हो वो सुधरवा ले, किसी कको नामांतरण करवाना हो करवा ले। मंत्री ने कहा – हमें सोच बदलनी होगी, हमारा लक्ष्य एक ही है जनता को भगवान का स्वरुप मानकर उसकी सेवा करनी होगी ।
मंत्री ने कहा कि मैंने निर्देश दिए हैं कि नामांतरण में एक रुपये का खर्चा नहीं आएगा किसानों को भी कोई परेशानी अब नहीं होगी, मैं भ्रष्टाचार बिलकुल सहन नहीं करूँगा, मैंने कहा है कि मैं किसी को मुफ्त की एक चाय भी नहीं पीने दूंगा, कोई सुई बराबर भी शिकायत मिली तो कार्रवाई होगी, कोई भी हो उसे सजा जरुर मिलेगी।
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रिश्वत मांगने वाले तहसील कार्यालय के कंप्यूटर आपरेटर को तीन साल की सजा
देवास। जमीन का सीमांकन करवाने के एवज में रिश्वत मांगने वाले तहसील कार्यालय के कंप्यूटर आपरेटर को न्यायालय ने तीन साल की सजा सुनाई। 10 हजार रुपये अर्थदंड दिया। जानकारी के मुताबिक 26 मई 2017 को किसान ने लोकायुक्त एसपी उज्जैन के समक्ष उपस्थित होकर शिकायती आवेदन दिया था।
इसमें बताया था कि उसने 34 वर्ष पूर्व अपने काका निवासी ग्राम मुंगावदा तहसील व जिला देवास में पटवारी हल्का नं 33 के सर्वे क्रमांक 202/1 में से 13 आरे कृषि भूमि खरीदी थी। इस पर खेती करता आ रहा हूं। इसका नामांतरण हो चुका है। 13-06-2016 को अपनी भूमि का सीमांकन करने हेतु तहसीलदार कार्यालय में आवेदन पत्र दिया था। इसमें सभी दस्तावेज लगा दिए थे। लगभग एक वर्ष तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई। इस पर तहसील कार्यालय गया तो वहां अभियुक्त निलेश वर्मा (कंप्यूटर आपरेटर, तहसील कार्यालय) ने कहा कि मुझे 5 हजार रुपये दे दो तो मैं तहसीलदार से सीमांकन का आदेश करवा दूंगा। 2500 रुपये आदेश के पहले एवं 2500 रुपये सीमाकंन आदेश देने के बाद बोला था।
फरियादी के शिकायती आवेदन पत्र पर लोकायुक्त पुलिस उज्जैन द्वारा आरोपी निलेश वर्मा को 2500 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। न्यायालय में विचारण उपरांत अभियुक्त निलेश वर्मा रिश्वत की मांग करने का दोषी पाते हुए सजा दी गई।
विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने निर्णय पारित कर आरोपित निलेश वर्मा (कंप्यूटर आपरेटर, तहसील कार्यालय) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 8 में दोषी पाते हुए तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। 10 हजार रुपये अर्थदंड दिया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जगजीवनराम सवासिया, एडीपीओ ने की। कोर्ट मोहर्रिर प्रधान आरक्षक श्याम आंजना का विशेष सहयोग रहा।
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सोते पति की हंसिया से काट दी गर्दन, महिला गिरफ्तार
सागर। मारपीट से तंग पत्नी ने रात में सोते समय हंसिया से गर्दन काट कर पति की हत्या कर दी। वारदात के बाद फरार होने की कोशिश कर रही आरोपित महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सागर जिले की बीना तहसील के ग्राम धनोरा निवासी दयाराम पिता प्रेमनारायण कुशवाहा उम्र 30 वर्ष का विवाह लगभग सात-आठ वर्ष पूर्व मालथौन थाना क्षेत्र के एक गांव में हेमलता उर्फ अंगूरी बाई से हुआ था।
विवाह के बाद से महिला का बार-बार मायके आना-जाना था। विवाह उपरांत हेमलता ने एक बेटी को जन्म दिया, जो अब पांच साल की हो गई है। इसके बाद भी महिला बार-बार मायके आती-जाती रही। इसे लेकर अक्सर पति दयाराम कुशवाहा पत्नी हेमलता के साथ मारपीट करता था।
मारपीट से तंग आकर मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात हेमलता ने सोते समय पति की हंसिया से वार कर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद पत्नी ने दरवाजे को लगा कर घर छोड़ दिया। सुबह मृतक दयाराम के भाई ने कमरे में खून से लथपथ अपने भाई को देखा। उसने पुलिस को सूचना दी।
बीना थाना प्रभारी भरत सिंह ठाकुर ने बताया कि हत्या की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने आरोपित महिला को बीना से पकड़ा है। वह भागने की कोशिश में थी। उस पर हत्या का प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। महिला ने बताया कि पति अक्सर मारपीट करता था, इसलिए तंग आकर हत्या कर दी।