


रतलाम। शहर के समीप मांगरोल पंचायत कार्यालय में आगजनी की घटना ने ग्रामीण असंतोष को उजागर कर दिया। परेशान ग्रामीण गोपाल ने सरकारी योजनाओं के लाभ न मिलने से आक्रोशित होकर पेट्रोल छिड़ककर दफ्तर फूंक दिया।
आसपास के ग्रामीणों ने आग बुझाई और आरोपी गोपाल को पकड़कर सालाखेड़ी चौकी पुलिस को सौंप दिया। पूछताछ में गोपाल ने बताया कि पीएम आवास सहित अन्य योजनाओं का लाभ न मिलने से उसके नाबालिग बेटे को हम्माली करनी पड़ रही है। वायरल वीडियो में आरोपी आग लगाते और भागते हुए का दृश्य साफ दिख रहा है।
सरपंच गायत्री चौधरी ने बताया ग्रामीण योजनाओं से वंचित होने से नाराज था। हमने आग पर काबू पाया, लेकिन नुकसान हुआ। पुलिस जांच कर रही है। जांच अधिकारी जे.सी. यादव ने कहा वीडियो सबूत के आधार पर मामला दर्ज किया है। आरोपी नशे में था, योजनाओं की शिकायत की जांच होगी। आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है।
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आस्था के नाम पर अश्लील डांस: मंदिर परिसर में ठुमके लगाते नजर आईं ‘नचनिया’, Video वायरल
अशोक नगर। मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थित करीला धाम एक बार फिर चर्चा में है। माता सीता और लव-कुश की जन्मस्थली माने जाने वाले इस प्राचीन मंदिर में रंगपंचमी पर लगने वाले विशाल मेले के दौरान होने वाले राई नृत्य को लेकर सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया है। कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें इस नृत्य को अश्लील बताकर आस्था और मर्यादा पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
करीला धाम मध्य प्रदेश का एक अनोखा तीर्थस्थल है, जहां भगवान राम के बिना माता सीता की पूजा होती है। यहां माता जानकी के साथ लव-कुश और महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमाएं विराजमान हैं। मान्यता है कि यहीं माता सीता ने वनवास के दौरान लव-कुश को जन्म दिया था। रंगपंचमी के अवसर पर यहां देशभर से लाखों श्रद्धालु जुटते हैं और विशाल मेला लगता है। इस मेले की सबसे बड़ी विशेषता है राई नृत्य। सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार, जब किसी श्रद्धालु की मन्नत पूरी होती है – खासकर संतान प्राप्ति की – तो वह माता के दरबार में बधाई स्वरूप राई नृत्य करवाता है।
ऐसी मान्यता है कि लव-कुश के जन्मोत्सव पर स्वर्ग से अप्सराएं उतरी थीं और नृत्य किया था। तभी से यह बुंदेलखंड का पारंपरिक राई नृत्य भक्ति और उत्सव का प्रतीक बन गया। देशभर से नृत्यांगनाएं यहां आती हैं और ढोल-मंजीरे की थाप पर नृत्य प्रस्तुत करती हैं। लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हुए हैं, जिनमें मंदिर परिसर में हो रहे इस नृत्य को अश्लील करार दिया जा रहा है। आलोचकों का कहना है कि राई के नाम पर ठुमके लगना आस्था की मर्यादा के खिलाफ है।
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हदयविदारक घटना, मां और 2 मासूम बेटों के शव फंदे पर लटके मिले, मचा हड़कम्प
सागर. मध्य प्रदेश के सागर के रहली थाना क्षेत्र के मैनाई गांव में देर रात एक दुखद घटना सामने आई, जहां एक महिला और उसके दो मासूम बेटों के शव घर के भीतर फांसी के फंदे पर लटके मिले. घटना का पता तब चला जब महिला का पति और जेठ खेत से सिंचाई कर घर लौटे.
मृतका की पहचान रचना लोधी (32 वर्ष), उसके बड़े बेटे ऋषभ (5 वर्ष) और छोटे बेटे राम (2 वर्ष) के रूप में हुई है. महिला के जेठ ब्रजेश लोधी ने बताया कि वह और उसका छोटा भाई राजेश (मृतका का पति) गुरुवार शाम खेत में सिंचाई करने गए थे. रात करीब पौने 11 बजे दोनों घर लौटे. जैसे ही वे अपने-अपने कमरों की ओर बढ़े, अचानक राजेश की चीख सुनाई दी. चीख सुनकर जब ब्रजेश भाई के कमरे में पहुंचा तो वहां का दृश्य देखकर उसके होश उड़ गए. कमरे में रचना, ऋषभ और राम तीनों अलग-अलग फंदों पर लटके हुए थे. आनन-फानन में दोनों भाइयों ने रस्सियां काटकर तीनों को नीचे उतारा, लेकिन तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं.
घटना स्थल पर घर का दरवाजा खुला हुआ पाया गया है. पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है. ऐसे में यह मामला आत्महत्या का है या किसी अन्य कारण से हुई मौत, इसे लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है. सूचना मिलते ही रहली पुलिस मौके पर पहुंची और पंचनामा कार्रवाई की. मामले की गंभीरता को देखते हुए फॉरेंसिक साइंस लैब (स्नस्रु) की टीम को भी बुलाया गया, जिसने घटनास्थल से जरूरी साक्ष्य एकत्र किए. शुक्रवार दोपहर रहली अस्पताल में तीनों शवों का पोस्टमॉर्टम कराया गया.
उज्जैन. एमपी के उज्जैन जिले की खाचरौद उपजेल से दुष्कर्म और हत्या के मामलों में बंद तीन आरोपियों के फरार होने से हड़कंप मच गया। देर शाम करीब 7.30 बजे तीनों कैदी सीढ़ी की मदद से जेल की दीवार फांदकर फरार हो गए। आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, भाटपचलाना थाना क्षेत्र के गांव चंदवासला निवासी नारायण पिता भेरूलाल जाट और मालाखेड़ी निवासी गोपाल पिता बापूलाल दुष्कर्म के मामलों में बंद थे, जबकि नागदा निवासी गोविंद पिता आशाराम हत्या के एक प्रकरण में निरुद्ध था। बताया गया है कि गुरुवार को तीनों आरोपियों ने महिला वार्ड की चाबी चुराई, ताला खोला और सीढ़ी के सहारे जेल की दीवार पार कर फरार हो गए। घटना के बाद जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस ने आरोपियों की तलाश तेज कर दी है और उनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए इंटरनेट मीडिया पर उनके फोटो प्रसारित किए गए हैं।
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पीएम श्री स्कूल में पढ़ाई की जगह रिलबाजी: छात्राएं ‘बहारों फूल बरसाओ’ गाने पर कर रही ये काम
मंडला। सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई-लिखाई का माहौल होना चाहिए, वहां क्लासरूम रील बनाने का स्टूडियो बन गया है।मध्य प्रदेश के मंडला जिले के एक एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मवई विकासखंड के घोंटा क्षेत्र स्थित पीएम श्री शासकीय स्कूल की छात्राएं स्कूल टाइम में शादी की जयमाला रस्म का नाटक कर रही हैं।
यह वीडियो मंडला जिले के घोंटा पीएम श्री स्कूल का बताया जा रहा है। वीडियो में नीली यूनिफॉर्म पहने कुछ छात्राएं क्लासरूम के अंदर दिख रही हैं। एक लड़की दुल्हन बनी हुई है, जिसने लाल या गुलाबी दुपट्टा ओढ़ रखा है, जबकि दूसरी दूल्हा बनकर जयमाला की रस्म अदा कर रही है। बैकग्राउंड में फिल्मी गाना ‘बहारों फूल बरसाओ’ बज रहा है और बाकी छात्राएं हंसते-देखते नजर आ रही हैं। स्पष्ट है कि यह सोशल मीडिया रील बनाने के लिए किया गया नाट्य रूपांतरण है।
जिस समय बच्चों को क्लास में अध्ययनरत होना चाहिए, उस समय यह सब हो रहा है। वार्षिक परीक्षाएं नजदीक हैं, लेकिन कक्षाएं खाली पड़ी हैं और शिक्षक एसआईआर में व्यस्त बताए जा रहे हैं। विपक्षी दलों ने इसे सरकार की बड़ी नाकामी करार दिया है। उनका कहना है कि शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। शिक्षक पढ़ाई छोड़कर अन्य कार्यों में लगे हैं, जबकि छात्राएं रील बनाने में व्यस्त हैं। पूरे मामले पर शिक्षा विभाग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है और विभाग मौन साधे बैठा है।
यह वीडियो सरकारी स्कूलों की वास्तविक स्थिति पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। क्या रील बनाने की होड़ में बच्चों का भविष्य दांव पर लग रहा है? फिलहाल यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होकर शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रहा है।
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जैन मंदिरों में चोरी, अष्टधातु की प्रतिमाएं और चांदी के छत्र गायब, लोगों में फैला आक्रोश
जबलपुर. एमपी के जबलपुर जिले के पाटन थाना अंतर्गत चौकी नुनसर क्षेत्र में चोरों ने दो जैन मंदिरों को अपना निशाना बनाकर क्षेत्र में सनसनी फैला दी है. जानकारी के अनुसार, पार्श्व तीर्थ उजरोड़ और सकल जैन समाज ग्राम जैन मंदिर में बीती रात अज्ञात चोरों ने धावा बोला और भगवान की बेशकीमती प्रतिमाओं सहित कीमती सामान पर हाथ साफ कर दिया.
मंदिर समिति के अनुसार, चोरों ने मंदिर के गर्भगृह से अष्टधातु की प्राचीन मूर्तियां और एक चांदी की प्रतिमा चोरी की है. इसके अलावा, भगवान के सिर पर सुशोभित होने वाला एक बड़ा सिंहासन, तीन छत्र और दो चंवर सहित अन्य पूजन सामग्री भी गायब है. सुबह जब मंदिर के पट खुले, तब चोरी की घटना का खुलासा हुआ.
इस घटना के बाद से स्थानीय जैन समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त है. समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि धार्मिक स्थलों पर बढ़ती असुरक्षा चिंता का विषय है. घटना की सूचना मिलते ही पाटन पुलिस और नुनसर चौकी पुलिस बल मौके पर पहुँचा. पुलिस ने डॉग स्क्वायड और फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट की मदद से साक्ष्य जुटाए हैं. पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. फिलहाल, पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
नई दिल्ली। भारत में वायु प्रदूषण अब कोविड-19 महामारी के बाद सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट बन चुका है। ब्रिटेन में काम कर रहे भारतीय मूल के कई सीनियर डॉक्टरों ने कहा कि, यदि अभी ठोस और सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले वर्षों में इसका असर लोगों की सेहत और देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बेहद गंभीर होगा। डॉक्टरों के मुताबिक, पिछले एक दशक में हृदय रोगों में बढ़ोतरी को अक्सर मोटापे से जोड़ा गया, लेकिन कारों, विमानों और अन्य स्रोतों से निकलने वाले जहरीले प्रदूषक तत्व इसमें बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
इंग्लैंड के लिवरपूल में कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट और भारत सरकार की कोविड-19 एडवाइजरी कमेटी के पूर्व सदस्य डॉ. मनीष गौतम ने कहा कि, वायु प्रदूषण पर सरकार का फोकस जरूरी तो है, लेकिन इसमें काफी देरी हो चुकी है। उनके अनुसार, भारत में प्रदूषण नियंत्रण और रोकथाम के लिए कई अहम कदम पहले से मौजूद हैं, लेकिन वे अब इस स्तर के नुकसान को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। उत्तर भारत में रहने वाले लाखों लोगों को पहले ही फेफड़ों से जुड़ा नुकसान हो चुका है और मौजूदा इलाज समस्या का सिर्फ एक छोटा हिस्सा है।
लंदन के सेंट जॉर्ज यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राजय नारायण ने बताया कि, वायु प्रदूषण का हृदय, सांस, न्यूरोलॉजिकल और अन्य बीमारियों से सीधा संबंध साबित करने वाले पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद हैं। उन्होंने चेताया कि, कार्रवाई में देरी से न सिर्फ स्वास्थ्य बल्कि आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा। उनके मुताबिक, सिरदर्द, थकान, हल्की खांसी, गले में जलन, पाचन संबंधी दिक्कत, आंखों में सूखापन, त्वचा पर रैश और बार-बार संक्रमण जैसे शुरुआती लक्षणों को लोग मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि ये गंभीर बीमारियों की चेतावनी हो सकते हैं।
बर्मिंघम के मिडलैंड मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर डेरेक कॉनॉली ने कहा कि, प्रदूषित शहरों में मौसम साफ दिखने के बावजूद हवा में मौजूद छोटे-छोटे कण (पार्टिकुलेट मैटर) दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाते हैं। उन्होंने बताया कि, हृदय रोग एक धीमी प्रक्रिया है और PM जैसे कण नंगी आंखों से दिखाई नहीं देते, न ही इन्हें ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल की तरह आसानी से मापा जा सकता है। इसलिए लोग इनके जोखिम को समझ नहीं पाते।
डॉक्टरों के अनुसार, दिसंबर महीने में दिल्ली के अस्पतालों में सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ी है। इनमें कई युवा और पहली बार इलाज कराने वाले मरीज भी शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि, सांस संबंधी बीमारियों का एक बड़ा हिस्सा अब भी बिना पहचान और इलाज के है।
‘लैंसेट काउंटडाउन ऑन हेल्थ एंड क्लाइमेट चेंज 2025’ रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में भारत में PM2.5 प्रदूषण से 17 लाख से ज्यादा मौतें हुईं। इनमें से करीब 2.69 लाख मौतें सड़क परिवहन में पेट्रोल के इस्तेमाल से जुड़ी थीं। वहीं इंटरनेशनल काउंसिल ऑन क्लीन ट्रांसपोर्टेशन की एक वैश्विक स्टडी में कहा गया है कि, वाहनों से निकलने वाली जहरीली गैसों को नियंत्रित करने वाली नीतियां 2040 तक दुनियाभर में 19 लाख जानें बचा सकती हैं और बच्चों में अस्थमा के 14 लाख नए मामलों को रोक सकती हैं।
पार्टिकुलेट मैटर हवा में मौजूद बेहद छोटे ठोस कण और तरल बूंदें होती हैं, जो धूल, धुआं, राख और केमिकल से बनती हैं। ये इतने छोटे होते हैं कि, नंगी आंखों से दिखाई नहीं देते और सांस के जरिए शरीर में जाकर गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं। कण जितने छोटे होते हैं, स्वास्थ्य के लिए उतने ही ज्यादा खतरनाक माने जाते हैं।
23 दिसंबर को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्वीकार किया कि दिल्ली में करीब 40 प्रतिशत प्रदूषण परिवहन क्षेत्र से फैलता है, जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता का नतीजा है। उन्होंने साफ और वैकल्पिक ईंधन अपनाने तथा बायोफ्यूल को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया। वहीं, संसद में सरकार ने यह माना कि वायु प्रदूषण सांस की बीमारियों को ट्रिगर करने वाले कारकों में से एक है, हालांकि सीधे संबंध को साबित करने वाला ठोस डेटा उपलब्ध नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में दिल्ली में तीव्र श्वसन संक्रमण के दो लाख से अधिक मामले सामने आए, जिनमें करीब 30 हजार मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
विशेषज्ञों का साफ कहना है कि, अब सिर्फ प्रदूषण नियंत्रण ही नहीं, बल्कि समय पर जांच, इलाज और जन-जागरूकता पर भी उतना ही ध्यान देना जरूरी है, वरना आने वाले समय में यह संकट और भी भयावह रूप ले सकता है।
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भारत में बच्चों के लिए बैन होगा सोशल मीडिया? , मद्रास HC का केंद्र को सुझाव
चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को सुझाव दिया है। कोर्ट ने कहा कि, वह ऑस्ट्रेलिया की तरह भारत में भी 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगाने की संभावना तलाशे। जस्टिस केके रामकृष्णन और जस्टिस जी जयचंद्रन की डिविजन बेंच ने यह सुझाव नाबालिगों को ऑनलाइन पोर्नोग्राफिक कंटेंट आसानी से मिलने की समस्या पर सुनवाई के दौरान दिया।
याचिकाकर्ता एस विजयकुमार के वकील पी एस पलानीवेल राजन ने ऑस्ट्रेलिया के नए कानून का उदाहरण पेश किया। जिसमें 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया अकाउंट बनाना पूरी तरह बैन किया गया है।
कोर्ट ने कहा कि, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISP) पर कड़े नियम लागू किए जाएं। उन्हें अनिवार्य रूप से पैरेंटल विंडो या पैरेंटल कंट्रोल सुविधा देना जरूरी है, ताकि माता-पिता अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों को नियंत्रित और फिल्टर कर सकें।
कोर्ट ने जोर देकर कहा कि, जब तक देश में नया कानून नहीं बनता, तब तक जागरूकता अभियान तेज किया जाए और माता-पिता एवं बच्चों को सुरक्षित इंटरनेट उपयोग की जानकारी दी जाए।
ऑस्ट्रेलिया सरकार ने नवंबर 2024 में 'ऑनलाइन सेफ्टी अमेंडमेंट बिल' पास किया। इसके तहत 16 साल से कम उम्र के बच्चों को TikTok, फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, यूट्यूब, X (ट्विटर) जैसी सोशल मीडिया साइट्स पर अकाउंट बनाने पर रोक है। इन प्लेटफॉर्म्स को नाबालिगों के अकाउंट हटाने और उम्र की सख्त जांच करने की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि, इस कानून को लेकर वहां अभिव्यक्ति की आज़ादी और डिजिटल अधिकारों पर बहस भी जारी है।
भारत में 10-15 साल के बच्चों में 96% सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, देश में सोशल मीडिया कंट्रोल और नाबालिगों की सुरक्षा के लिए कोई राष्ट्रीय कानून नहीं है। ASER 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, नाबालिग बच्चों को अश्लील, हिंसक और अनुचित कंटेंट तक आसानी से पहुंच मिल रही है। इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर, साइबरबुलिंग और प्राइवेसी खतरे बढ़ रहे हैं।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR), तमिलनाडु बाल अधिकार आयोग और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को निर्देश दिया जाए कि वे पैरेंटल कंट्रोल सिस्टम लागू करें और स्कूलों व समाज में जागरूकता अभियान चलाएं। कोर्ट ने आदेश दिया कि, सभी माध्यमों से बच्चों और माता-पिता को सुरक्षित इंटरनेट इस्तेमाल की जानकारी दी जाए।
अंतरिम राहत और निर्देश
हाई कोर्ट ने अंतरिम राहत के तौर पर कहा कि जब तक कानून नहीं बनता:
केंद्र और राज्य सरकार जागरूकता अभियान तेज करें।
स्कूल, मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए बच्चों और अभिभावकों को सुरक्षित इंटरनेट उपयोग के तरीके बताएं।
ISP को मजबूर किया जाए कि, वे पैरेंटल विंडो/पैरेंटल कंट्रोल जैसी सुविधा सरल और आसान तरीके से उपलब्ध कराएं।
कौन से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स होंगे बैन
बैन प्लेटफॉर्म्स (16 साल से कम उम्र वाले बच्चों के लिए):
फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक, X, स्नैपचैट, यूट्यूब, थ्रेड्स, रेडिट, किक
खुले रहेंगे:
डिस्कॉर्ड, द्विच, मैसेंजर, वॉट्सएप, गिटहब, गूगल क्लासरूम, लेगो प्ले, रोब्लॉक्स, स्टीम, यूट्यूब किड्स
इस प्रकार मद्रास हाईकोर्ट ने बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को ऑस्ट्रेलिया जैसी ठोस कानून व्यवस्था अपनाने की संभावना तलाशने का सुझाव दिया है। इससे बच्चों को ऑनलाइन खतरे से बचाने में मदद मिलेगी और अभिभावकों के लिए भी नियंत्रण आसान होगा।
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IT कंपनी की मैनेजर से कार में गैंगरेप, डैशकैम बना सबसे बड़ा सबूत; केस में चौंकाने वाले खुलासे
उदयपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक आईटी कंपनी की महिला मैनेजर के साथ कार के अंदर गैंगरेप किया गया। यह घटना 20 दिसंबर की रात की है। पीड़िता उसी कंपनी में मैनेजर के पद पर काम करती है।
कंपनी के सीईओ जयेश की बर्थडे और न्यू ईयर पार्टी शोभागपुरा स्थित एक होटल में रखी गई थी। पार्टी में कंपनी के चुनिंदा कर्मचारी शामिल हुए थे। पीड़िता रात करीब 9 बजे वहां पहुंची। शुरुआत में माहौल सामान्य और खुशनुमा था।
रात ढलने के साथ पार्टी का नशा गहराता गया। जब रात करीब 1:30 बजे हुए, तब पीड़िता बेहद थकी हुई और असहज नजर आ रही थी। कुछ लोगों ने उसे घर छोड़ने की बात कही, लेकिन तभी कंपनी की एक महिला एग्जीक्यूटिव हेड ने ‘आफ्टर पार्टी’ का प्रस्ताव रखा। सहकर्मी होने के कारण पीड़िता ने मना नहीं किया।
रात करीब 1:45 बजे पीड़िता को एक कार में बैठाया गया। कार में पहले से कंपनी का सीईओ जयेश और महिला एग्जीक्यूटिव हेड का पति मौजूद था। तीनों ने भरोसा दिलाया कि वे उसे सुरक्षित घर छोड़ देंगे।
रास्ते में कार एक दुकान पर रुकी, जहां से स्मोकिंग का सामान खरीदा गया। इसके बाद कार के अंदर ही पीड़िता को भी स्मोकिंग कराई गई। कुछ ही देर में उसकी हालत बिगड़ने लगी और वह लगभग बेहोश हो गई।
कुछ समय बाद जब पीड़िता को होश आया, तो उसने खुद को बेहद खराब हालात में पाया। आरोप है कि कार के अंदर ही सीईओ उसके साथ अश्लील हरकतें कर रहा था। विरोध करने की उसकी ताकत नशे के कारण खत्म हो चुकी थी।
पीड़िता के अनुसार इसके बाद सीईओ, महिला एग्जीक्यूटिव और उसके पति ने मिलकर उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया।
पीड़िता की चीख-पुकार और मदद की गुहार कार के अंदर ही दबकर रह गई। यह हैवानियत पूरी रात चलती रही। सुबह करीब 5 बजे तीनों आरोपी उसे उसके घर के पास छोड़कर फरार हो गए। घर पहुंचने पर पीड़िता की हालत बेहद खराब थी। शरीर में तेज दर्द, चोट के निशान, एक कान की बाली गायब, मोजे और अंडरगारमेंट्स नहीं थे। मेडिकल जांच में प्राइवेट पार्ट पर गंभीर चोटों की पुष्टि हुई।
कुछ देर बाद पीड़िता को याद आया कि जिस कार में यह सब हुआ, उसमें डैशकैम लगा था। उसने हिम्मत जुटाकर डैशकैम का ऑडियो-वीडियो फुटेज देखा। उसमें घटना से जुड़ी आवाजें और कुछ दृश्य रिकॉर्ड मिले, जो बेहद डरावने थे। यह फुटेज आरोपियों के खिलाफ सबसे बड़ा सबूत बन गया।
पीड़िता ने उदयपुर पुलिस से संपर्क किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने जांच की जिम्मेदारी एएसपी माधुरी वर्मा को सौंपी। पीड़िता के बयान, मेडिकल रिपोर्ट और डैशकैम फुटेज के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आईटी कंपनी के सीईओ जयेश, सह आरोपी गौरव और उसकी पत्नी शिल्पा को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी योगेश गोयल ने बताया कि आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा, ताकि पूछताछ में और अहम जानकारी सामने आ सके। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि पीड़िता को नशे की हालत में लाने के लिए किसी नशीले पदार्थ का इस्तेमाल किया गया या नहीं।
राजगढ़। जिले के ज्वेलर्स दुकान में 12 हथियारबंद डकैतों की लूटपाट के सदमे से दुकान संचालक की जान लेने का आरोप लगा है। इस घटना से पूरे शहर के व्यापारियों में आक्रोश है।
दरअसल बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात करीब 12 डकैतों ने एक साथ संगठित होकर ज्वेलर्स की दुकान को निशाना बनाया था। हथियारों से लैस डकैतों ने दुकान में जमकर लूटपाट की। इस घटना की खबर लगने के कुछ घंटों बाद ही दुकान मालिक श्याम सुंदर सोनी गहरे सदमे में चले गए। उन्हें हार्ट अटैक आ गया। स्थानीय लोगों ने मौके पर ही उन्हें CPR देकर बचाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन डकैतों के आतंक का खौफ उनकी जान पर भारी पड़ा और उन्होंने दम तोड़ दिया।
घटना के एक दिन पहले ही आईजी (IG) ने राजगढ़ का दौरा कर पुलिस अधिकारियों को सतर्कता के कड़े निर्देश दिए थे। आईजी के दौरे के 24 घंटे के भीतर ही इतनी बड़ी डकैती होना पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा करती है। पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद होने के बावजूद अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं।
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4 साल की उम्र में 11 वर्ल्ड रिकार्ड, 9 मिनट में 35 पक्षियों को पहचान लिया
जबलपुर. एमपी के जबलपुर में महज 4 साल के एक बच्चे ने अपने नाम 11 वर्ल्ड रिकॉर्ड्स दर्ज कराए हैं. इनमें वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्, इन्फ्लूएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्, आई बीआर अचीवर, वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ऑफ इंडिया, इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स सुपर टेलेंटेड किड, ग्लोबल किड्स अचीवर्स अवार्ड्स जैसे अवार्ड् शामिल हैं.
फतेह गायकवाड़ नाम का इस बच्चे की पिक्चर मेमोरी शार्प है. वो जो एक बार देख लेता है और जान लेता है उसे याद रह जाता है. ये सभी अवार्ड्स इसी मेमोरी के बलबूते हासिल किए हैं. वो 35 से ज्यादा पशु पक्षियों के नाम और 49 से ज्यादा देवी-देवताओं के नाम मिनटों में बता देता है. इस उम्र में ये सब किसी सामान्य बच्चे के लिए मुश्किल होता है.
किड्स स्कूल में पढऩे वाले फतेह ने 30 से ज्यादा पक्षियों को झट से पहचान लिया. वह शरीर के अंगों और देवी.देवताओं की तस्वीर देखते ही पहचान लेता है, उन्हें तुरंत बता भी देता है.
बच्चे की मां पलक तिवारी का कहना है कि फतेह ने 3 साल की उम्र से वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना शुरू कर दिए थे. 6 दिसंबर को ही उसका जन्मदिन था. अभी उसके पास 11 वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और एक इंटरनेशनल रिकॉग्निशन है. ये सब इसलिए संभव हो पाया क्योंकि जिस दिन से वो पैदा हुआ था हमने उसी दिन से उसके सेंसेस पर काम करना शुरू कर दिया था. इसके बाद 3 महीने से हम उस पर प्रोफेशनली काम करने लगे थे. वह बहुत सारे पौधों के नाम बता सकता है.
करीब 50 हिन्दू देवी-देवताओं के नाम उसे पता हैं. इसके अलावा वो शरीर के भीतरी और बाहरी 48 अंगों के नाम बता सकता है. जब वो एक डेढ़ साल का था तब भी वो चीजें बताता था. उसे गाने के लिरिक्स भी बहुत जल्दी याद होते हैं. पहले बर्थडे पर भी उसे बोलना नहीं आता था लेकिन वो धुन पर गुनगुनाने लगता था.
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नए साल की शराब पार्टी के लिए लाइसेंस जरूरी, आबकारी विभाग ने तय की फीस
भोपाल। नए साल की पार्टी में जाम छलकाने के लिए फीस चुकानी होगी, इसके लिए आबकार विभाग ने लाइसेंस फीस तय कर दी है। यदि बिना लाइसेंस के शराब पार्टी की गई तो विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सहायक आबकारी आयुक्त द्वारा जारी आदेश अनुसार स्वयं के मकान पर यदि शराब पार्टी कर रहे हैं तो 500 रुपये प्रति लाइसेंस और मैरिज गार्डन, सामुदायिक भवन के लिए पांच हजार रुपये प्रति लाइसेंस फीस देना होगी।
वहीं लाजिंग,बोर्डिंग की सुविधा वाले, होटल, रेस्टोरेंट को एक दिन के लिए 10 हजार रुपये प्रति लाइसेंस फीस देना होगा। जबकि आबकारी विभाग ने व्यसायिक किस्म के कार्यक्रमों ,आयोजनों आदि के लिए लोगों की संख्या के हिसाब से लाइसेंस की फीस तय की है।जिसमें 500 व्यक्तियों के कार्यक्रम के लिए 25 हजार, एक हजार के लिए 50 हजार, दो हजार के लिए 75 हजार, पांच हजार तक के लिए एक लाख और पांच हजार से अधिक के लिए दो लाख रुपये एक दिन के लाइसेंस की फीस देनी होगी।
सतना। शहर के बीटीआई ग्राउंड में आयोजित विंध्य व्यापार मेले के रामगढ़ सेक्शन में स्थित महिला बाथरूम के अंदर असामाजिक तत्वों द्वारा एक युवती का आपत्तिजनक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किए जाने की घटना सामने आई है। इस शर्मनाक घटना के बाद मेला प्रबंधन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अज्ञात असामाजिक तत्वों ने महिला बाथरूम के अंदर युवती का वीडियो बना लिया और बाद में उसे सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म पर वायरल कर दिया। वीडियो के सामने आते ही शहर में हड़कंप मच गया। महिला सुरक्षा को लेकर पहले से ही सवालों के घेरे में रहे मेले की व्यवस्थाओं पर अब और भी उंगलियां उठने लगी हैं। घटना की जानकारी मिलते ही मेला प्रबंधन हरकत में आया और देर रात कोलगवां थाना पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज कराई। प्रबंधन की ओर से वीडियो बनाने और वायरल करने वाले अज्ञात आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वायरल वीडियो के स्रोत का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। यह देखना अहम होगा कि इस संवेदनशील मामले में कितनी जल्दी और कितनी सख्त कार्रवाई की जाती है।
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रिलांयस के पॉवर प्रोजेक्ट से हो रही जमीन बंजर, हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश
जबलपुर. रिलांयस के सासन पॉवर प्रोजेक्ट से ना सिर्फ किसानों की जमीन बंजर हो रही है. बल्कि आसपास के गांव का पानी दूषित हो रहा है, जिसके ग्रामीण बीमार हो रहे हैं. बार-.बार शिकायत करने के बाद भी जब प्रशासन ने इस और ध्यान नहीं दिया तो परेशान किसानों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस रामकुमार चौबे की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए सिंगरौली कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ सहित अन्य को निर्देश दिए हैं कि मौके पर जाकर निरीक्षण किया जाए और 45 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट पेश करें.
सिंगरौली जिले के ग्राम हर्रहवा गांव के पास 2010 में रिलायंस का सासन पॉवर प्रोजेक्ट लगाए जिससे रोजाना 1800 मैगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है. इसी प्रोजेक्ट के ऐश डैम से लगातार जहरीले पानी का रिसाव हो रहा है. यह 16 एकड़ से अधिक किसानों की जमीन पर सीधे जा रहा है. रिसाव से जमीने बंजर होने लगी. लोग पानी पीने से बीमार होने लगे. ग्रामीणों ने 2015 में सिंगरौली जिले के कलेक्टर को लिखित में शिकायत दीए तो उन्होंने तहसीलदार को मौके पर भेजकर जांच रिपोर्ट मांगी. इसमें भी पाया गया कि रिलायंस के प्रोजेक्ट से जमीन और फसल दोनों बर्बाद हो रही है.
सिंगरौली के तत्कालीन कलेक्टर ने शिकायत के आधार पर निर्दश दिए कि पीडि़त किसानों को फसल खराब होने का मुआवजा 25-25 हजार रुपए का दिया जाए. इसे ग्रामीणों ने बहुत कम बताया. 2017 में किसानों ने एनजीटी में शिकायत की, जिसके बाद प्रदूषण बोर्ड को जांच के आदेश दिए गए. जांच में पाया गया कि रिलायंस कंपनी से निकल रही राख और पानी से जमीन बंजर हो रही है. 2020 में एनजीटी ने डिटेल ऑर्डर दिया. जिसमें कहा कि किसानों को नुकसान हुआ है, जहां नुकसानी राशि 48 लाख रुपए किसानों को मिला. एनजीटी ने यह भी आदेश दिए कि डैम से हो रहे लीकेज को रोका जाए.
एनजीटी के द्बारा दिए गए निर्देशों के बाद भी रिलायंस के सासन पावर प्रोजेक्ट के ऐश डैम में हो रहा रिसाव जब नहीं रुका तो 2022 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. जिसमें सुनवाई के दौरान सिंगरौली कलेक्टर सहित अन्य को नोटिस जारी किया गया. दिसंबर 2025 को हाईकोर्ट जस्टिस विवेक मिश्रा और जस्टिस रामकुमार चौबे की डिवीजन बेंच ने फाइनल ऑर्डर देते हुए कहा कि 2020 का एनजीटी ऑर्डर के अनुरूप ही नुकसानी राशि को दिया जाए जो 2020 से नहीं दी गई है.
हाईकोर्ट ने सिंगरौली कलेक्टर को निर्देश दिए है कि जिला पंचायत सीईओ, एसडीएम, ग्राम पंचायत व सचिव सहित याचिकाकर्ता और ग्रामीणों की उपास्थिति में मौके पर जाकर स्पॉट निरीक्षण किया जाएए और रिपोर्ट को 45 दिनों में कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की जाए. इस दौरान प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
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गुंडा टैक्स वसूलने वाले बदमाश का पुलिस ने निकाला जुलूस
जबलपुर. एमपी के जबलपुर स्थित माढ़ोताल क्षेत्र में एक कपड़ा व्यापारी को चाकू दिखाकर हफ्ता वसूली की धमकी देने वाले बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर उसका इलाके में जुलूस निकाला और सार्वजनिक रूप से माफी मंगवाई.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि खटीक मोहल्ला सराफा बाजार निवासी रेडीमेड कपड़ा व्यापारी ने पुलिस को शिकायत दी थी. उनकी मां के नाम से चुंगी नाका क्षेत्र में एक रेडीमेड कपड़ों की दुकान संचालित है. 22 दिसंबर की रात करीब 8 बजे जब दुकान पर ग्राहक नहीं थे. तब व्यापारी दुकान के सामने बैठे थे. इसी दौरान राजीव गांधी नगरए माढ़ोताल निवासी अंशु अहिरवार दुकान पर पहुंचा और दुकान के सामने रखे कपड़ों को लेकर विवाद करने लगा. आरोप है कि अंशु अहिरवार ने दुकान के बाहर टंगे बच्चों के कान में पहनने वाले छल्ले निकालकर सड़क पर फेंक दिए. इसके बाद उसने अपने पास रखा चाकू निकालकर लहराते हुए व्यापारी को मां-बहन की गालियां दीं.
आरोपी ने धमकी दी कि यदि चुंगी नाका क्षेत्र में दुकानदारी करनी है तो हर सप्ताह हफ्ता देना होगा. उसने यह भी कहा कि वह क्षेत्र के सभी दुकानदारों से हफ्ता वसूलता है और जो पैसे नहीं देगाए उसे चाकू से काट दिया जाएगा. व्यापारी का कहना है कि घटना के बाद आरोपी पास की अन्य दुकानों और ठेलों पर भी पहुंचा. जहां उसने चाकू दिखाकर हफ्ता वसूली की कोशिश की. इस घटना से क्षेत्र के व्यापारियों में दहशत फैल गई.
जिसके बाद उन्होंने सामूहिक रूप से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आरोपी अंशु अहिरवार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 296 एवं 308(5) के तहत प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी का इलाके में जुलूस निकाला और कान पकड़कर सार्वजनिक रूप से माफी मंगवाई. पुलिस का कहना है कि शहर में हफ्ता वसूली और आपराधिक गतिविधियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.
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नई दिल्ली। भारत में वायु प्रदूषण अब कोविड-19 महामारी के बाद सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट बन चुका है। ब्रिटेन में काम कर रहे भारतीय मूल के कई सीनियर डॉक्टरों ने कहा कि, यदि अभी ठोस और सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले वर्षों में इसका असर लोगों की सेहत और देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बेहद गंभीर होगा। डॉक्टरों के मुताबिक, पिछले एक दशक में हृदय रोगों में बढ़ोतरी को अक्सर मोटापे से जोड़ा गया, लेकिन कारों, विमानों और अन्य स्रोतों से निकलने वाले जहरीले... मध्य प्रदेश
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