


रतलाम जिले के लकमाखेड़ी गांव में बिंदोली रोकने का मामला सामने आया है। दलित परिवार की बेटी की बिंदोली जैसे ही राजपूत समाज के घरों के सामने पहुंची, समाज के लोगों ने उन्हें तुरंत रोक दिया। जिसके बाद बिंदोली के आगे आकर खड़े हो गए और अपनी बात पर अड़े रहे कि-तुम्हारी बिंदोली गांव में नहीं निकलेगी।
जानकारी मिलते ही बड़ावदा थाना प्रभारी स्वराज डाबी अन्य पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस सुरक्षा में बिंदौली निकाली गई। यह घटना सोमवार रात की है। दरअसल गांव लकमाखेड़ी निवासी सुरेश कटारिया की बड़ी बेटी की शादी 26 नवंबर को होने वाली है। परिवार सोमवार रात शादी से पहले की रस्म पूरी कर रही थी, जिसमें दुल्हन को पूरे गांव में घुमाया जा रहा था।
इस मामले में पुलिस ने 5 नामजद समेत अन्य लोगों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज कर लिया है। गांव लकमाखेड़ी निवासी सुरेश कटारिया की बड़ी बेटी की शादी 26 नवंबर बुधवार को होने वाली है। सोमवार रात शादी से पहले की रस्म पूरी की जा रही थी, जिसमें दुल्हन को पूरे गांव में घुमाया जा रहा था।
इस घटना को लेकर भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी मप्र के पूर्व अध्यक्ष सुनील अस्तेय और जिलाध्यक्ष गोपाल वाघेला समेत अन्य ने विरोध जताया है। और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सुनील अस्तेय ने इसका वीडियो एक्स पर जारी कर सीएम डॉ. मोहन यादव से मामले में हस्तक्षेप कर ठोस कदम उठाने की मांग की।
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मानस भवन विवाद के बाद, बजरंग दल-विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं को सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में रविवार को हुए एससी-एसटी-ओबीसी सम्मेलन के दौरान शुरू हुआ विवाद अब पूरी तरह हिंसा में बदल चुका है। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें भीड़ सड़कों पर उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर बेरहमी से पीटती दिख रही है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भीड़ पर कोई असर नहीं हो रहा। हिंदू संगठनों ने इसे सीधे-सीधे “मॉब लिंचिंग” करार दिया है।
रविवार को मानस भवन में आयोजित एससी-एसटी-ओबीसी सम्मेलन में कुछ लोग धार्मिक किताबें बेच रहे थे। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इन किताबों में हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। इसी बात को लेकर आयोजकों और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस हुई जो देखते-ही-देखते मारपीट में बदल गई।
विवाद बढ़ने पर बाहर सड़क पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और हिंदू कार्यकर्ताओं पर हमला बोल दिया। अब तक कई वीडियो सामने आ चुके हैं जिनमें कार्यकर्ताओं को बुरी तरह पीटे जाने के दृश्य हैं। हिंदू संगठनों ने इसे सुनियोजित हमला बताया है और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने अभी तक इस मामले में कई लोगों को हिरासत में लिया है, लेकिन मुख्य आरोपी अब भी फरार बताए जा रहे हैं।
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नकली सोना थमा कर ले गया असली सोने का रानी हार, चार आरोपी गिरफ्तार, 50 लाख के जेवर बरामद
इंदौर की भंवर कुआं थाना पुलिस ने आधा किलोग्राम सोने की ठगी का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, आरोपियों से 50 लाख का सोना बरामद किया गया है, तीन आरोपी राजस्थान के शातिर बदमाश हैं ये पेशी पर आये थे जबकि उनका साथ देने वाला लोकर इंदौर का बदमाश है।
थाना भंवरकुआ पुलिस ने आधा किलोग्राम सोने की ठगी को अंजाम देने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार आरोपियों को ऋषिकेश और जोधपुर से गिरफ्तार किया है, पुलिस ने आरोपियों से सोना बरामद किया है, जिसकी कीमत करीब 50 लाख रुपये बताई जा रही है।
डीसीपी आनंद कलादगी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को फरियादी ने बताया कि आरोपियों ने व्हाट्सएप पर संपर्क कर पांच रानी हार बनाने का ऑर्डर दिया था, 15 नवंबर को एक आरोपी नकली सोने जैसे दिखने वाले टुकड़े देकर असली सोने के रानी हार लेकर फरार हो गया।
फरियादी की शिकायत पर थाना भंवरकुआ में बीएनएस के तहत केस दर्ज किया गया था, सीसीटीवी फुटेज ओर तकनीकी जांच और मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने पहले इंदौर निवासी आरोपी संतोष को पकड़ा, उसकी निशानदेही पर मुख्य आरोपी संजय सोनी, उसके साथी गौरव सोनी और नीरज सोनी को ऋषिकेश और जोधपुर से गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने गिरोह द्वारा कुछ आभूषणों को गला कर नई चेन बनाने और शेष आभूषण जोधपुर में छिपाने की जानकारी भी उजागर की है मामले में आगे की जांच जारी है, पुलिस ने बताया ये शातिर बदमाश हैं एक मामले में पेशी पर आये थे और वारदात को अंजाम दे दिया ।
भोपाल। मप्र में नगर निगम के मेयर की तरह अब नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव जनता सीधे कर सकेगी। पिछले नगर पालिका और परिषद अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से हुआ था। यानि परिषद के पार्षदों की पसंद का अध्यक्ष चुना जाता था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस तर तीनों लोकल बॉडी नगर निगम में मेयर व नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्षों का चुनाव उस क्षेत्र के मतदाता सीधे चुन सकेंगे। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
कैबिनेट ने नक्सलवादी मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए मप्र के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा के परिजनों को एक करोड़ रुपए और उनके छोटे भाई को इंस्पेक्टर पद पर ही नियुक्ति देने का फैसला किया है। गौरतलब है कि 19 नवंबर को मप्र छत्तीसगढ़ की बॉर्डर पर नक्सलियों से मुठभेड़ में नरसिंहपुर जिले के बोहानी के रहने वाले इंस्पेक्टर आशीष शर्मा शहीद हो गए थे। अपनी सेवा के दौरान इंस्पेक्टर शर्मा का रिकॉर्ड आउटस्टैंडिंग रहा है। उन्हें हाल ही में प्रमोट किया गया था। वे दो बार राष्ट्रपति पदक भी प्राप्त कर चुके थे।
डॉ. मोहन यादव कैबिनेट की अगली बैठक 8 और 9 दिसंबर को खजुराहो में होगी। इससे पहले 24 जनवरी 2025 में कैबिनेट बैठक महेश्वर में आयोजित की गई थी। इसके अलावा 20 मई 2025 में इंदौर के राजवाड़ा में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई थी। वहीं जून 2025 में पचमढ़ी में कैबिनेट बैठक हुई थी। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक से पहले नए श्रम कानून लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया गया।
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सनातन सेना ने IAS संतोष वर्मा का मुंह काला करने पर रखा 51 हजार रुपए का इनाम
भोपाल। अनुसूचित जाति कर्मचारी संघ (अजाक्स) के अध्यक्ष IAS संतोष वर्मा के बयान पर बवाल हो गया है। उन्होंने कहा था कि जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं कर दे, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए। इस बयान को लेकर कई संगठनों ने आपत्ति जाहिर करते हुए निंदा की है। वहीं, राष्ट्रीय सनातन सेना ने IAS संतोष वर्मा का मुंह काला करने वाले को 51000 रुपए इनाम देने की घोषणा की है।
राष्ट्रीय सनातन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगवती प्रसाद शुक्ल ने कहा इस तरह के बयान समाज को तोड़ने का काम करते हैं। जिस तरह से ब्राह्मण समाज को टारगेट करके बहन-बेटियों के लिए जो बयान दिया है। इस तरह की गलत टिप्पणी की है, वह घोर निंदनीय है। क्योंकि किसी भी समाज की बहन बेटी, सर्व समाज के लिए सम्मान का विषय है। इस तरह से ये अपनी महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए बहन-बेटियों को टारगेट कर रहा है, यह घोर निंदनीय है। राष्ट्रीय सनातन सेना भारत, शासन-प्रशासन और मुख्यमंत्री से कहती है कि जल्द से जल्द इस पर कार्रवाई करें नहीं तो उग्र आंदोलन होगा। कोई भी व्यक्ति आईएएस संतोष वर्मा का जो भी मुंह कला करेगा उसे 51000 रुपए का इनाम दिया जाएगा। इस आतंकवादी का मुंह काला होना ही चाहिए।
आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा का बेटियों पर दिए बयान पर सपाक्स पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं रिटायर्ड IAS डॉ हीरालाल त्रिवेदी ने कहा कि इससे घटिया निर्दिष्ट और निंदनीय बयान नहीं हो सकता। ऐसे व्यक्ति को सामाजिक पद पर रहने का अधिकार नहीं है। जो अपनी बेटी और दूसरे की बेटी में इतना फर्क करता हो, ऐसे व्यक्ति का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। अजाक्स, सपाक्स, ओबीसी सबको बहिष्कार करना चाहिए, FIR होना चाहिए और गिरफ्तार करना चाहिए। सरकार को भी ऐसे व्यक्ति पर कार्रवाई करना चाहिए।
इस संबंध में IAS संतोष वर्मा ने अपने बयान पर माफी मांग ली है। उन्होंने कहा कि मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। 27 मिनट के भाषण से जानबूझकर 9 सेकंड का वायरल किया गया। असली और नकली अजाक्स की लड़ाई में ये सब किया गया है। मेरी बेटी की शादी भी दूसरे समाज में हुई है। मैंने दान नहीं, कन्यादान शब्द का इस्तेमाल किया था। मैं खुद सनातनी हूं और खूब पूजा-पाठ करता हूं।
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हाथों में हथकड़ी और दो बार जेल, गांव छोड़ा, मेहनत से कांधे पर सजे सितारे अब जैनेंद्र बने डीएसपी
भोपाल। अगर दिल में मजबूत इरादे हों तो फिर कितनी ही मुश्किल आएं, सफलता मिलकर ही रहेगी। यह साबित किया है भिंड के छोटे से गांव डोंगरपुरा के जैनेंद्र कुमार निगम ने। गांव में हुए परिवार के विवाद के चलते उन्हें हत्या के प्रयास जैसे मामलों में जेल जाना पड़ा, लेकिन उन्होंने मेहनत और लक्ष्य का रास्ता नहीं छोड़ा और आज वे डीएसपी के पद पर चयनित हुए हैं। एमपीपीएससी की परीक्षा की तैयारियों के दौरान भी उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा लेकिन वे टूटे नहीं, मंजिल के लिए डटे रहे।
जैनेंद्र निगम गांव में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे, उनकी जिंदगी अचानक एक ऐसे मोड़ पर आ गई, जहां पर हर कोई टूट जाता, लेकिन उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा। दरअसल, जमीन को लेकर दबंगों से विवाद में जैनेंद्र, उनके पिता और छोटे भाई के खिलाफ केस दर्ज हुआ। पढ़ने-लिखने वाले जैनेंद्र को इस आरोप में उन्हें आठ दिनों के लिए जेल जाना पड़ा। दो साल बाद उन्हें एक बार फिर ऐसे ही हालातों का सामना करना पड़ा और उन्हें पिता और भाई के साथ जेल में रहना पड़ा। जेल में एक-एक दिन उन्हें साल जैसा लगता था। जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने माहौल बदलना जरूरी समझा और वे पढ़ाई के लिए इंदौर चले गए।
इंदौर जाने के बाद भी बुरे हालातों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। उनके पिता और भाइयों को हत्या के प्रयासों में जेल भेज दिया गया। उनके पिता पर एनएसए की कार्रवाई करते हुए जिला बदर किया गया। हालात मुश्किल थे, लेकिन जैनेंद्र डगमगाए नहीं। इसके बाद उनका परिवार इंदौर आ गया। लेकिन मुश्किले कहां उनके परिवार का पीछा छोड़ने वालीं थी। एक यात्रा के दौरान दिल्ली में जैनेंद्र की मां कुसुम का एक्सीडेंट हो गया। उनकी मां और छोटे भाई घायल हो गए। तब जैनेंद्र दिल्ली गए और अस्पताल में ही मां से वादा किया कि कुछ बनकर दिखाएंगे।
कुछ सालों तक इधर जैनेंद्र की पढ़ाई चलती रही उधर मुकदमों की सुनवाई। आखिरकार जैनेंद्र के परिवार के लिए अच्छा समय दस्तक दे रहा था। वे उनके परिजन सभी आरोपों से बरी कर दिए गए। 2023 में जैनेंद्र का चयन नायब तहसीलदार पद पर हुआ। उन्हें जॉइंड डायरेक्टर की पोस्ट का ऑफर भी मा लेकिन उनकी चाह सिर्फ डिप्टी कलेक्टर या डीएसपी बनने की थी। संघर्ष उनका अभी भी कम नहीं था। मेन्स परीक्षा के दौरान मलेरिया और टाइफाइड जैसी परेशानी झेलनी पड़ी। हर सुबह और शाम ड्रिप लगने के बाद वह अपने पेपर देने जा सके थे। गए। 2025 में उनका सपना सच हो गया, वे डीएसपी चुन लिए गए।
कनाडा की राजधानी ओटावा में आयोजित एक अनौपचारिक ‘खालिस्तान रेफरेंडम’ ने भारत-कनाडा संबंधों में फिर तनाव बढ़ा दिया है। सिख फॉर जस्टिस (SFJ) एक प्रतिबंधित और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल संगठन द्वारा आयोजित इस वोटिंग के दौरान खालिस्तानी समर्थकों ने न केवल भारतीय तिरंगे का अपमान किया, बल्कि भारतीय प्रधानमंत्री और अधिकारियों के खिलाफ हिंसक नारे भी लगाए।
बता दें कि, ये लोग एक अनौपचारिक और गैर-कानूनी वोटिंग में हिस्सा ले रहे थे। जिसे 'खालिस्तान रेफरेंडम' कहा जा रहा है। यह कार्यक्रम किसी भी रूप में कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है, लेकिन इसके माध्यम से पंजाब को भारत से अलग कर ‘खालिस्तान’ बनाने का सवाल लोगों से पूछा गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 23 नवंबर की सुबह से ही मैकनैब कम्युनिटी सेंटर के बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्र होने लगे। ओंटेरियो, अल्बर्टा, ब्रिटिश कोलंबिया और क्यूबेक से आए सिखों का दावा है कि, 53,000 से अधिक लोग इस वोटिंग में शामिल हुए। लोग छोटे बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के साथ दो किलोमीटर लंबी कतार में खड़े दिखाई दिए। उनके हाथों में पीले रंग के खालिस्तान झंडे थे और भारत-विरोधी नारे लगातार लगाए जा रहे थे।
खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय तिरंगे को अपमानित किया और कई समूहों ने भारत के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और अन्य नेताओं के खिलाफ उग्र नारे लगाए। कुछ जगह वीडियो में भीड़ को ‘मार डालो’ जैसे भड़काऊ नारे लगाते हुए देखा गया, जिससे आयोजन की मंशा और कनाडा की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठे हैं। इसी कार्यक्रम में SFJ के आतंकवादी प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने विदेश से सैटेलाइट संदेश भेजकर भीड़ को संबोधित किया।
इसी दौरान दक्षिण अफ्रीका में आयोजित G20 सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने रिश्तों को सुधरने की दिशा में सकारात्मक पहल की, लेकिन SFJ ने इसे लेकर सवाल उठाए और कहा कि, जब कनाडा में अलगाववादी गतिविधियां हो रही हैं, तब कनाडाई पीएम भारतीय पीएम से क्यों मिले? भारत ने इस पूरे आयोजन को अवैध और भारत की संप्रभुता पर हमला बताया।
इन तनावपूर्ण घटनाओं के बीच, दोनों देशों ने दो साल से रुकी व्यापार वार्ता (Trade Deal) को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री मोदी और मार्क कार्नी की मुलाकात में यह निर्णय लिया गया। कॉमर्स मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 50 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य है। क्रिटिकल मिनरल्स, मिनरल प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी और न्यूक्लियर एनर्जी पर खास फोकस रहेगा।
कनाडा पहले से ही भारत को यूरेनियम की सप्लाई कर रहा है। कनाडाई पीएम कार्नी ने भी एक्स पर लिखा कि, नई डील से दोनों देशों का व्यापार 70 बिलियन कनाडाई डॉलर तक जा सकता है।
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राम मंदिर संपूर्ण… लहराया धर्मध्वजा, मंत्रोच्चार के बीच PM मोदी-मोहन भागवत ने किया ध्वजारोहण
अयोध्या। अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर में ऐतिहासिक पल आया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत ने 673 दिनों के इंतजार के बाद मंदिर के शिखर पर धर्मध्वजा फहराई। सुबह 11.50 बजे अभिजीत मुहूर्त में 2 किलो की केसरिया ध्वजा 161 फीट ऊंचे शिखर पर लहराने लगी, जिससे मंदिर का निर्माण पूर्ण होने का प्रतीक बन गया। इस दौरान पीएम मोदी भावविभोर नजर आए और उन्होंने हाथ जोड़कर श्रद्धा से ध्वजा को प्रणाम किया। यह दिन न केवल अयोध्या के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से गौरवपूर्ण क्षण साबित हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली से अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पहुंचे। जहां उनका स्वागत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। एयरपोर्ट से पीएम मोदी सेना के हेलीकॉप्टर से साकेत कॉलेज पहुंचे। साकेत कॉलेज से उन्होंने रामजन्मभूमि तक डेढ़ किलोमीटर का रोड शो किया। इस दौरान स्कूल के छात्रों ने काफिले पर फूल बरसाए और विभिन्न स्थानों पर महिलाओं ने उत्साहपूर्वक उनका स्वागत किया।
रोड शो के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सप्त ऋषियों के मंदिर में पूजा की। इसमें शामिल हैं:
महर्षि वशिष्ठ
महर्षि विश्वामित्र
महर्षि अगस्त्य
महर्षि वाल्मीकि
देवी अहिल्या
निषादराज गुह
माता शबरी
इसके अलावा पीएम मोदी ने भगवान शेषावतार के दर्शन भी किए। यह मंदिर भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण को समर्पित है, जिन्हें शेषनाग का अवतार माना जाता है।
तोताद्री मठ के जगद्गुरु स्वामी अनंताचार्य ने कहा, "ध्वज यह बताता है कि यह एक मंदिर और धार्मिक स्थल है। मंदिरों में शुभ मौकों और अच्छे कामों पर ध्वज फहराना पूरी दुनिया का नियम है। यह सभी के हित में है।"
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आर्मी अधिकारी ने पूजा करने से मना किया, गई नौकरी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सेना में रहने योग्य नहीं
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 25 नवम्बर को उस ईसाई आर्मी ऑफिसर की याचिका को खारिज कर दिया जिसे अपने सीनियर अधिकारी के आदेश पर गुरुद्वारे में पूजा में शामिल होने से मना करने के कारण नौकरी से निकाल दिया गया था। अदालत ने स्पष्ट कहा कि इस तरह की अनुशासनहीनता सेना में स्वीकार नहीं की जा सकती और ऐसा अधिकारी भारतीय सेना में रहने योग्य नहीं है।
नव नियुक्त चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सैन्य बलों में आदेश सर्वोपरि होते हैं और किसी भी अधिकारी द्वारा आदेश न मानना फोर्स में गंभीर अव्यवस्था का कारण बन सकता है। बेंच ने बर्खास्त अधिकारी सैमुअल कमलेसन की याचिका खारिज करते हुए टिप्पणी की, वह कैसा संदेश देना चाहता है? एक आर्मी ऑफिसर की यह बड़ी अनुशासनहीनता है। उसे नौकरी से निकालना बिल्कुल सही था। ऐसे झगड़ालू लोग मिलिट्री में रहने के लायक नहीं हैं।
सैमुअल कमलेसन तीसरी कैवलरी रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट के पद पर कार्यरत थे। आरोप के अनुसार, उनके सीनियर ने उन्हें एक धार्मिक कार्यक्रम के लिए गुरुद्वारे में पूजा हेतु जाने का निर्देश दिया था, लेकिन उन्होंने यह कहकर आदेश मानने से इनकार कर दिया कि उनका एकेश्वरवादी ईसाई धर्म उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं देता। इस इनकार को सेना ने मिलिट्री डिसिप्लिन का गंभीर उल्लंघन माना और उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
कमलेसन ने मई में पहले दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि हाईकोर्ट ने भी आर्मी द्वारा लिए गए फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि सेना में धार्मिक मान्यताओं के आधार पर आदेशों की अवहेलना नहीं की जा सकती। हाईकोर्ट से राहत न मिलने पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन शीर्ष अदालत भी उनके तर्कों से सहमत नहीं हुई।
सुनवाई के दौरान कमलेसन की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने दलील रखी। उन्होंने कहा कि अधिकारी ने होली, दीवाली जैसे त्योहारों में शामिल होकर अन्य धर्मों के प्रति सद्भाव दिखाया था। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि एक बार की गलती पर उसे नौकरी से निकालना अनुचित है और संविधान हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार देता है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह दलील मानने से इनकार करते हुए कहा कि भारतीय सेना में अनुशासन किसी भी अन्य बात से ऊपर है।
अदालत ने टिप्पणी की, वह एक अच्छा अधिकारी हो सकता है, लेकिन इंडियन आर्मी के लिए मिसफिट है। हमारी फोर्सेज पर भारी जिम्मेदारियाँ हैं और ऐसे लोगों को हम सेना में नहीं देखना चाहते। कोर्ट के इस निर्णय ने स्पष्ट कर दिया कि सेना में धार्मिक भावनाओं से ऊपर आदेश और अनुशासन होते हैं, और किसी भी परिस्थिति में इनका उल्लंघन स्वीकार नहीं है।
इंदौर शहर के सराफा कारोबार में इन दिनों एक ऐसी सनसनी फैल गई है, जिसने हर ज्वेलर को चौंका दिया है। करीब एक करोड़ रुपए कीमत का सोना लेकर सात बंगाली कारीगर रातों-रात इंदौर से गायब हो गए, शिकायत ओम विहार कॉलोनी निवासी गणेश पिता नीति ने दर्ज कराई है, जो ‘गणेश ज्वेलर्स’ के नाम से सर्राफा में दुकान संचालित करते हैं। गणेश के अनुसार, उनकी दुकान पर लंबे समय से बंगाल के कई कारीगर काम करते थे—संतु मांझी, माणिक सामाता, कार्तिक भाई, अनिल, सुदीप मोडोला, तपोस, तापस, पोलास भाई, विजेंद्र और विश्वास।
इन्हीं कारीगरों ने मिलकर सोने की बीसी (कमेटी) फंड स्कीम शुरू की थी। सराफा बाजार में ये फंड 12 महीने की अवधि के लिए चलता था, जिसमें हर महीने सोना इकट्ठा कर आभूषण बनाने के लिए कारीगरों को दिया जाता था। इसी बहाने इन कारीगरों के पास करीब 900 ग्राम सोना जमा हो गया। लेकिन खेल यहीं पलट गया। कुछ दिन पहले सातों कारीगर दुकान से ऐसे गायब हुए जैसे हवा में उड़ गए हों। न फोन उठाया, न कोई सराग छोड़ा। फंड का पूरा सोना समेटकर यह पूरा गिरोह इंदौर से फरार हो गया। शहर के सराफ़ा व्यापारियों में हड़कंप मच गया है, क्योंकि मामला सिर्फ चोरी का नहीं बल्कि “पहले भरोसा जीतकर बाद में माल समेटने” वाली सुनियोजित चाल जैसा दिख रहा है।
ज्वेलर गणेश ने आरोप लगाया है कि सोना आभूषण बनाने के नाम पर लिया गया था, लेकिन जैसे ही फंड में बड़ा अमाउंट जमा हुआ—उत्तम, सोमिल और कार्तिक सहित अन्य कारीगर पूरी रकम (900 ग्राम सोना) लेकर भाग निकले। शिकायत सीधे पुलिस आयुक्त तक पहुंच चुकी है। जिसके बाद पुलिस अब इस बंगाली कारीगर गिरोह की तलाश में जगह-जगह छापे मार रही है। सराफा बाजार में इस घटना के बाद से व्यापारी सतर्क हो गए हैं, और अंदरखाने ये चर्चा तेज है कि ये कोई लोकल नेटवर्क की मदद से रची गई सुनियोजित सोना-फरारी की बड़ी साजिश भी हो सकती है। फिलहाल पुलिस आरोपियों की लोकेशन ट्रेस करने में जुटी है…और सराफा व्यापारियों की आंखों में सिर्फ एक ही सवाल— “क्या भरोसे का सोना अब हाथ से फिसल चुका है?”
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सज-धजकर बग्गी में बैठ दुल्हन बारात लेकर शादी हॉल पहुंची, इस फोटो ने खींचा सबका ध्यान
छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर से एक अनोखी तस्वीर सामने आई है। जहां दुल्हन बारात लेकर शादी हॉल पहुंची। लाल जोड़े में सज धजकर बग्गी में बैठी और ढोल नगाड़ों के साथ धूमधाम से बारात निकाली। इस दौरान संविधान के रचयिता बाबा भीमराव अंबेडकर की तस्वीर ने सबका ध्यान खींचा।
देशभर में शादियों का सीजन चल रहा है। आम तौर पर देखा गया है कि लड़की वाले बारात और दूल्हे का स्वागत करते है। लेकिन मध्य प्रदेश के छतरपुर से एक अनोखी तस्वीर सामने आई है। जहां नौगांव में लड़की वाले बारात लेकर पहुंचे। जानकारी के मुताबिक, एक दुल्हन ने लाल जोड़े में सज-धजकर बग्गी पर बारात निकाली। वह अपने परिजनों के साथ ढोल नगाड़ों के साथ शादी हॉल तक पहुंची।
दुल्हन के घर वाले नाचे गाते मैरिज हॉल तक गए। जहां शादी की रस्में हुई। बारात में सबसे खास बात यह रही कि दुल्हन अपने हाथ में संविधान के रचयिता बाबा भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लेकर बैठी थी। इस बारात को किसी ने मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वहीं यह कार्यक्रम जिले समेत प्रदेशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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स्मृति कार्यक्रम में भारी बवालः पोल खोल पुराण और सच्ची रामायण में लिखे शब्दों को लेकर विवाद, युवकों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
जबलपुर। शहर के मानस भवन में सम्राट अशोक की स्मृति में चल रहे कार्यक्रम में भारी बवाल हो गया। दोनों पक्षों के लोग आमने-सामने हो गए, कई युवकों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। भारी बवाल और मारपीट का वीडियो भी सामने आया है। एससी, एसटी और ओबीसी सम्मेलन में सम्राट अशोक क्रांति सेना और हिंदूवादी संगठन के बीच जमकर लात घूंसे चले।
दरअसल सम्मेलन में बिक रही पुस्तक पोल खोल पुराण और सच्ची रामायण में भगवान राम, मां सीता और हनुमान जी को लिखे शब्दों को लेकर विवाद हुआ। विवाद के दौरान सम्राट अशोक क्रांति सेना और सम्मेलन में आए हुए लोगों ने हिंदूवादी पदाधिकारियों को सड़कों पर दौड़ा दौड़ाकर मारपीट की।
घटना की जानकारी मिलने के बाद पहुंचे विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने की जमकर नारेबाजी। बजरंग दल ने सम्मेलन में हिंदू विरोधी पुस्तकें बेचने के आरोप लगाए। वहीं कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने हिंदू संगठन के लोगों पर संविधान की पुस्तक फाड़ने का आरोप लगाया है। लखन घनघोरिया ने प्रशासन की शह पर संविधान की किताब फाड़ने एवं घटना को मनुवादियों की सोच का षडयंत्र बताया।
हिंदू संगठन के लोगों ने कहा – पुस्तक में भगवान राम, हनुमान जी एवं मां सीता को लेकर अपमानजनक बातें लिखी थी। अज्ञात दो लोगों के द्वारा सम्मेलन के बाहर स्टॉल लगाकर अनेक धार्मिक पुस्तकें बेची जा रही थी। प्रदर्शनकारियों ने पुस्तकों में हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाया है। पुलिस मारपीट और किताबें फाड़ने वालों की तलाश कर रही है। मदन महल थाने में हिंदू संगठन के द्वारा एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात की गई है।
खंडवा सांसद के विरोध में किसानों ने रविवार को भी सुरगांव जोशी प्रदर्शन किया। गांव में करीब 300 मीटर में अर्थी यात्रा निकाली। इस दौरान जमकर नारेबाजी की। गांव के तिराहे पर अर्थी को मुखाग्नि दी। किसानों द्वारा सांसद ज्ञानेश्वर पाटील का विरोध किया जा रहा है। प्याज के दाम (Onion Price) को लेकर मुख्यमंत्री व केंद्रीय कृषि मंत्री से मिलाकर समस्या का समाधान करने का सांसद पाटील ने आश्वासन दिया था। लेकिन जब वे अपना वादा पूरा नहीं कर पाए तो खंडवा जिले के किसान उनके विरोध में उतर आए हैं।
शनिवार को टिगरियाव गांव में सांसद की पुतला रखकर प्रतीकात्मक रूप से अर्थी निकाली गई। मुंडन कराकर पुतले को मुखाग्नि दी थी। इस तरह का विरोध प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहा। सुरगांव जोशी के किसानों ने सांसद का पुतले की अर्थी निकाली। जिसमें गांव के युवा व महिलाएं सहित बच्चे भी शामिल हुए। महिलाओं ने मातम मनाते हुए केंद्र व भाजपा सरकार को लेकर नारेबाजी की।
किसान नेता त्रिलोक पटेल का कहना है इसे चुनौती समझे या चेतावनी समझे, भाजपा जितने भी नेता है जो किसानों को कांग्रेसी बता रहे हैं, मैं इसका विरोध करता हूं। मैं खुली चुनौती देता हूँ वे मंच पर आकर हमारे दस किसान प्रतिनिधियों से चर्चा करे। यह चुनौती भाजपा के नेताओं को है।
किसान महेंद्र पटेल और गोलू पटेल ने बताया कि रेल रोको आंदोलन के समय सांसद जानेश्वर पाटील आए थे। उन्होंने प्याज के दाम की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री व केंद्रीय कृषि मंत्री से मिलाने का वादा किया था, जिस वजह से हमने आंदोलन समाप्त कर दिया। इसके बाद सांसद पाटील अपना वादा नहीं निभाया। इस वजह से उनके विरोध में किसान अब उठ खड़ा हुआ है। अभी दो गांव में प्रदर्शन हुआ है। इस तरह से 64 गांव ओर हैं जहां सांसद की अर्थी निकालकर पुतले को जलाया जाएगा।
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एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू न होने से अधिवक्ताओं में आक्रोश, दी चेतावनी, उग्र आंदोलन होगा
जबलपुर। एमपी के जबलपुर में सैकड़ों वकीलों ने सोमवार को हाईकोर्ट चौराहे पर चक्का जाम कर दिया। उन्होंने मानव श्रृंखला बनाकर राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गयाए तो आने वाले समय में और भी उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिला कोर्ट के वकील पैदल मार्च करते हुए हाईकोर्ट चौराहे पर पहुंचे। इस दौरान रेलवे स्टेशन, घंटाघर, घमापुर व सिविल लाइन का ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा।
वकील मध्य प्रदेश सरकार द्वारा एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू न किए जाने से नाराज हैं। वकीलों ने बताया कि सरकार ने 2012 में भोपाल में अधिवक्ता चौपाल लगाई थी। वहां आश्वासन दिया था कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट जल्दी लागू किया जाएगाए लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ। जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मनीष मिश्रा का कहना है कि वकीलों पर लगातार हमले हो रहे हैं। पुलिस से जब भी विवाद होता है काउंटर केस लगाया जाता है। मिश्रा ने कहा कि पांच साल पहले नया जिला एवं सत्र न्यायालय बना है्र। ऑडिटोरियम का निर्माण अभी भी चल रहा है। जिस कारण कार्यक्रम नहीं हो पाते हैं। इस संबंध में प्रमुख सचिव लॉ एंड लॉजिस्टिक अफेयर्स को 22 मार्च और 20 सितंबर को ज्ञापन सौंपा गया है पर प्रशासन ने कार्रवाई शुरू नहीं की। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव व लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह को भी ज्ञापन दिया था। फिर भी ऑडिटोरियम के लिए राशि का आवंटन नहीं किया गया।
वकीलों की मांग यह है कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अधिवक्ताओं की बैठक के लिए बिल्डिंग का निर्माण जल्द किया जाए। वे बताते हैं कि पांच साल पहले इस भवन के लिए भी शिलान्यास किया गया था और आज तक निर्माण कार्य आरंभ नहीं हुआ है।
जिला अधिवक्ता संघ ने चेतावनी दी है कि हमारी मांग पर विचार नहीं किया गया तो आने वाले समय में और भी उग्र आंदोलन होगा। जरूरत पड़ी तो न्यायालीन कार्य से भी बंद किए जा सकते हैंए हालांकिए हमारी पहली प्राथमिकता यह रहेगी कि हम पक्षकार को किसी भी तरह से परेशान ना करें।
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प्याज के दाम औंधे मुंह गिरे तो किसानों ने बैंड-बाजे के साथ निकाली उसकी शवयात्रा
मंदसौर. मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में किसानों ने प्याज की फसल की शव यात्रा निकाली. अंतिम यात्रा में किसान बैंड-बाजे के साथ राम धुन गाते हुए चल रहे थे. दरअसल मंडी में प्याज के दाम लगातार कम मिलने से किसान आक्रोशित हैं. अभी मंडी में प्याज 150 रुपये क्विंटल तक बिक रहा है. थोड़े अच्छे प्याज के भी 400 रुपये क्विंटल से ज्यादा भाव नहीं मिल रहे हैं.
किसानों का आरोप है कि प्याज का लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रहा है. इसको लेकर ग्राम धमनार में आक्रोशित किसानों ने अर्थी पर प्याज रखकर अंतिम यात्रा निकाली. इसमें बड़ी संख्या में प्याज उत्पादक किसान शामिल हुए. एक किसान अर्थी के आगे जलते हुए कंडे वाली हंडी भी लेकर चल रहा था. इस प्रदर्शन से किसानों का मकसद अपनी परेशानी की ओर प्रशासन और सरकार का ध्यान आकर्षित कराना है
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