बानमोर। बानमोर कस्बे के फूलगंज इलाके से होकर अपने घर जा रहे सराफा व्यापारी को शुक्रवार की शाम को बाइक सवार बदमाशों ने लूट लिया। बदमाशों ने व्यापारी के सिर पर कट्टे के बट से प्रहार किया। इसके बाद चांदी से भरा थैला लेकर भाग निकले। व्यापारी शाम के समय अपनी सराफा दुकान को बंद कर सामान को अपने घर ले जा रहा था। इसी बीच बदमाशों ने इस वारदात को अंजाम दिया। घटना के बाद आक्रोशित व्यापारी थाने पर इकट्ठा हो गए। जिस पर पुलिस आस पास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुटी हुई है। बदमाश व्यापारी से लगभग 15 किलो चांदी लूट कर ले गए हैं।
जानकारी के मुताबिक कस्बे के सराफा बाजार में व्यापारी गोविंद सोनी की सराफा की दुकान है। शुक्रवार की शाम साढ़े छह बजे वह रोज की तरह अपनी दुकान को बंद कर अपने घर फूलगंज जा रहे थे। गोविंद सोनी दुकान बंद करने से पहले दुकान में रखा सोने चांदी के जेबरों को इकट्ठा कर घर ले जाते है। जिससे इन्हें सुरक्षित रखा जा सके। गोविंद सोनी शाम को जब फूलगंज इलाके में अपने घर के पास ही थे कि माहोर धर्मशाला के सामने दो बाइक सवार बदमाश आ गए। जिन्होंने आते ही कट्टे से पहले तो फायर किया। इसके बाद गोविंद सोनी के सिर में कट्टे के बट से प्रहार कर दिया। इसके बाद उनका चांदी से भरा थैला लूटा और भाग गए। थैले में लगभग 15 किलो चांदी थी। जिसकी कीमत लगभग आठ से नौ लाख रुपये बताई जा रही है।
उधर घटना के बाद व्यापारी आक्रोशित हो गए। जिस पर शाम के समय थाने पर इकट्ठा हो गए। जिस पर बदमाशों को पकड़ने की मांग की। जिस पर पुलिस आस पास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुटी हुई थी।
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मां ने दी बेटे की सुपारी, गला घोंटा, लाश को घर में ही गाड़ा
धार। धार के डैम में मिली लाश के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बोरे में बंद लाश जिस युवक की थी, उसकी हत्या की सुपारी उसकी मां ने ही दी थी। हत्या में उसके बड़े बेटे ने भी साथ दिया। करीब 40 दिन की जांच के बाद पुलिस ने गुरुवार शाम 2 सुपारी किलर, मां, भाई समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामला लाबरिया गांव के माही डैम का है।
हत्याकांड की कहानी:- 22 अक्टूबर को राजोद थाने पर सूचना मिली थी कि लाबरिया माही डैम के गोंगदीखेड़ा में एक व्यक्ति की लाश बोरे के अंदर मिली है। पुलिस पहुंची और पंचनामा बनाकर शव को बाहर निकलवाया। मृतक की पहचान पप्पू पिता शंकर निवासी अहमद के रूप में हुई। पुलिस उसके घर पहुंची तो मृतक का भाई पुंजा मिला। उसने बताया कि 16 अक्टूबर को पप्पू की पत्नी का फोन आया था। उसने पप्पू को मिलने के लिए बुलाया था।
अगले दिन 17 अक्टूबर को पप्पू यह कहकर घर से निकला था कि पत्नी से मिलने जा रहा है। हालांकि, वह पत्नी के पास नहीं पहुंचा। इस पर हमने भाई के गायब होने की सूचना सरदारपुर थाने पर दर्ज करवाई थी। करीब 20 दिनों तक पुलिस के हाथ खाली रहे।
थाना प्रभारी रोहित कछावा के अनुसार- अज्ञात आरोपी की तलाश करते पप्पू के मोबाइल को सर्विलांस में डाला। उसके मोबाइल की खोज आईएमईआई नंबर से भी की गई। इस पर पता चला कि पप्पू का मोबाइल सुरेश पिता कैलाश मावी निवास नरसिह देवला चला रहा है। इसके बाद सुरेश के पकड़ने राजोद पुलिस पीथमपुर के काली बिल्लौदा पहुंची। यहां सुरेश ने बताया कि यह मोबाइल उसने अहमद नगर गांव के रहने वाले विक्रम से 1500 रुपए में खरीदा है।
एक टीम विक्रम पिता मुकेश को पकड़ने उसके गांव पहुंची। यहां से उसे थाने लाया गया। उसने बताया कि पप्पू की मां गीताबाई ही अपने बेटे को मारना चाहती थी। इसी सिलसिले में करीब 2 महीने पहले मृतक का भाई पुंजा हमसे आकर मिला था। इस दौरान मेरा दोस्त सावन भी था। उसने बताया था कि उसका भाई पप्पू रोज शराब पीकर खुद के बच्चे और मां गीताबाई को प्रताड़ित करता है। वह उनसे मारपीट करता था। मां और पूरा परिवार उससे परेशान है। मेरी मां चाहती है कि पप्पू को मार दो। इस पर यहां 30 हजार रुपए में हत्या की सुपारी विक्रम और सावन ने ले ली।
टीआई कछावा के अनुसार 16 अक्टूबर को रात करीब 10 बजे पुंजा ने विक्रम को कॉल किया। उसने कहा- तू सावन को लेकर घर आ जा। पप्पू घर पर है, मेरी मां उसी के साथ उसी कमरे में सो रही है। मां ने दरवाजा खुला छोड़ दिया है। तुम दोनों आकर पप्पू का खेल खत्म कर दो। इस पर विक्रम और सावन घर पहुंचे, यहां दरवाजा खुला था। दोनों को घर आता देख पुंजा भी बाहर आ गया। तीनों कमरे में पहुंचे तो पप्पू खाट पर सोता मिला।
वहीं, पास लेटी पप्पू की मां आरोपियों के आने का इंतजार कर रही थी। इसके बाद तीनों ने पप्पू को पकड़ा और कपड़े से उसका मुंह बांध दिया। इसके बाद गला घोंटकर उसे मार डाला। पप्पू की मां के कहने पर हत्या के बाद घर पर ही चार फीट लंबाई, दो फीट चौड़ाई और तीन फीट गहराई का गड्ढा खोदकर उसे गाड़ दिया गया। गड्ढा उसी कमरे में किया गया जहां मां सोती थी। जाते समय पुंजा ने पप्पू का मोबाइल विक्रम को देते हुए कहा- इसे कहीं एकांत में फेंक देना। हालांकि, उन्होंने लालच में 1500 रुपए में मोबाइल बेच दिया। दो दिन बाद 19 तारीख को बदबू आई तो भाई ने फिर आरोपियों को कॉल किया और मिलने का बोला। यहां उनसे कहा कि घर में बदबू फैल रही है, लाश को ठिकाने लगाना पड़ेगा।
विक्रम लाश को बाहर निकालकर ठिकाने लगाने के एवज में 10 हजार रुपए और मांग रहा था। पुंजा के हामी भरने पर रात में लाश को बाहर निकालने का प्लान बनाया। रात करीब 11 बजे दोनों पप्पू के घर पहुंचे और मिट्टी हटाकर गड्ढे से लाश बाहर निकाली। लाश को पन्नी में लपेटा और उसे बोरे भर दिया। बोरे को बांधकर पुंजा की बाइक पर रखा।
रात करीब 12 बजे विक्रम और सावन ने लाश को माही डैम में ले जाकर फेंक दिया। लौटकर पुंजा और मां ने गड्ढे को भरा और ऊपर से भूसा बिछा दिया। अगले दिन मां ने पुंजा से कहा- हमने पप्पू को इस प्रकार से मारकर फेंका है, उसकी आत्मा भटकेगी। उसे खोजकर लाओ और चुपचाप उसका अंतिम संस्कार कर दो। हालांकि, पुंजा लाश लेकर आ पाता, इससे पहले ही किसी ने माही डैम में लाश होने की सूचना पुलिस को दे दी।
22 अक्टूबर को युवक की लाश मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने के मामले में 13 नवंबर को एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने नाराजगी जाहिर की। इस मामले में तत्कालीन टीआई रहे अभिनव शुक्ला समेत जांच अधिकारी रेम सिंह बामनिया को प्रकरण की जांच व कायमी में त्रुटिपूर्ण कार्रवाई करते हुए लापरवाही, उदासीनता करने पर थाने से हटा दिया। इसके बाद प्रकरण की जांच थाना प्रभारी रोहित कछावा को सौंपी गई। पहले युवक की हत्या को लेकर उसकी पत्नी पर संदेह पुलिस को हुआ, लेकिन सीडीआर में लोकेशन समेत नंबर दूसरे आने के बाद पुलिस की जांच आगे बढ़ी व आरोपी युवक की मां ही निकली।
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भ्रष्टाचारियों के खिलाफ गरजे सीएम , मंच से चार अधिकारियों को किया निलंबित
बैतूल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को बैतूल जिले के कुंड बकाजन में 'मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान' के तहत हितग्राहियों के लिए संभाग स्तरीय 'स्वीकृति पत्र वितरण कार्यक्रम' में पहुंचे। यहां एक बार फिर भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध सीएम शिवराज के तेवर सख्त नजर आए और उन्होंने गड़बड़ी की शिकायतों पर मंच से ही बिजली कंपनी के सीएमएचओ एके तिवारी, जिला खनिज अधिकारी ज्ञानेश्वर तिवारी व दो जेई को निलंबित करने की घोषणा कर दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जेई पवन बारस्कर और साईं खेड़ा के जेई द्वारा लापरवाही बरती गई, जिसके कारण उन्हें सस्पेंड किया जाता है। मुख्यमंत्री ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया है कि भीमपुर से चिचोली तक 22 किलोमीटर 33 केवी विद्युत लाइन बिछना है। इसमें लापरवाही बरती तो मामा उसे छोड़ेंगे नही।
उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के माध्यम से पंचायतों और वॉर्डों में शिविर लगाकर जनहितकारी योजनाओं का लाभ देने का हम कार्य कर रहे हैं। अब सरकार भोपाल से नहीं चौपाल से चलेगी। सरकार जनता के घर-घर तक पहुंचे, ताकि जनता को भटकना न पड़े। मध्यप्रदेश की धरती पर किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार को हम चलने नहीं देंगे, इसके लिए हम संकल्पबद्ध होकर आये हैं। जिसने भी गड़बड़ की है, उसे प्रदेश में नौकरी करने लायक नहीं रहने दूंगा। हमारी सरकार जनता के लिए फूल से भी ज्यादा कोमल है। लेकिन गुंडा, बदमाश, दबंग, दलाल उनको मैं सावधान कर रहा हूं। अगर सुधरे नहीं तो बचोगे नहीं, सबके घरों पर बुलडोजर चलेगा। हमारी सरकार जनता की सेवा के लिए है। इसलिए जो अधिकारी और कर्मचारी अच्छा काम करते हैं, तो हम उन्हें सम्मानित करते हैं, लेकिन जो गलत करे, लापरवाही करे, उसे दण्डित करना भी आवश्यक है।
सीएम शिवराज ने आगे कहा कि आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। मैंने यहां 159 गांव की घोघरी समूह जल योजना का भूमि पूजन किया है। इसमें 278 करोड़ रुपए लगेंगे और 159 गांवों में पीने का पानी आएगा। बिजली की समस्या के स्थाई समाधान के लिए ग्राम पंचायत में 132केवी का एक बड़ा सबस्टेशन 80 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। जनप्रतिनिधियों ने मेरे पास यह आवाज उठाई है कि मेड़ा बांध की ऊंचाई अगर बढ़ जाए तो और 10,000 एकड़ में सिंचाई की सुविधा हो सकती है। इसलिए आज मैं फैसला कर रहा हूं की मेड़ा बांध की ऊंचाई 1.80 मीटर बढ़ाई जाएगी। अगले बजट में बकाजन से भीमपुर मार्ग पर पुल बनवाने का काम शामिल कर दिया जाएगा, ताकि जनता को कोई दिक्कत ना हो। लोकतंत्र में असली मालिक जनता है। लोकतंत्र में कोई मुख्यमंत्री, अधिकारी, कर्मचारी असली मालिक नहीं हैं, मध्यप्रदेश की साढ़े 8 करोड़ जनता ही असली मालिक है।
सीएम शिवराज ने ग्राम निशाना में पेसा एक्ट के संबंध में ग्राम सभा में ग्रामीणों से चर्चा की और उन्हें अधिकारों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री शिवराजकी मौजूदगी में भीमपुर विकासखंड के गांव निशाना में ग्राम सभा आयोजित की गई। ग्रामीणों ने सहमति से नशा मुक्ति के लिए प्रस्ताव लिया। ग्राम सभा में मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से कहा कि अब गांव वाले तेंदूपत्ता खुद खरीद कर सकेंगे। साथ ही गांव के विवाद अब गांव में ही सुलझाए जाएंगे। इसके लिए शांति निवारण टीम बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने गांव में जनजातीय भाषा में मार्गदर्शिका का विमोचन भी किया।