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सात जन्मों का रिश्ता : पत्नी की मौत पर पति ने भी प्राण त्यागे

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विवाह संस्कार के दौरान जहां पति पत्नी एक दूसरे का साथ निभाने के लिए अग्नि के साथ फेरे लेते हुए साथ जीने मरने की कसम खाते हैं। ठीक उसी प्रकार उस कसम को साकार कर दिखाया है अनुभाग के ग्राम चिटोली के एक दंपति ने। जिसमें पहले पत्नी की अचानक मौत हो गई तो उसके 20 मिनट बाद ही पति ने भी अपने प्राण पत्नी के वियोग में त्याग दिए। यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। साथ ही एक साथ रहने व मरने के वादे को निभाने वाली घटना लोगों के लिए आश्चर्य का विषय बन गई।
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार और शनिवार की अर्धरात्रि लगभग 12:30 बजे डबरा कृषि उपज मंडी के पूर्व सदस्य रमेश चंद्र खटीक की 66 वर्षीय पत्नी चतुरो बाई खटीक की अचानक मौत हो गई, जिसकी जानकारी रमेश चंद खटीक के पुत्र राकेश और कमल द्वारा अपने पिता को दी, तो वह मृतक पत्नी के पास पहुंचे और पत्नी को मरणासन्न स्थिति में देखकर उन्होंने भी अपने प्राण त्याग दिए। हालांकि दोनों पति पत्नी पूरी तरह से स्वस्थ से और अपना सात्विक जीवन अपने बच्चों के साथ गांव में ही जी रहे थे। उक्त घटना की जानकारी जैसे ही ग्राम के अन्य लोगों को लगी तो वह भी आश्चर्यचकित हो गए और हर कोई एक ही बात कहता हुआ नजर आ रहा था कि, शादी के संस्कारों के दौरान जो अग्नि के सात फेरे लिए जाते हैं उन सात फेरों में ली जाने वाली कसम को दंपति ने जीते जी क्या मरते दम तक निभाया है। हालांकि एक साथ पति पत्नी की मृत्यु के कारण घर परिवार में मातम छा गया है तो वही गांव में भी शोक की लहर फैली हुई है।
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रेलवे स्टेशन से 2 साल का बच्चा चोरी, मां पुलिस के आगे गिड़गिड़ाई
उज्जैन। उज्जैन रेलवे स्टेशन की बुकिंग खिड़की के पास से एक 2 साल का बच्चा चोरी हो गया। मां अपने बेटे को बेंच पर लेटाकर दूध की बोतल धोने गई थी, इतने में ही उसका बच्चा चोरी हो गया। वो रेलवे पुलिस के पास गई तो पुलिस उससे बच्चा चोरी होने का सबूत मांगती रही।
महिला ने GRP थाने के TI पर अभद्रता और थप्पड़ मारने के आरोप भी लगाए हैं। लोगों को जब ये घटना पता चली, तो उनके हस्तक्षेप के बाद GRP थाने ने CCTV चेक किए। इसमें आरोपी बच्चे को उठाकर ले जाते हुए दिखा, तब जाकर 28 घंटे बाद अपहरण की रिपोर्ट लिखी गई।
उज्जैन के बागपुरा निवासी वैष्णवी (22) पति श्रवण से झगड़ा होने पर 2 साल के बेटे वंश को लेकर 23 दिसंबर की रात रेलवे स्टेशन पहुंच गई। वह भोपाल में बड़ी मां के घर जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रही थी। 24 दिसंबर की सुबह 10.35 बजे वह दूध की बोतल धोने के लिए बच्चे को प्लेटफॉर्म नंबर 1 स्थित बुकिंग खिड़की की बेंच पर लेटाकर गई, इतने में उसका बच्चा गायब हो गया।
बच्चे को न पाकर महिला बुरी तरह घबरा गई। GRP थाने पहुंची, लेकिन यहां से पुलिस ने उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी। महिला अकेले ही बच्चे की तलाश में पूरे स्टेशन और सड़कों पर भटकती रही। देर रात घर पहुंची। पति को बताया कि बच्चा कोई उठा ले गया है। घरवाले भी ये सुनते ही बच्चे को खोजने में जुट गए। अगले दिन 25 दिसंबर की शाम 4 बजे फुटेज में बच्चे के अपहरण की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने रिपोर्ट लिखी। इस लेटलतीफी में 28 घंटे का समय निकल गया। बच्चे का अभी तक पता नहीं चला है।
महिला के आरोप पर GRP थाने के TI आरएस महाजन ने कहा कि हमने महिला से पति का नंबर मांगा, बोली नंबर नहीं है। हमने कहा- पति को बुलवा लो, तो बोली कल लेकर आऊंगी। जो समय उसने बताया था, उसके उसे CCTV फुटेज दिखाए, लेकिन बच्चा नजर नहीं आया। बाद में जो CCTV फुटेज सामने आया है, उसमें व्यक्ति बड़े आराम से जाते हुए दिख रहा है। बच्चा भी बिना तनाव के दिख रहा है। 12 - 13 मिनट तक वह नजर आ रहा है और बड़े आराम से जा रहा है। महिला न तो उसके पीछे जाते दिख रही है, न भागते दिख रही है, इसलिए महिला पर भी शक है। महिला के आरोप बेबुनियाद हैं।
रोगी कल्याण समिति सदस्य रहे राजेश बोड़ाना ने बताया, मैं देवासगेट पर किसी काम से आया था। यहां महिला और उसके परिजन बच्चे को खोज रहे थे। यहां देवासगेट थाने के TI राममूर्ति शाक्य को घटना बताई। उन्होंने ASI शर्मा और पुलिसकर्मी गोरेलाल को मदद के लिए भेजा। मैं भी GRP थाने गया। TI आरएस महाजन से निवेदन किया कि महिला से सबूत मांग रहे हैं, कैमरे तो चेक कर लो। वे बोले- जो समय बताया, उसमें घटना नहीं दिखी। मैंने फिर कहा- समय आगे-पीछे हो सकता है, थोड़ा पहले के फुटेज देख लें। इसके बाद उन्होंने कैमरे चेक कराए तो एक व्यक्ति बच्चा ले जाते दिखा, इसके बाद TI कुछ नहीं बोले और रिपोर्ट लिख ली।
ASP रेल राकेश खाका ने बताया कि बच्चे के अपहरण की जानकारी TI से मिली है। उसकी खोजबीन में भी जुटे हैं, लेकिन इस तरह रिपोर्ट लिखने में लापरवाही की गई है, तो ये वाकई गंभीर घटना है। इसकी जांच कराई जाएगी।
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कमलनाथ का बड़ा बयान : बोले- सरकार बनी तो वृद्धा पेंशन बढ़ाकर 1 हजार रूपए महीना करेंगे
भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुक्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की बिसात बिछाने के लिए कमर कस चुके हैं। इसी को लेकर इन दिनों वो लगातार प्रदेशवासियों के लिए सरकार बनने के बाद की घोषणाएं कर रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार को उन्होंने ऐलान किया कि, अगले साल विधानसभा चुनाव के जरिए प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो वो वृद्धावस्था पेंशन को 600 रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 1 हजार रूपए प्रतिमाह कर देंगे। आपको बता दें कि, कांग्रेस की तरफ लोगों का आकर्षण बढ़ाने के लिए वो बीते कुछ दिनों से लगातार ट्विटर पर घोषणाएं कर रहे हैं।
आपको बता दें कि, इससे पहले कमलनाथ ने ये ऐलान भी किया था कि, अगले साल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत मिलने पर वो राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना की जगह पुरानी पेंशन योजना बहाल करेंगे। साथ ही, प्रदेश के किसानों के लिए एक बार फिर कर्जमाफी योजना को चालू करेंगे। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 18 दिसंबर 2018 से 23 मार्च 2020 तक के अपने शासनकाल की ओर इशारा करते हुए ट्वीट किया, हमने वृद्धावस्था पेंशन को 300 रूपये से बढ़ाकर 600 रुपये किया और हम इसे 1,000 रूपये करने जा रहे थे। सौदेबाजी से हमारी सरकार गिरा दी गई और बुजुर्गों का 1 गजार रूपए महीने पेंशन का हक मारा गया।
ट्वीट कर कमलनाथ ने की घोषणा
हमने वृद्धावस्था पेंशन को 300 से बढ़ाकर 600 किया और हम इसे 1000 रूपये करने जा रहे थे।
कमलनाथ ने आगे ये भी लिखा कि, मध्य प्रदेश में (नवंबर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद) कांग्रेस सरकार बनते ही हम वृद्धावस्था पेंशन को बढ़ाकर 1 हजार रूपए महीना कर दी जाएगी। साल 2018 में प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने किसानों का दो लाख रूपए तक का कर्ज 10 दिन में माफ करने का ऐलान किया था, जिसके दम पर 15 साल बाद भाजपा को हराने के बाद कमलनाथ की सरकार प्रदेश में बनी थी। लेकिन, 15 महीने का कार्यकाल ही पूर्ण करने के बाद मार्च 2020 में 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस नीत कमलनाथ की सरकार गिर गई थी और 23 मार्च 2020 से शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बन गई थी।