मुरैना। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई की है। भ्रूण लिंग परीक्षण करते हुए एक शख्स को रंगे हाथों दबोचा है। बताया जा रहा है कि आरोपी घर-घर जाकर भ्रूण लिंग परीक्षण करता था। फिलहाल पुलिस ने गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। यह पूरा मामला मुरैना जिले का है।
ग्वालियर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मुरैना में बड़ी कार्रवाई की है। सिविल लाइन थाना क्षेत्र के प्रेम नगर से एक ऐसे शख्स को पकड़ा है, जो भ्रूण लिंग परीक्षण कर रहा था। आरोपी का नाम संजीव शर्मा बताया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
बताया जा रहा है कि संजीव शर्मा महिलाओं के घर घर जाकर भ्रूण लिंग परीक्षण करता था। पोर्टेबल मशीन से अल्ट्रासाउंड करता था। इसकी शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे धर दबोचा। फिलहाल आरोपी संजीव को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जांच पड़ताल के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि भारत में भ्रूण के लिंग की जांच करना या करवाना, ये दोनों ही PC PNDT अधिनियम, 1994 के तहत एक गंभीर अपराध है। इसके लिए सजा का प्रावधान है। पहली बार पकड़े जाने पर 3 साल तक की जेल और 10 हजार तक का जुर्माना, दोबारा अपराध करने पर 5 साल तक की जेल और 50 हजार तक का जुर्माना लग सकता है।
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MP में फिर पेशाब कांड, दलित और उसकी मां को बेरहमी से पीटा
कटनी स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम मटवारा में खनन का विरोध करने पर दलित युवक की बेरहमी से पिटाई की गई। सरपंच के बेटे ने पीड़ित के मुंह पर पेशाब कर अपमानित किया। पुलिस ने सरपंच सहित चार आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। पीड़ित ने एसपी को दिए आवेदन में बताया कि घटना 13 अक्टूबर को ग्राम पंचायत मटवारा में हुई।
वह अपने खेत के पास रमगढ़ा पहाड़ी पर हो रहे शासकीय भूमि के अवैध उत्खनन का विरोध कर रहे थे। इस दौरान राम बिहारी हल्दकार ने जातिसूचक शब्द कहे। जान से मारने की धमकी दी।
लौटते समय सरपंच रामानुज पांडेय, उनके बेटे पवन पांडेय, भतीजे सतीश और अन्य ने उसे रोककर लात-घूंसों और लोहे की रॉड से पीटा। पीड़ित ने बताया कि पवन ने उसके मुंह पर पेशाब कर अपमान किया।
बीच-बचाव के लिए आई उसकी मां को भी बाल पकड़कर घसीटा गया। मारपीट की गई। जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए आरोपियों ने धमकी दी कि यदि थाने में रिपोर्ट की मार देंगे। घायल युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। तीन दिन इलाज हुआ। सोशल मीडिया पर घटना वायरल होने के बाद भीम आर्मी ने गुरुवार को स्लीमनाबाद थाने में एफआइआर की मांग की।
पुलिस ने मटवारा सरपंच रामानुज पांडेय, उसके बेटे पवन पांडेय, भतीजे सतीश और रामबिहारी हल्दकार के खिलाफ केस दर्ज किया। एएसपी संतोष डेहरिया के अनुसार गिरफ्तारी जल्द की जाएगी
बता दें कि एमपी में 6 दिन में शर्मसार करने वाली ये तीसरी घटना है। 11 अक्टूबर को दमोह में जहां पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति को मंदिर में बुलाकर पैर धुलवाने और उसी पानी को पीने को मजबूर करने की शर्मसार घटना सामने आई,
वहीं शर्मसार करने वाले इस कांड में कांग्रेस विधायक ने पीड़ित के चाचा के कान में अगली बार मैला खा लेेना कहकर एक बार फिर शर्मिंदा कर दिया। अब एक बार फिर पेशाब कांड की इस घटना पूरी मानवता को फिर से शर्मसार कर दिया है।
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दिवाली में छुट्टियों पर लगी रोक: MP में इन पर कर्मचारियों पर लगा एस्मा
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने दिवाली त्योहार के मौके पर बिना रुकावट बिजली आपूर्ति के लिए बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश की छह बिजली कंपनियों के अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टी पर रोक लगाई है। इन बिजली कर्मचारियों पर एस्मा लगाया गया है। यानी ये सभी कर्मचारी तीन माह तक काम के लिए इनकार नहीं कर सकेंगे।
एमपी में दीपावली के चलते बिजली कर्मचारियों पर आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम लागू किया गया है। प्रदेश की 6 बिजली कंपनियों के अधिकारी-कर्मचारियो की छुट्टी पर रोक लगाई गई है। सरकार के इस फैसले के बाद गृह विभाग ने एस्मा को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
इस आदेश के बाद बिजली कंपनियों के कर्मचारी तीन माह तक काम के लिए इनकार नहीं कर सकेंगे। कर्मचारियों को अवकाश विशेष परिस्थितियों में ही मिल सकेगा। आपको बता दें कि नियमित कर्मचारियों के साथ संविदा कर्मचारियों को भी इसका पालन करना होगा।
भोपाल। प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार रात एक 24 वर्षीय युवती पर एसिड अटैक का प्रयास किया गया। घटना पिपलानी थाना क्षेत्र की है, जहां दो अज्ञात युवक काले रंग की स्कूटी पर सवार होकर आए और युवती पर एसिड फेंक कर फरार हो गए। एसिड की कुछ बूंदें युवती के चेहरे पर पड़ीं, जिससे वह झुलस गई। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वहीं, पुलिस ने शिकायत के बाद जांच शुरू कर दी है।
घटना उस समय हुई जब युवती सब्जी लेने के लिए घर से निकली थी। हमलावरों ने गणेश मंदिर के पास उस पर एसिड फेंका और मौके से फरार हो गए। हमले के दौरान युवती ने मोटे कपड़े पहन रखे थे, जिसके कारण एसिड का शरीर पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ा, हालांकि कपड़े जल गए।
एएसआई राजीव मिश्रा के अनुसार, पीड़िता ने कुछ समय पहले मिसरोद थाने में अपने लिव-इन पार्टनर आकाश गांगल के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया था। आरोपी को इस मामले में कोर्ट से जमानत मिल चुकी है और मामला न्यायालय में विचाराधीन है। पुलिस इस पहलू को भी जांच में शामिल कर रही है कि क्या एसिड अटैक की कोशिश इसी केस से जुड़ी रंजिश का नतीजा थी।
घटना की जानकारी मिलते ही पिपलानी पुलिस मौके पर पहुंची और एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि हमलावरों ने युवती को जानबूझकर निशाना बनाया।
पुलिस ने आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम गठित की है। देर रात पुलिस ने संदिग्धों के घरों पर दबिश भी दी, लेकिन वे फरार थे। पिपलानी थाना प्रभारी ने बताया कि वे इस मामले में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
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जेल में मनेगी एसडीओपी सहित 11 पुलिसकर्मियों की दीवाली, 30 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में
सिवनी। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हवाला रुपयों की डकैती प्रकरण में गिरफ्तार एसडीओपी पूजा पांडे समेत 11 पुलिस कर्मियों की दो दिन की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद गुरूवार को पुन: जिला न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने सभी 11 पुलिस कर्मियों को 30 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। 17 अक्टूबर को एसडीओपी पूजा पांडे पुन: अपनी बच्ची को गोद में लेकर न्यायालय में पेश हुई। एसआइटी अब तक हवाला मामले में 2.70 करोड़ रुपये बरामद कर चुकी है। इसमें 1.45 करोड़ रुपये एसडीओपी पूजा पांडे व एसआई अर्पित भैरम तथा 1.25 करोड़ रुपये नागपुर के आकाश जैन व अमन गुरनानी से जब्त किए गए थे। दो दिन की पुलिस रिमांड में आरोपित पुलिस कर्मियों के बयान दर्ज करने के साथ इलेक्ट्रानिक साक्ष्य तैयार करने इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। जबलपुर क्राइम ब्रांच के एएसपी व एसआइटी प्रभारी जितेन्द्र सिंह ने नईदुनिया को बताया कि 17 अक्टूबर को न्यायालय में पेश किए गए सभी 11 पुलिस कर्मियों को 30 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
बयान में सामने आए तथ्यों को खंगाकर एसआईटी प्रकरण की जांच को आगे बढ़ा रही है। प्रकरण में जांच की आंच अन्य लोगों तक भी पहुंच सकती है। हालाकि विस्तृत जांच के संबंध में कुछ भी बोलने से अधिकारी बच रहे हैं। जानकारी के अनुसार हाईवे में लगे सीसीटीवी फुटेज के साथ ही आरोपित पुलिस कर्मियों के मोबाइल काल डिटेल को खंगाला जा रहा है। 8-9 अक्टूबर की रात हवाला कारोबारियों को पकड़ने के घटनाक्रम में उपयोग तीन वाहन पहले ही जब्त किए जा चुके हैं। गंभीरता के हवाला प्रकरण तथा पुलिस कर्मियों पर डकैती, अपहरण व अन्य धाराओं में दर्ज प्रकरण में जांच रही है।
14 अक्टूबर को दर्ज एफआईआर में गिरफ्तार निलंबित एसडीओपी पूजा पांडे, एसआई अर्पित भैरम, एसडीओपी कार्यालय का चालक आरक्षक रितेश वर्मा, रीडर प्रधान आरक्षक रविंद्र उइके, प्रधान आरक्षक माखन इनवाती, आरक्षक योगेंद्र चौरसिया, जगदीश यादव, गनमैन केदार बघेल, सुभाष सदाफल, लखनादौन एसडीओपी कार्यालय के रीडर राजेश जंघेला व बंडोल थाना के आरक्षक नीरज राजपूत को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
सभी पुलिस कर्मियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 310(2) डकैती, 126(2) गलत तरीके से रोकना, 140(3) अपहरण व 61(2) आपराधिक षडयंत्र का प्रकरण दर्ज है, जिसकी जांच एसआईटी कर रही है। जबलपुर आइजी के निर्देशन में गठित एसआईटी में क्राइम ब्रांच एएसपी जितेन्द्र सिंह के अलावा तीन कर्मचारियों तथा लखनवाड़ा थाना प्रभारी चन्द्रकिशोर सिरामे को शामिल किया गया है। डकैती की धारा में आजीवन या दस साल कारावास का प्रावधान है। अपहरण में 7 साल सजा व गलत तरीके से रोकना व आपराधिक षडयंत्र की धारा में भी कारावास का प्रावधान है।
हवाला कांड के बावजूद पुलिस विभाग में कार्यरत प्रधान आरक्षक के एफआईआर दर्ज करने के बदले 5 लाख रुपये मांगने के मामले में 75 हजार रुपये लेते हुए लोकायुक्त द्वारा पकड़े जाने से कर्मचारियों के भ्रष्ट आचरण की कलई खुल गई है। वहीं अवैध शराब के झूठ मामले में फंसाने संबंधी एएसआई का कथित आडियो सामने आने से विभाग सहम गया है। किसकी सह पर प्रधान आरक्षक जैसा अदना सा कर्मचारी 5 लाख रुपये की रिश्वत एफआईआर दर्ज करने के बदले मांग रहा था, यह भी विभागीय अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। देश भक्ति और जन सेवा का नारा बुलंद करने वाले पुलिस विभाग के कर्मचारियों के संदिग्ध आचरण ने विभाग की छवि को गहरा धक्का लगा है। सिवनी के हवाला कांड ने पुलिस विभाग के पूरे जबलपुर संभाग को हिलाकर रख दिया है।
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कलेक्टर का सख्त आदेश: दिवाली पर सिर्फ दो घंटे जाला सकेंगे ग्रीन पटाखे
ग्वालियर। इस बार दिवाली का जश्न थोड़ा फीका रह सकता है। जिला प्रशासन ने वायु प्रदूषण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पटाखों को लेकर सख्त गाइडलाइन जारी की है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं।
ग्वालियर में इस बार सिर्फ ग्रीन पटाखों की अनुमति दी गई है। इनमें फुलझड़ी, अनार और मेरून जैसे कम प्रदूषण वाले पटाखे शामिल हैं। बेरियम सॉल्ट या अन्य जहरीले रसायनों वाले पटाखे पूरी तरह बैन कर दिए गए हैं। साथ ही लड़ी वाले पटाखों का निर्माण, बिक्री और उपयोग भी पूरी तरह प्रतिबंधित है।
दिवाली की रात सिर्फ दो घंटे, यानी रात 8 से 10 बजे तक ही ग्रीन पटाखे चलाए जा सकेंगे। तय समय के बाहर पटाखा चलाने वालों पर कार्रवाई होगी। यह आदेश पूरे जिले में लागू रहेगा।
शहर के 100 से ज्यादा संवेदनशील क्षेत्रों में पटाखे चलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। इनमें अस्पताल, नर्सिंग होम, स्कूल, धार्मिक स्थल और हेल्थ केयर सेंटर्स के आसपास के 100 मीटर के दायरे शामिल हैं। इन इलाकों में नियम तोड़ने पर सीधे कार्रवाई होगी।
Amazon, Flipkart जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पटाखों की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है। लोग केवल प्रशासन द्वारा मान्यता प्राप्त दुकानों से ही पटाखे खरीद सकेंगे।
पटाखों की आवाज 4 मीटर की दूरी से अधिकतम 125 डेसिबल (A) से अधिक नहीं होनी चाहिए। अधिक शोर करने वाले पटाखों की बिक्री और उपयोग प्रतिबंधित है।
सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के निर्देशों के तहत दीपावली से सात दिन पहले और सात दिन बाद तक वायु गुणवत्ता की निगरानी की जाएगी। इस दौरान वातावरण में एलुमिनियम, बेरियम और आयरन जैसे हानिकारक तत्वों का विश्लेषण किया जाएगा।
कलेक्टर ने नागरिकों से अपील की है कि पटाखों के कागज और अधजली सामग्री को खुले में न फेंकें। इससे जानवरों और बच्चों को नुकसान हो सकता है। लोग इस कचरे को अलग इकट्ठा कर नगर निगम को सौंपें ताकि उसका सही तरीके से निपटान हो सके।
जिला प्रशासन ने पुलिस, नगर निगम, एसडीएम और पंचायत अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे सुप्रीम कोर्ट और NGT के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करवाएं और गश्त बढ़ाएं।
इस दिवाली ग्रीन पटाखों के साथ मनाएं सुरक्षित और प्रदूषण रहित त्योहार, प्रशासन की अपील है कि सभी नागरिक नियमों का पालन करें और दूसरों की खुशी और सेहत का भी ध्यान रखें।
लखनऊ. हावड़ा से हरिद्वार जा रही दून एक्सप्रेस (13109) में उस समय हंगामा मच गया जब ट्रेन टिकट निरीक्षक दिवाकर मिश्रा को एक कोच में अनाधिकृत यात्रियों के बैठने की शिकायत मिली. सीट खाली कराने पहुंचे टीटीई पर कुछ महिलाओं ने हमला कर दिया. उन्होंने टीटीई की शर्ट फाड़ दी और उनके चेहरे पर गर्म चाय फेंक दी.
घटना गुरुवार 16 अक्टूबर की रात 9 बजे की बताई जा रही है. ट्रेन चारबाग स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर 5 पर खड़ी थी. तभी यात्रियों ने शिकायत की कि एक कोच में कुछ लोगों ने सीट पर जबरन कब्जा कर रखा है. सूचना मिलते ही टीटीई दिवाकर मिश्रा वहां पहुंचे और संबंधित यात्रियों से टिकट दिखाने और सीट खाली करने को कहा. इसी दौरान विवाद शुरू हो गया.
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो पहले महिलाओं ने सीट न छोडऩे का बहाना बनाया और टीटीई से बहस करने लगीं. कुछ मिनटों बाद मामला बढ़ा और महिलाओं ने टीटीई की कॉलर पकड़ ली. विरोध करने पर एक महिला ने टीटीई के चेहरे पर चाय फेंक दी. इससे उनके चेहरे और गर्दन पर जल गई. हंगामे के दौरान टीटीई की सोने की चेन टूटकर गिर गई और शर्ट भी फट गई.
यात्रियों ने बीच-बचाव कर टीटीई को बचाया घटना के दौरान पूरे कोच में अफरा-तफरी मच गई. यात्रियों ने किसी तरह महिलाओं को शांत कराने की कोशिश की और टीटीई को सुरक्षित कोच से बाहर निकाला. घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे पुलिस और जीआरपी कर्मी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में लिया.
टीटीई दिवाकर मिश्रा ने घटना की लिखित शिकायत जीआरपी चारबाग थाने में दर्ज कराई. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है. जीआरपी इंस्पेक्टर ने बताया कि टीटीई की मेडिकल जांच कराई गई है और ट्रेन के यात्रियों के बयान भी लिए जा रहे हैं.
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210 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर 153 आधुनिक हथियार पुलिस के हवाले किए
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में शुक्रवार को इतिहास रच गया। जगदलपुर के पुलिस लाइन परिसर में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में 210 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया। इन नक्सलियों ने 153 आधुनिक हथियार पुलिस के हवाले किए, जिनमें 19 एके-47, 23 इंसास राइफलें, 17 एसएलआर, एक लाइट मशीन गन और 11 बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (बीजीएल) शामिल हैं। सरकार ने इसे 'नक्सल विरोधी अभियान का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण' बताया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत घर, जमीन और तीन साल तक आर्थिक सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा, हमारे ये भाई-बहन अब विकास की मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं। उन्हें संविधान की प्रति दी गई है ताकि वे लोकतंत्र को समझें और अपनाएं। साय ने बताया कि नक्सलियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर, खेती के लिए जमीन और रोजगार से जोड़ने की सुविधा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बस्तर में अब सड़कें बन रही हैं, बिजली और राशन गांव-गांव तक पहुंच रहा है और यह आत्मसमर्पण उसी बदलाव का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक की नक्सल हिंसा में जो मरे, वे भी हमारे ही लोग थे। मारने और मरने वाले दोनों ही आदिवासी हुआ करते थे। यह बात हमेशा मन को कचोटती थी। अब जब बड़ी संख्या में नक्सली पुनर्वास पर यकीन कर रहे हैं, तो मन को सुकून मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यह दिन सिर्फ बस्तर के लिए नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देश के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर एक साथ आत्मसमर्पण पहले कभी नहीं हुआ।
गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सरकार “आत्मसमर्पण” शब्द का इस्तेमाल नहीं करती, ये सब हमारे अपने लोग हैं। इन्होंने नया जीवन जीने का निर्णय लिया है। सरकार ने उनके सपनों को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि एक नक्सली शीर्ष नेता की ओर से जेल में बंद नक्सलियों की रिहाई की मांग की गई थी। सरकार ने इस पर सैद्धांतिक सहमति दी है कि जो नक्सली नक्सल विचारधारा का त्याग करेंगे, उन्हें भी पुनर्वास का मौका मिलेगा।
आत्मसमर्पण समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, गृह मंत्री विजय शर्मा, और वरिष्ठ पुलिस व अर्धसैनिक बलों के अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम में आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को भारतीय संविधान की प्रति और एक गुलाब देकर स्वागत किया गया। उन्हें तीन बसों के जरिए कार्यक्रम स्थल पर लाया गया था, जिनमें महिला नक्सलियों की संख्या पुरुषों से अधिक रही। मंच के पीछे लगे बैनर पर लिखा था- “पूना मार्गेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन- माओवादी कैडर्स का मुख्यधारा में पुनरागमन।” ‘पूना मार्गेम’ बस्तर पुलिस की एक विशेष पुनर्वास पहल है, जिसके तहत नक्सलियों को सम्मानजनक जीवन की ओर लौटने में मदद दी जाती है।
आत्मसमर्पण करने वालों में कई शीर्ष नक्सली नेता शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, इनमें रूपेश उर्फ सतीश (केंद्रीय समिति सदस्य), भास्कर उर्फ राजमन मंडावी, रनिता, राजू सलाम, धन्नू वेट्टी उर्फ संतू और रतन एलम (एरिया कमेटी सदस्य) शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह सामूहिक आत्मसमर्पण सरकार की नई रणनीति, स्थानीय प्रशासन और समुदाय की सहभागिता का परिणाम है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में बस्तर दौरे के दौरान अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर को नक्सल मुक्त क्षेत्र घोषित किया था। उन्होंने कहा था कि जो आत्मसमर्पण करेंगे, उनका स्वागत है; जो बंदूक उठाएंगे, उन्हें जवाब सुरक्षा बल देंगे। केंद्र सरकार ने लक्ष्य रखा है कि 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सल समस्या से पूरी तरह मुक्त किया जाएगा।
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गुजरात में कैबिनेट विस्तार : हर्ष संघवी बने डिप्टी CM, जडेजा सहित सभी नए मंत्रियों ने ली शपथ
गांधीनगर। गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में नई कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह गांधीनगर के महात्मा मंदिर में हुआ। इस विस्तार में सीएम समेत 26 मंत्री शामिल हैं, जिनमें 19 नए चेहरे और 3 महिलाएं भी शामिल हैं। सबसे पहले हर्ष संघवी ने शपथ ली और उन्हें डिप्टी मुख्यमंत्री का पद भी सौंपा गया। क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को भी मंत्री बनाया गया। इस मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का विशेष ध्यान रखा गया है।
पटेल समाज से सीएम समेत 8, OBC से 8, SC से 3 और ST से 4 मंत्री शामिल हैं। कुछ पूर्व कांग्रेस नेताओं को भी बीजेपी में शामिल होने के बाद मंत्री बनने का मौका मिला। यह कैबिनेट विस्तार 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी और पार्टी में नई ऊर्जा लाने के उद्देश्य से किया गया है।
नई कैबिनेट में जातीय और सामाजिक संतुलन पर जोर दिया गया है:
OBC: 8 मंत्री
SC: 3 मंत्री
ST: 4 मंत्री
महिला मंत्री: 3
पटेल समाज: 7 मंत्री
कुल 19 नए चेहरे कैबिनेट में शामिल हुए हैं।
नए मंत्री: अर्जुन मोढवाडिया, रिवाबा जडेजा, ईश्वरसिंह पटेल, जीतू वाघाणी, नरेशभाई पटेल, पीसी बरंडा, कौशिक वेकरिया, रमेशभाई कटारा, जयराम गामित, दर्शना वाघेला, डॉ. प्रद्युम्न वाजा, मनीषा वकील, प्रवीण माली, रमण सोलंकी, कमलेशभाई पटेल, त्रिकम छंगा, स्वरूपजी ठाकोर, कांतिलाल अमृतिया, प्रफुल पानसेरिया।
पुराने मंत्री जिन्हें दोबारा मौका मिला: ऋषिकेश पटेल, कनुभाई देसाई, कुंवरजी बावलिया, हर्ष सांघवी, परसोत्तंभाई सोलंकी, जीतेन्द्र वाघाणी।
रिवाबा जडेजा जामनगर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी हैं और 2019 में बीजेपी में शामिल हुईं। रिवाबा महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में सक्रिय रही हैं और उन्होंने ‘श्री मातृशक्ति चैरिटीबल ट्रस्ट’ नामक एनजीओ भी शुरू किया।
कैबिनेट विस्तार के पीछे राजनीतिक कारण
विश्लेषकों के अनुसार इस कैबिनेट विस्तार के पीछे कई कारण हैं:
2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी: नई टीम के जरिए पार्टी में नई ऊर्जा और नेतृत्व शामिल करना।
पुराने मंत्रियों और नए नेताओं का संतुलन: युवाओं को जिम्मेदारी देना और क्षेत्रीय, जातीय समीकरण बनाए रखना।
सत्ता विरोधी लहर से निपटना: हाल के उपचुनाव और स्थानीय चुनावों में विपक्ष की चुनौती को देखते हुए बदलाव।
आलाकमान की संतुष्टि: कुछ मंत्रियों के प्रदर्शन से पार्टी आलाकमान संतुष्ट नहीं था, इसलिए नए चेहरे शामिल किए गए।
गुजरात विधानसभा में 182 विधायक हैं और कुल मंत्रियों की संख्या 15% की सीमा के अनुसार अधिकतम 27 हो सकती है।
राजनीतिक विशेषज्ञों की राय
वरिष्ठ पत्रकार देवेंद्र पटेल का कहना है कि, राज्य में समय-समय पर “रिफ्रेश सिस्टम” आवश्यक है। उन्होंने बताया कि, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल लोकप्रिय नेता हैं।
राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष का कहना है कि, गुजरात की सरकार को लेकर केंद्र स्तर पर कुछ असंतोष था और इस फेरबदल के जरिए पार्टी ने संतुलन और स्थिरता बनाए रखने की कोशिश की है।
BJP सांसद मयंक नायक ने कहा कि, विधायकों में कोई नाराजगी नहीं है। नई कैबिनेट जनता के विकास के लिए काम करेगी।
कैबिनेट विस्तार की खास बातें
कैबिनेट में 25 मंत्री होंगे, जिनमें 19 नए चेहरे शामिल हैं।
3 महिला मंत्री और 8 OBC मंत्री शामिल हैं।
SC से 3 और ST से 4 मंत्री होंगे।
कुछ पूर्व कांग्रेस नेता भी मंत्री बन सकते हैं।
क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा पहली बार मंत्री बन रही हैं।
भूपेंद्र पटेल का तीसरा मंत्रिमंडल
भूपेंद्र पटेल ने पहली बार सितंबर 2021 में सीएम पद की शपथ ली थी, जब विजय रूपाणी ने अचानक इस्तीफा दिया था। फिर दिसंबर 2022 में विधानसभा चुनाव के बाद वे दोबारा मुख्यमंत्री बने। अब यह उनका तीसरा मंत्रिमंडल होगा। जानकारी के अनुसार, पुराने मंत्रियों में से केवल 2-3 चेहरे दोबारा शामिल हो सकते हैं, जबकि बाकी की जगह नए नेताओं को दी जाएगी।
भूपेंद्र पटेल 13 सितंबर 2021 को गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री बने। उनका राजनीतिक सफर नगर पालिका सदस्य से शुरू हुआ और वे आरएसएस से जुड़े हुए हैं। वर्तमान मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण विभागों का प्रभार खुद संभाला हुआ है।
भूपेंद्र पटेल की पिछली कैबिनेट में थे ये मंत्री
कैबिनेट मंत्री:
कनुभाई देसाई - वित्त, ऊर्जा
ऋषिकेश पटेल - स्वास्थ्य, कानून
राघवजी पटेल - कृषि, ग्राम विकास
बलवंत सिंह राजपूत - उद्योग, नागरिक उड्डयन
भानुबेन बावरिया - महिला एवं बाल कल्याण
मुलुभाई बेरा - पर्यटन, वन एवं पर्यावरण
कुबेर डिंडोर - आदिवासी विकास
कुंवरजी बावलिया - जल संसाधन
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार):
हर्ष संघवी - गृह, खेल, परिवहन
जगदीश विश्वकर्मा - MSME, सहकारिता
11 साल में तीसरी बार हुआ ऐसा
गुजरात की राजनीति में अचानक फेरबदल नई बात नहीं है।
आनंदीबेन पटेल (2016): पाटीदार आंदोलन के बाद इस्तीफा
विजय रूपाणी (2021): पार्टी के प्रभावी चेहरे की तलाश
भूपेंद्र पटेल (2025): आगामी चुनाव की तैयारी
अगस्त से अक्टूबर के बीच ही आते हैं सियासी तूफान
दिलचस्प बात यह है कि पिछले 60 सालों में अधिकांश कैबिनेट विस्तार या बदलाव अगस्त से अक्टूबर के बीच ही हुए हैं। 1962 से अब तक 16 बार मंत्रिमंडल विस्तार इन्हीं महीनों में हुआ है। चाहे वह मोदी, आनंदीबेन या भूपेंद्र पटेल का कार्यकाल ही क्यों न रहा हो।
मध्य प्रदेश पुलिस इन दिनों बहुत चर्चा में है, पिछले दिनों सिवनी में हुए हवाला के करोड़ों रुपये के लूटकांड में फंसे एसडीओपी पूजा पांडे और अन्य पुलिस कर्मियों की गिरफ़्तारी के बाद अब पुलिस मुख्यालय भोपाल में पदस्थ पुलिसकर्मियों का कारनामा सामने आया है जल्दी ही इनकी भी गिरफ़्तारी होगी।
पुलिस मुख्यालय भोपाल की एकाउंट शाखा में पदस्थ तीन पुलिसकर्मियों की तलाश पुलिस ही कर रही है, उनके खिलाफ धोखाधड़ी, गबन का केस दर्ज किया गया है, राजधानी की जहांगीराबाद थाना पुलिस ने तीन पुलिसकर्मियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है।
जानकारी के मुताबिक पुलिस मुख्यालय की एकाउंट शाखा में पदस्थ ASI हर्ष वानखेड़े ,कैशियर नीरज कुमार और सहायक स्टाफ हेड राजपाल ठाकुर ने पुलिसकर्मियों के फर्जी मेडिकल बिल बनकर उनसे सरकारी राशि निकाल ली और उसे आपस में बांट ली, शिकायत के बाद मुख्यालय के आदेश पर जहांगीराबाद थाने में मामला दर्ज किया गया है।
जहांगीराबाद टीआई सीएस राठौर के मुताबिक तीनों पुलिसकर्मियों ने फर्जी मेडिकल बिल बनाकर करीब 10 लाख रुपये का गबन किया है, जाँच के बाद ये दोषी मिले जिसके बाद इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, तीनों को निलंबित कर दिया गया है, पुलिस इनकी तलाश कर रही है।
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पिता के इलाज में देरी से भड़का युवक, पुलिसवालों को जमकर पीटा
रतलाम। अपने पिता का इलाज कराने पहुंचे एक व्यक्ति ने बुधवार देर रात जिला अस्पताल में जमकर हंगामा किया। आरोपित ने आरक्षकों पर नशे में होने का आरोप लगाते हुए उनकी पिटाई कर दी।
मारपीट का वीडियो गुरुवार को इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस जवान भी वीडियो असमान्य दिखाई दे रहे हैं। हालांकि अभी जांच चल रही है।
जानकारी के अनुसार, बुधवार देर रात करीब 12 बजे दिलीप नगर निवासी गौरव पुत्र राजेंद्र सोलंकी उर्फ जिमा अपने पिता का इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंचा था। इलाज में देरी को लेकर उसने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सीपी सिंह राठौर से पहले बदतमीजी की और फिर गाली-गलौज शुरू कर दी।
डॉक्टर राठौर के विरोध करने पर आरोपित गौरव व उसके साथ आए लोगों ने वीडियो बनाना शुरू कर दिया और अश्लील शब्दों का प्रयोग करते हुए हंगामा करने लगे। स्थिति बिगड़ती देख डॉक्टर ने अस्पताल चौकी को सूचना दी।
सूचना पर ड्यूटी पर मौजूद आरक्षक विकास गरवाल और होमगार्ड सैनिक प्रमोद महावर मौके पर पहुंचे और आरोपित को समझाने का प्रयास किया, लेकिन गौरव ने दोनों पर नशे में होने का आरोप लगाते हुए हाथापाई शुरू कर दी। उसने दोनों जवानों की अस्पताल के ड्रेसिंग रूम में लात-घूसों से पिटाई कर दी, जबकि उसके साथ आए स्वजन और अन्य लोग वीडियो बनाते रहे।
कुछ देर बाद थाना स्टेशन रोड से चिता जवान मौके पर पहुंचे और आरोपित को हिरासत में लेकर थाने ले गए। थाने में भी आरोपित गौरव ने हंगामा जारी रखा।
सीएसपी सत्येंद्र घनघोरिया ने बताया कि आरोपित गौरव पुलिस हिरासत में है। दोनों जवानों को थाने बुलाया गया है और मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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लंबे समय से फरार भाजपा नेता पर 10 हजार का इनाम घोषित, जारी हुआ आदेश
उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन से बड़ी खबर सामने आई है। यहां धोखाधड़ी के मामले में लंबे समय से फरार चल रहे भाजपा नेता पर पुलिस विभाग ने 10 हजार का इनाम घोषित कर दिया है। यानी अब आरोपी के संबंध में पुलिस को सूचित करने वाले को इनाम के रूप में 10 हजार राशि नगद भेंट की जाएगी। यही नहीं, जानकारी देने वाले का नाम भी पूरी तरह गुप्त रखा जाएगा।
आपको बता दें कि, मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता शौकत मोहम्मद खान पर समानांतर वफ्फ बोर्ड चलाने और न्यायालय में फर्जी कागजात और शपथपत्र दाखिल किये थे। इसे लेकर धारा 420 समेत अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। शौकत खान पुलिस को चमका देकर लंबे समय से फरार चल रहा है। उसे पकड़ने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है, लेकिन वो अबतक पुलिस गिरफ्त से दूर है।
वहीं अब उज्जैन पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने शौकत खान पर 10 हजार के नगद इनाम की घोषणा कर दी है। उन्होंने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि, जानकारी देने वालों का नाम गोपनीय रखे जाएंगे। आरोपी की गिरफ्तारी पर नगद इनाम से पुरस्कृत किया जाएगा।
अशोकनगर। मध्य प्रदेश के अशोकनगर में नकली पान मसाला फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ है। जहां नकली पान मसाले से राजश्री कंपनी और ग्राहकों को चूना लगा रहे थे। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने छापेमार कार्रवाई की और एक आरोपी को धर दबोचा। फिलहाल मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
यह पूरा मामला सीटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है। जिले में असली की जगह नकली पान मसाले का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा था। कुछ लोग नकली पान मसाले से राजश्री कंपनी और ग्राहकों को चूना लगा रहे थे। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने मौके पर दबिश दी। इस दौरान एक व्यक्ति लालजी साहू को नकली पेकिंग समेत अन्य सामानों के साथ गिरफ्तार किया
सिटी कोतवाली थाना प्रभारी रवि चौहान ने बताया कि अवैध रूप से राजश्री पान मसाला बनाने की सूचना मिली थी। मुखबिर की सूचना पर हमने छापेमार कार्रवाई की। लालजी राम के घर पर नकली पान मसाला मिला। मौके पर जब्त की कार्रवाई की गई है। इस केस में मामला दर्ज किया गया है। कॉपीराइट एक्ट की धाराओं का भी इजाफा किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि राजधानी भोपाल में जो डिस्ट्रीब्यूर है, उनसे भी बयान देकर उपयुक्त धारा को जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि लगभग एक साल से अवैध फैक्ट्री का संचालन कर रहे थे। मामले में और भी आरोपियों के सामने आने की संभावना है। फिलहाल पूछताछ की जा रही है।
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24 किन्नारों ने एक साथ की जान देने की कोशिश, सामने आई चौंकाने वाली घटना
इंदौर इंदौर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया हैं. यहां एक कमरें में बंद होकर एक साथ 24 किन्नारों ने फिनाइल पीकर आत्महत्या का प्रयास किया है. मामले की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची. इस दौरान पुलिस ने किसी तरह दरवाजा तोड़कर सभी किन्नरों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया है. जहां उनकी तबीयत अब ठीक बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि रेप के मामले में कार्रवाई ना होने के कारण यह किन्नर नाराज थे. वहीं घटना के बाद काफी संख्या में किन्नर ज्वाहर मार्ग पर एकत्र हो गए और हंगामा किया. इस दौरान अधिकारियों ने किसी तरह उन्हें समझाकर शांत किया.
जानकारी के अनुसार, इंदौर के एमआर-10 और नंदलालपुरा के दो किन्नर गुटों में काफी समय से विवाद चला आ रहा हैं. बताया गया है कि इसी को लेकर एक कथित पत्रकार अपने एक साथी के साथ एक गुट के पास पहुंचा था. आरोप है कि इस दौरान एक युवक ने उनसे रुपयों की मांग करते हुए धमकी दी थी. आरोप है कि इस दौरान पत्रकार ने रुपये ना मिलने पर एक किन्नर के साथ जबरन दुष्कर्म किया और पुलिस से शिकायत करने पर मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी. बताया गया है कि इसी प्रताडना से परेशान होकर गुट के 24 किन्नरों ने आत्महत्या का प्रयास किया.
रात में फिनाइल पीने के कारण कन्नरों की तबीतय बिगड़ने लगी. तभी उनके अन्य साथी वहां पहुंचे तो मामले की जानकारी हुई. घटन की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह दरवाजा तोड़कर किन्नरों को अस्पताल में भर्ती कराया वहीं अस्पताल में अब सभी की तबीयत स्थिर बताई जा रही है. घटन की जानकारी होने के बाद काफी संख्या में किन्नर एकत्र हो गए और हंगामा किया. इस मामले में पुलिस ने दूसरे गुट के किन्नर सपना हाजी, राजा हाशमी समेत कथित पत्रकार और उसके साथी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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ड्रेसर ने बीएमओ पर ताना कट्टाः मांगा 12 महीने का बकाया वेतन, वीडियो वायरल, पुलिस ने किया गिरफ्तार
शिवपुरी। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के कोलारस अस्पताल में उस समय हड़कंप मच गया जब ड्रेसर ने बीएमओ पर कट्टा तान दिया। बताया जाता है कि वेतन नहीं मिलने से नाराज ड्रेसर ने ऐसी हरकत की है। बीएमओ की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं बीएमओ ने उसे निलंबित भी कर दिया है।
दरअसल लुकवासा अस्पताल का ड्रेसर मनीष नाजगड़ ने अवैध कट्टा में कारतूस लोड कर कोलारस बीएमओ पर तानते हुए धमकाकर 12 माह का वेतन मांगा। ड्रेसर की इस हरकत से कोलारस अस्पताल का स्टाफ पूरे समय दहशत में रहा। बीएमओ ने मामले से सीएमएचओ शिवपुरी को अवगत कराया, फिर कोलारस थाने में ड्रेसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने आरोपी ड्रेसर को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं सीएमएचओ ने ड्रेसर को निलंबित भी कर दिया है।
बताया जाता है कि कुछ माह पपले ड्रेसर मनीष का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वो अस्पताल में बैठकर शराब पीते हुए रील बना रहा था। संभवतः उसकी इसी हरकत के कारण उनका वेतन रोक दिया गया होगा। वेतन नहीं मिलने से आरोपी ड्रेसर परेशान है।
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18 October 2025

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