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गुना में धड़ाधड़ छापामार कार्रवाई: हाईकोर्ट में याचिका लगी , जवाब 12 मार्च को देना है

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गुना। (गरिमा टीवी न्यूज़) ग्वालियर-चंबल संभाग के गुना समेत अन्य जिलों में मिलावटी वस्तुओं के बढ़ते कारोबार को देखते हुए हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में एक याचिका दायर हुई है, जिसमें लगातार सुनवाई हो रही है। आदेश का पालन न करने पर अवमानना याचिका दायर हुई है। जिसमें 12 मार्च को जवाब देना है। इससे पूर्व गुना समेत ग्वालियर-चंबल संभाग के दूसरे शहरों में मिलावटी एवं नकली प्रोडक्ट वालों के यहां खाद्य विभाग सक्रिय हो गया है। भोपाल से आई एक चार सदस्यीय इंसपेक्टर की टीम गुना में डेरा डाले हुए है, जो लगातार दबिश देकर मिलावटियों के यहां दबिश दे रही है।
इस टीम ने जैसे ही गुना शहर, म्याना, कुंभराज, मधुसूदनगढ़ में दूध और दूध से बनी खाद्य सामग्री में मिलावट एवं नकली प्रोडक्ट के बिकती सामग्री की सूचना पर दबिश देकर सेम्पल लेने की योजना बनाई, यह टीम कार्रवाई करती कि इससे पहले गुना शहर में तो दबिश देकर सेम्पल लेने की खबर आग की तरह फैल गई और कुछ ही देर में पुरानी गल्ला मंडी, हनुमान चौराहा, हाट रोड, लक्ष्मीगंज, बीजी रोड आदि बाजारों में किराना, दूध-डेयरी समेत अन्य खाद्य पदार्थ बेचने वालों की दुकान के शटर गिरते रहे। इनको देखकर बाजार में हड़कंप सा मच गया, वहां से गुजरने वाले राहगीर यह नहीं समझ पाए कि अचानक कैसे बाजार बंद हो गया। भोपाल समेत दूसरे जिलों से आए इंस्पेक्टरों की टीम लगातार सेम्पल लेने की कार्रवाई देर शाम तक अलग-अलग जगह करती रही।29 फरवरी तक सेम्पल लेने के लिए गुना में लगातार कार्रवाई करने की खबर है।
हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में मिलावटी एवं नकली फूड प्रोडक्ट को लेकर एक याचिका दायर हुई है, उसमें 9 नवम्बर 2023 को हाईकोर्ट के प्रशासनिक जज रोहित आर्या और जस्टिस अमरनाथ केशरवानी की खंडपीठ ने गुना समेत ग्वालियर-चंबल संभाग के अलावा 9 जिलों में दूध व इससे बने उत्पादों की जांच मौके पर ही करने के निर्देश दिए थे। इस आदेश का पालन न होने पर कोर्ट में अवमानना याचिका पेश हुई है। इस याचिका को देखते हुए गुना में सात-आठ दिन पूर्व भोपाल, विदिशा और नर्मदापुरम जिलों के फूड इंस्पेक्टर सेम्पलिंग के लिए गुना प्रदेश स्तर से भेजे गए हैं। यहां इन इंस्पेक्टरों के साथ एक मोबाइल बेन आई है जो मौके पर ही सेम्पलों की जांच कर रही है। अभी तक डीजल न मिलने की वजह से मोबाइल वेन यहां बगैर डीजल के यहां खड़ी रहती थी।
दो दिन पूर्व बाहर से आई यह टीम जैसे ही कुंभराज और मधुसूदनगढ़ पहुंची थी, वहां इस टीम को देखकर कुंभराज, मधुसूदनगढ़ के दुकानदार अपनी-अपनी दुकान के शटर गिराकर भाग गए थे, क्यों कि उनको डर है कहीं उनके यहां फूड विभाग की टीम की दबिश न पड़ जाए। मधुसूदनगढ़ का बाजार दो दिन में कई बार बंद होता रहा। वहां के अलावा राघौगढ़, बीनागंज में भी अलग-अलग प्रतिष्ठानों पर छापा मार कार्रवाई की। वहां एक दर्जन से अधिक खाद्य सामग्री के सेम्पल लिए, जिनकी चेकिंग स्वयं की। इसके बाद शनिवार को अलग-अलग जिलों से आए चार इंस्पेक्टरों के साथ दो दर्जन से अधिक स्थानीय अधिकारियों व कर्मियों और पुलिस कर्मियों की टीम गुना शहर के सदर बाजार, लक्ष्मीगंज, पुरानी गल्ला मंडी आदि क्षेत्रों में पहुंचने की सूचना मिली, जैसे ही यह खबर दुकानदारों तक पहुंची, कुछ ही देर में धड़ाधड़ दुकानों के शटर गिरने लगे।
गुना जिले में देखा जाए तो यहां हर त्योहार पर सेम्पल तो लिए जाते हैं लेकिन उनको जांच के लिए यहां लैब न होने से भोपाल स्थित प्रयोगशाला में भेजा जाता है, जहां इस सेम्पल की जांच के बाद रिपोर्ट भेजा जाता है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी नवीन जैन ने अनुसार अप्रैल 2023 से अभी तक साढ़े तीन सौ सेम्पल जांच के लिए भेजे गए थे। उनका दावा है कि 250 की रिपोर्ट मिली है। इनमें से कई सेम्पल फेल हुए हैं। जिनके खिलाफ संबंधित कोर्ट में मामले पेश किए गए हैं। इन सेम्पलों की रिपोर्ट आने में कम से कम एक माह का समय लग जाता है। उनका कहना है दूध में मिलावट की जांच के लिए इलेक्ट्रोनिक टेस्टिंग मशीन दिलाने को कहा है। गुना मे अधिकतर दुकानों के शटर गिरे हुए दिखाई दिए।
खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रक विभाग की टीम ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र स्थित बजरंग बिस्किट फैक्ट्री से चना, दाल, बेसन, गेहूं का आटा के सेंपल लिए। इसी तरह ज्योति इंडस्ट्रीज से मिर्च, धनिया, हल्दी पावडर, श्याम गृह उद्योग से रिफाइंड, सोयाबीन तेल, मूंग दाल, नमकीन, साहू इंडस्ट्रीज से गेंहू के आटे के सेम्पल लिए। राघौगढ़ से उप्पल बेकरी, बीकानेर मिष्ठान भंडार से सेम्पल लिए।
गुना में पॉलीथिन वालों के यहां भी लगातार दबिश दी जा रही है। इसको लेकर छोटे-मोटे दुकानदार हैरान हैं। उनका कहना है कि सेम्पल लेने और पॉलीथिन जब्त करने वालों की टीम की वजह से हम लोग अपना कारोबार नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना था कि हम लोग प्रतिदिन कमाने वाले हैं, इस तरह की कार्रवाई से हमारे सामने आर्थिक संकट भी छाने लगा है।