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वाहनों से डीजल चोरी, 2 आरक्षकों पर मुकदमा, तीन आरक्षक सस्पेंड

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भिंड । लोगों के घरों में चोरी रोकने का जिम्मा पुलिस पर है, लेकिन भिंड में चोरी का अनोखा मामला सामने आया जहां पुलिसकर्मियों ने अपने ही उपयोग में आने वाले वाहनों से 250 लीटर डीजल चोरी कर लिया। एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने इस मामले में चोरी करने वाले दो आरक्षकों को निलंबित कर उन पर मुकदमा दर्ज करा दिया है, वहीं उस समय ड्यूटी पर तैनाती के बावजूद गैरहाजिर तीन आरक्षकों को निलंबित कर दिया है।
जिले में गश्त, पेट्रोलिंग, आरोपित को पकड़ने या फिर किसी घटनास्थल पर पहुंचने के लिए पुलिस को वाहनों की जरूरत होती हैं। आपातकालीन स्थिति के लिए उपयोग के लिए पुलिस लाइन स्थित कार्यालय में वाहन तैयार खड़े रखे जाते हैं।
29 नवंबर को वहां के प्रभारी एएसआइ रामबिहारी यादव ने छह वाहनों में डीजल टैंक फुल कराकर खड़ा किया था। रात में आरक्षक चालक संदीप जाटव और अभिनेंद्र सिंह सिकरवार ने इन वाहनों से डीजल चोरी कर लिया। 30 नवंबर को एएसआइ यादव ने जब वाहनों को चेक किया तो उन्हें कुछ शक हुआ। गैज लेकर डीजल चेक किया तो वाहनों में 250 लीटर डीजल कम मिला।
एएसआइ यादव ने इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी। जांच अधिकारी सूबेदार अखिलेश शर्मा ने पड़ताल की तो दोनों आरक्षकों ने डीजल चोरी करना स्वीकार कर लिया। इसके बाद एसपी चौहान ने तत्काल दोनों को सस्पेंड कर दिया। एएसआइ यादव ने दोनों आरक्षकों के खिलाफ सिटी कोतवाली में चोरी का मामला दर्ज कराया।
एसपी चौहान ने बताया कि रात में ड्यूटी पर तैनात आरक्षक चालक शिवा शर्मा, हवलदार उमेश और आरक्षक सुल्तान सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है क्योंकि पता चला है कि डीजल चोरी के दौरान तीनों अपनी ड्यूटी से गायब होकर एक जगह पार्टी कर रहे थे।
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सिर पर गंगा जल उठाकर बोला ग्रामीण- हमसे पैसे लिए, विधायक ने सरपंच पति से वापस दिलवाए रिश्वत के रुपए
दमोह।मध्यप्रदेश की बसपा विधायक रामबाई सिंह परिहार एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने चौपाल में सबके सामने सरपंच पति को लताड़ लगाई और ग्रामीणों से ली गई घूस के रुपए वापस दिलवाए। इसका वीडियो सामने आया है।
मामला दमोह जिले में विधायक रामबाई के विधानसभा क्षेत्र पथरिया के घोघरा कला गांव का है। कुछ लोगों ने विधायक से शिकायत की थी, कि सरपंच पति खुमान सिंह ने प्रधानमंत्री आवास दिलाने के बदले हजारों रुपए लिए, जिसके बाद विधायक खुद गांव गईं और चौपाल लगाई। यहां उन्होंने फोन करके सरपंच पति को भी बुलाया। पहले तो उसने आनाकानी की लेकिन बाद में उसे चौपाल में आना पड़ा।
विधायक रामबाई ने चौपाल में लोगों से पूछा कि बताओ किसने-किसने खुमान सिंह को पैसे दिए हैं। जिसके बाद गांव के करीब 15 लोगों ने हाथ उठाए। उन्होंने रकम और नाम की एक सूची तैयार करवाई। रामबाई ने खुमान सिंह से कहा कि अभी के अभी सबके पैसे वापस करो, लेकिन सरपंच पति ने कहा फिलहाल मेरे पास इतने पैसे नहीं है, मैं अभी 10 लोगों को 25 हजार रुपए दे रहा हूं और बाकी लोगों के 65 हजार भी थोड़े दिन में दे दूंगा। रामबाई ने जो लिस्ट बनवाई उसके मुताबिक सरपंच पति ने 15 लोगों से कुल 91,500 रुपए की रिश्वत ली थी।
विधायक रामबाई ने जब चौपाल लगाई तो उन्होंने सरपंच पति को फोन लगाया और कहा कि तुम लोगों से पैसे लेते हो। जिसके बाद सरपंच पति इस बात से इनकार करने लगा। तब विधायक ने बुंदेली में हड़काते हुए कहा कि मुझे पता है कि तुमने पैसे लिए हैं। अब जैसे भी बनेगा, पैसे तो तुमसे मैं निकलवा ही लूंगी। इसके बाद सरपंच पति के तेवर नरम पड़े और उसने चौपाल आकर लोगों के पैसे वापस करने की बात कही।
विधायक ने जब गांव के हल्ले आदिवासी से पूछा कि तुमसे कितने रुपए लिए हैं, तो उसने कहा कि 8 हजार रुपए। इस पर विधायक ने पास में रखे पानी के लोटे को उठाकर कहा कि क्या तुम गंगा की कसम खाकर कह सकते हो कि तुमने 8000 दिए थे। तो उस आदिवासी ग्रामीण ने अपने सिर पर पानी से भरा लोटा रखा और कहा तो मैं गंगा की कसम खाकर कहता हूं और देवी जी के समक्ष उपस्थित होकर भी कह सकता हूं कि मैंने 8 हजार रुपए दिए थे। इसके बाद उसके रुपए वापस कराए गए।
गांव के मनोज आदिवासी ने बताया कि उससे ढाई हजार रुपए लिए थे। उसने विधायक को बताया कि उससे 5 हजार रुपए की मांग की गई थी। लेकिन उसने सरपंच पति से कहा था कि अभी ढाई ले लो, ढाई बाद में दे देना। ग्रामीण ने विधायक से कहा कि अभी तो सिर्फ 15 लोग सामने आए हैं। करीब 200 लोगों से सरपंच के पति ने रिश्वत ली हैं। जब भी कोई विधायक से शिकायत करने की बात कहता था तो उसे धमकी दी जाती थी और कहा जाता है कि यदि किसी ने विधायक से शिकायत की तो उसके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कराकर जेल भिजवा दिया जाएगा। इसलिए बहुत सारे लोग डरते हैं।
विधायक रामबाई ने बताया कि गांव के लोगों ने शिकायत की थी। जिस पर मैंने कहा दोनोंं पक्ष को आमने-सामने बैठाएंगे फिर बात करेंगे। चौपाल में सरपंच पति ने माना कि उसने पैसे लिए। किसी से 10 हजार, तो किसी से 5 हजार। वैसे तो करीब 150-200 लोग शिकायतकर्ता हैं। लेकिन सामने 14-15 लोग आए थे। सरपंच ने मेरे समाने कुछ लोगों को पैसे लौटाए और कुछ लोगों को बाद में पैसे देने के लिए कहा।
विधायक ने कहा कि हमने अपने पूरे क्षेत्र में कह रखा है कि किसी भी तरह का भ्रष्टाचार ग्रामीणों के साथ नहीं किया जाएगा। जब भी मुझे इस तरह की कोई शिकायत मिलती है, मैं लोगों के पैसे वापस कराती हूं। इसके पहले भी मैंने अपने क्षेत्र के कई गांवों में अधिकारियों को दी गई रिश्वत के रुपए वापस कराए हैं।
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अवैध नर्सिंग होम पर सीएमएचओ का छापा, प्रसूताओं के सीजेरियन तक कर रहे थे
अंबाह कस्बे के डायवर्सन रोड पर संचालित एक नर्सिंग होम पर सीएमएचओ डा. राकेश शर्मा ने छापामार कार्रवाई की। इस कार्रवाई के दौरान यह नर्सिंग होम अवैध रूप से संचालित मिला, जिसके पास न लाइसेंस था न ही सीएमएचओ कार्यालय में कोई पंजीयन। इस कार्रवाई के दौरान अस्पताल में प्रसूताएं तक भर्ती मिली। जहां कई प्रसूताओं के तो सीजेरियन तक किया गया था। जिस पर दो प्रसूताओं को जिला अस्पताल भेजा गया। इस कार्रवाई के दौरान न तो स्टाफ मिला व डाक्टर मिले। जिस पर इसे सील किया गया। वहीं अंबाह थाने में अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मामला दर्ज कराया गया।
उल्लेखनीय है कि कस्बे की डायवर्सन रोड पर पिछले लंबे समय से एक राधा रानी नाम से नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा था। जहां मरीजों की खासी भीड़ भी लगी रहती थी। रविवार को सीएमएचओ डा. राकेश शर्मा ने शिकायतें मिलने के बााद छापामार कार्रवाई की। इस दौरान सीएमएचओ अपनी टीम के साथ पहुंचे। इसके साथ ही अंबाह थाने से पुलिस भी बुला ली गई थी। अंदर जाकर देखा तो मरीज भर्ती मिले। लेकिन इस नर्सिंग होम में कोई भी डाक्टर या नर्सिंग स्टाफ मौजूद नहीं मिला। जिससे लग रहा था कि इस छापामार कार्रवाई की सूचना पहले ही मिल गई। जिससे स्टाफ के साथ डाक्टर यहां से फरार हो गए। यहां देखा तो कई प्रसूताएं भी भर्ती मिलीं। दो प्रसूताएं तो ऐसीं थीं जिनके सीजेरियन किए गए थे। जिस पर पूछताछ के बाद सीएमएचओ ने दोनों ही प्रसूताओं व उनके नवजातों को जिला अस्पताल के लिए भिजवाया। इसके अलावा अन्य मरीज भी यहां भर्ती मिले। इसके बाद सीएमएचओ ने इसके प्रबंधक को बुलाने का प्रयास किया। लेकिन यहां कोई नहीं आया। एक आपरेटर मिला जो सीएमएचओ को देखकर भाग गया। यहां किसी तरह का लाइसेंस या प्रैक्टिस से संबंधित कागज नहीं मिले। वहीं इसका पंजीयन भी सीएमएचओ कार्यालय में नहीं था। जिस पर यहाां रखे सभी कागजों को सीएमएचओ ने जब्त कर अपने कार्यालय ले आए। जिस पर इनकी जांच की जाएगी। इसके साथ ही अंबाह थाने में फिलहाल अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कराया गया।
कथन-अंबाह का राधा रानी नर्सिंग होम है इस पर कार्रवाई की है। यहां कोई डाक्टर और नर्सिंग स्टाफ नहीं मिला। जिस पर अस्पताल को सील कर दिया गया है। वहीं अज्ञात के खिलाफ अभी एफआइआर दर्ज की गई है। कागज भी जब्त किए है। जिसके आधार पर अब आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डा. राकेश शर्मा, सीएमएचओ मुरैना।