This website uses cookies to ensure you get the best experience on our website.

नाबालिग बनी मां, बच्चे के पिता को 10 साल कैद,DNA रिपोर्ट पर सुनाई सजा

User Rating: 5 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar ActiveStar Active
 


खंडवा। खंडवा कोर्ट ने शनिवार सुबह एक अहम फैसला सुनाया। नाबालिग ने संतान को जन्म दिया। इस पर संतान के पिता को कोर्ट ने 10 साल कैद की सजा सुनाई। पीड़ित पक्ष ने रिपोर्ट की और न ही आरोपी के खिलाफ बयान दिए। कोर्ट ने नाबालिग से जन्मी संतान की डीएनए रिपोर्ट को आधार बनाया और आरोपी को सजा दी। मामला जुलाई 2017 का है। आरोपी ने नाबालिग को भगाकर शादी की। जनवरी 2019 में पकड़ाया तो दोनों के पास 6 माह की संतान थी।
न्यायाधीश प्राची पटेल की कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कमेंट्स किया। लिखा- वर्तमान परिवेश में बालकों के प्रति अपराध में निरंतर वृद्धि होती जा रही है। जिन पर नियंत्रण करना आवश्यक है, आरोपी सुरेश द्वारा गंभीर प्रकृति का अपराध कारित किया गया है।
न्यायालय विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो एक्ट प्राची पटेल ने आरोपी सुरेश उर्फ सुरपाल पिता रूपसिंह (24) निवासी लिंगी फाटा, थाना पंधाना को धारा 5 (एल) सहपठित धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन की ओर से प्रकरण का संचालन एडीपीओ रूपेश तमोली ने किया।
पूरा मामला:- 24 जुलाई 2017 को शाम 7 बजे जब बुजुर्ग महिला खाना खाकर घर के बाहर टहल रही थी, तब उसकी 16 वर्षीय पोती मकान के पीछे बर्तन साफ कर रही थी। जब बुजुर्ग महिला ने पोती को देखा तो वह नहीं मिली। फिर पड़ोस में रह रहे उसके बेटे से भतीजी के बारे पूछा। फिर छोटे बेटे के साथ मिलकर उसने अपनी पोती की गांव में तलाश की। पता चला कि गांव का सुरेश पिता थानसिंह भी गायब है। शंका पैदा हुई कि सुरेश भिलाला ही 16 वर्षीय नाबालिग को भगाकर ले गया है।
दादी की रिपोर्ट पर थाना छैगांवमाखन पुलिस ने मामला दर्ज किया। 2 साल बाद 16 जनवरी 2019 को पुलिस ने सुरेश के कब्जे से नाबालिग को दस्तयाब किया। मेडिकल टेस्ट कराया, पता चला कि एक संतान भी पैदा हो चुकी है, जिसकी उम्र 6 माह है। संतान का डीएनए आरोपी से मिलान कराया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। न्यायालय ने अभियोजन के द्वारा पेश सबूतों के आधार पर पाया कि नाबालिग के साथ आरोपी ने बलात्कार किया। वह गर्भवती हुई और एक संतान को जन्म दिया गया।
-----------------------------------------
ज्वैलर्स को बातों में उलझाकर 70 हजार की चेन पर हाथ साफ किया
उज्जैन। ज्वैलर्स को बातों में उलझाकर चंद सेकेंड में सोने की चेन चोरी करने का मामला सामने आया है। आरोपी दंपती शादी में सोने की चेन गिफ्ट करने का कहकर चेन देखने लगे और मात्र 5 सेकेंड के अंदर 70 हजार रुपए कीमत की सोने की चेन ले उड़े। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई।
शहर के थाना महाकाल क्षेत्र अंतर्गत पटनी बाजार स्थित शांतिलाल मुन्नालाल ज्वैलरी की दुकान पर दंपती​​​​ ने वारदात को अंजाम दिया। दुकान मालिक जितेश नीमा ने बताया कि शुक्रवार दोपहर खुद को ग्वालियर का बताने वाले पति-पत्नी जेवर खरीदने के बहाने पहुंचे। कहा कि हमें शादी में गिफ्ट देना है, आप चेन का पूरा सेट दिखा दो। जब सेट दिखाया तो कुछ देर अलग-अलग चेन देखते रहे। दूकानदार का ध्यान हटते ही महिला ने एक चेन चोरी कर ली।
इसके बाद दोनों दुकानदार को कुछ देर बाद आने का कहकर दुकान से चले गए। रात में दुकानदार ने सामान चेक किया तो सोने की एक चेन गायब मिली। इसके बाद सीसीटीवी चेक करने पर दंपती द्वारा चेन चोरी की घटना का पता चला। दुकानदार ने थाना महाकाल में दंपती के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने फुटेज के आधार पर दंपती की तलाश शुरू कर दी।
जितेश ने बताया कि दंपती इतने चालाक थे कि उन्होंने बहुत देर तक बातों में उलझाकर रखा, कभी झुमकी देखी तो कभी अंगूठी, फिर आखिर में कहा कि शादी में सोने की चेन गिफ्ट में देना है। इसके बाद चेन देखने लगे। इस दौरान बातों में लगाकर महिला ने 13.620 ग्राम वजन की लगभग 70 हजार कीमत की चेन अपने पल्लू में गिरा ली। कुछ देर बाद लेकर चलते बने।
------------------------------------
पीडब्‍ल्‍यूडी इंजीनियर को 25 हजार रुपये रिश्‍वत लेते रंगेहाथ दबोचा
भोपाल। राजधानी में नेहरू नगर चौराहे पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्‍ल्‍यूडी) के एक इंजीनियर को लोकायुक्‍त टीम ने 25000 रुपये रिश्‍वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। एक ठेकेदार की शिकायत पर लोकायुक्‍त ने यह कार्रवाई की है। आरोपित ने उससे पुराने बिल का भुगतान स्‍वीकृत करने के ऐवज में 67 हजार रुपये रिश्‍वत मांगी थी। बाद में वह 25000 रुपये लेने के लिए मान गया था। पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है।
लोकायुक्‍त विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अशोका गार्डन में रहने वाले महेंद्र पांडे पेशे से ठेकेदार हैं। उन्‍होंने 09 नवंबर को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त को लिखित शिकायती आवेदन दिया था कि उन्‍होंने खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद संस्थान में बाउंड्री वॉल एवं एप्रोच रोड बनाने का काम किया था। पीडब्‍ल्‍यूडी में कार्यपालन यंत्री कमल सिंह कौशिक ने उनसे उक्‍त काम के पेंडिंग बिल व सुरक्षा निधि की रकम समेत लगभग 67 लाख रुपये का भुगतान स्‍वीकृत करने के ऐवज में एक प्रतिशत के हिसाब से (67000 रुपये) राशि की मांग की। आखिर उनके बीच 25000 रुपये में मामला तय हुआ। जांच में शिकायत सही पाए जाने के बाद लोकायुक्‍त टीम ने आरोपित को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। योजना के तहत उसे फरियादी ने नेहरू नगर चौराहे पर दोपहर में मिलने के लिए बुलाया। आरोपित इंजीनियर अपने शासकीय वाहन इनोवा से वहां पहुंचा और उसने जैसे ही रिश्‍वत की रकम लेकर गाड़ी की दराज में रखी, वहीं छिपकर खड़े लोकायुक्‍त डीएसपी सलिल शर्मा व उनकी टीम ने उसे दबोच लिया। नेहरू नगर अति व्यस्त चौराहा होने से अग्रिम कार्रवाई के लिए सुविधाजनक स्थान न होने से लोकायुक्‍त टीम इंजीनियर को पकड़कर कमला नगर थाना पहुंची, जहां पर उससे पूछताछ की जा रही है। लोकायुक्‍त एसपी के निर्देशन में डीएसपी डॉ सलिल शर्मा की अगुआई में इंस्पेक्टर आशीष भट्टाचार्य, इंस्पेक्टर मयूरी गौर की टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।