डिंडौरी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को फिल्म 'नायक' के अनिल कपूर वाले अंदाज में नजर आए। फिल्म में जिस तरह सीएम बने अनिल कपूर लापरवाह अधिकारियों को निलंबित करते दिखे थे, वैसे ही सीएम शिवराज ने भी एक के बाद एक 6 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को पहले डिंडौरी जिले के औचक दौरे पर पहुंचे। उनका हेलीकॉप्टर शहपुरा तहसील मुख्यालय में करीब डेढ़ बजे उतरा। जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री का काफिला बिलगड़ा गांव में बन रहे बिलगड़ा बांध पहुंचा। यहां पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों की क्लास ली। शिकायतों को लेकर सीएम ने EE, SDO सहित 6 अफसरों को निलंबित कर दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री मंडला के लिए रवाना हो गए।
सीएम ने डिंडौरी में जल संसाधन विभाग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर जीएस सांडिया, बेलगांव के SDO एमके रोहतास और उपयंत्री एसके चौधरी को निलंबित करने के आदेश दिए। वहीं मुख्यमंत्री ने बड़झर गांव में संचालित बालक आश्रम में गंदगी देखकर नाराजगी जताई और छात्रावास के अधीक्षक कमलेश गोलियां को भी निलंबित कर दिया। बीज वितरण में लापरवाही बरतने पर सीएम ने प्रभारी उपसंचालक कृषि अश्विनी झारिया को भी निलंबित कर दिया। जबकि उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जिला प्रबंधक ई-गवर्नेंस दीपक साहू को सम्मानित किया।
बिलगड़ा में बांध निर्माण के दौरान नहर के निर्माण में जमकर लापरवाही बरती गई है। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शिकायतें मिली थीं। इस पर उन्होंने औचक निरीक्षण किया। सीएम सुबह भोपाल में एक कार्यक्रम के बाद विशेष विमान से जबलपुर पहुंचे। यहां से वे हेलिकॉप्टर से डिंडौरी पहुंचे। काफिले में उनके साथ कलेक्टर विकास मिश्रा, पुलिस अधीक्षक संजय सिंह, SDM काजल जावला साथ रहे।
बांध का निरीक्षण करने के बाद CM बिलगड़ा हाई स्कूल पहुंचे और ग्रामीणों से चर्चा की। यहां ग्रामीणों ने उनसे बांध व नहर के निर्माण में लापरवाही की शिकायतें करते हुए क्षेत्र की समस्याएं बताईं। इस पर सीएम ने फोन पर ही अफसरों को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए।
इससे पहले मुख्यमंत्री करीब एक किलोमीटर पैदल चलकर बिलगड़ा बांध का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे। किसानों ने बताया कि बारिश के मौसम में बांध ओवरफ्लो होने के कारण उनके खेत और वहां लगी फसल बर्बाद हो गई थी। नहर में सीपेज होने से खेतों में पानी भर गया था।
बता दें कि डिंडौरी में शहपुरा से लगभग 15 किलोमीटर दूर बिलगड़ा मध्यम सिंचाई परियोजना का बांध है। यहां से खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए 27KM की मुख्य नहर बिलगड़ा से राछो, संग्रामपुर, मुगेला, कोहानी और देवरी तक जानी है। छोटी-छोटी नहरों के जरिए पानी खेतों तक पहुंचाने का लक्ष्य है। बारिश के समय बांध के गेट देर से खुलने पर 17 किसानों के खेतों में लगी धान की कई एकड़ फसल बर्बाद हो गई थी। बाद में ज्यादा मात्रा में पानी छोड़ने से नदी क्षेत्र में बाढ़ आ गई थी। विभागीय अधिकारियों ने माना कि नहर निर्माण में लापरवाही बरती जा रही थी। किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा था। नहरों से जगह-जगह पानी का रिसाव हो रहा था। इसके कारण किसानों के खेतों में सीलन बनी रहती थी। मुख्य नहर पांच साल पहले बनी थी और जगह-जगह से फूट चुकी है। कई जगह से पानी का रिसाव भी हो रहा है। किसानों ने छोटी नहरों में भी घटिया निर्माण करने के आरोप लगाए।
इंजीनियर एसके चौधरी और एक्जीक्यूटिव इंजीनियर जीएस सांडिया के खिलाफ किसानों ने सीएम से शिकायत की। सीएम ने गांव वालों के सामने ही तीनों अफसरों को निलंबित कर दिया। मोबाइल से कॉल कर भोपाल में विभागीय अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। इनमें से SDO एमके रोहतास छह महीने पहले ही पदस्थ हुए थे।
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5 से ठिठुरेगा मध्यप्रदेश :दिन में बढ़ेगी सर्दी ,सभी शहरों में असर
भोपाल। मध्यप्रदेश में ठंड बढ़ गई है। कई शहरों में रात का पारा लुढ़का है। 5 दिसंबर से कड़ाके की ठंड पड़ेगी और पूरा प्रदेश ठिठुरने लगेगा। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो इंदौर-भोपाल के मुकाबले जबलपुर और ग्वालियर में ठंड का असर ज्यादा रहेगा।
भोपाल में दिसंबर की शुरुआत से ही सर्दी का असर ज्यादा रहा। 1 और 2 दिसंबर को दिन में भी ठंड महसूस हुई। रात में और अलसुबह पारे में खासी गिरावट दर्ज की गई। इसके चलते लोग भी कंपकंपा उठे। शनिवार और रविवार को मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि 5 दिसंबर के बाद उत्तर से आने वाली हवाओं का स्ट्रांग विंड सिस्टम बनने की संभावना है। इसके बाद ठंड बढ़ जाएगी।
इन दिनों नौगांव और पचमढ़ी में ठंड ज्यादा है। हिल स्टेशन पचमढ़ी में पारा 7 डिग्री के आसपास चल रहा है। वहीं, नौगांव में तापमान 6 डिग्री के करीब है। इसके अलावा खजुराहो, उमरिया, मालंकखंज, गुना, ग्वालियर, खंडवा, रायसेन, राजगढ़ समेत कई शहरों में पारा 10 डिग्री के नीचे चल रहा है। पांच दिसंबर के बाद अन्य शहरों के तापमान में भी खासी गिरावट होगी।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सिर्फ हवाएं उत्तरी होने के कारण प्रदेश भर में कई इलाकों में तापमान गिर रहा है। हिमालय पर अभी उम्मीद के मुताबिक बर्फबारी नहीं हुई है। ऐसा ईरान से हवाएं नहीं आने के कारण हो रहा है। अब तक स्ट्रॉन्ग विंड सिस्टम नहीं बनने के कारण तापमान में ज्यादा गिरावट दर्ज नहीं की गई है। अब 5 दिसंबर से अच्छी ठंड होने की उम्मीद है। तब न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। तब रात का पारा अधिकांश इलाकों में 8 डिग्री के नीचे जा सकता है।
मौसम विभाग की मानें तो दिसंबर के पहले सप्ताह में से ठंड का जोर शुरू होगा। सबसे ज्यादा ठंड ग्वालियर और जबलपुर के साथ बुंदेलखंड के इलाकों में रहेगी। इसके अलावा, रायसेन और भोपाल में भी अच्छी ठंड पड़ सकती है। उज्जैन और इंदौर में हवाएं के रुख पर ठंड के तेवर निर्भर हैं। अभी इंदौर में हवाएं नार्दनली होने के कारण उतने ज्यादा तापमान नीचे नहीं आ पा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में नवंबर में रिकॉर्ड ठंड पड़ी। भोपाल में अभी तक नवंबर महीने में पिछले 13 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यानी नवंबर की रातें सबसे सर्द रहीं। 13 साल बाद 10 डिग्री के नीचे यानी 9.8 डिग्री तक तापमान पहुंचा है। इससे पहले 2009 में नवंबर महीने में सबसे कम रात का पारा 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। 22 साल में दूसरी बार नवंबर की रातें सबसे सर्द रहीं।
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हार्ट अटैक मौत:परिक्रमा के बाद साईं बाबा के सामने सिर झुकाया, फिर नहीं उठा
कटनी। कटनी में शनिवार को एक हैरान करने वाली घटना हुई। यहां के साईं मंदिर में दर्शन करने गए युवक की हार्ट अटैक से मौत हो गई। युवक मंदिर में प्रतिमा के सामने माथा टेकने के लिए झुका, लेकिन फिर नहीं उठा।
युवक काफी देर तक उसी मुद्रा में रहा तो मंदिर प्रबंधन के सदस्य उसके पास पहुंचे और उसे हिला-डुला कर देखा। लेकिन तब भी शरीर में कोई हरकत नहीं हुई। ये पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है। शनिवार को इसका वीडियो सामने आया। साईं बाबा का यह मंदिर कुठला थाना क्षेत्र के पहरुआ कृषि उपज मंडी में है।
माथा टेकने झुका, 1 मिनट बाद मौत मृतक राकेश मेहानी (42) संतनगर में रहता था और गुरुवार शाम को साईं मंदिर में दर्शन करने के लिए गया था। राकेश ने मंदिर में विराजित प्रतिमा की परिक्रमा की, उसके बाद माथा टेकने के लिए बैठ गया। वह लगभग 1 मिनट तक वहीं उसी मुद्रा में बैठा रहा।
जिसके बाद मंदिर प्रबंधन के सदस्य उसके पास पहुंचे। उन्होंने राकेश को हिलाया, लेकिन राकेश ने किसी भी तरह का कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया। मंदिर प्रबंधन ने जल्द से जल्द युवक को निजी अस्पताल भेजा। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
परिजनों ने राकेश का पोस्टमार्टम नहीं कराया। जिसकी वजह से मौत के वास्तविक कारणों का पता नहीं चल सका। डॉक्टरों का कहना है कि मौत का संभावित कारण हार्ट अटैक लग रहा है। राकेश मेहानी की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, वह किराए के मकान में संतनगर में रहता था।
परिवार के भरण पोषण के लिए मेडिकल दुकान में काम करता था। राकेश शादीशुदा था और उसकी एक छोटी बेटी भी है।