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ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का बुधवार सुबह दिल्ली में निधन हो गया। 75 वर्षीय माधवी राजे लंबे समय से बीमार थीं। बीते दो माह से वह दिल्ली के एम्स में ही भर्ती थीं और यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। अंतिम संस्कार आज गुरुवार को ग्वालियर में किया जाएगा।
बुधवार को उनकी पार्थिव देह ज्योतिरादित्य सिंधिया के दिल्ली स्थित निवास पर रखी गई, जहां पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। शिवराज सिंह ने दुख जताते हुए कहा कि वह सक्रिय राजनीति में नहीं थीं लेकिन ग्वालियर की जनता की चिंता उन्होंने हमेशा की। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और दिग्विजय सिंह सहित कई विशिष्ट लोगों ने शोक जताया है।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां और ग्वालियर राजघराने की पूर्व 'राजमाता' माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। पिछले दो महीने से उनका दिल्ली के AIIMS अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने आज सुबह 9.28 बजे दिल्ली के AIIMS अस्पताल में अंतिम सांस ली
पांच मई को उनका स्वास्थ्य अत्यधिक बिगड़ने की सूचना मिलने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने संसदीय क्षेत्र गुना में प्रचार के दौरान ही दिल्ली रवाना हो गए थे। गुरुवार सुबह 10 बजे पार्थिव देह नई दिल्ली एयरपोर्ट से ग्वालियर के लिए रवाना की जाएगी।
दोपहर 12.30 से 2.30 बजे तक अंतिम दर्शनों के लिए रानी महल में रखी जाएगी। कटोराताल स्थित थीम रोड पर स्थित अम्मा महाराज की छतरी में राजमाता विजयाराजे सिंधिया व स्व. माधव राव सिंधिया की समाधि के पास ही शाम पांच बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
थीम रोड पर स्थित अम्मा महाराज की छतरी में राजमाता विजयाराजे सिंधिया व पूर्व केंद्रीय मंत्री माधव राव सिंधिया की समाधि हैं। इसी स्थान पर मां-बेटे का अंतिम संस्कार हुआ था। इनके पास ही माधवी राजे सिंधिया के पार्थिव देह का अंतिम संस्कार आज गुरुवार को किया जाएगा।

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केंद्र से तीन माह से नहीं आ रही टीबी की जरूरी दवाएं, 70 हजार रोगियों पर मंडराया खतरा
भोपाल। प्रदेश के लगभग 70 हजार टीबी राेगियों पर इसकी दवाओं का असर कम होने (ड्रग रजिस्टेंट होने) का खतरा बढ़ गया है। कारण, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल टीबी डिवीजन से टीबी की दवाओं की आपूर्ति पिछले तीन माह से नहीं हाे रही है। बताया जा रहा है कि यह दवाएं मात्र तीन कंपनियां ही बनाती हैं, पर उनके पास कच्चा माल यानी दवाएं बनाने का पाउडर उपलब्ध नहीं होने के कारण दवाएं नहीं बन पा रही हैं।
पिछले वर्ष सितंबर से ही दवाओं की कमी हो रही थी, पर इस वर्ष फरवरी से पुराना स्टॉक खत्म होने के कारण मध्य प्रदेश सहित देशभर में किल्लत और बढ़ गई है। अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकारों के चौतरफा दबाव के बाद कंपनियाें ने दवाएं बनाना फिर से शुरू की है, पर यह जरूरत का 10 प्रतिशत भी नहीं है।
प्रदेश में बच्चों के लिए उपयोग होने वाली टीबी की दवाओं की मात्रा बढ़ाकर बड़ों को दी जा रही है, वह भी मात्र एक-एक सप्ताह के लिए। फिक्स डोज कांबिनेशन (एफडीसी) तीन और चार दवाओं की आपूर्ति नहीं हो रही है। यह टीबी की प्रारंभिक दवाएं हैं जो कुल रोगियों में लगभग 92 प्रतिशत काे दी जाती है। बाकी आठ प्रतिशत टीबी रोगियों के लगभग सात प्रतिशत मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट (एमडीआर) और एक प्रतिशत के आसपास एक्सट्रीम ड्रग रेजिस्टेंट (एक्सडीआर) वाले होते हैं। इन्हें एफडीसी-3 और एफडीसी-4 के स्थान पर दूसरी दवाएं दी जाती हैं।
उधर, केंद्र से आपूर्ति नहीं होने पर मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ सप्लाई कॉरपोरेशन ने भी दवाओं की आपूर्ति के लिए कंपनियों से दर अनुबंध किया। इसमें भी उन्हीं कंपनियों ने भाग लिया जो केंद्र को दवाएं आपूर्ति करती हैं, पर उत्पादन कम होने के कारण अभी तक आपूर्ति नहीं की। सूत्रों के अनुसार कंपनियों ने कहा है कि पहले केंद्र सरकार को आपूर्ति की जाएगी। इस संबंध में राज्य क्षय अधिकारी डा. वर्षा राय ने कहा कि केंद्र से दवाएं आने लगी हैं। कम समय के लिए, पर सभी रोगियों को दवाएं मिलने लगी हैँ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को 2025 तक टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है, पर मप्र से सहित देशभर में दवाओं की किल्लत से इस लक्ष्य को पाने में मुश्किल आ सकती है। इस लक्ष्य को पाने के लिए हर राज्य को अधिक से अधिक रोगी खोजने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है। अनुमान है कि प्रति लाख आबादी पर टीबी के 216 रोगी होते हैं, पर कोई राज्य इस लक्ष्य के पास तक भी नहीं पहुंच रहा है। हालांकि, अब टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए पहले की तुलना नए रोगी अधिक खोजे जा रहे हैं, जिससे अधिक मात्रा में दवाओं की आवश्यकता पड़ रही है, पर मिल नहीं रहीं।
टीबी दवाओं की कमी के चलते सामान्य रोगियों के अतिरिक्त एचआइवी एवं एड़्स राेगियों और गैस पीड़ितों की बीमारी बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। एड़्स के लगभग 25 प्रतिशत राेगी प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से टीबी से भी संक्रमित हो जाते हैं। उनकी टीबी की दवा में अंतराल होने से उनका संक्रमण तेजी से बढ़ सकता है। यही स्थित गैस पीड़ितों की है।
टीबी के मरीजों को शुरू से एफडीसी-4 या एफडीसी-3 दवा दी जाती है। एफडीसी-चार में आइसोनियाज़िड, रिफैम्पिसिन, एथमब्यूटोल और पाइराज़िनामाइड दवाएं मिश्रित रहती हैं। एफडीसी-3 में आइसोनियाज़िड, रिफैम्पिसिन, एथमब्यूटोल का मिश्रण (कंबिनेशन) दिया जाता है। शुरू के छह माह तक लगातार यह दवाएं चलती हैं। इसमें एक दिन का भी अंतर होने पर मरीज की बीमारी एमडीआर में बदलने का खतरा रहता है। एमडीआर टीबी को ठीक करने के लिए फिर उसे लंबे समय तक सात दवाओं के मिश्रण वाली दवा दी जाती है।
-कारपोरेशन ने दवाएं खरीदने के लिए कंपनियों से दर अनुबंध किया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से खरीदी के आर्डर भी दिए गए हैं, पर उत्पादन कम होने के कारण आपूर्ति नहीं हो पा रही हैं। दो-तीन कंपनियां ही देश में यह दवाएं बनाती हैं, जिससे दिक्कत आ रही है। -डाॅ. पंकज जैन एमडी, मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई काॅरपोरेशन
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SI की गुंडागर्दी : पानी की बोतल नहीं बदलने पर दुकान में घुसकर की मारपीट, CCTV आया सामने
राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ से एसआई की गुंडागर्दी का एक वीडियो सामने आया है। पानी की बोतल को लेकर एसआई ने दुकान में घुस कर युवक के साथ मारपीट कर दी। वहीं दुकान पर बैठे युवक के पिता ने एसआई को समझाने और रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन वो नहीं माने। जैसे तैसे मामले को शांत करा कर एसआई को वहां से भेजा गया। मामले को लेकर पीड़ित ने इसके शिकायत जीरापुर थाने में की है।
दरअसल, राजगढ़ भावसार बुक्स जनरल स्टोर से कुछ दिन पहले एसआई पानी की बोतल खरीद कर लेकर गए थे। जिसके बाद पानी की बोतल वापस बदलने आए तो दुकानदार ने वापस लेने से मना कर दिया। फिर क्या था एसआई आग बबूला हो गया और पानी की बोतल फेंककर दुकानदार के सिर में मार दी।
इसके बाद दुकान में घुसकर दुकानदार के साथ मारपीट करने लगा। मारपीट का वीडियो दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। जानकारी के अनुसार एसआई का नाम रामलाल आजाद है, जो आगर जिले के कानड़ थाने में पदस्थ हैं। वहीं पीड़ित ने मामले को लेकर जीरापुर थाने में शिकायत की है।

छतरपुर। नौगांव थाना पुलिस ने तीन साल पहले एचडीएफसी बैंक में हुए गबन के मामले में तत्कालीन शाखा प्रबंधक गिरीश तिवारी को जबलपुर से गिरफ्तार किया है। नौगांव थाना प्रभारी सतीश सिंह ने बताया कि तीन साल पहले एचडीएफसी बैंक में एक करोड़ 11 लाख 50 हजार नौ सौ रुपये के गबन के मामले की जांच चल रही थी।
पुलिस ने बैंक प्रबंधक सौरभ खरे की शिकायत पर अज्ञात आरोपितों के खिलाफ धारा 420 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था। बैंक ने गबन में तत्कालीन शाखा प्रबंधक गिरीश तिवारी और संजीव शर्मा के द्वारा धोखाधड़ी करते हुए गबन करने का अभिमत दिया था।
पुलिस ने भी जांच के बाद पाया कि दोनों लोगों के द्वारा ही गबन की घटना को अंजाम दिया गया। पुलिस ने दोनों को आरोपी बनाते हुए गिरीश तिवारी को मंगलवार को जबलपुर से गिरफ्तार किया है। जबकि दूसरा आरोपित संजीव शर्मा अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
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जमीन के विवाद को लेकर जमकर चली गोलियां, लेकिन पुलिस ने दर्ज किया मारपीट का केस
मुरैना। सरायछौला थाना क्षेत्र के जैतपुर गांव में जमीनी विवाद के चलते दो गुटों के बीच मारपीट हो गई। इस बीच एक पक्ष ने बंदूक से ताबड़तोड़ फायर कर दिए। जिसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है, पुलिस ने इस मामले में सामान्य मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज किया है। जिसमें फायरिंग का कहीं कोई जिक्र नहीं है। पुलिस ने दोनों ही पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
जानकारी के मुताबिक मुरैना के जैतपुर गांव निवासी सभाराम गुर्जर व गांव के ही जितेंद्र गुर्जर के बीच जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा है। मंगलवार को इसी रंजिश के चलते आमने-सामने आ गए। जिसमें दोनों ही पक्षों के लोग आमने सामने आ गए और मारपीट की।
इसी बीच एक पक्ष के लोगों ने पथराव किया और बंदूक से फायर भी किया। जिसका दूसरे पक्ष ने वीडियो भी बनाया। जिसमें एक आरोपित स्पष्ट रूप से फायरिंग करते हुए और पथराव करते हुए नजर आ रहे हैं।
पुलिस ने इस मामले में फायरिंग व पथराव का एफआइआर में जिक्र तक नहीं किया है। पुलिस ने दोनों ही पक्षों की फरियाद पर मामला दर्ज किया। जिसमें सभाराम गुर्जर की फरियाद पर आरोपित भूरा गुर्जर, महेश, देवेंद्र व निरंजन गुर्जर के खिलाफ तथा जितेंद्र गुर्जर की फरियाद पर आरोपित सभाराम, गिर्राज सिंह, गोपाली सिंह, हरेंद्र सिंह, रामवरन सिंह, योगेंद्र सिंह गुर्जर के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
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जय भीम बोलने पर दलित की बेरहमी से पिटाई, मामला दर्ज
शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में एक बैंड बाजा बजाने वाले दलित का जय भीम और जय बुद्धाय बोलना कुछ दबंगों को नागवार गुजरा और उन्होंने उसकी जमकर पिटाई करदी। बेरहमी से हुई इस मारपीट का वीडियो सोशल पर जमकर वायरल हो रहा है। इधर पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मारपीट करने वाले दबंगो के खिलाफ मारपीट की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है।
मामला जिले के ब्यौहारी थाना क्षेत्र के ग्राम साखी का है। जहां एक शादी समारोह कार्यक्रम में बाजा बजाने गए बैंड पार्टी के एक सदस्य ने फोन पर जय भीम और जय बुद्धाय बोल दिया। तभी वहीं खड़े दो लोगों को यह बात नागवारा गुजरा और उन्होंने दलित युवक की जमकर पिटाई कर दी। वही पीड़ित ने जय भीम बोलने पर मारपीट से आहत होकर खुद का एक वीडियो सोशल साइट पर अपलोड कर दिया है। जो अब सोसल साइट पर तेजी से वायरल हो रही है।
जिले के ब्यौहारी थाना क्षेत्र के ग्राम बिजहा बारह टोला नीवासी चन्द्रशेखर साकेत बीती रात ग्राम साखी निवासी रामसुकुल राठौर ने अपने लड़के की शादी मे बैण्ड बजाने के लिए बुलाया था। पीड़ित ने बताया कि, बैंड पार्टी साथी राजेश साकेत, बबलू साकेत, नीरज साकेत, राजू साकेत एक शादी समारोह में बाजा बजाने गए थे। शाम करीब 5 बजे चन्द्रशेखर मोबाइल से ग्राम खड्डा के पुष्पेन्द्र साकेत को फोन लगाकर पहले जय भीम भाई नमो बुद्धाय बोला, तभी उनके बगल में खड़े डब्बू गौतम व शिवांशू गौतम को यह बात नागवारा गुजरा और दोनों आए और बोले की ‘तू क्या बोल रहा’ है। इतना कहते हुए उक्त दोनों दबंगों ने लात घुसो से पिटाई करने लगे। पीड़ित के आगे कहा, तभी मदद की गुहार लगाने पर आवाज सुनकर राजेश साकेत और राजू साकेत ने आकर बीच बचाव किया। जिसके बाद उक्त दोनों दबंग युवक ने जान से मारने की धमकी दी।
जिसके बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत थाने में दर्ज कराई। पीड़ित की शिकायत पर ब्यौहारी पुलिस ने मरपीट करने वाले दोनों आरोपियो के खिलाफ धारा 294,323,506,34 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है। वहीं पीड़ित ने जय भीम बोलने पर मारपीट से आहत होकर खुद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया है। जो अब तेजी से वायरल हो रही है।
इधर इस पूरे मामले में ब्यौहारी थाना प्राभारी मोहन पड़वार का कहना है कि जय भीम बोलने पर मारपीट नहीं की गई, बल्कि किसी बात को लेकर हुए विवाद में पिटाई की गई। शिकायत पर दो लोगो के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।


नई दिल्ली। उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाओं ने हर किसी को गंभीर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड की सरकार से जंगलों में लग रही आग को गंभीरत से निपटने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि आग की इन घटनाओं पर सरकार ने तुरंत कार्रवाई नहीं की है। चुनाव आयोग को निर्देश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वन विभाग के कर्मचारी चुनाव और चारधाम यात्रा में अपने ड्यूटी कर रहे हैं। इन कर्मचारियों को इससे मुक्त किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सुझाव दिया है कि आग की घटनाओं के बाद तुरंत ही नेशनल व स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट का सही ढंग से इस्तेमाल किया जाना चाहिए। जंगल में आग लगते ही राज्य वर्कफोर्स का सही तरह से इस्तेमाल करे। वन विभाग में खाली पड़े पदों को जल्द ही भरना चाहिए, जिससे इस तरह की घटनाओं पर सही तरह से काम किया जा सके।

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सुप्रीम कोर्ट बोला-न्यूज क्लिक फाउंडर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी अवैध:कहा- पुलिस ने आधार नहीं बताया
नई दिल्ली। एंटी टेरर लॉ केस में जेल में बंद न्यूज क्लिक के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ को रिहा किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उनकी गिरफ्तारी को अवैध बताया और रिहाई का आदेश दिया। प्रबीर और न्यूज क्लिक के एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को चीन से फंडिंग के आरोप में पिछले साल 3 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अमित सरकारी गवाह बन गए थे।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस मेहता की बेंच ने कहा कि हमें यह कहते हुए कोई हिचकिचाहट नहीं है कि पुलिस ने गिरफ्तारी का आधार नहीं बताया। रिमांड ऑर्डर भी अवैध है। इसलिए प्रबीर को रिहा किया जाना चाहिए। न्यूज क्लिक की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलीलें रखी थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने पंकज बंसल बनाम भारत संघ मामले में दिए फैसले में कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 22 और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) की धारा 19(1) को सही अर्थ और उद्देश्य देने के लिए गिरफ्तारी के आधार की लिखित सूचना बिना किसी अपवाद के दी जानी चाहिए।
रियल एस्टेट समूह M3M के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंकज बंसल और बसंत बंसल को ईडी ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के समय ED अधिकारी ने गिरफ्तारी के आधार मौखिक रूप से बताए थे। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि आरोपी को गिरफ्तारी के आधार सिर्फ पढ़कर सुनाने या उसे पढ़ने के लिए देने से कॉन्सिटिट्यूशनल और लीगल प्रोटेक्शन का उद्देश्य पूरा नहीं होता।
कोर्ट के मुताबिक जमानत पाने के लिए आरोपी को यह साबित करना होता है कि उसकी गिरफ्तारी उचित आधार पर नहीं हुई है। इसके लिए जरूरी है कि गिरफ्तार व्यक्ति गिरफ्तारी के आधार से पूरी तरह अवगत हो। मतलब जब व्यक्ति को गिरफ्तारी का आधार पता होगा तभी वह जमानत के लिए अदालत में दलील देने की स्थिति में होगा।
सेंसिटिव केसेज के लिए कोर्ट ने यह भी कहा अगर गिरफ्तारी के आधार में किसी तरह की संवेदनशील जानकारी है, जिससे जांच प्रभावित हो सकती है तो उस हिस्से को हटाकर गिरफ्तारी के आधारों की एडिटेड कॉपी दी जानी चाहिए। इससे जांच की शुचिता की रक्षा की जा सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ठीक उसी दिन यानी 3 अक्टूबर 2023 को आया था, जिस दिन प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती की गिरफ्तारी हुई थी।
दिल्ली पुलिस की FIR के मुताबिक, न्यूज क्लिक पर चीनी प्रोपगैंडा फैलाने और देश की संप्रभुता को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया था। इसके अलावा पुरकायस्थ पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म के साथ साजिश रचने का आरोप है।
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बंगाल गवर्नर पर सेक्शुअल हैरेसमेंट का दूसरा केस:क्लासिकल डांसर बोली- बोस ने दिल्ली के होटल में शोषण किया
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ सेक्शुअल हैरेसमेंट का एक और केस सामने आया है। उन पर एक ओडिसी क्लासिकल डांसर ने दिल्ली के एक 5 स्टार होटल में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। शिकायत अक्टूबर 2023 में दर्ज कराई गई थी।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बंगाल पुलिस ने पिछले हफ्ते राज्य सरकार को जांच रिपोर्ट सौंपी है। 14 मई को मामला सामने आया है। ओडिसी डांसर ने अपनी शिकायत में बताया है कि वह विदेश यात्रा से जुड़ी दिक्कतों को लेकर राज्यपाल से मदद मांगने गई थी।
जांच रिपोर्ट में दावा किया गया है कि CCTV फुटेज में राज्यपाल के होटल में एंट्री और एग्जिट का समय और महिला ने अपनी शिकायत में जो समय बताया है, वह एक है।
हालांकि ओडिसी डांसर ने यह नहीं बताया कि उसने 10 महीने बीतने के बाद अक्टूबर में शिकायत क्यों दर्ज कराई। पूरे मामले पर सीवी बोस या राजभवन की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।
हाल ही में आनंद बोस पर राजभवन की एक पूर्व महिला कर्मी ने भी यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उसने 2 मई को हरे स्ट्रीट थाने में राज्यपाल के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी।
महिला ने आरोप लगाया कि वो 24 मार्च को स्थायी नौकरी का निवेदन लेकर राज्यपाल के पास गई थी। तब राज्यपाल ने बदसलूकी की। 2 मई को फिर यही हुआ तो वह राजभवन के बाहर तैनात पुलिस अधिकारी के पास शिकायत लेकर गई।
हालांकि राज्यपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर महिला के आरोपों का खंडन किया था। उन्होंने कहा- ये मुझे बदनाम करने की साजिश है। मेरे ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं। सत्य की जीत होगी।
उन्होंने आगे कहा कि मैं बनावटी नैरेटिव से डरने वाला नहीं। कोई मुझे बदनाम करके चुनावी फायदा चाहता है तो भगवान भला करे। मैं भ्रष्टाचार-हिंसा के खिलाफ लड़ाई नहीं रोक सकता।

राजगढ़। मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले से एक मासूम से मारपीट का मामला सामने आया है जहां मंदिर आए एक बच्चे को प्रसाद छूना महंगा पड़ गया। इस बात से पुजारी और उसके बेटे ने एक मासूम की जमकर पिटाई कर दी। उन्होंने बच्चे को मंदिर में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इतना ही नहीं, बच्चे का सिर तक फोड़ दिया। घायल बच्चे को 10 टांके लगे हैं। पूरी घटना के बाद पीड़ित परिवार ने खिलचीपुर थाने में मामले की शिकायत दर्ज कराई है।
घायल बच्चे को खिलचीपुर में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उसका उपचार जारी है। वहीं पीड़ित परिवार ने अपनी पीड़ा अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भी सुनाई है।
पीड़ित के पिता गोवर्धन तंवर ने बताया कि खिलचीपुर नगर में स्थित बड़े महाराज गए थे। दावा किया जाता है कि यहां मन्नत मांगने से टाइफाइड पीड़ित लोग ठीक हो जाते हैं। मंदिर में बच्चे ने पुजारी के प्रसाद को छू दिया। इस बात पर पुजारी और उसका बेटा इतना आक्रोशित हो गए कि उन्होंने मासूम के सिर में लोहे की किसी चीज से वार कर दिया। इतना ही नहीं, पुजारी और उसके बेटे ने बच्चे को मंदिर में दौड़ा-दौड़ा कर पीट दिया। इस हादसे में बच्चा घायल हो गया। जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्चे को 10 टांके लगाने पड़े हैं।
खिलचीपुर पुलिस ने आरोपी पुजारी और उसके बेटे पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है। कल सोमवार की रात अस्पताल के दौरे पर रहे पूर्व सीएम और राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह राजगढ़ जिला अस्पताल के दौरे पर थे। यहां पीड़ित परिवार ने अपनी आप-बीती सुनाई और पंडित की बर्बरता के बारे में भी बताया। इस मामले में दिग्विजय सिंह ने पीड़ित परिवार को आश्वस्त किया है कि आरोपियों पर कार्रवाई करवाने का प्रयास करेंगे।

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बारिश ने खोली दावों की पोल, मुक्तिधाम में टीन शेड तक नहीं, अधजला रह गया शव
विदिशा। आज दोपहर में मौसम बारिश ने जहां लोगों को कुछ ठंडक दी। लेकिन मुक्तिधाम में जो कुछ घटा उससे किसी के भी दिल में उबाल आ सकता है। दरअसल, मुक्तिधाम में अंतिम क्रिया के बाद मृत देह जल रही थी। इसी दौरान हुई बारिश की वजह से शव आधा जाला रह गया। मुक्तिधाम का टीन शेड पूरी तरह टूटा हुआ है।
आसमान से बरसता पानी शव के जलने में बाधक बन गया। मृतक के शरीर का बड़ा हिस्सा अध जला रह गया। जो परिवार अपने परिजन को खोने के गम में पहले से दुखी था। इस घटना के बाद और भी ज्यादा विचलित हो गया। बता दें कि विदिशा का एकमात्र मुक्तिधाम जहां रोजाना चार से पांच और कभी-कभी इससे ज्यादा मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाता है। समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारी-कर्मचारी द्वारा दावा किया जाता है कि मुक्तिधाम में उनके द्वारा कई काम किए गए हैं, लेकिन इन सब दावों की पोल आज कुछ देर और कुछ मिनट हुई बारिश ने खोल कर रख दी।
इस मामले को लेकर वार्ड 7 के पार्षद प्रतिनिधि का कहना है कि वह अपने एक परिचित के देहांत पर यहां आए थे। करीब 2 घंटे बाद जब दोबारा आए तो बारिश हो रही थी और बारिश की वजह से उनका शव आधा जला रह गया। उनका यह भी कहना है कि जो इस काम के लिए ठेकेदार नियुक्त हुआ था, नगर पालिका से पेमेंट ना होने की वजह से उन्होंने काम आधा ही छोड़ दिया।
तहसीलदार अमित ठाकुर का कहना है कि वह सीएमओ से बात करके जो भी जरूरी कदम है जल्द से जल्द उठाएंगे। ठेकेदार का भुगतान रुका है। तो उसे भी जल्द करवाएंगे और कार्य को पूर्ण करेंगे। बारिश आने से पूर्व इस कार्य को नहीं किया गया तो जो दृश्य आज देखने को मिला है वह रोजाना देखने को मिलेगा।
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कलेक्टर के निर्देश पर गुटखा फैक्ट्री में छापा, 2 मशीनें और 13 बोरी कच्चा माल जब्त
छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में कल देर रात अवैध गुटखा फैक्ट्री में छापामार कार्रवाई हुई है। कलेक्टर के निर्देश के बाद प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और ताबड़तोड़ कार्रवाई की। सूचना मिली थी कि खेत में बने घर में अवैध गुटखा फैक्ट्री संचालित की जा रही है। जिसके बाद मौके पर पहुंचकर 2 मशीनें और 13 बोरी कच्चा माल जब्त कर लिया गया।
कलेक्टर संदीप जी.आर. के निर्देशन में छतरपुर जिले में लगातार खाद्य पदार्थों में मिलावट और अवैध खाद्य सामग्री निर्माण गतिविधियों पर कार्यवाहियां की जा रही है। इसी क्रम में सोमवार देर रात प्रशासन की संयुक्त टीम राजस्व, खाद्य एवं पुलिस विभाग ने नौगांव के ग्राम तिंदनी में खेत पर बने एक घर में अवैध गुटखा निर्माण फैक्ट्री संचालित की जा रही थी। जिसकी जानकारी मिलने पर प्रशासन की टीम ने अलर्ट मोड में देर रात छापेमार कार्रवाई कर सामग्री को जब्त किया है।
गुटखे के अवैध निर्माण की जगह के भूमि स्वामी रणधीर सिंह के खेत पर कार्रवाई की गई। उक्त भूमि पर बने मकान में अवैध गुटका निर्माण होते पाया गया। जहां पर 2 गुटखा मशीन, 13 बोरी कच्चा माल एवं 42 पैकेट किंग गुटखा के पैकेट पाए गए। गुटखा तम्बाकू, सुपारी मिक्स माल से बना पाया गया है। इस मामले में संबंधितों पर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।

हरदा। मध्य प्रदेश के हरदा जिले में बीजेपी महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष और पार्षद के बेटे की गुंडई सामने आई है। जहां दिनदहाड़े पार्षद के बेटे ने युवक की कनपटी पर कट्टे से फायर कर दिया। मिस फायर होने पर दोबारा लोड करने पर पार्षद पुत्र सुमित अग्रवाल के पैर में गोली लग गई। बताया जा रहा है कि उसने तवा काॅलोनी स्थित एक क्वार्टर में जाकर दो युवकों के साथ मारपीट की थी। आरोप है कि युवक पर जान से मारने की नीयत से फायर भी किया था।
दरअसल, यह घटना सिटी कोतवाली क्षेत्र की है। वहीं इस घटना के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। क्वाटर के बाहर गोली के खाली खोखा पड़े हुए हैं। फरियादी अभिषेक गुर्जर की शिकायत पर थाने में आरोपी सुमित के खिलाफ धारा 452, 307, 294, 506 के तहत केस किया गया है। पुलिस ने आरोपी सुमित को हिरासत में लेकर मेडिकल के लिए अस्पताल भेजा है।
इस मामले को लेकर एएसपी आरडी प्रजापति ने बताया कि दो पक्षों के बीच प्रेम प्रसंग के तहत विवाद हुआ है। जिसमें आरोपी सुमित ने तवा काॅलोनी में अर्पित गौर के मकान पर जाकर अभिषेक गुर्जर की कनपटी में फायर किया था। मिस फायर होने के चलते दोबारा काक करने के दौरान आरोपी के पैर में ही गोली लग गई। वहीं अर्पित के साथ भी मारपीट की गई है।
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उर्दू-फारसी शब्दों को पुलिस ने कहा नाः अब कत्ल नहीं हत्या, नए शब्दकोश में 65 शब्द हटाए जाएंगे
भोपाल। मध्यप्रदेश में पुलिस विभाग में उर्दू और फारसी आदि अन्य भाषाओं के प्रचलित शब्दों के स्थान पर हिंदी के शब्द लिखे जाएंगे। इसके लिए मध्यप्रदेश पुलिस विभाग द्वारा नया शब्दकोश तैयार किया गया है। नए शब्दकोश में उर्दू -फारसी और अन्य भाषाओं के 65 शब्द हटाए जाएंगे। इस आशय का आदेश शासन की ओर से पुलिस विभाग को जारी हो गया है।
अब उर्दू – फारसी के शब्दों का इस्तेमाल नहीं होगा। जैसे अब कत्ल नहीं हत्या लिखा जाएगा। पुलिस की लिखा पढ़ी और बोल चाल की शब्दाबली में तब्दीली हुई है। उर्दू – फारसी और अन्य भाषाओं के 65 शब्द हटाए जाएंगे. अदालत की जगह न्यायालय शब्द उपयोग होगा। इसी तरह इस्तगासा की जगह दावा या परिवाद लिखा जाएगा। फरियादी को आवदेक, अभिरक्षा को गिरफ्तार या हिरासत लिखा और बोला जाएगा। पुलिस मुख्यालय की अपराध अनुसंधान की शाखा ने आदेश जारी किया है। एडीजी पवन श्रीवास्तव ने पुलिस इकाइयों को नए शब्दकोश के उपयोग के निर्देश दिए है। आदेश की कापी संबंधित विभागों को जारी कर दी गई।
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हॉस्टल में नाबालिग से दुष्कर्म का मामला, स्कूल संचालक और निलंबित SI को भेजा जेल
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्कूल हॉस्टल में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। इस मामले में पहले से सस्पेंड चल रहे SI प्रकाश सिंह राजपूत और स्कूल संचालक मिनीराज मोदी को गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया गया।
दरअसल, भोपाल के गंगासागर स्कूल में 8 साल की बच्ची से दुष्कर्म की वारदात हुई थी। 30 अप्रैल को इस मामले में एफआईआर हुई थी। पुलिस ने हॉस्टल की महिला वार्डन समेत अज्ञात तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। पीड़ित बच्ची ने सीडब्ल्यूसी की काउंसलिंग में बयान में स्कूल संचालक मिनीराज मोदी का नाम लिया था उसकी पहचान की थी। पुलिस ने मामले में जांच का हवाला देते हुए आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की थी।
पॉक्सो एक्ट के तहत हुए दर्ज मामले में लंबे समय तक नामजद एफआईआर नहीं की थी। मामले में बनी एसआईटी की जांच पर भी सवाल उठे थे। बच्ची का तीन बार मेडिकल परीक्षण करवाया गया, जिसके बाद पुलिस ने खुद से आरोपी को क्लीनचिट दे दी थी। सीडब्ल्यूसी की काउंसलिंग के बाद पुलिस ने प्रेशर में आकर गिरफ्तारी की है।
वहीं आरोपी स्कूल संचालक के बाद एक अन्य आरोपी एसआई प्रकाश सिंह राजपूत को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार SI प्रकाश सिंह राजपूत पहले से सस्पेंड चल रहा था। एसआई पर आवेदिका पर दबाव बनाने और धमकाने का आरोप है। मामले में जांच के बाद मिसरोद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। फिलहाल दोनों ही आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।

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गरिमा के जन्म के 15 मिनिट बाद का फोटो
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निकालने के बाद गरिमा के शव को पैक कर जॉच के लिऐ भेजा गया
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गरिमा के शव की जॉच होने के बाद पुनः उसी स्थान पर चबूतरा का निर्माण किया गया
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