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सावधान: ट्रेन ट्रैक पर सेल्फी और रील बनाने पर लगेगा 3000 का जुर्माना

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भोपाल। हाल ही में युवाओं में सेल्फी और रील बनाने का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है। जिसके चलते लोग नई-नई जगहों पर रील बनाने जाते है और कई बार हादसों का भी शिकार हो जाते है।
हाल ही में सरकार के नये नियम के अनुसार यदि को व्यक्ति रेलवे परिसर के अंदर या ट्रेन ट्रैक के सामने सेल्फी लेते हुए या फिर रील बनाते हुए पकड़ा गया तो उस पर 3000 रुपये का जुर्माना लगेगा।
आप को बता दें कि किसी भी सोशल मीडिया अकाउंट पर यदि ऐसा कोई वीडियो या रील पाई गई तो उस अकाउंट पर सख्त कार्रवाई होगी। पिछले कुछ सालों में ट्रेन के पास रील बनाने और फोटो खींचने के कारण कई हादसे हुए है जिसके कारण कुछ लोगों की जान भी जा चुकी है।
गौरतलब है कि अभी तक युवाओं को चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता था पर अब किसी को कोई रियायत नहीं मिलेंगी। रेलवे के सीनियर ऑफिसर और कमांडेंट प्रशांत यादव ने बताया की इन सभी मामलों में सख्ती बरतना अनिवार्य है।
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BJP विधायक ने SDM के पैर पड़कर लगाई जल संकट दूर करने की गुहार
सिरोंज। अपने गुस्से के लिए मशहूर सिरोंज विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा का मंगलवार को सिरोंज एसडीएम कार्यालय में बदला हुआ रूप देखने को मिला। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में जल संकट की शिकायत लेकर पहुंचे शर्मा ने पहले एसडीएम हर्षल चौधरी को हाथ जोड़े और फिर पैर पड़ते हुए जल संकट का समाधान निकालने की गुहार लगाई।
विधायक शर्मा का कहना था कि शहर में सात दिनों से नल नहीं आ रहे है। महिलाएं रोज घर के सामने नलों पर बर्तन लेकर बैठती है लेकिन उन्हें ये नहीं पता की नल आयेंगे या नहीं। यही स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों की है। ग्रामीण दस से बीस किमी दूर से पानी लाने के लिए मजबूर है। कलेक्टर से लेकर एसडीएम, जनपद सीइओ और नगर पालिका सीएमओ तक सबसे शिकायत कर चुके है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने मौके पर ही एसडीएम से पूछा कि सिरोंज के 310 गांवों में से कितने गांवों में जल संकट है लेकिन वे कुछ नहीं बता पाए।
विधायक का कहना था कि वे जनता की हित की बात करते है तो उन्हें सत्ता का विरोध करने और अधिकारियों पर रौब झाड़ने के आरोप लगाते है। उन्होंने कहा कि इसलिए वे आज आम व्यक्ति बनकर यहां आए है। उन्होंने यह भी कटाक्ष किया कि यदि विधायक के रूप में आते तो उन्हें समय ही नहीं मिलता। विधायक शर्मा ने जल जीवन मिशन में भ्रटाचार पर भी नाराजगी जताई।
विधायक ने एसडीएम के सामने ही कहा कि प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना में ठेकेदार भ्रष्टाचार कर रहे हैं, जिसके कारण जल आपूर्ति की योजनाएं फलीभूत नहीं हो रही है। शिकायत करने के बाद भी प्रशासन के अधिकारी ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं करते। उन्होंने नागरिकों की ओर से एसडीएम चौधरी को कलेक्टर के नाम ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें उन्होंने जल जीवन मिशन के कार्यों की निष्पक्ष जांच कराने का आग्रह किया है।
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कलेक्ट्रेट में पुलिस और पत्नी पर प्रताड़ना का आरोप लगा खुद पर उड़ेला पेट्रोल
बुरहानपुर। मंगलवार को कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई के दौरान तब हड़कंप मच गया, जब एक व्यक्ति ने हंगामा करते हुए खुद पर पेट्रोल उड़ेल लिया और आत्मदाह का प्रयास करने लगा। वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उसे आत्मदाह करने से रोका। एडिशनल एसपी अंतर सिंह कनेश की समझाइश के बाद व्यक्ति माना।
दरअसल गणपति थाना क्षेत्र निवासी मोहम्मद जफर पुलिस व अपनी तलाकशुदा पत्नी पर बेवजह प्रताड़ित करने की शिकायत लेकर जनसुनवाई में पहुंचा था। उसका आरोप है कि वर्ष 2020 में उसका निकाह हुआ था। शादी के बाद पत्नी से अनबन हुई और बाद में तलाक हो गया। बावजूद इसके पत्नी ने दहेज प्रताड़ना की झूठी शिकायत कर दी। इस मामले में वह न्यायालय से बरी हो चुका है। इसके बाद भी पत्नी लगातार झूठी शिकायत करती रही।
जिस पर बिना जांच पड़ताल के गणपति थाना पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया। अब पुलिस उसे परेशान कर रही है। इससे वह मानसिक तनाव से गुजर रहा है। एएसपी अंतरसिंह कनेश ने तत्काल गणपति थाना टीआई को एसपी कार्यालय बुलाया और इस पूरे मामले में न्यायोचित कार्रवाई के निर्देश दिए।
मोहम्मद जफर मंगलवार दोपहर शिकायत लेकर अपनी मां के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचा था। वह लाइन में लगा हुआ था। इसी दौरान मां और जफर की किसी कर्मचारी से बहस शुरू हो गई। इसके बाद जफर ने अपने पास रखी पेट्रोल से भरी बोतल निकाली और खुद पर उड़ेल ली। यह सब देखकर आसपास के लोग घबरा गए। पुलिसकर्मियों की नजर पड़ी तो वे दौडक़र जफर के पास पहुंचे और पेट्रोल की बोतल व माचिस छीन ली। गनीमत रही कि समय रहते जफर को काबू कर लिया गया, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
जफर द्वारा पेट्रोल उड़ेलने के बाद पूरे कलेक्ट्रेट परिसर में पेट्रोल की गंध फैल गई थी। जफर के आसपास खड़े लोग भी घबरा कर दूर भाग गए थे। ज्ञात हो कि जफर पहले कलेक्टर से मिलने गया, लेकिन वहां से उसे पुलिस विभाग का मामला होने की बात कहकर एसपी कार्यालय भेज दिया गया। एसपी के नहीं मिलने पर वह एएसपी अंतरसिंह कनेश से मिला। एएसपी ने जफर की पूरी बात सुनी।