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बड़ी चोरी : सिटी कोतवाली क्षेत्र सदर बाजार में दिनदहाड़े लाखों की चोरी

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गुना। (गरिमा टीवी न्यूज़) गुना जिले में अपराध सर चढ़कर बोल रहा है, और चोर चोरी की वारदातों को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं। ताजा मामला शहर के सदर बाजार ज्वेलर्स की दुकान पर दिनदहाड़े सोने की रकम से भरा हुआ बैग चोरी करने का मामला प्रकाश में आया है। इसमें करीब 5 लाख रुपए के आसपास का सोने का सामान चोरी गया है। वहीं जानकारों का कहना है कि चोरी गए सोने की कीमत 8-10 लाख रुपये हो सकती है।
फरियादी ओमप्रकाश सोनी पुत्र स्व. रामलाल सोनी उम्र 64 वर्ष निवासी नई सडक संतोषी माता मंदिर के पास गुना ने बताया कि मेरी जैन मंदिर के सामने सदर बाजार गुना में रामलाल ओमप्रकाश सोनी के नाम से सोने चांदी के आभूषणों की दुकान है, जिस पर मैं एवं मेरा बेटा धर्मेन्द्र बैठते हैं, दिन के करीबन 3.00 बजे की बात है मेरा बेटा धर्मेन्द्र घर पर खाना खाने गया था दुकान पर मैं अकेला ग्राहकों को आभूषण दिखा रहा था, उसी समय एक व्यक्ति एक महिला के साथ दुकान के अंदर आया और दुकान के अंदर रखा हुआ एक प्लास्टिक का डिब्बा जिसमें सोने के 03 हार, 10 सोने की नथ, 12 सोने के बेंदा, 02 सोने की जेंटस अंगूठी, 06 जोड सोने के टाँप्स एवं बाला तथा बाली तथा अन्य आभूषण रखे थे, को उठाकर मैने आभूषण उस व्यक्ति व महिला को दिखाए व अ्य ग्रहाकों को भी आभूषण दिखाने लगा उसके बाद वह दोनों बिना कुछ सामान खरीदे दुकान से चल गये, शाम को दुकान बंद करने के बाद मैं भी घर पर चला गया कल शाम करीब 6.30 बजे घर पर मेरे बेटे धर्मेन्द्र ने मुझसे उक्त डब्बे के बारे में पूछा तो मैने उससे बोला कि डिब्बा दुकान पर ही रखा होगा देख लो पर धर्मेन्द्र को डिब्बा नहीं मिला फिर मैने भी घर व दुकान पर जाकर सोने के आभूषण वाला डिब्बा चैक किया तो वह डिब्बा दुकान व घर कहीं पर भी नही मिला तो मैने सीसीटीव्ही फुटेज चैक किये तो मुझे ज्ञात हुआ कि उक्त दिनांक 9.11.22 के दिन करीबन 03 बजे उक्त अज्ञात व्यक्ति एवं महिला मेरी दुकान में से सोने के आभूषणों का डिब्बा चोरी कर ले गये हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच मे लिया है ।
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आज से पड़ेगी कड़ाके की ठंड, अचानक गिरा 5 डिग्री तापमान
गुना। आज से ठंड की शुरूआत हो चुकी है, कई दिनों से तापमान में गिरावट नहीं आने के कारण लोगों को गर्मी लग रही थी, लेकिन रविवार रात से तापमान में अचानक बदलाव आया, एक ही रात में तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने से सोमवार सुबह लोगों को सर्द मौसम का अहसास हुआ, मौसम विभाग की माने तो अब प्रदेश में ठंड बरकरार रहेगी।
प्रदेश में एक दिन पहले तक रात का तापमान करीब 17.4 डिग्री था, जो एक ही दिन बाद 14 डिग्री सेल्सियस और रविवार रात को तो 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, जिससे सर्द मौसम का अहसास लोगों को होने लगा, सोमवार सुबह घर से बाहर निकलने पर लोगों को गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ा।
पश्चिमी विक्षोभ के असर से पिछले दो, तीन दिनों से मौसम में अचानक बदलाव आया है। रविवार को नवंबर माह का सबसे कम न्यूनतम तापमान 12.8 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम 31 डिग्री रहा। सुबह-शाम को सर्दी का एहसास होने लगा है। इससे न सिर्फ लोगों की दिनचर्या बदलने लगी है, बल्कि पहनावा भी बदल गया है।
सुबह के समय स्कूल जाने वाले बच्चे अब गर्म कपड़े पहनने लगे हैं। वहीं मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले लोग भी अब गर्म कपड़े पहने नजर आ रहे हैं। सर्दी का असर शहर के बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। जिन मार्गों पर कुछ दिन पहले दूसरा सामान बिक रहा था वहां अब गर्म कपड़ों की दुकानें सज गई हैं। कपड़ों के अन्य दुकानदारों ने भी सर्दी से बचने वाले कपड़ों का स्टॉक बढ़ा दिया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानों पर पानी गर्म करने वाले हीटर ज्यादा नजर आ रहे हैं। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी दिनों में यह सर्दी और बढ़ेगी। न्यूनतम पारा 10 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है। बढ़ती सर्दी से जहां रबी फसलों को फायदा होगा। वहीं स्वास्थ्य के क्षेत्र में बुजुर्ग व बच्चों की परेशानी बढ़़ जाएगी। खासतौर पर उनके सेहत का ज्यादा ध्यान रखना होगा। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एसपी जैन का कहना है कि सर्दी का मौसम प्राय: स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा माना जाता है। लेकिन बढ़ती सर्दी में सेहत के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
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मानवाधिकार आयोग में क्राइस्ट स्कूल के खिलाफ शिकायत
गुना। क्राइस्ट स्कूल विवाद में पूर्व नपाध्यक्ष सलूजा ने अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को शिकायत की है। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन द्वारा आयोग और जनता को भ्रमित किया जा रहा है। हाल ही में स्कूल प्रबंधन द्वारा मानवाधिकार आयोग को भेजे गए आवेदन का हवाला देते हुए उन्होंने यह पत्र लिखा। उनका कहना है कि अपने पत्र में स्कूल के प्राचार्य की ओर से दावा किया जा रहा है कि उनके यहां किसी बच्चे को प्रताड़ित नहीं किया गया।
जबकि उसके द्वारा लिखित माफीनामा दिया गया, जिसमें इस बात को स्वीकार किया गया। प्राचार्य ने इसमें माना था कि जिस शिक्षक ने बच्चे को सजा दी, उन्हें दंडित किया जाएगा। पूर्व नपाध्यक्ष ने एक बार फिर स्कूल द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि उक्त जमीन बैरागी समाज के लिए सुरक्षित की गई थी। 1994 में स्कूल प्रबंधन ने प्रशासन पर दबाव बनाकर उसे खेल मैदान के रूप में दर्ज करवाया।
पूर्व नपाध्यक्ष ने कहा कि हर स्कूल में बच्चों को खेलने के लिए प्रेरित किया जाता है। खेल मैदानों का इस्तेमाल हर बच्चे को करने का अधिकार है। पर क्राइस्ट स्कूल एकमात्र शिक्षक संस्था है, जो अपने खेल परिसर के इस्तेमाल के बच्चों से अलग फीस लेती है। 2 हजार रुपए फीस जमा करने पर ही बच्चे खेल सकते हैं। दूसरी ओर यह संस्था खेल मैदान के नाम पर सरकारी जमीन दबाए बैठी रही। उन्होंने कहा कि हाल ही में स्कूल प्रबंधन ने मानवाधिकार आयोग, सीएम आदि को जो पत्र लिखा गया, वह झूठ का पुलिंदा है।