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दुनिया की पहली कोविड नेजल वैक्सीन लॉन्च, सरकारी अस्पताल में 325 और निजी में 800 रुपए देने होंगे

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नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और साइंस-टेक्नोलॉजी मिनिस्टर जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को दुनिया की पहली इंट्रानेजल कोविड-19 वैक्सीन iNCOVACC को लॉन्च किया। कोवैक्सिन बनाने वाली हैदराबाद की भारत बायोटेक ने इसे वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (WUSM) के साथ मिलकर बनाया है। नाक से ली जाने वाली इस वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर लगाया जा सकेगा।
भारत सरकार ने 23 दिसंबर को इस वैक्सीन की मंजूरी दी थी। सबसे पहले नेजल वैक्सीन को प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके लिए लोगों को पैसे देने होंगे। दिसंबर में भारत बायोटेक ने घोषणा की थी कि यह वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में 325 रुपए में लगवाई जा सकेगी। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में इसके लिए 800 रुपए चुकाने होंगे। इस वैक्सीन के लिए Cowin पोर्टल से ही बुकिंग होगी।
फिलहाल हमें मांसपेशियों में इंजेक्शन के जरिए वैक्सीन लगाई जा रही है। इस वैक्सीन को इंट्रामस्कुलर वैक्सीन कहते हैं। नेजल वैक्सीन वो होती है जिसे नाक के जरिए दिया जाता है। क्योंकि ये नाक के जरिए दी जाती है इसलिए इसे इंट्रानेजल वैक्सीन कहा जाता है। यानी इसे इंजेक्शन से देने की जरूरत नहीं है और न ही ओरल वैक्सीन की तरह ये पिलाई जाती है। यह एक तरह से नेजल स्प्रे जैसी है।
इंट्रानेजल वैक्सीन को कोवैक्सिन और कोवीशील्ड जैसी वैक्सीन्स लेने वालों को बूस्टर डोज के तौर पर दिया जाएगा। हालांकि इसे प्राइमरी वैक्सीन के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। भारत बायोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन डॉ.कृष्णा एल्ला ने कुछ समय पहले कहा था कि पोलियो की तरह इस वैक्सीन की भी 4 ड्रॉप्स काफी हैं। दोनों नॉस्ट्रिल्स में दो-दो ड्रॉप्स डाली जाएंगी।
इस नेजल वैक्सीन का नाम iNCOVACC रखा गया है। पहले इसका नाम BBV154 था। इसकी खास बात यह है कि शरीर में जाते ही यह कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती है। इस वैक्सीन को इंजेक्शन से नहीं दिया जाता, इसलिए इन्फेक्शन का खतरा नहीं है। इसे देने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स को भी खास ट्रेनिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी।
नेजल वैक्सीन मौजूदा टीके से कैसे अलग है
इस समय भारत में लग रही वैक्सीन के दो डोज दिए जा रहे हैं। दूसरे डोज के 14 दिन बाद वैक्सीनेट व्यक्ति सेफ माना जाता है। ऐसे में नेजल वैक्सीन 14 दिन में ही असर दिखाने लगती है।
इफेक्टिव नेजल डोज न केवल कोरोना वायरस से बचाएगा, बल्कि बीमारी फैलने से भी रोकेगा। मरीज में माइल्ड लक्षण भी नजर नहीं आएंगे। वायरस भी शरीर के अन्य अंगों को नुकसान नहीं पहुंचा सकेगा।
यह सिंगल डोज वैक्सीन है, इस वजह से ट्रैकिंग आसान है। इसके साइड इफेक्ट्स भी इंट्रामस्कुलर वैक्सीन के मुकाबले कम हैं। इसका एक और बड़ा फायदा यह है कि सुई और सीरिंज का कचरा भी कम होगा।
नेजल वैक्सीन काम कैसे करती है?
कोरोनावायरस समेत कई माइक्रोब्स (सूक्ष्म वायरस) म्युकोसा (गीला, चिपचिपा पदार्थ जो नाक, मुंह, फेफड़ों और पाचन तंत्र में होता है) के जरिए शरीर में जाते हैं। नेजल वैक्सीन सीधे म्युकोसा में ही इम्यून रिस्पॉन्स पैदा करती है।
यानी, नेजल वैक्सीन वहां लड़ने के लिए सैनिक खड़े करती है जहां से वायरस शरीर में घुसपैठ करता है। नेजल वैक्सीन आपके शरीर में इम्युनोग्लोबुलिन A (igA) प्रोड्यूस करती है। माना जाता है कि igA इन्फेक्शन को अर्ली स्टेज में रोकने में ज्यादा कारगर होता है। ये इन्फेक्शन रोकने के साथ-साथ ट्रांसमिशन को भी रोकता है।
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तेलंगाना में गणतंत्र दिवस पर पब्लिक प्रोग्राम नहीं:राजभवन में मनाया गया, हाईकोर्ट का आदेश भी नहीं माना
हैदराबाद। तेलंगाना में गणतंत्र दिवस पर पब्लिक प्रोग्राम नहीं हुआ। राजभवन में ही कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें राज्यपाल ने राष्ट्रध्वज फहराया। इस कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव शामिल नहीं हुए। वह यहां आने की जगह शिलान्यास कार्यक्रम में चले गए थे।
बता दें कि तेलंगाना सरकार ने कोरोना महामारी के चलते लगातार दूसरे साल राजभवन में ही गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का आयोजन करने की अपील की थी। यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था। हाईकोर्ट ने सिकंदराबाद में पूरी तैयारी के साथ गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का आयोजन करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद कार्यक्रम नहीं हुआ।
राजभवन में आयोजित गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव शामिल नहीं हुए। इस पर राज्यपाल मिलसाई सुंदरराजन ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा- तेलंगाना के इतिहास में लिखा जाएगा कि CM ने संविधान का सम्मान नहीं किया।
राज्यपाल ने कहा- तेलंगाना ने गणतंत्र दिवस की गतिविधि को कम करके आंका। यहां कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के खिलाफ जाकर सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं किया। CM चाहते थे कि मैं राजभवन में ही झंडा फहराऊं। कोई सार्वजनिक भागीदारी नहीं हो।
इस सब के बावजूद मुझे उम्मीद नहीं थी कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यक्रम में आएंगे, क्योंकि दो महीने पहले मैंने एक पत्र लिखा था कि इस बार जनभागीदारी से भव्य तरीके से कार्यक्रम आयोजित किया जाए। लेकिन उन्होंने उस पत्र का जवाब नहीं दिया। अभी दो दिन पहले उन्होंने पत्र दिया कि राजभवन में आयोजन किया जाए। उस पत्र में भी उन्होंने इस बात का जिक्र नहीं किया कि CM इसमें शामिल होंगे, लेकिन लोग देख रहे हैं।
राजभवन में ही गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में राज्यपाल तमिलसाई सुंदरराजन ने RRR फिल्म के नाटू नाटू गाने के कंपोजर एमएम कीरावानी और गीतकार चंद्रबोस को सम्मानित भी किया। यह गाना हाल ही में ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुआ है। इसी महीने इस गाने को गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड भी मिला था।
CM के. चंद्रशेखर राव गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, लेकिन वे सिकंदराबाद में विरुला सैनिक स्मारक मैदान के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हुए। ये दोनों कार्यक्रम एक ही समय पर हुए। बता दें कि तेलंगाना सरकार और राज्यपाल तमिलसाई सुंदरराजन के बीच इन दिनों तनातनी चल रही है। इसी के चलते गणतंत्र दिवस पर राज्यपाल द्वारा पढ़े जाने वाले भाषण को भी सरकार द्वारा नहीं भेजा गया। बजट सत्र में भी इस बार राज्यपाल सदनों को संबोधित नहीं करेंगी।
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बाबा रामदेव बोले- पाकिस्तान के जल्द 4 टुकड़े होंगे:3 हिस्सों का भारत में विलय होगा
हरिद्वार। 74वें रिपब्लिक डे पर हरिद्वार में बाबा रामदेव ने कहा है कि पाकिस्तान के जल्द ही 4 टुकड़े होंगे। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान अलग देश बनेगा। PoK और पंजाब का भारत में विलय होगा। आने वाले समय में भारत एक महाशक्ति के रूप में उभरेगा।
हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ में रिपब्लिक डे के अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए बाबा रामदेव ने यह बातें कही हैं। दुनिया की राजनीति में बहुत कुछ चल रहा है। यूक्रेन और रूस युद्ध अभी चल रहा है। चीन और पाकिस्तान की तरफ से नापाक हरकतें हो रही हैं। तालिबानियों से भी अब अफगानिस्तान संभलने वाला नहीं है। पाकिस्तान के तीन हिस्से भारत में मिलने के साथ ही अखंड भारत का सपना पूरा होगा।
आजकल सनातन धर्म पर लगातार हमला हो रहा है। रामायण, भगवत गीता, वेद और उपनिषद को कलंकित करने की कोशिश की जा रही है। यह सब अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है। सनातन के खिलाफ चल रहे प्रोपगेंडा को हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।
सनातन धर्म को नीचा दिखाने के लिए देश में धार्मिक आतंकवाद चल रहा है। कभी सनातन धर्म तो कभी हमारे महापुरुषों के चरित्र पर तरह-तरह के लांछन लगाए जा रहे हैं। जो ऐसा कर रहे हैं, वे राष्ट्र विरोधी हैं। यह सब कुछ विदेशी ताकतों के इशारे पर किया जा रहा है।