गुना। (गरिमा टीवी न्यूज़) गुना में एक व्यक्ति को चेक में राशि भरकर देना उस वक्त महंगा पड़ गया जब बैंक ने उस चैक को टिप लगाकर वापस कर दिया और फरियादी ने न्यायालय में परिवाद लगाया, न्यायालय ने उस व्यक्ति को 1 साल की सजा 9 लाख 11 हजार 888 रूपये से दंडित किया।
वरिष्ठ वकील अवधेश माहेश्वरी ने बताया कि अनीसुर्रहमान खॉन निवासी फतेहगढ़ से पवन कुमार त्यागी पुत्र गोपाल त्यागी ने जनवरी 2016 में 6,00,000/-रूपये की राशि 15 दिवस के लिये उधार ली थी। और विहित समय अवधि में राशि ना लौटाते हुये बार-बार के तकाजे के बाद अपने एक्सिस बैंक ऑफ इंडिया शाखा ए.बी. रोड़ गुना स्थिति बचत खाते का एक चैक क्रमांक-034686 का उपरोक्त ऋण राशि की अदायगी के लिये दिया था। अनीसुर्रहमान ने जब इस चैक को अपने खाते में क्लियरेंस के लिये जमा किया, तो बैंक ने यह चैक खाता बंद है, की टीप लगाकर अनादरित कर दिया। अनीसुर्रहमान ने अपने अभिभाषक अवधेश माहेश्वरी, वपिल कुमार सोनी से जब संपर्क कर न्यायालय में धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881 के तहत परिवाद पत्र पेश किया, तो उक्त परिवाद में अनीसुर्रहमान की सभी दलीलों को स्वीकार करते हुये आरोपी पवन कुमार त्यागी पुत्र गोपाल त्यागी, निवासी सोयाबीन फेक्ट्री के पास बड़ा मंदिर गुना को धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम के प्रावधानों के तहत 1 वर्ष के कठौर कारावास एवं 9,11,888 /- रूपये क्षतिपूर्ती की राशि के दण्ड़ से दण्डित किया है।