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BBC डॉक्यूमेंट्री पर केंद्र को नोटिस:सुप्रीम कोर्ट ने तीन हफ्ते में मांगा जवाब, याचिकाकर्ता ने बैन हटाने की मांग की

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नई दिल्ली। BBC की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ पर लगे बैन को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है और ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स जमा करने के आदेश दिए हैं। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। इस मामले में अगली सुनवाई अप्रैल में होगी।
दरअसल, डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगाए जाने के खिलाफ महुआ मोइत्रा, प्रशांत भूषण और एडवोकेट एमएल शर्मा ने याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि BBC की डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाने का सरकार का फैसला मनमाना और असंवैधानिक है।
याचिका में दावा किया गया है कि 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' नामक डॉक्यूमेंट्री में 2002 के गुजरात दंगों और उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की जांच की गई है। जब दंगे भड़के थे, तब PM मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री थे। याचिका में यह भी कहा गया है कि डॉक्यूमेंट्री में दंगे रोकने में नाकामयाब रहे जिम्मेदारों से जुड़े कई फैक्ट्स हैं। हालांकि, सच्चाई सामने आने के डर से इसे आईटी रूल 2021 के नियम 16 के तहत बैन किया गया है। रिकॉर्ड किए गए फैक्ट्स भी सबूत हैं और इन्हें पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसे न्याय नहीं मिला है।
याचिका में गुजरात दंगों के लिए जिम्मेदार लोगों की जांच की भी मांग की गई है। एमएल शर्मा ने कहा है कि BBC डॉक्यूमेंट्री के दोनों एपिसोड और BBC के रिकॉर्ड किए गए सभी ओरिजनल फैक्ट्स की जांच करें। साथ ही गुजरात दंगों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी तरह से जिम्मेदार या शामिल आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 146, 302, 376, 425 और 120-बी और के तहत उचित कार्रवाई करें।
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका को लेकर सोमवार को ट्वीट किया। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि देश में जहां हजारों आम नागरिक न्याय के लिए इंतजार और तारीखों की मांग कर रहे हैं। ऐसे समय में कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट का कीमती समय बर्बाद करते हैं।
BJP से राज्यसभा सांसद और सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी ने BBC पर चीनी कंपनी से पैसा लेकर भारत विरोधी डॉक्यूमेंट्री बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा- BBC को चीनी कंपनी हुवावे ने मोदी की छवि खराब करने के लिए पैसा दिया है। अब BBC चीनी एजेंडे को ही आगे बढ़ा रहा है। महेश जेठमलानी दिवंगत एडवोकेट राम जेठमलानी के बेटे हैं।
उन्होंने ट्वीट करके कहा- BBC इतना भारत विरोधी क्यों है? BBC का भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने का एक लंबा इतिहास रहा है। 2021 में बिना जम्मू-कश्मीर के भारत का नक्शा BBC ने जारी किया था। बाद में उसने भारत सरकार से माफी मांगी थी और नक्शे को सही किया था।
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अडाणी के शेयर में 35% गिरावट:हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से पहले एक शेयर 3400 रुपए का था, अब कीमत 1531 बची
नई दिल्ली। अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर गुरुवार को संसद से बाजार तक हंगामा मचा रहा। अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज डाउ जोंस ने अडाणी एंटरप्राइजेज को सस्टेनबिलिटी इंडेक्स से बाहर कर दिया। इसके बाद कंपनी के शेयर 35% तक गिर गए। दोपहर 12:30 बजे तक रिकवरी के बाद शेयर्स में सिर्फ 11% की गिरावट बची। हालांकि इसके बाद शेयर में ​एक बार फिर ​​​​2.19% की गिरावट आई और मार्केट बंद होने तक यह 1,531 रुपए पर पहुंच गया।
इधर, अडाणी ग्रुप में SBI और LIC का पैसा लगाने के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही लगातार दूसरे दिन स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष इसकी जांच जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) या सुप्रीम कोर्ट के पैनल से कराने की मांग कर रहा है। इस वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश का शेयर मार्केट नियमों के मुताबिक चल रहा है। अडाणी के बिजनेस विवाद की वजह से निवेशकों का भरोसा डगमगाने की आशंका नहीं है।
24 जनवरी की शाम को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर की कीमत 3400 रुपए के करीब थी। गुरुवार को यह एक हजार रुपए तक नीचे आ गया। इसके बाद के 10 दिनों में कंपनी का शेयर 66% तक की गिरावट देख चुका है।
सरकारी बैंक SBI ने अडाणी ग्रुप को 21.38 हजार करोड़ रुपए का लोन दिया है। वहीं, फाइनेंस और इंश्योरेंस कंपनी LIC ने पिछले कुछ साल में अडाणी ग्रुप में 30,127 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट किया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले LIC का ग्रुप के शेयरों से प्रॉफिट 81,000 करोड़ रुपए था, जो 2 फरवरी को 43,000 करोड़ रुपए रह गया। विपक्षी नेताओं का कहना है कि शेयर बाजार का यह अमृतकाल का सबसे बड़ा महाघोटाला है।
ACE इक्विटी के पास अवेलेबल डेटा के मुताबिक, 31 दिसंबर 2022 तक LIC के पास अडाणी ग्रुप में करीब 1% ( 0.975%) हिस्सेदारी है। बीते 6 ट्रेडिंग सेशन में LIC का अडाणी ग्रुप में इन्वेस्टमेंट लगभग आधा रह गया है। विपक्ष का कहना है कि लोगों की मेहनत का पैसा बर्बाद हो रहा है। लोगों का विश्वास SBI और LIC से उठ जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद परिसर में इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टियों की मीटिंग बुलाई। इसमें कांग्रेस, TMC, आम आदमी पार्टी (AAP), सपा, DMK, जनता दल और लेफ्ट समेत 13 पार्टियां शामिल हुईं। इसके बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता 6 फरवरी को देशभर के जिलों में स्थित LIC और SBI कार्यालयों के सामने विरोध-प्रदर्शन करेंगे। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा- अडाणी स्टॉक क्रैश से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। विपक्ष के पास कोई और मुद्दा नहीं है।
NSE ने अडाणी ग्रुप के तीन शेयरों को शॉर्ट टर्म के लिए एडिशनल सर्विलांस मेजर्स (ASM) लिस्ट में शामिल किया है। इनमें अडानी पोर्ट, अडानी एंटरप्राइसेज, और अबुंजा सीमेंट शामिल है। ASM निगरानी का एक तरीका है, जिसके जरिए मार्केट के रेगुलेटर सेबी और मार्केट एक्सचेंज BSE, NSE इस पर नजर रखते हैं। इसका लक्ष्य निवेशकों के हितों की रक्षा करना है। किसी शेयर में उतार-चढ़ाव होने पर उसे निगरानी में डाला जाता है।
इस बीच, RBI ने देश के सभी बैंकों से अडाणी ग्रुप को दिए कर्ज और निवेश का ब्योरा मांगा है। हालांकि, बैंकों ने कहा है कि अडाणी ग्रुप में उनका निवेश सुरक्षित है। इससे पहले स्विट्जरलैंड की कंपनी क्रेडिट सुईस ने मार्जिन कर्ज देने के लिए समूह के बॉन्ड को गारंटी के रूप में स्वीकारना बंद कर दिया। सिटी ग्रुप ने भी कंपनी की लैंडिंग वैल्यू हटा दी।
इस मामले में रेटिंग एजेंसी मूडीज का बयान आया है। एजेंसी ने कहा- अडाणी ग्रुप की नकदी की स्थिति का आकलन किया जाएगा। अभी उनके लिए फंड जुटाना मुश्किल होगा। इधर, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है- हम अडाणी ग्रुप की कंपनियों के कैश फ्लो पर नजर बनाए हुए हैं। अभी उनकी रेटिंग पर कोई तत्काल प्रभाव नहीं पड़ा है। हमारी नजर बनी हुई है। अडाणी ग्रुप की 8 कंपनियों को फिच रेटिंग मिली है।
इस बीच बांग्लादेश सरकार ने अडाणी ग्रुप के साथ एनर्जी सेक्टर में डील में संशोधन की मांग की है। बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड ने गुरुवार को अडाणी पावर को चिट्‌ठी लिखी। इसमें बिजली खरीदी की कीमतों में बदलाव करने की मांग की है। BPDC का कहना है कि उसे महंगी दर पर बिजली मिल रही है। BPDC ने नवंबर 2017 में 25 साल के लिए 1496 मेगावाट बिजली की आपूर्ति के लिए अडाणी पावर से डील की थी।
अडाणी अमीरों की लिस्ट में 22वें स्थान पर खिसके
शेयरों में भारी गिरावट के बाद गौतम अडाणी की नेटवर्थ 55 बिलियन डॉलर हो गई है। पिछले साल ये 150 बिलियन डॉलर के करीब थी। शुक्रवार को जारी हुई फोर्ब्स की अमीरों की रियल टाइम लिस्ट में अडाणी 22वें स्थान पर आ गए हैं। 27 फरवरी के पहले अडाणी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति थे और एशिया में पहले नंबर पर थे।
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सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी देख केंद्र ने कहा- जजों की नियुक्ति 5 दिन में हो जाएगी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की नियुक्ति के लिए केंद्र को भेजी सिफारिश अगले पांच दिन में मंजूर हो जाएगी। केंद्र सरकार ने अपने हलफनामें में सुप्रीम कोर्ट को यह जवाब दिया है। उसका यह जवाब सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद आया है।
दरअसल, एडवोकेट्स एसोसिएशन बेंगलुरु ने इस मामले में एक अवमानना याचिका लगाई थी। शुक्रवार को इस पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने हाईकोर्ट जजों का ट्रांसफर कर सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति देने की सिफारिशों को मंजूरी देने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने सरकार से कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है। हमें ऐसा स्टैंड लेने पर मजबूर न करें, जिससे परेशानी हो। केस की अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 13 दिसंबर को सरकार से 5 नामों की सिफारिश की थी। इनमें जस्टिस पंकज मिथल चीफ जस्टिस राजस्थान HC, जस्टिस संजय करोल चीफ जस्टिस पटना HC, जस्टिस पी वी संजय कुमार चीफ जस्टिस मणिपुर HC, पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद HC के जस्टिस मनोज मिश्रा का नाम शामिल था।
सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने जस्टिस एसके कौल और एएस ओका की बेंच को बताया कि 5 जजों की नियुक्ति का वारंट जल्द ही जारी होगा। सुप्रीम कोर्ट में जजों की सैंक्शन स्ट्रेंथ CJI समेत 34 है। फिलहाल 27 जजों के साथ काम हो रहा है। पांचों जजों के शपथ लेने के बाद यह संख्या बढ़कर 32 हो जाएगी।
जिस कॉलेजियम पर यह पूरा विवाद हो रहा है, वह हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति और ट्रांसफर की प्रणाली है। कॉलेजियम के सदस्य जज ही होते हैं। वे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को नए जजों की नियुक्ति के लिए नामों का सुझाव भेजते हैं। मंजूरी मिलने के बाद जजों को अपॉइंट किया जाता है।
देश में कॉलेजियम सिस्टम साल 1993 में लागू हुआ था। कॉलेजियम में 5 सदस्य होते हैं। CJI इसमें प्रमुख होते हैं। इसके अलावा 4 मोस्ट सीनियर जज होते हैं। अभी इसमें 6 जज हैं।
16 जनवरी को कानून मंत्री किरण रिजिजू ने CJI को पत्र लिखकर कॉलेजियम में अपना प्रतिनिधि शामिल करने की बात कही थी। केंद्र के रुख का जवाब देने के लिए CJI की अगुआई में कॉलेजियम ने तय किया कि इस बार सारे मामले को सार्वजनिक किया जाए।