This website uses cookies to ensure you get the best experience on our website.

कथावाचक को बम से उड़ाने की धमकी:सऊदी अरब से आई कॉल

User Rating: 4 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar ActiveStar Inactive
 


मथुरा। कथावाचक देवकीनंदन महाराज को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। यह धमकी सऊदी के नंबर से उनके मोबाइल नंबर पर दी गई है। धमकी देने वाले ने कहा कि बम से उड़ा दूंगा। मथुरा चौक पर जिंदा जला दूंगा। धमकी भरा यह फोन तब आया, जब उनकी मुंबई में भागवत कथा चल रही थी। धमकी मिलने के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। मुंबई के खारघर में जहां वो भागवत कथा कर रहे हैं, उस पंडाल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।
देवकीनंदन को शनिवार दोपहर यह कॉल आई। पुलिस ने जांच की तो नंबर की लोकेशन सऊदी अरब निकली। डेढ़ मिनट की धमकी भरी इस कॉल में मुसलमानों के खिलाफ बोलने का आरोप लगाते हुए गालियां दी। देवकीनंदन ने इस तरह से बात करने का जब विरोध किया तो कॉलर ने जान से मारने की धमकी दी। धमकी भरी इस कॉल का उनके सहयोगी ने वीडियो बना लिया।
वीडियो अटैच करके धमकी की जानकारी ट्वीट से PMO, गृह मंत्रालय, महाराष्ट्र और मुख्यमंत्री यूपी को टैग की गई है। देवकीनंदन के छोटे भाई विजय शर्मा ने बताया कि पंडाल में पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हम लोग भी अलर्ट हैं।
देवकीनंदन के भाई विजय शर्मा ने बताया कि इस बार चिंता की बात यह है कि देवकीनंदन के पर्सनल नंबर पर धमकी भरी कॉल आई है। यह नंबर बेहद चुनिंदा लोगों के पास है। ऐसे में इस धमकी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। परिवार और उनके शिष्य सुरक्षा को लेकर चिंता में हैं। पुलिस से मामले का जल्द खुलासा करने की मांग की गई है।
इस पूरे मामले में देवकीनंदन ने एक वीडियो भी जारी किया है। उन्होंने कहा, "हम किसी भी जाति या धर्म के विरोध में नहीं हैं। लेकिन सनातन धर्म और हिंदुत्व के प्रचार-प्रसार से पीछे नहीं हटेंगे। किसी को मिटाने के लिए नहीं बल्कि अपने संस्कारों को बचाने व बढ़ाने के लिए वो काम कर रहे हैं।"
उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, यूपी-महाराष्ट्र की सरकार से इस धमकी का संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। साथ ही, कहा है कि सनातन धर्म की आवाज रुकनी नहीं चाहिए।
-------------------------------
देश में कोरोना का खतरा:8 नागरिक पॉजिटिव मिले,इनमें 4 गया और 4 दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे थे
नई दिल्ली। भारत में आए 8 विदेशी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। बिहार के गया एयरपोर्ट पर बैंकॉक के 3 और म्यांमार के 1 शख्स की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं दिल्ली एयरपोर्ट पर म्यांमार से आए 4 विदेशियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सभी के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेज दिए गए हैं।
गया में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने आए चार विदेशी नागरिक कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। इससे धार्मिक स्थल पर कोविड मामलों की संख्या बढ़ने की आशंका बढ़ गई है। सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह ने कहा कि विदेशियों को फिलहाल बोधगया के एक होटल में आइसोलेट किया गया है।
कोरोना पर केंद्र सरकार की सख्ती के बीच भारतीय एक्सपर्ट ने राहत भरी खबर दी है। सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) के डायरेक्टर विनय के. नंदीकूरी ने कहा कि BF.7 वैरिएंट का असर भारत में ज्यादा नहीं होगा। एक्सपर्ट के मुताबिक, ज्यादातर भारतीयों के पास अब हाइब्रिड इम्यूनिटी है। उन्होंने वैक्सीनेशन के जरिए इम्यूनिटी हासिल कर ली है। हालांकि, उन्होंने मास्क लगाने समेत कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने पर भी जोर दिया।
CCMB के डायरेक्टर ने कहा कि इम्यूनिटी होने पर सभी तरह के नए वैरिएंट से बचने की क्षमता होती है, लेकिन हमेशा एक चिंता होती है कि जिन्होंने वैक्सीनेशन करवाया है वो भी ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि, भारत में संक्रमण को लेकर उतना ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है, जितना डेल्टा वैरिएंट के समय हुई थी। ऐसा इसलिए है, क्योंकि हमारे पास एक हद तक हर्ड इम्यूनिटी आ गई है। यही वजह है कि हम अन्य वायरस के संपर्क में आने के बावजूद सुरक्षित हैं।
बता दें कि पिछले गुरुवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के डॉक्टर अनिल गोयल ने भी ऐसा ही दावा किया था। उन्होंने कहा था कि चीन की तुलना में भारत के लोगों की इम्यूनिटी ज्यादा स्ट्रॉन्ग है। ऐसे में देश में लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डॉक्टर गोयल के मुताबिक, भारत की 95% आबादी में कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी बनी है।
---------------------------------
लालू के खिलाफ CBI ने फिर खोला केस:रेल मंत्री रहते प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार का आरोप
पटना। RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ सकती हैं। CBI ने सालों से पेंडिंग पड़े उनके एक केस को रिओपन कर दिया है। ये मामला भी भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इसमें लालू यादव के अलावा, उनके बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और 2 बेटियां चंदा यादव और रागिनी यादव भी आरोपियों में शामिल हैं।
पुष्टि के लिए लालू के करीबी और केस का ब्योरा रखने वाले भोला यादव से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनकी तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं मिल पाया है।
CBI सूत्रों के मुताबिक ये रेलवे प्रोजेक्ट्स के आवंटन में भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। यूपीए के पहले कार्यकाल के दौरान लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। उसी दौरान रेलवे के प्रोजेक्टस के अलॉटमेंट में इन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।
2018 में CBI ने इस मामले की जांच शुरू की थी। शुरुआती जांच के बाद इस मामले को बंद कर दिया गया था। इसके बाद अब इसे एक बार फिर से ओपन कर दिया गया है।
इस मामले में आरोप है कि मुंबई के बांद्रा में रेल की जमीन को लीज पर देने और और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के सुधार के काम को देने के लिए लालू प्रसाद यादव ने घूस ली थी। लालू प्रसाद यादव को रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ ग्रुप की तरफ से दिल्ली में एक प्रॉपर्टी घूस के तौर पर इसके लिए दी गई थी।
वहीं CBI ने लालू यादव के खिलाफ रेलवे में भ्रष्टाचार से जुड़े एक अन्य मामले लैंड फॉर जॉब मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। ये चार्जशीट अक्टूबर महीने में CBI की तरफ से दाखिल की गई थी। चार्जशीट में सीबीआई ने लालू प्रसाद के अलावा राबड़ी देवी और 14 अन्य को आरोपी बनाया है। इस मामले की सुनवाई भी चल रही है। इसमें लालू यादव फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।
चारा घोटाले से जुड़े 6 मामलों में से 5 मामलों में लालू प्रसाद यादव को सजा हो चुकी है। इनमें चाईबासा ट्रेजरी केस, देवघर ट्रेजरी केस, चाइबसा ट्रेजरी केस, दुमका ट्रेजरी केस और डोरंडा ट्रेजरी केस शामिल है। इसके अलावा बिहार के बांका ट्रेजरी केस मामले में फिलहाल सुनवाई चल रही है। इसमें अभी वो जमानत पर हैं। इसके अलावा लैंड फॉर जॉब और IRCTC घोटाला मामले में लालू जमानत पर चल रहे हैं।
लालू यादव पर आरोप है कि यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा लीं। सीबीआई का दावा है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई और जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकाई गई। पूरा मामला 2004 से 2009 के बीच का है।
IRCTC घोटाला 2004 में लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान हुआ। दरअसल, रेलवे बोर्ड ने उस वक्त रेलवे की कैटरिंग और रेलवे होटलों की सेवा को पूरी तरह IRCTC को सौंप दिया था। इस दौरान रांची और पुरी के बीएनआर होटल के रखरखाव, संचालन और विकास को लेकर जारी टेंडर में अनियमिताएं किए जाने की बातें आई थीं। आरोप है कि होटल्स के मालिकों ने इसके बदले लालू यादव परिवार को पटना में तीन एकड़ जमीन दी, जो बेनामी संपत्ति थी। इस मामले में भी लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत 11 लोग आरोपी हैं।