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FCI के 50 सेंटर्स पर CBI की छापेमारी, 74 लोगों पर केस, बिना हिसाब के 60 लाख रुपए मिले

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नई दिल्ली। फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) में घोटाले की जांच कर रही CBI ने बुधवार को पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के 50 सेंटर्स पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान अलग-अलग सेंटर्स पर केस से जुड़े कुछ डॉक्यूमेंट्स बरामद हुए, साथ ही 60 लाख रुपए भी मिले हैं, जिनका हिसाब सेंटर के इंचार्ज के पास नहीं मिला। इसके अलावा इस नेक्सस में राइस मिल मालिक और ग्रेन मर्चेंट (अनाज व्यापारी) का भी नाम सामने आए हैं।
मामले में FCI से जुड़े 74 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। CBI ने यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के आरोपी FCI के DGM राजीव कुमार मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद की है। बता दें कि जांच एजेंसी ने पिछले मंगलवार को चंडीगढ़ से राजीव कुमार मिश्रा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
क्या है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये अधिकारी, राइस मिल मालिक और अनाज जमा करने वाली कंपनियां, घटिया क्वालिटी का अनाज और चावल खरीदकर FCI को ऊंचे दामों पर बेचते थे। ये पूरी धांधलेबाजी FCI अधिकारियों की मदद से चल रही थी। जांच एजेंसी उन अधिकारियों और अनाज मिल के मालिकों पर कई दिनों से नजर रख रही थी।
CBI के मुताबिक, टेक्निकल असिस्टेंट से लेकर एग्जीक्युटिव डायरेक्टर तक इस नेक्सस में शामिल थे। पूरी तैयारी के बाद बुधवार को एजेंसी ने इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की। वहीं, FCI के DGM को 50 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था।
CBI को FCI में भ्रष्टाचार को लेकर कई शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद एजेंसी इस नेक्सस के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया। इनमें फूड की खरीद, वेयर हाउसिंग और डिस्ट्रीब्यूटर, चावल मिल मालिकों, अनाज व्यापारी भी शामिल थे। पिछले 6 महीने से एजेंसी इनके खिलाफ खुफिया जानकारी जुटा रही थी। इनपुट मिलने के बाद दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के कई शहरों में CBI की टीम ने छापा मारा।
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3 जवान शहीद : बर्फ से फिसलकर गाड़ी गहरी खाई में गिरी, रेगुलर ऑपरेशन के दौरान हादसा
जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा के माछल सेक्टर में सेना का अफसर और 3 जवान शहीद हो गए। ये तीनों भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स के सैनिक थे। इनमें एक JCO (जूनियर कमीशंड ऑफिसर) और 2 OR (अन्य रैंक) का एक दल रेगुलर ऑपरेशन के लिए निकला था। बर्फ के कारण उनकी गाड़ी फिसलकर गहरी खाई में गिर गई। तीनों जवानों के शव मिल गए हैं।
सिक्किम के जेमा में 15 दिन पहले आर्मी का ट्रक खाई में गिर गया था, इसमें 16 जवान शहीद हो गए थे। आर्मी के दो वैन और थे। तीनों वाहन शुक्रवार सुबह चटन से थंगू के लिए निकले थे। रास्ते में ट्रक एक मोड़ पर फिसलकर खाई में जा गिरा था। इस हादसे में 4 जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिन्हें बाद में एयरलिफ्ट किया गया था।
पिछले साल नवंबर में भी कुपवाड़ा के माछल इलाके में 3 जवान हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। 2 जवानों को बर्फ के नीचे से सुरक्षित निकाला गया था। जब हादसा हुआ तब 56 राष्ट्रीय रायफल्स के ये पांचों जवान रूटीन गश्त कर रहे थे। हादसे की जानकारी मिलते ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, लेकिन जब तक जवानों को निकाला गया तब तक 3 की मौत हो गई थी।
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बक्सर में भारी बवाल, पुलिस ने घर में घुसकर किसानों को पीटा, आक्रोशित ग्रामीणों ने 13 वाहन फूंके
नई दिल्ली। बिहार के बक्सर जिले में भारी बवाल मचा है। यहां पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप लगाकर किसान उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। आक्रोशित लोगों ने पुलिस और कई सरकारी वाहनों में आग लगा दी। आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस पर भी हमला किया है। ग्रामीणों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस की ओर से हवाई फायरिंग किए जाने की बात भी सामने आई है। उग्र प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए आस-पास के थानों की पुलिस पहुंच चुकी है। फिलहाल बक्सर के चौसा का पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया है। बताया जाता है कि बक्सर के चौसा स्थित निमार्णाधीन ताप विद्युत परियोजना में जा रही जमीन के मुआवजे की मांग पर यहां किसान काफी दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे। बीती रात बक्सर पुलिस ने आंदोलन कर रहे किसानों के घरों में लाठी बरसाई। पुलिस के लाठीचार्ज में दर्जनों ग्रामीण घायल हो गए। जिसके बाद बुधवार सुबह ग्रामीणों का आक्रोश भड़क उठा।
लाठीचार्ज के बाद मुआवजे की मांग कर रहे किसानों ने पावर प्लांट के गेट पर आग लगा दी। किसानों के प्रदर्शन में कई वाहनें जलकर खाक हो गई। बताया जाता है कि बक्सर जिला के चौसा में निमार्णाधीन ताप विद्युत परियोजना केंद्र सरकार की बड़ी परियोजना है। इसमें स्थानीय किसानों की जमीन जा रही है। जिसके उचित मुआवजे के लिए स्थानीय किसान यहां बीते 86 दिनों से आंदोलन कर रहे थे।
किसानों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर DM, SDM और DSP समेत जिले के थानों की फोर्स पहुंच गई है। इस मामले में अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। इधर आक्रोशित किसानों ने पुलिस की दो वज्र वाहन, तीन बाइक, कंपनी की तीन बसें, 3 अग्निशमन वाहन, एंबुलेंस और क्रेन में आग ला दिया।
पुलिस के मुताबिक, बक्सर जिले के चौसा प्रखंड में निमार्णाधीन ताप विद्युत परियोजना को लेकर कंपनी जमीनों का अधिग्रहण कर रही थी। इसी अधिग्रहण को लेकर किसान अपनी जमीन का उचित मुआवजा की मांग रहे हैं। ग्रामीण पिछले साल अक्टूबर महीने से शांतिपूर्ण तरीके से धरना पर बैठे हैं। इसी बीच आरोप है कि मंगलवार की देर रात पुलिस की एक टीम बनारपुर गांव के कई घरों में घुस गई और लोगों की जमकर पिटाई कर दी। पुलिस ने महिलाओं को भी नहीं छोड़ा। पुलिस की लाठीचार्ज का वीडियो भी सामने आया है।
85 दिन से धरने पर बैठे किसानों पर आधी रात को जमकर लाठियां बरसाई है। हद तो तब हो गई जब उन किसानों को बचाने पहुंची महिलाओं और बच्चों को भी पुलिसवालों ने नहीं छोड़ा।
पुलिस की पिटाई के बाद बुधवार को चौसा का ताप परियोजना क्षेत्र रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। सैकड़ों आक्रोशित ग्रामीणों ने परियोजना स्थल के मुख्य गेट पर धावा बोल दिया और तोड़फोड़ कर आगजनी की। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस रात को घरों में घुस गई और जमकर मारपीट करने लगी। इस घटना के बाद ग्रामीण आक्रोशित हैं।
अब इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए और सुबह परियोजना स्थल गेट पर धावा बोल दिया। इस दौरान गेट में आग लगा दी और वाहन फूंक दिए। बक्सर के अनुमंडल पुलिस अधिकारी गोरख राम ने बताया कि घटनास्थल पर पुलिस रवाना कर दी गई है तथा स्थिति को सामान्य बनाने की कोशिश की जा रही है।